उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने फिर एक बार बर्बरता दिखाई है। उसने देश की अर्थव्यवस्था पर सवाल उठाने वाले अपने पांच अफसरों को मौत की सजा दे दी। तानाशाह के आदेश पर उन्हें गोली मार दी गई।
डिनर पार्टी में की थी देश की अर्थव्यवस्था पर चर्चा
नॉर्थ कोरिया पर नजर रखने वाली साउथ कोरिया की साइट डेली एनके के मुताबिक आर्थिक मंत्रालय के इन पांचों अधिकारियों ने एक डिनर पार्टी में देश की अर्थव्यवस्था पर चर्चा की थी। इस दौरान उन्होंने किम के शासन की नीतियों की आलोचना भी की थी। चर्चा के दौरान उन्होंने देश में औद्योगिक सुधार की जरूरत बताई थी। कहा था कि नॉर्थ कोरिया को अपने प्रतिबंधों को दूर करने के लिए विदेशी मदद भी लेनी चाहिए।
30 जुलाई को दी गई मौत की सजा
साउथ कोरिया की साइट के मुताबिक, इस चर्चा की किम जोंग उन से शिकायत की गई थी। किम आर्थिक मंत्रालय के भी प्रमुख हैं। इसके बाद सभी को बुलाया गया और उन पर दबाव डालकर कबूल करवाया गया कि उन्होंने नॉर्थ कोरिया के शासन को कमजोर करने की कोशिश की। 30 जुलाई को उन्हें गोली मार दी गई। इन सभी के परिवारों को येडोक के एक पॉलिटिकल कैम्प में भेज दिया गया है।
भूखे कुत्तों के सामने डाल दिया था अंकल को
सत्ता पर पकड़ बनाए रखने के लिए तानाशाह किम जोंग उन के अपने अंकल किम जोंग थाएक को 120 भूखे शिकारी कुत्तों के पिंजरे में डाल दिया गया था। चीनी अखबार ‘वेन वई पो’ ने दावा किया था कि सजा दिए जाते समय मौके पर किम जोंग समेत 300 शीर्ष अधिकारी मौजूद थे। इन सभी के सामने 67 वर्षीय थाएक को शिकारी कुत्ते खा गए थे। थाएक की मौत पर सवाल उठाने पर उनकी पत्नी को भी जहर देकर मार दिया गया था, बाद में मौत की वजह हार्ट अटैक बताई गई।
सौतेले भाई की मलेशिया में करवाई हत्या
किम जोंग उन ने अपने सौतेले भाई किम जोंग नाम की भी मलेशिया में हत्या करवाई थी। वे मलेशिया में रहते थे। फरवरी, 2015 में मलेशिया के एयरपोर्ट पर ही दो लड़कियों ने जहरीली पिन चुभोकर उनकी हत्या कर दी थी। नाम पर उत्तर कोरिया के खिलाफ जासूसी करने का आरोप लगाया गया था।
कोरोना रोकने के लिए चीन से आने वालों को गोली मारने के आदेश दिए
हाल ही में साउथ कोरिया में तैनात अमेरिकी फौज के कमांडर ने जानकारी दी थी कि तानाशाह किम ने देश में वायरस की रोकथाम के लिए चीन की तरफ से आने वालों को गोली मारने के आदेश दिए हैं। नॉर्थ कोरिया की कमजोर स्वास्थ्य सेवाएं महामारी से लड़ने में नाकाम साबित हो रही है। बीमारी के फैलने के बाद से किम ने अब तक देश में एक भी मामले की पुष्टि नहीं की है। इतना ही नहीं, कोरोना को रोकने के लिए नॉर्थ कोरिया ने चीन से सटी सीमा जनवरी में ही बंद कर दी थी।
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