अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में शनिवार को हुए आत्मघाती हमले में मरने वालों की संख्या 30 हो गई है। इनमें ज्यादातर स्कूली बच्चे हैं। इस घटना में 70 लोग घायल भी हुए हैं। एक सुरक्षा अधिकारी ने रविवार को इसकी पुष्टि की। धमाका पश्चिमी काबुल के एक एजुकेशन सेंटर के पास शाम करीब साढ़े 4 बजे (स्थानीय समय के अनुसार) हुआ। हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन आईएसआईएस ने ली है।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक आरियान ने बताया कि हमलावर एक निजी शिक्षा केंद्र कोसर-ए-दानिश में घुसना चाहता था, लेकिन सिक्योरिटी गार्डों ने उसे रोक दिया। उसने विस्फोटकों से भरी जैकेट से खुद को उड़ा लिया। हमले के वक्त कई बच्चे पढ़ाई कर रहे थे। धमाके से आसपास के घरों को भी नुकसान पहुंचा है।
ज्यादातर हमलों के पीछे ISIS
पिछले कुछ साल में इस जिले के कई शैक्षिक और सांस्कृतिक केंद्रों, मस्जिदों और स्टेडियमों में हमला किया गया है। इनमें से अधिकतर के पीछे ISIS का हाथ रहा है। हाई काउंसिल ऑफ नेशनल रिकॉन्सिलेशन के प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने कहा कि यह घटना अमानवीय और इस्लामी सिद्धांतों के खिलाफ है।
एक के बाद 2 धमाके, 11 मरे
स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले शनिवार को ही एक सड़क के किनारे बम धमाका होने से पूर्वी अफगानिस्तान में 9 लोगों की मौत हो गई। गजनी प्रांत के पुलिस प्रवक्ता अहमद खान के मुताबिक, इसके बाद मौके पर पुलिसकर्मी पहुंचे। इसी दौरान दूसरा धमाका हो गया। इसमें 2 पुलिसकर्मियों ने जान गंवाई। अब तक किसी ने इन हमलों की जिम्मेदारी नहीं ली है। प्रांतीय पुलिस के प्रवक्ता ने दावा किया कि ये धमाके तालिबान ने किए हैं।
बांध की सुरक्षा में तैनात 6 जवानों की हत्या
इससे पहले शुक्रवार को तालिबान ने दक्षिण-पश्चिम प्रांत निमोज के कमाल खान डैम की सुरक्षा में तैनात 6 सुरक्षाकर्मियों की हत्या कर दी थी। नेशनल वाटर मैनेजमेंट अथॉरिटी के प्रवक्ता निजाम खपुलवाक ने बताया कि बांध पर हुए इस हमले में 2 जवान घायल भी हुए हैं। इस डैम का निर्माण सरकार करा रही है।
तालिबान ने इस हमले पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। इससे एक दिन पहले ही खाचरोद जिले में सेना की एक चौकी तालिबान के हमले में 20 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी मारे गए थे। आतंकी संगठन ने 6 लोगों को बंधक भी बना लिया था।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
No comments:
Post a Comment