अमेरिका के पेनसिल्वेनिया में चीन के एक मेडिकल रिसर्चर की बीते गोली मारकर हत्या कर दी गई। वह कोरोनावायरस पर शोध कर रहे थे और एक महत्वपूर्ण खोज के करीब पहुंच चुके थे।
यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग के प्रोफेसर बिंग लियु (37) बीते शनिवार को रॉस टाउनशिप में अपने घर पर मृत मिले थे। उनके सिर, गले और सीने में गोलियां मारी गई थीं। उनके घर के बाहर कार में 46 साल के हाओगु का शव मिला था। पुलिस का मानना है कि हाओगु ने पहले प्रोफेसर बिंग लियुकी हत्या की और बाद में खुद को भी गोली मारकर जान दे दी। पुलिस का मानना है कि वे दोनों एक-दूसरे को जानते थे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस बात की कोई संभावना नहीं है कि लियु को चीनी होने की वजह से मारा गया है।
कोरोनावायरस पर महत्वपूर्ण खोज के करीब थे लियु
यूनिवर्सिटी के ‘कम्प्यूटेशनल एंड सिस्टम बायोलॉजी डिपार्टमेंट’ के उनके साथियों ने एक न्यूज एजेंसी से बताया कि बिंग कोरोनावायरस पर महत्वपूर्ण खोज के करीब थे। वह कोविड-19 संक्रमण के कोशिकीय तंत्र और सेलुलर आधार को समझ रहे थे। उनके डिपार्टमेंट के हेड इवेट बहर ने कहा कि वह बेहद प्रतिभाशाली, बुद्धिमान और मेहनती थे।
पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी ने जताया शोक
यूनिवर्सटी ऑफ पिट्सबर्ग ने बयान जारी कर बिंग लियु की मौत पर शोक जताया है। यूनिवर्सिटी की ओर से कहा गया, ‘‘शोधकर्ता बिंग लियू की मौत से गहरा दुख हुआ है। इस कठिन समय में लियू के परिवार, दोस्तों, और सहयोगियों के प्रति हमारी गहरी सहानुभूति है।’’ लियू ने नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर से कम्प्यूटेशन साइंस में पीएचडी किया था। इसके बाद उन्होंने कर्नेगी मेलान यूनिवर्सिटी में पोस्टडॉक्टरल फेलो के तौर पर काम किया था।
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