हांगकांग.हांगकांग सरकार ने मंदी से जूझ रही अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए 70 लाख स्थानीय निवासियों को नकद सहायता देने की घोषणा की है। लोकतंत्र समर्थकों के आंदोलन और प्रदर्शनों के कारण हांगकांग की अर्थव्यवस्था पहले से मंदी से जूझ रही है और अब कोरोनावायरस की वजह से समस्या और बढ़ गई है।लोग खर्च कर सकें और उन पर बोझ कम पड़े, इसलिए हांगकांग सरकार ने बुधवार को प्रत्येक स्थायी नागरिक को 10,000 हांगकांग डॉलर (91977 रु.) की मदद देने की घोषणा की। हांगकांग के वित्त मंत्री पॉल चान ने वार्षिक बजट में लोगों को दी जाने वाली नकद सहायता का ऐलान किया।
हांगकांग पर 65,299 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा
चान ने कहा कि हांगकांग को अब तक के सबसे खराब आर्थिक संकट से उबारने के लिए 1.10 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इस नकद सहायता से हांगकांग पर 65,299 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा। हालांकि, सरकार को उम्मीद है कि उपभोक्ता इसमें से ज्यादातर पैसा दोबारा स्थानीय कारोबार में लगाएंगे, जिससे अर्थव्यवस्था को उबारने में मदद मिलेगी।
चीन की अर्थव्यवस्था ठहरी
चीन में वायरस फैलने के बाद दुनियाभर के लिए स्मार्टफोन, खिलौने और अन्य सामान बनाने वाले कारखाने फिर से परिचालन में आने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। चीन की अर्थव्यवस्था ठहर गई है। हालांकि, चीन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने मदद का भरोसा दिलाया है, पर कंपनियों और अर्थशास्त्रियों का मानना है कि उत्पादन को सामान्य करने में अभी महीनों का वक्त लगेगा। एक्सपर्ट्स के मुताबिक बड़ी समस्या सप्लाई चेन की है। वाहन कलपुर्जे से लेकर जिपर और माइक्रोचिप उपलब्ध कराने वाली हजारों कंपनियां प्रभावित हैं। इनके पास कच्चे माल और कामगारों की कमी की समस्या आ रही है। कारखाने बंद हैं, शहरों तक पहुंच बंद है और यात्रा पर प्रतिबंध है। सरकार के उपाय नाकाफी हैं।
स्मार्टफोन उद्योग हैंडसेट की असेंबलिंग के लिए चीन पर निर्भर
रिसर्च कंपनी कैनालाइज के निकोल पेंग ने कहा कि स्मार्टफोन उद्योग हैंडसेट की असेंबलिंग के लिए चीन पर निर्भर है। उन्होंने बताया कि कुछ पार्ट्स सप्लायर्स का कहना है कि उत्पादन सामान्य की तुलना में अभी सिर्फ 10% है। पेंग ने कहा कि बुरी खबर यह है कि इसका असर बढ़ भी सकता है।
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