आनंद गिरिधरदास. अमेरिका में बीते वर्ष के दौरान कई घटनाओं ने पंजीवाद की उपयोगिता और उससे होने वाले नुकसान के कई पहलुओं की तस्वीर पेश की है। कुलीनों का प्रभाव कमजोर हुआ है। अमीरों पर अधिक टैक्स लगाने की बात हो रही है। राष्ट्रपति चुनाव के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवारों के दावेदार केपिटलिज्म की बुराइयों को सामने ला रहे हैं। अब तक अमेरिकी जनजीवन का मुख्य सिद्धांत पैसा रहा है। लगभग 100 वर्ष बाद इसमें बदलाव आ रहा है। डेमोक्रेटिक पार्टी के दावेदारों में प्रमुख बर्नी सेंडर्स और उनकी प्रतिद्वंद्वी सीनेटर एलिजाबेथ वारेन ने अमेरिकी पूंजीवाद को बदलने की इच्छा जताई है। वे संपत्ति कर लगाने और निजी स्वास्थ्य बीमा को खत्म करने की वकालत करते हैं।
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