तस्वीर इटली के मोलिझे क्षेत्र के मध्यकालीन गांव कास्त्रोपिगनानो की है। प्रशासन ने इस गांव में बसने के लिए एक यूरो यानी करीब 90 रुपए में घर बेचने की योजना शुरू की है। इस तरह कास्त्रोपिगनानो सबसे सस्ता घर देने वाला दुनिया का पहला गांव बन गया है। अभी इस गांव में 900 लोग रहते हैं। 1930 के दशक में यहां 2500 लोग रहते थे। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान कई लोग यहां से जाने लगे।
जबकि 1960 के बाद ज्यादातर युवाओं ने रोजगार और अन्य अवसरों के लिए गांव छोड़ दिया। आज गांव में 60% लोग 70 साल से ज्यादा उम्र के हैं। अब प्रशासन यह गांव फिर से बसाना चाहता है। इसलिए लोगों को सस्ते घर देने का वादा कर रहा है।
इससे पहले प्रशासन ने घरों के मूल मालिकों को नोटिस भेजा। इसमें उन्हें बताया गया कि अगर वे घरों की मरम्मत नहीं कराएंगे तो सुरक्षा कारणों से घर कब्जे में ले लिए जाएंगे। यह गांव स्की रिजॉर्ट्स और समुद तटों के पास है। इसलिए अधिकारियों को उम्मीद है कि योजना कामयाब होगी।
ये है योजना: तीन साल में मरम्मत करानी होगी, गारंटी मनी भी लेंगे
कास्त्रोपिगनानो में पहले चरण में 100 घर बेचने के लिए रखे गए हैं। नियमानुसार घर खरीदने वाले को तीन साल में घर की मरम्मत करानी होगी। मरम्मत नहीं की तो घर लौटना होगा। उसे 2000 यूरो (1,78,930 रु.) गारंटी के तौर पर जमा करने होंगे। मरम्मत पूरी होने के बाद यह रकम वापस कर दी जाएगी।
मोलिझे के अन्य गांव-शहर भी घर बेचने की योजना चला चुके हैं
मोलिझे क्षेत्र के कई गांव या शहर भी चाहते हैं कि पलायन करने वाले लोग यहां लौटें। इसलिए वे भी सस्ते घर बेचने की योजना चला चुके हैं। हालांकि, इनमें से किसी ने भी उतने सस्ते घर की पेशकश नहीं की, जितनी कास्त्रोपिगनानो ने की। इन गांवों, शहरों ने करीब 25 हजार यूरो (22,36,280 रु.) में घर बेचने की पेशकश की थी।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
No comments:
Post a Comment