लिन कॉन्वे अगस्त 1968 में IBM के कैलिफोर्निया दफ्तर में कम्प्यूटर इंजीनियर थीं। एक दिन उन्हें कंपनी डायरेक्टर जीन मेरन अमदाल के ऑफिस से बुलावा आया। अमदाल को जब कॉन्वे के बारे में पता चला कि वो लिंग परिवर्तन कराने की सोच रही हैं तो वे काफी सहज थे। लेकिन कंपनी के चीफ एक्जीक्यूटिव थॉमस जे वॉटसन जूनियर नहीं।
एक दिन कॉन्वे को पता चला कि उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। इस वाकये के 52 साल बाद कॉन्वे को कंपनी ने दोबारा बुलाया और उनसे बात की। बीते महीने IBM के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट डायने गेरसन ने कॉन्वे से कहा कि कंपनी आप जैसे कर्मचारियों की मदद करना चाहती है और कॉन्वे, जो अब 82 साल की हो चुकी हैं, को उनके काम के लिए लाइफटाइम अवार्ड दिया गया।
समलैंगिक या ट्रांसजेंडर होने के चलते नहीं निकाला जा सकता
कॉन्वे कहती हैं- ये मेरे लिए अप्रत्याशित था। ये माफी सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के चार महीने बाद आई, जिसमें कहा गया था कि किसी को भी समलैंगिक या ट्रांसजेंडर होने के कारण नहीं निकाला जा सकता है। कॉन्वे की दोस्त और कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की साइंटिस्ट रह चुकीं रोचल डायमंड बताती हैं कि उन्हें माफी के बारे में बीते शुक्रवार पता चला, जब ट्रांसजेंडर डे मनाया जा रहा था।
वहीं कॉन्वे की एक और दोस्त क्रिस्टीना बर्न्स कहती हैं कि कॉन्वे ने कभी भी खुद को निकाले जाने के तरीके पर नाखुशी जाहिर नहीं की। लेकिन इस माफी से जरूर उन्हें अच्छा लगेगा। कॉन्वे ने 1964 में आईबीएम ज्वाइन किया था।
नौकरी से निकाले जाने के बाद भी उन्होंने सर्जरी कराई और खुद को फिर से खड़ा करने में लग गईं। 1973 में जेराक्स रिसर्च सेंटर में काम किया, जहां उन्होंने कम्प्यूटर चिप डिजाइन तैयार किया जिसे आज पूरी दुनिया में अपनाया जाता है। सन 2000 में उन्होंने एक वेबसाइट डिजाइन की, जहां वो लिंग पहचान जैसे विषयों पर लिखती रहती हैं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
No comments:
Post a Comment