भगोड़ा घोषित हो चुके हीरा कारोबारी नीरव मोदी के मामले में नया मोड़ आ गया है। कानून मंत्री और भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया है किलंदन की एक कोर्ट में कांग्रेस में शामिल हो चुके इलाहाबाद और बॉम्बे हाईकोर्ट के रिटायर्डजज अभय थिप्से ने नीरव के पक्ष में बयान दिया है। थिप्से ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपना बयान दर्ज कराया। कहा, ''सीबीआई ने जो आरोप नीरव पर लगाए हैं वो भारतीय कानून और नियमों के सामने नहीं टिक पाएगा''। रविशंकर प्रसाद नेकहा कि कांग्रेस शुरू से नीरव मोदी, मेहुल चौकसी जैसे भगोड़ों को बचाने में जुटी है। अब उनके नेता और पूर्व जज उसके समर्थन में बयान देकर लंदन कोर्ट में चल रही सुनवाई को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं।
थिप्से ने कहा, इसे धोखाधड़ी नहीं मान सकते
अभय थिप्से ने कहा, 'भारतीय कानून के तहत धोखाधड़ी तब तक नहीं मान सकते जब तक किसी के साथ धोखा नहीं हो। इस अपराध में धोखा अनिवार्य हिस्सा है। अगर लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयूएस) जारी होने से किसी के साथ धोखा नहीं हुआ है तो किसी कॉर्पोरेट बॉडी के साथ धोखाधड़ी का सवाल ही नहीं बनता है। बैंक के अधिकारियों को एलओयूएस जारी करने का जो अधिकार दिया गया है। लेकिन उसे प्रॉपर्टी नहीं कहा जा सकता और उन्हें संपत्ति के साथ सुपुर्द करने के लिए भी नहीं कहा जा सकता। इसलिए इसे धोखाधड़ी नहीं मान सकते हैं।
भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित हो चुका है नीरव
पीएनबी घोटाले के आरोपी नीरव मोदी (48) को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) कोर्ट ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नीरव के खिलाफ याचिका दायर की थी। भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून के तहत नीरव देश का दूसरा भगोड़ा घोषित हुआ है। जनवरी में पीएमएलए कोर्ट ने शराब कारोबारी विजय माल्या को भगोड़ा घोषित किया था।
नीरव कई माह से लंदन की जेल में है, चल रही सुनवाई
13700 करोड़ रुपए के पीएनबी घोटाले का आरोपी नीरव लंदन की वांड्सवर्थ जेल में है। भारत की अपील पर प्रत्यर्पण वारंट जारी होने के बाद लंदन पुलिस ने 19 मार्च को उसे गिरफ्तार किया था। उसकी जमानत अर्जी 5 बार खारिज हो चुकी। भारतीय एजेंसियां उसके प्रत्यर्पण की कोशिश में जुटी हैं। लंदन की एक अदालत में इस मामले की सुनवाई चल रही है। बुधवार को भारत सरकार ने अदालत में सबूतों के तौर पर कई दस्तावेज जमा किए। डिस्ट्रिक्ट जज सैमुअल गूजी ने दस्तावेज देरी से जमा किए जाने पर चिंता जताई लेकिन आवेदन पर विचार करने के लिए सहमति जता दी। इन दस्तावेजों में अधिकतर हीरा कारोबारी की कंपनियों से जुड़े बैंक दस्तावेज हैं।
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