सीरिया और तुर्की की सीमा पर शरणार्थी लोगों के लिए एतेमे कैंप है। यहां कई परिवारों ने शरण ले रखी है। 2011 से शुरू हुए युद्ध ने उनकी जिंदगी तबाह कर दी है। इसी कैंप में इन परिवारों के कई बच्चों ने जन्म लिया। शरणार्थीठप्पेये बच्चे जमीन पर आए। इन्होंने जीवन कभी अपना घर नहीं देखा, शांति नहीं देखी। जन्म से ही कैंपों में रहने वाले ये बच्चे घर का मतलब तक नहीं जानते हैं। इन्हें ये भी नहीं पता कि घर में खिड़की औरदरवाजे भी होतेहैं।
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