नई दिल्ली. विदेश मंत्री एस जयशंकर रविवार को दो दिन के ईरान दौरे पर जाएंगे। जयशंकर ईरान में संयुक्त आयोग की बैठक में हिस्सा लेंगे। इस दौरान वे अपने समकक्ष मोहम्मद जावेद जरीफ के साथ चर्चा करेंगे। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, जयशंकर की ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी के साथ भी बात हो सकती है।
इसके बाद जयशंकर ओमान भी जाएंगे। ओमान की राजधानी मस्कट में जयशंकर भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे। साथ ही यहां के विदेश मंत्री यूसुफ बिन अलावी बिन अब्दुल्ला के साथ सामुद्रिक व्यापार में सहयोग समेत कई समझौतों पर दस्तखत करेंगे।
चाबहार पर भारत को छूट मिली
जयशंकर का दौरा इसलिए अहम है क्योंकि हाल ही में भारत और अमेरिका के बीच 2+2 बैठक हुई थी। इसमें भारत को ईरान के चाबहार पोर्ट प्रोजेक्ट के लिए छूट दी गई। चाबहार पोर्ट से भारत, बिना पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान को मदद पहुंचा सकता है।
भारत ने 2018 में ईरान के साथ चाबहार पोर्ट विकसित करने के लिए 85 मिलियन डॉलर (करीब 600 करोड़ रुपए) का समझौता किया था। इस पोर्ट से भारत और अफगानिस्तान के बीच ओमान की खाड़ी होकर व्यापार हो सकेगा।
‘भारत कई मुद्दों पर चर्चा कर सकता है’
पूर्व राजनयिक एनएन झा के मुताबिक, ‘‘अमेरिका ने जरूर ईरान पर प्रतिबंध लगाए हैं, हाल ही में भारत-अमेरिका के बीच हुई 2+2 वार्ता में भारत को चाबहार प्रोजेक्ट को लेकर छूट मिली है। ये भारत की जीत है। जयशंकर ईरान जा रहे हैं तो निश्चित रूप से राजनीतिक मुद्दों पर भी चर्चा होगी। भारत अपने आंतरिक मसलों मसलन नागरिकता संशोधन कानून और कश्मीर मसले को समझाने की कोशिश करेगा। सबसे अहम तेल है। गुजरात के किसी पोर्ट तक तेल लाने पर बात हो सकती है। रेलवे लाइन बनाने की पाबंदी भी हट गई है। भारत ईरान को ये प्रस्ताव भी दे सकता है कि आप अभी पैसे ले लीजिए, बाद में स्थिति सामान्य होने पर इन्हें तेल के निर्यात में इस्तेमाल कर सकते हैं।’’
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