अमेरिका में काेराेना के चलते शिक्षा से जुड़े हालात भी बेहद गंभीर हाे गए हैं। शिक्षा से जुड़ी 40 साल पुरानी संस्था एनडब्ल्यूईए ने हाल में किए गए सर्वे में पाया कि कक्षा 1 से 8वीं तक के बच्चाें की सीखने की क्षमता बुरी तरह प्रभावित हुई है। संस्था ने अमेरिका के 3 से 8वीं कक्षा में पढ़ने वाले 44 लाख बच्चों का मूल्यांकन किया। रिपोर्ट से पता चलता है कि बच्चे सबसे ज्यादा गणित में पिछड़ गए हैं जबकि अधिकांश बच्चे पढ़ना उसी रफ्तार से सीख रहे हैं जैसा कि वो कोविड के दौर से पहले सीख रहे थे।
2019 की तुलना में इस साल 25% बच्चे ऐसे हैं, जिन्होंने परीक्षा ही नहीं दी। संस्था की रिसर्चर मेगन कुफेल्ड ने बताया कि अधिकांश जिलों में ऑनलाइन क्लास के बावजूद छोटे बच्चों की अनुपस्थिति तेजी से बढ़ गई है। जिन बच्चों ने 2020 में परीक्षाएं दी हैं, उनका रिजल्ट 2019 की तुलना में बहुत खराब रहा है। गणित में रिजल्ट 10% तक घट गया है।
संस्था के सीईओ क्रिस मिनिश ने बताया कि पढ़ने-लिखने की क्षमता तो देर-सवेर सुधर जाती है, लेकिन अगर गणित में बच्चों को शुरुआती दौर में दिक्कत आती है, तो वो आगे भी बरकरार रहती है। एक समय ऐसा भी आता है जब बच्चों के मन में गणित के प्रति खौफ पैदा हो जाता है और वे हमेशा के लिए कमजोर हो जाते हैं। चूंकि अमेरिका में अंग्रेजी प्रमुख भाषा है, इसलिए उनका अंग्रेजी का रिजल्ट वैसा ही रहा, जैसा 2019 में था। आमतौर पर जो छात्र 1.5 ग्रेड पीछे होते हैं वह अब दो ग्रेड पीछे हो गए हैं। अब हमें फिर एक बार आधारभूत पाठ्यक्रम और गणित को मजबूत करने पर जोर देना होगा।
अश्वेत और गरीब बच्चों का रिजल्ट खराब, इंटरनेट स्पीड भी बाधा बना
रेनेसां नामक एक और संस्था ने कक्षा 1 से 8वीं के बीच के 50 लाख बच्चों का सर्वे किया। उनकी रिपोर्ट बताती है कि कोविड के कारण बच्चे पढ़ाई में 12 हफ्ते की देरी से चल रहे हैं। सबसे ज्यादा असर अश्वेत बच्चों पर पड़ा है। इनमें अफ्रीकी, हिस्पेनिक और अमेरिकी मूल के भारतीय बच्चे भी शामिल हैं। कैलिफोर्निया के सेंट जोकिन जिले के असिस्टेंट सुप्रींटेंडेंट आंद्रे पेसिना का कहना है कि धीमी इंटरनेट स्पीड के कारण बच्चों को परेशानी हो रही है।
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