इस्लामाबाद. पुरानी आदतों से छुटकारा मिलना मुश्किल होता है, क्रिसमस की बधाई देने के बहाने पाकिस्तान के भारत विरोधी राग से यह बात एक बार फिर साबित हुई है। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने ट्वीट किया- पाकिस्तान और दुनिया भर के ईसाइयों को क्रिसमस की बधाई। गफूर ने इसी ट्वीट में ओडिशा और दूसरे राज्यों के लोगों को हिंदुत्व की विचारधारा से पीड़ितबताया।
भारत के खिलाफ बयानबाजी करने वाले पाकिस्तान पर अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और उनकी पहचान बचाने में नाकाम रहने के आरोप लगते रहे हैं। अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक आजादी आयोग ने इस साल जारी अपनी रिपोर्ट में कहा- पाकिस्तान में धार्मिक कट्टरपंथी लगातार अल्पसंख्यकों पर हमले कर रहे हैं। वहां हिंदू, ईसाई, सिख और शिया मुसलमानों के मानवाधिकारों का लगातार उल्लंघन किया जा रहा है।
कट्टरपंथ के सामने सरकारी एजेंसियां बेबस
इस रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान में ईसाइयों के साथ लगातार भेदभाव और धार्मिक प्रताड़ना हो रहा है। सरकारी संस्थाएं और कई समुदाय उन पर अत्याचार कर रहे हैं। विवादित ईश निंदा कानून के तहत अल्पसंख्यकों के साथ जबर्दस्ती की जाती है और उन्हें अमानवीय सजा दी जाती है। धार्मिक कट्टरपंथ के सामने सरकारी एजेंसियां बेबस नजर आती हैं और अल्पसंख्यकों को न्याय दिलाने में नाकाम रहती हैं।
आसिया बीबी को निर्दोष होने के बावजूद देश छोड़ना पड़ा
पाकिस्तान में धार्मिक प्रताड़ना का सबसे बड़ा उदाहरण आसिया बीबी है। आसिया को वहां झूठे मामले में फंसाकर मौत की सजा सुना दी गई। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया, लेकिन तब भी कट्टरपंथ से डरकर उन्हें देश छोड़ना पड़ा। अब आसिया अपने घर से दूर कनाडा में रह रही हैं।
हिंदू, ईसाई, बलोच, अहमदिया प्रताड़ना के शिकार
कई रिपोर्ट में वहां हिंदू, ईसाई, बलोच, अहमदिया समेत धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों को प्रताड़ित करने की बात सामने आ चुकी है। संयुक्त राष्ट्र संघ सहित कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने पाकिस्तान के हालात पर चिंता जताई है। हालांकि अभी तक किसी भी संस्था ने वहां सीधे तौर पर हस्तक्षेप नहीं किया है।
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