इस्लामाबाद. चीन के पोलियो मार्कर्स की क्वॉलिटी से नाखुश पाकिस्तान सरकार ने अब इन्हें भारत से खरीदने का फैसला किया। मंगलवार को प्रधानमंत्री इमरान की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद पाकिस्तान ने 5 अगस्त को भारत से कारोबार पर रोक लगा दी थी। अवाम के दबाव में एक हफ्ते बाद दवा व्यापार से रोक हटा ली गई। अब चीन के पोलियो मार्कर्स की घटिया क्वॉलिटी को देखते हुए इमरान सरकार ने इन्हें भारत से खरीदने का निर्णय किया है।
क्यों मजबूर पाकिस्तान
पोलियो मार्कर्स का उपयोग दवा पिलाने के बाद उंगलियों पर निशान लगाने के लिए किया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्लूएचओ ने सिर्फ भारत और चीन के मार्कर्स के उत्पादन के लिए अधिकृत किया है। 5 अगस्त को भारत ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर इन्हें केंद्र शासित प्रदेश बना दिया। पाकिस्तान ने विरोध में भारत से सभी तरह के व्यापार पर एकतरफा रोक लगा दी। असर ये हुआ कि जीवनर रक्षक दवाइयों का अकाल पड़ गया। अवाम और कारोबारी सड़कों पर उतरे। दबाव में दवा कारोबार पर रोक हटा ली गई। हालांकि, मार्कर्स भारत की बजाए चीन से खरीदने का फैसला किया गया।
भारत के पोलियो मार्कर्स सुरक्षित
बैन के पहले पाकिस्तान ने भारत से 80 हजार मार्कर्स खरीदने का समझौता किया था। यह खटाई में पड़ा तो आनन-फानन में इन्हें चीन से मंगाया गया। पाकिस्तान में पोलियो उन्मूलन अभियान के प्रमुख राणा सफदर के मुताबिक, चीनी मार्कर्स न सिर्फ काफी महंगे थे बल्कि इनकी क्वॉलिटी भी खराब थी। दरअसल, बच्चे कई बार मार्कर लगी उंगली मुंह में रख लेते हैं। भारतीय मार्कर इस लिहाज से सुरक्षित यानी नॉन टॉक्सिक हैं, जबकि चीनी उत्पादों के साथ ऐसा नहीं था। इसकी शिकायत चीन सरकार से की गई तो उसने गुणवत्ता सुधारने का भरोसा दिया। हालांकि, अब पाकिस्तान ने इन्हें भारत से खरीदने का फैसला किया है।
नौनिहालों को पोलियो से बचाने में नाकाम इमरान
दुनिया के सिर्फ तीन देशों में पोलियो उन्मूलन नहीं हो सका है। ये हैं पाकिस्तान, नाईजीरिया और अफगानिस्तान। 1988 में पाकिस्तान में पोलियो के कुल 35 लाख मामले सामने आए। 2014 में यह आंकड़ा 306 रहा। इस साल यानी 2019 में सिर्फ जून तक यहां 41 पोलियो केस मिले। सबसे ज्यादा 33 मामले प्रधानमंत्री के गृहराज्य खैबर पख्तूनख्वा से हैं। पोलियो वैक्सीन पिलाने घर जाने वाले 16 वर्कर्स की हत्या कर दी गई। सरकार को पोलियो वैक्सीनेशन टीम के साथ हथियारबंद जवान तैनात करना पड़े।
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