सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा है कि इटली के 2 नौसैनिकों के खिलाफ चल रहा 2 भारतीय मछुआरों की हत्या का केस अभी बंद नहीं होगा। केस तभी बंद किया जाएगा जब इटली मारे गए मछुआरों के परिजनों को मुआवजा देगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह मछुआरों के परिवार वालों का रुख जाने बिना कोई फैसला भी नहीं सुनाएगा।
करीब एक महीने पहले इंटरनेशनल कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि यह मामला भारतीय कानून के दायरे से बाहर है। हालांकि, इंटरनेशनल कोर्ट ने इटली से नुकसान की भरपाई करने को कहा था। इस फैसले के बाद केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से दोनों नौसैनिकों के खिलाफ केस बंद करने की अपील की थी।
सरकार ने कहा- इटली ने कार्रवाई का भरोसा दिया
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को हुई सुनवाई में कहा कि इटली ने कार्रवाई का भरोसा दिया है। इटली अपने दोनों नौसैनिकों के खिलाफ मुकदमा चलाएगा। इंटरनेशनल कोर्ट ने आदेश के मुताबिक इटली मछुआरों के परिजनों को मुआवजा भी देगा।
क्या है मामला?
15 फरवरी 2012 को इटली के नौसैनिक सैलवाटोर गिरोन और मैसीमिलानो लैटोरे ने केरल के पास समुद्र में 2 भारतीय मछुआरों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। भारत ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया था। इटली का कहना था कि यह घटना भारतीय समुद्री सीमा से बाहर हुई, इसलिए भारत कार्रवाई नहीं कर सकता। भारत का कहना था कि मारे गए मछुआरे भारतीय हैं तो कार्रवाई भी भारत करेगा।
2015 में भारत ने आरोपी नौसैनिकों को इटली भेजा
भारत ने इटली के दोनों नौसैनिकों को 2015 में जमानत में ढील देते हुए वोटिंग में शामिल होने के लिए इटली भेजा था। बाद में इटली ने इन सैनिकों को वापस नहीं भेजा। इस पर दोनों देशों के रिश्तों में काफी खटास आ गई थी।
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