वॉशिंगटन. भारत और अमेरिका के बीच बुधवार को दूसरी 2+2 वार्ता हुई। इसमें भारत की तरफ से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर, अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर शामिल हुए। दोनों देशों के बीच रक्षा तकनीक के हस्तांतरण को लेकर समझौता हुआ। इस पर राजनाथ ने कहा कि बैठक कामयाब रही। इससे भारत और अमेरिका के संबंधों को और मजबूती मिलेगी।
राजनाथ ने यह भी कहा, ‘‘दोनों देशों के बीच कई अंतरराष्ट्रीय-द्विपक्षीय मुद्दों, आतंकवाद के खिलाफ अभियान और पाकिस्तान की तरफ से लगातार मिल रही धमकियों पर चर्चा हुई। दोनों देश एकमत हैं कि सुरक्षा और वैश्विक हितों पर सहयोग करेंगे।’’ रक्षा तकनीक हस्तांतरण को इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी एनेक्स नाम दिया गया है। राजनाथ ने बताया कि इससे भारत और अमेरिका के बीच गोपनीय तकनीक और सूचना का आदान-प्रदान किया जा सकेगा।
‘भारत का सहयोग करेंगे’
पोम्पियो ने कहा, ‘‘दोनों देशों के बीच रक्षा तकनीक और व्यापार से जुड़े 3 समझौते हुए। भारत, पाकिस्तान की तरफ से चलाई जा रही आतंकी गतिविधियों का मुद्दा उठाता रहा है। हम भारत का साथ देने का भरोसा जताते हैं।’’ वहीं, जयशंकर ने कहा कि भारतीय उपमहाद्वीप क्षेत्र में सीमापार आतंकवाद और आतंकियों के पनाहगाह बढ़ रहे हैं। इससे आतंकवाद निरोधक अभियान में आपसी सहयोग से निपटा जा सकता है।
ईरान पर भी बात हुई
पोम्पियो ने कहा कि हमने भारत के साथ ईरान के मुद्दे पर भी चर्चा की। अमेरिका ने ईरान पर काफी दबाव बनाया हुआ है। हमारे कुछ कारण हैं, जिनकी वजह से ईरान सरकार के साथ हम सामान्य व्यवहार नहीं कर पा रहे। लेकिन हमने भारत को ईरान में चाबहार पोर्ट प्रोजेक्ट विकसित करने की छूट दी है, ताकि यहां से अफगानिस्तान को मदद भेजी जा सके। इस पर जयशंकर ने पोम्पियो का शुक्रिया जताया।
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