इराक की राजधानी बगदाद में स्थित ग्रीन जोन में बुधवार को दो रॉकेट दागे गए। यहां पर अमेरिकी दूतावास और ईराक के सरकारी ऑफिस हैं। हमले में किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं है। हमले के बाद यहां पुलिस के सायरन की आवाज सुनी गई। अभी तक किसी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
इराक और अमेरिका आजसे बातचीत करने वाले थे। इनमें दोनों देशों के सबंधों को मजबूत करने और इराक से अमेरिकी सैनिकों को हटाने पर चर्चा होनी थी। बातचीत से ठीक एक दिन पहले यह हमला किया गया।
इराक में अमेरिकी सैन्य बेसों पर अक्सर हमले होते रहते हैं। पिछले साल अक्टूबर से लेकर अब तक 25 से ज्यादा बार इन बेसों पररॉकेट हमले हो चुके हैं। आखिरी बार बगदाद में ग्रीन जोन में 20 मई को रॉकेट दागे गए थे। अमेरिका के 5000 सैनिक इराक में मौजूद हैं। यहां पर अमेरिका के कई सैन्य बेस भी हैं। इराक की सेना यहां के कुछ आतंकी संगठनों का समर्थन करती है। ये संगठन चाहते हैं कि अमेरिकी सेना वापस लौट जाएं।
2011 में अमेरिका ने इराक से सेना वापस बुलाई थी
2011 में अमेरिका ने अपने सैनिक वापस भी बुला लिए थे। 2014 में इराक ने अमेरिका से आतंकी संगठन आइएस से लड़ने में मदद मांगी थी। इसके बाद अमेरिका के उस समय के राष्ट्रपति बराक ओबामा के आदेश पर अमेरिकी सैनिक दोबारा यहां लौटे थे। आईएस ने इराक के उत्तरी और पश्चिमी हिस्से में कई इलाकों पर कब्जा कर लिया था। यही वजह थी कि इसने अमेरिका की मदद मांगी थी।
जनवरी से अमेरिका इराक के रिश्तों में तल्खी आई
अमेरिका ने 3 जनवरी को बगदाद एयरपोर्ट पर ड्रोन हमला कर ईरानी सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या कर दी थी। सुलेमानी की मौत के बाद बगदाद स्थित अमेरिकी दूतावास पर 7 और 8 जनवरी को हमले किए गए थे। 7 जनवरी को ईरान ने इराक स्थित दो अमेरिकी सैन्य बेसों पर 22 मिसाइलें दागी थीं। इसके बाद से इराक संसद में अमेरिकी सैनिकों को देश से बाहर निकालने का प्रस्ताव पारित किया गया था।
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