पश्चिमी अफ्रीका के देश माली में राजनीतिक संकट पैदा हो गया है। विद्रोही सैनिकों ने तख्तापलट करते हुए राष्ट्रपति इब्राहिम बॉबकर कीता और प्रधानमंत्री बाउबो सिसे को गन पॉइंट पर गिरफ्तार किया है। राष्ट्रपति ने इसके बाद अपना इस्तीफा देते हुए संसद भंग कर दी। उन्होंने कहा कि वह खून खराबा नहीं चाहते हैं। इसका एक वीडियो भी सामने आया है। माली में राष्ट्रपति को हटाने के लिए कई दिनों से प्रदर्शन हो रहे थे।
विद्रोह के पीछे चार अधिकारी
माली की सेना ने मंगलवार सुबह से ही विद्रोह शुरू कर दिया था। इसके पीछे सेना के चार अधिकारी बताए जा रहे हैं। विद्रोही सैनिकों का नेतृत्व काती कैंप के डिप्टी हेड कर्नल मलिक डियाओ और कमांडर जनरल सादियो कमारा ने किया। माना जा रहा है कि यह विद्रोह सैनिकों के वेतन विवाद से जुड़ा है। मंगलवार को राष्ट्रपति आवास को घेर लिया गया था। बमाको की सड़कों पर सैनिक खुलेआम गोलीबारी कर रहे थे। विद्रोहियों ने कई मंत्रियों और अफसरों को गिरफ्तार किया था। एक सरकारी इमारत में आग लगा दी गई। वहीं, माली का सरकारी टीवी चैनल भी बंद कर दिया गया है।
यूएन ने कहा- बिना शर्त तुरंत रिहाई हो
यूनाइटेड नेशंस के महासचिव एंतोनियो गुटेरस ने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की बिना शर्त रिहाई की मांग की है। इसके साथ ही अफ्रीकन यूनियन के चेयरमैन मूसा फकी महामत ने ट्वीट किया, "मैं राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और माली सरकार के दूसरे नेताओं की गिरफ्तारी की कड़ी आलोचना करता हूं और तुरंत रिहाई की मांग करता हू्ं।"
भारतीय दूतावास ने अपने नागरिकों से घर से निकलने से रोका
माली में भारतीय दूतावास ने कहा है कि हमारी देश के हालातों पर नजर है। राजदूत अंजनी कुमार सहाय ने बताया कि हमारे किसी भी कर्मचारी को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कहा कि दूतावास की ओर से माली में रहने वाले सभी भारतीयों से अपील की गई है अभी घरों से बाहर न निकलें।
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