पाकिस्तान की सरकारी एयरलाइंस कंपनी पीआईए ने केबिन क्रू पर लगाम लगाने के लिए सख्त फैसला लिया है। पीआईए ने कहा है कि फ्लाइट में सवार होने से पहले सभी पायलट और केबिन क्रू का ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट अब जरूरी होगा। अब कोई भी केबिन क्रू बिना मेडिकल ऑफिसर की मंजूरी के बिना एयरक्राफ्ट में नहीं चढ़ सकेगा। इस कवायद के जरिए पीआईए न सिर्फ इमेज सुधारना चाहती है, बल्कि गैर नशेबाज पायलट्स और केबिन क्रू पर लगाम भी कसना चाहती है।
फैसला लागू भी
डॉन न्यूज के मुताबिक, पीआईए मैनेजमेंट ने यह फैसला उन पायलट्स और केबिन क्रू मेंबर्स सुधारने के लिए लिया है जो ड्यूटी पर आने से कुछ घंटे पहले किसी प्रकार का नशा करते हैं। अब ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट होगा तो ऐसे गैर जिम्मेदाराना स्टाफ को आसानी से पकड़ा जा सकेगा और उन पर नियमों के हिसाब से कार्रवाई हो सकेगी। पीआईए ने पिछले हफ्ते माना था कि इस सरकारी एयरलाइंस की इमेज सुधारने के लिए कुछ सख्त कदम उठाने पड़ेंगे।
इतनी जल्दबाजी क्यों
पीआईए ने कुछ दिन पहले ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट पर सिर्फ विचार की बात कही थी, लेकिन अब इसे तुरंत प्रभाव से लागू भी कर दिया है। दरअसल, कुछ ही दिन पहले पीआईए की एक इंटरनेशनल फ्लाइट में पायलट और केबिन क्रू के स्मोकिंग करने की खबरें आईं थीं। पिछले साल भी कुछ पायलट्स पर नशे में ड्यूटी पर आने के आरोप लग चुके हैं। खास बात ये है कि एयर होस्टेस को भी ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट कराना होगा। इसके बिना वे फ्लाइट में नहीं जा सकेंगी।
खराब दौर में पीआईए
दो महीने पहले पाकिस्तान के एविएशन मिनिस्टर गुलाम सरवर ने संसद में खुलासा किया था कि देश के 40 फीसदी पायलटों के पास फर्जी लाइसेंस और डिग्री हैं। इसके बाद दुनिया में पाकिस्तान की काफी फजीहत हुई। कई इस्लामी देशों के साथ ही यूरोप और अमेरिका ने भी पीआईए और उसके पायलटों को बैन कर दिया।
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को कहा कि टिकटॉक ऐप को बैन किए जाने पर विचार जारी है। व्हाइट हाउस में मीडिया से बातचीत के दौरान ट्रम्प ने कहा- हम टिकटॉक को बैन कर सकते हैं। कुछ और भी विकल्प हैं। देखते हैं, इस मामले में आगे क्या होता है। इंतजार करना चाहिए।
ट्रम्प इससे पहले भी कई बार टिकटॉक पर बैन की बात कह चुके हैं। विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और कई बड़े अफसर भी उनकी बात दोहरा चुके हैं। अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, टिकटॉक से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है। यह लोगों की निजी जानकारी चीन भेजता है।
सोमवार तक टिकटॉक खरीदने का सौदा तय हो सकता है
ऐसी खबरें हैं कि माइक्रोसॉफ्ट टिकटॉक की पैरेंट कंपनी बाइटडांस से बात कर रही है। इसके तहत माइक्रोसॉफ्ट अमेरिका में टिकटॉक का बिजनेस खरीद सकती है। सोमवार तक सौदा तय होने की उम्मीद है। पिछले हफ्ते फाइनेंशियल टाइम्स ने दावा किया था कि अमेरिकी कंपनी सिकोइया और जनरल अटलांटिका इसे खरीदने की योजना बना रही है। दोनों कंपनियां ट्रेजरी विभाग से यह पता लगा रही थीं कि अमेरिकी कंपनियों के खरीदने पर क्या बैन रुकवाया जा सकता है या नहीं।
टिकटॉक को मालिकाना हक बेचने के लिए कहा जा सकता है
ब्लूमबर्ग और वॉल स्ट्रीट जर्नल ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि ट्रम्प प्रशासन बाइटडांस को टिकटॉक से मालिकाना हक बेचने का आदेश दे सकता है। इससे जुड़ा आदेश एक दो दिन में जारी हो सकता है। टिकटॉक बैन करने का कई नेताओं ने समर्थन किया। सीनेटर मार्को रुबियो ने शुक्रवार को कहा कि मौजूदा फॉर्मेट में यह ऐप हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। कुछ सीनेटर्स ने बैन की मांग को लेकर अटॉर्नी जनरल को लेटर भी लिखा है।
चीन से दूरी बना रही टिकटॉक की पैरेंट कंपनी
टिकटॉक मैनेजमेंट कुछ महीनों से बीजिंग से दूरी बनाने में जुटा है। मई में ही इसने डिजनी से जुड़े केविन मेयर को अपना सीईओ बनाया है। इसकी पैरेंट कंपनी बाइट डांस के ऑफिस लास एंजिल्स, लंदन, पेरिस, बर्लिन, दुबई, मुंबई, सिंगापुर, जकार्ता, सिओल और टोक्यो में हैं। कंपनी ने पिछले महीने अपना हेडक्वार्टर बीजिंग से वॉशिंगटन शिफ्ट करने की बात भी कही थी। इसने अपने ऊपर लगे जासूसी करने के आरोपों से भी इनकार किया था।
जापान में हर साल करीब 26 तूफान आते हैं। यानी हर महीने दो या उसे ज्यादा। लेकिन, जुलाई 2020 संभवत: 69 साल में पहला ऐसा महीना है, जब यहां किसी तूफान ने दस्तक नहीं दी। 69 साल का आंकड़ा इसलिए क्योंकि आधिकारिक तौर पर 1951 से तूफानों का डाटा कलेक्शन शुरू किया गया था। जापान में कई योजनाएं तूफानों के मद्देनजर बनाई जाती हैं।
कोई उच्च दबाव का क्षेत्र नहीं बना
जापान के मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट के चीफ ने माना है कि जुलाई में कोई तूफान नहीं आया। उनके मुताबिक, पिछले महीने कोई उच्च दबाव क्षेत्र यानी हाई प्रेशर एरिया नहीं बना। लिहाजा, तूफान की स्थिति नहीं बनी। और ये देश के लिए अच्छे संकेत हैं। हालांकि, इसी दौरान देश में काफी बारिश हुई और बाढ़ भी आई। यहां करीब 25 जुलाई तक बारिश होती है। माना जा रहा है कि इस बार यह अगस्त मध्य तक होगी।
मई और जून में दो तूफान
लाइव जापान टाइम्स की वेबसाइट के मुताबिक, 12 मई को पूर्व में फिलीपींस और 12 जून को दक्षिण चीन सागर में तूफान आए। इनका असर जापान पर भी पड़ा। ये बड़े तूफान थे। जुलाई में आमतौर पर 3 या उससे ज्यादा बार जापान के लोग इस प्राकृतिक आपदा से परेशान होते रहे हैं।
आंकड़ों की बात
1998 का जुलाई महीना ऐसा था, जब सिर्फ एक तूफान आया था। ये भी 30 साल बाद हुआ था। इसी साल यानी 1998 में कुल 16 तूफान आए थे। 2010 सबसे शांत माना जाता है। इस दौरान कुल 14 तूफान ही जापान की दहलीज तक पहुंचे।
Australia's second most populous state, Victoria, reported 397 cases of the new coronavirus on Saturday, down by more than a third from Friday, but authorities said they are considering further restrictions as numbers remain worrisome.
पहले से ही पार्टी में विरोध का सामना कर रहे नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की मुश्किलें और बढ़ गईं। उनकी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल के सीनियर लीडर नारायणकाजी श्रेष्ठा ने ओली के भारत और अयोध्या पर दिए गए बयानों की आलोचना करते हुए इन्हें बेहूदा बताया। श्रेष्ठा के मुताबिक, ओली के बयानों की वजह से भारत और नेपाल के रिश्ते बिगड़ सकते हैं।
श्रेष्ठा पार्टी की सबसे मजबूत इकाई सेंट्रल कमेटी के सचिव तो हैं ही, इसके अलावा वे पार्टी के प्रवक्ता भी हैं।
दो बयानों के कारण मुश्किल
ओली ने पिछले दिनों भगवान राम का जन्मस्थान नेपाल के बीरगंज जिले के थोरी में बताया था। इसके पहले वो भारत पर उन्हें कुर्सी से हटाने की साजिश रचने का आरोप लगा चुके थे। भारत ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी। लेकिन, ओली को जवाब उनकी ही पार्टी की सीनियर लीडरशिप से मिल रहा है। मुख्य विरोधी प्रचंड की अगुआई वाला खेमा ओली के इस्तीफे की मांग पर अड़ा हुआ है।
ऐसे बयान झुंझलाहट पैदा करते हैं
ओली के बयानों पर श्रेष्ठा ने एक इंटरव्यू में कहा, “इस तरह के बयान गलत, गैरजरूरी, फिजूल हैं। इससे झुंझलाहट आती है। एक प्रधानमंत्री इस तरह की बातें कैसे कर सकता है। ये तो भारत से हमारे रिश्ते बिगाड़ने वाली बातें हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि प्रधानमंत्री ने भारत विरोधी बयान देकर भयानक गलती है। अगर हमारे बीच कुछ मतभेद हैं तो उन्हें बातचीत से ही सुलझाया जा सकता है।”
पार्टी ही साथ नहीं
श्रेष्ठा ने ओली के तीन बयानों और तीन गलतियों को स्वीकार किया। साथ ही इशारों में ये भी साफ कर दिया कि पार्टी इन बयानों का समर्थन नहीं करती। इस प्रवक्ता के मुताबिक- सत्यमेव जयते, अयोध्या और सरकार गिराने की साजिश वाले ओली के बयान आधारहीन हैं। नेपाल को हमेशा भारत से अच्छे रिश्ते रखने होंगे। हम सांस्कृतिक ही नहीं बल्कि हर रूप में एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। बेहतर होता ओली एक प्रधानमंत्री के तौर पर राजनयिक मूल्यों को समझते।
दुनिया में कोरोनावायरस से संक्रमण के अब तक 1 करोड़ 77 लाख 54 हजार 190 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 1 करोड़ 11 लाख 58 हजार 280 ठीक भी हो चुके हैं। वहीं, 6 लाख 82 हजार 885 की मौत हो चुकी है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने शुक्रवार को कहा कि देश में फिलहाल पाबंदियों में राहत नहीं दी जाएगी। यहां शनिवार से पाबंदियों में कुछ छूट दिया जानी थी।
उन्होंने कहा कि महामारी से बचाव के नियम दो हफ्तों तक बरकरार रहेंगे। ब्रिटेन के कुछ हिस्सों में नए मामले सामने आने के बाद यह फैसला किया गया है। हमारे संक्रमण और मौतों के मामले कम हुए हैं। हालांकि, कुछ यूरोपीय देशों में इसके आंकड़े बढ़ रहे हैं। ऐसे में हमें भी किसी भी खतरे से बचने के लिए तैयार रहना होगा।
10 देश जहां कोरोना का असर सबसे ज्यादा
देश
कितने संक्रमित
कितनी मौतें
कितने ठीक हुए
अमेरिका
47,05,889
1,56,747
23,27,572
ब्राजील
26,66,298
92,568
18,84,051
भारत
16,97,054
36,551
10,95,647
रूस
8,39,981
13,963
6,38,410
द.अफ्रीका
4,93,183
8,005
3,26,171
मैक्सिको
4,24,637
46,688
2,78,618
पेरू
4,07,492
19,021
2,83,915
चिली
3,55,667
9,457
3,28,327
स्पेन
3,35,602
28,443
उपलब्ध नहीं
ईरान
3,04,204
16,766
2,63,519
पेरू: 31 अगस्त तक इमरजेंसी बढ़ाई गई
पेरू की सरकार ने बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इमरजेंसी 31 अगस्त तक बढ़ा दी है। राष्ट्रपति मार्टिन विजकारा ने शुक्रवार को इससे जुड़ा आदेश जारी किया। इसमें कहा गया है कि इमरजेंसी के दौरान लोगों की निजी आजादी और सुरक्षा के संवैधानिक हकों के इस्तेमाल पर रोक रहेगी। रात 10 बजे से सुबह 4 बजे तक देश में कर्फ्यू रहेगा।
ब्राजील: 52 हजार से ज्यादा नए मामले
ब्राजील में 24 घंटे में 52 हजार 383 नए मामले सामने आए हैं। इसी के साथ संक्रमितों की संख्या बढ़कर 26 लाख 62 हजार 485 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय शुक्रवार को बताया कि देश में मृतकों की संख्या 92 हजार 475 हो गई है। अब तक 18 लाख से अधिक मरीज स्वस्थ हो चुके है। ब्राजील संक्रमण और मौत के मामलों में दुनिया में अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है।
अर्जेंटीना: लॉकडाउन 16 अगस्त तक बढ़ाया गया
अर्जेंटीना सरकार ने 16 अगस्त तक लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला किया है। राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज ने शुक्रवार को इसका ऐलान किया। उन्होंने कहा कि राजधानी ब्यूनस आयर्स में सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। अन्य जगहों पर भी संक्रमण बढ़ रहा है। ऐसे में फिलहाल लॉकडाउन में राहत नहीं दी जा सकती। देश में 20 मार्च को लॉकडाउन लगाया गया था।
चीन: कोरोना के 45 नए मामले
चीन में 24 घंटे में 45 नए मामले सामने आए हैं। इनमें से 39 लोकल ट्रांसमिशन के मामले हैं। यहां के हेल्थ कमीशन की रिपोर्ट के मुताबिक, 31 मामले शिनजियांग से और 8 लियाओनिंग राज्य में सामने आए हैं। शुक्रवार को यहां संक्रमण से कोई मौत नहीं हुई। एक दिन पहले यहां 127 नए मामले आए हैं। इनमें से 112 शिनजियांग से सामने आए थे।
अमेरिका में एक हवाई दुर्घटना में सात लोगों की मौत हो गई। हादसा अलास्का के सोलडोन्टा शहर से कुछ किलोमीटर दूर हुआ। जानकारी के मुताबिक, दो छोटे विमान हवा में टकरा गए। मारे गए लोगों में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी के एक स्टेट असेंबली मेंबर गैरी नोप भी शामिल हैं।
सिंगल इंजिन वाले प्लेन थे
न्यूयॉर्क टाइम्स ने स्थानीय अधिकारियों के हवाले से बताया- दोनों एयरक्राफ्ट सिंगल इंजिन वाले थे। इनमें से एक हैविललैंड डीएचसी-2 बीवर और दूसरा पाइपर-पी12 था। दोनों ही विमानों ने सोलडोन्टा एयरपोर्ट से उड़ान भरी। एंकोरेज शहर से करीब 150 मील दूर हवा में यह आपस में टकरा गए। जानकारी के मुताबिक, फिलहाल अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं।
किसकी गलती?
अब तक ये साफ नहीं हो सका है कि हादसा किसकी गलती की वजह से हुआ। इसकी वजह ये है कि दुर्घटना एयरपोर्ट से काफी दूर हुई। उस वक्त मौसम बिल्कुल साफ था। दोनों विमानों के उड़ान भरने के वक्त में भी काफी अंतर था। घटना के वक्त विजिबिलिटी भी 10 किलोमीटर से ज्यादा थी। इस क्षेत्र में पायलट भी एक ही फ्रीक्वेंसी का इस्तेमाल करते हैं। लिहाजा, ये मानना भी मुश्किल है कि दोनों पायलटों की एटीसी से बातचीत नहीं हुई होगी। बहरहाल, मामले की जांच की जा रही है। पुलिस के मुताबिक, वो शुरुआती जांच के बाद ही बयान जारी करेगी।
पाकिस्तान के सुरक्षाबलों ने अफगानिस्तान की सीमा को दोबारा खोले जाने को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों पर गोलियां बरसाईं। इस दौरान तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि 30 घायल हो गए। सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
बलूचिस्तान में चमन सीमा को कोरोनावायरस के कारण बंद कर दिया गया है। इसके चलते इस क्षेत्र के एक लाख से ज्यादा लोग बेरोजगार हो गए हैं। ईद मनाने के लिए बुधवार को सीमा खोल दिया गया था, ताकि दोनों ओर के लोग अपने-अपने रिश्तेदारों के साथ त्योहार मना सकें। हालांकि, सीमा मजदूरों के लिए बंद की गई थी, जो दिन के समय अफगानिस्तान जाते हैं और शाम तक घर लौटते हैं।
प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाबलों पर हमला किया
गुरुवार को फ्रेंडशिप गेट के सामने बड़ी संख्या में लोग जमा हुए और धरना देते हुए सीमा खोलने की मांग करने लगे। फ्रंटियर कॉर्प्स (एफसी) ने उन्हें बताया कि प्रदर्शनकारियों को वहां से शिफ्ट करने तक गेट नहीं खोला जाएगा। इसके बाद प्रदर्शनकारी आक्रामक हो गए और फ्रेंड शिप गेट पर मौजूद ऑफिसों में तोड़-फोड़ और सुरक्षाबलों पर हमला करने लगे।
गुरुवार को भी गोलीबारी
इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर खुलेआम गोलियां बरसाईं, जिसमें तीन लोग मारे गए और एक महिला समेत 20 जख्मी हो गए। दूसरे दिन भी तनाव जारी रहा। शुक्रवार को भी लोगों ने सुरक्षाबलों पर हमला कर दिया। इसके बाद पुलिस ने हवाई फायरिंग की, जिसमें और 10 लोग घायल हो गए।
सुरक्षा मामलों से कोई समझौता नहीं: मंत्री
बलूचिस्तान के गृह मंत्री जिया लांगोव शुक्रवार को चमन बॉर्डर पहुंचे और पूरे मामले पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि लोगों को रोजगार मुहैया कराया जाए, लेकिन किया जाएगा।
Pakistan's security forces opened fire on protesters demanding the reopening of a border crossing with Afghanistan, killing at least three people and wounding 30 others, security sources said on Friday. The Chaman border crossing in Balochistan was closed due to coronavirus outbreak, leaving more than 100,000 people in the area jobless.
Japan has signed a deal to secure 120 million doses of a potential coronavirus vaccine, German pharmaceutical group BioNTech, which is developing the drug with US pharma giant Pfizer, said Friday. Financial details of the deal were not disclosed, with BioNTech saying the terms were based on the timing of the delivery and volume of doses.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प नवंबर में होने वाले चुनाव को टालने की बात पर बैकफुट में आ गए हैं। उन्हें अपनी ही पार्टी का समर्थन नहीं मिला है। रिपब्लिकन पार्टी के कई बड़े नेताओं ने कहा है कि ट्रम्प के पास चुनाव टालने का अधिकार नहीं है।अब ट्रम्प ने कहा है कि वह चुनाव टालना नहीं चाहते हैं, लेकिन फर्जी वोटों से बचना चाहते हैं।
ट्रम्प ने कहा था- इस बार इतिहास के सबसे फर्जी चुनाव होंगे
ट्रम्प ने गुरुवार को सुझाव दिया था कि 2020 में होने वाला इलेक्शन टाल दिया जाए। उन्होंने कहा था कि कोरोना महामारी के चलते इन चुनावों में मेल-इन बैलेट (चिट्ठी के जरिए वोटिंग) से वोटिंग हो सकती है। ऐसा हुआ तो यह अमेरिकी इतिहास के सबसे गलत और फर्जी चुनाव साबित होंगे। यह अमेरिका के लिए बेहद शर्म की बात होगी।
मेल-इन बैलेट के पक्ष में 71% वोटर
अमेरिका में हाल ही में हुए एक सर्वे में सामने आया था कि 71% वोटर मेल-इन बैलेट के जरिए वोटिंग के पक्ष में हैं। यह सर्वे हार्वर्ड सेंटर फॉर अमेरिकन पॉलिटिकल स्टडीज (सीएपीएस) ने किया था। इसमें बताया गया कि महामारी को देखते हुए 88% डेमोक्रेट्स और 50% रिपब्लिकन भी मेल-इन बैलेट के जरिए वोटिंग के पक्ष में हैं।
ट्रम्प के पास चुनाव टालने का अधिकार नहीं
अमेरिका के संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति चुनाव की तारीख बदलने का अधिकार राष्ट्रपति के पास नहीं है। इसके लिए ट्रम्प को संसद के दोनों सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव और सीनेट से बिल मंजूर कराना होगा। सीनेट में तो ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है। लेकिन, निचले सदन में डेमोक्रेटिक पार्टी का बहुमत है।
अगर ट्रम्प दोनों सदनों से बिल पास भी करा लेते हैं तो भी वे ज्यादा समय तक चुनाव नहीं टाल पाएंगे। अमेरिका के संविधान के मुताबिक राष्ट्रपति चुनाव 20 जनवरी तक हर हाल में कराने होंगे।
तीन नवंबर को हैं राष्ट्रपति चुनाव
अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव तीन नवंबर को होने हैं। रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प तो डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से पूर्व उपराष्ट्रपति जो बिडेन हैं। दोनों पार्टियों के प्राइमरी चुनाव खत्म हो चुके हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी का नेशनल कन्वेंशन भी हो चुका है। इसमें बिडेन के नाम पर मोहर लगी है। अगस्त में रिपब्लिकन पार्टी का नेशनल कन्वेंशन होना है। इसमें ट्रम्प को आधिकारिक रूप से उम्मीदवार घोषित किया जाएगा।
Saudi Arabia's King Salman was discharged from a hospital in the capital Riyadh after more than a week following surgery to remove his gall bladder, the Royal Court said. The court said in a statement late Thursday the monarch, 84, left the Hospital after a recovery. News of his improved health comes just as Saudis mark the start of the Eid al-Adha festival on Friday.
अमेरिका ने कहा है कि चीन भारतीय सीमा में घुसकर टेस्ट कर रहा था कि दुनिया उसकी इस हरकत पर क्या रुख अपनाती है? हालांकि, ज्वार उसी की तरफ मुड़ गया है। अमेरिका के विदेश मंत्री ने माइक पोम्पियो ने कहा कि चीन देखना चाहता था कि क्या हम उसके खिलाफ खड़े होंगे?
लोकतांत्रिक देशों का गठबंधन बना रहे
माइक पोम्पियो सीनेट में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा, "चीन की हरकतों को रोकने के लिए लोकतांत्रिक देशों का गठबंधन बनाने पर विचार कर रहे हैं। हम इस क्षेत्र के अपने मित्र देशों से अभी इस पर और विचार करेंगे। हम डिप्लोमैटिकली नए रिश्ते बना रहे हैं। अभी इस पर बहुत काम करने की जरूरत है।"
देशों को स्वतंत्रता और अत्याचार के बीच चुनना होगा
पोम्पियो ने कहा कि हम देशों से चीन और अमेरिका में से किसी एक को चुनने के लिए नहीं कह रहे। हम हर संप्रभु (सॉवेरिन) देश को स्वतंत्रता और अत्याचार के बीच चुनने के लिए कह रहे हैं। पोम्पियो ने इस दौरान अमेरिका के पिछले नेताओं की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों को चीन का खतरा नहीं दिखा। उनकी आंखों में बस बिजनेस नजर आ रहा था।
दुनिया में कोरोनावायरस से संक्रमण के अब तक 1 करोड़ 74 लाख 76 हजार 105 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 1 करोड़ 9 लाख 39 हजार 477 ठीक भी हो चुके हैं। वहीं, 6 लाख 76 हजार 759 की मौत हो चुकी है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं।
अमेरिकी के पूर्व राष्ट्रपति उम्मीदवार हरमन कैन की कोरोनावायरस से मौत हो गई है। वह 74 साल के थे। कैन कैंसर की बीमारी से भी पीड़ित थे और इसके इलाज के लिए उन्हें पिछले महीने अटलांटा के एक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। कैन 2012 में रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार थे। ट्रम्प ने भी उनकी मौत पर दुख जताया है।
10 देश जहां कोरोना का असर सबसे ज्यादा
देश
कितने संक्रमित
कितनी मौतें
कितने ठीक हुए
अमेरिका
46,34,985
1,55,285
22,84,965
ब्राजील
26,13,789
91,377
18,24,095
भारत
16,39,350
35,786
10,59,093
रूस
8,34,499
13,802
6,29,655
द.अफ्रीका
4,82,169
7,812
3,09,601
मैक्सिको
4,16,179
46,000
2,72,187
पेरू
4,07,492
19,021
2,83,915
चिली
3,53,536
9,377
3,26,628
स्पेन
3,32,510
28,443
उपलब्ध नहीं
ब्रिटेन
3,02,301
45,961
उपलब्ध नहीं
ब्रिटेन: 300 लोगों को वैक्सीन दी गई
ब्रिटेन के इम्पीरियल कॉलेज लंदन ने 300 लोगों को एक एक्पेरिमेंटल कोरोनावायरस वैक्सीन का टीका लगाया है। इससे पहले वैक्सीन का कुछ लोगों पर ट्रायल भी किया गया था। पॉजिटिव रिजल्ट मिलने पर 300 लोगों पर इसका ट्रायल किया गया है। ब्रिटेन में अब तक कोरोना संक्रमण के तीन लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। 45 हजार से ज्यादा की जान भी जा चुकी है। ब्राजील: कोरोना के 57,837 नए मामले
ब्राजील में पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 57,837 नए मामले आए। यहां कुल संक्रमितों की संख्या 26 लाख 13 हजार 789 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 91 हजार 377 लोगों की जान भी गई है। महामारी की शुरुआत से अब तक 18 लाख से ज्यादा मरीज ठीक हो चुके है।
मेक्सिको: संक्रमण से 46 हजार मौतें
मेक्सिको में पिछले 24 घंटे में संक्रमण से 639 लोगों की मौत हुई है। यहां अब तक संक्रमण से 46 हजार लोगों की जान जा चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अब तक 4 लाख 16 हजार 179 लोग संक्रमित हो चुके हैं। बुधवार को यहां संक्रमण के रिकॉर्ड 5752 मामले आए थे।
चीन: कोरोना के 127 नए मामले
चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 127 नए मामले आए हैं, इनमें 123 लोकल ट्रांसमिशन के मामले हैं। लोकल ट्रांसमिशन में शिनजियांग में 112 और लियाओनिंग प्रांत में 11 मामले सामने आए हैं।
Just days after her husband said he had overcome the virus with a negative test following weeks in quarantine, Bolsonaro's wife Michelle has tested positive, the presidential office said in a statement. Earlier on Thursday, Brazil's science and technology minister, Marcos Pontes, said his test had come back positive, becoming the fifth minister in Bolsonaro's government to be diagnosed with the disease.
"We have reopened mountaineering and will issue climbing permits for the autumn season," tourism department official Mira Acharya said, adding that climbers must follow health protocols issued by the government. The autumn climbing season in Nepal runs from September to November.
With 25 companies testing their vaccine candidates on humans and getting ready to immunise hundred millions of people once the products are shown to work, the question of who pays for any claims for damages in case of side effects has been a tricky point in supply negotiations.
चीन ने गुरुवार को कहा कि भारत से उसकी इकोनॉमी को अलग करने से दोनों देशों को नुकसान होगा। चीन के राजदूत सुन वीडॉन्ग ने कहा कि उनका देश भारत के लिए स्ट्रैटजिक खतरा नहीं है। चीन का ये बयान ऐसे समय आया है जब भारत ने पिछले दिनों चाइनीज ऐप बैन किए हैं और बॉर्डर पर दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ है।
चीन के राजदूत भारत-चीन संबंधों पर इंस्टीट्यूट ऑफ चाइनीज स्टडीज, दिल्ली की तरफ से हुई वेबिनार में बोल रहे थे। उन्होंने सहयोग का रवैया रखने की वकालत करते हुए कहा है कि किसी एक को नुकसान पहुंचाने की सोच नहीं रखनी चाहिए। साथ ही कहा कि हमारी अर्थव्यवस्थाएं एक-दूसरे पर टिकी हुई हैं। इन्हें जबरदस्ती अलग करना ट्रेंड के खिलाफ है, इससे सिर्फ नुकसान होगा।
सरकार ने रंगीन टीवी के आयात पर रोक लगाई
डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने और चीन जैसे देशों से गैर-जरूरी वस्तुओं का इंपोर्ट कम करने के मकसद से यह फैसला लिया गया है। भारतीय टीवी सेट के बड़े एक्सपोर्टर में चीन शामिल है।
व्यापार में सहयोग से इंडस्ट्रीज का डेवलपमेंट तेज: चीन
दूसरी तरफ चीन के राजदूत ने कहा कि 2018-19 में भारत में 92% कंप्यूटर, 82% टीवी, 80% ऑप्टिकल फाइबर, 85% मोटरसाइकिल कंपोनेंट चीन से इंपोर्ट हुए। इससे व्यापार में ग्लोबलाइजेशन का पता चलता है। आप चाहें या नहीं चाहें, इस ट्रेंड को बदलना मुश्किल है। भारत-चीन के बीच ट्रेड को-ऑपरेशन से मोबाइल फोन, हाउसहोल्ड एप्लायंसेज, इन्फ्रास्ट्रक्टर, ऑटोमोबाइल मेकिंग और मेडिसिन जैसी इंडस्ट्रीज का डेवलपमेंट तेज हुआ है।
चीन के सैनिक सभी मोर्चों से पीछे नहीं हटे: भारत
भारत ने पूर्वी लद्दाख में चीन के सैनिकों के पीछे हटने के दावों को खारिज किया है। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि लद्दाख में सैनिकों के पीछे हटने का प्रोसेस अभी पूरा नहीं हुआ है। इसके लिए कमांडर लेवल की बातचीत का अगला राउंड जल्द शुरू किया जाएगा। उम्मीद है कि चीन सीमा पर शांति के लिए जल्द से गंभीरता दिखाएगा।
Buddy the seven-year-old German shepherd became sick in April, around the same time his owner Robert Mahoney was recovering from Covid-19, according to the magazine this week. Buddy seemed to have a stuffed nose and difficulty breathing, and his condition only worsened over the following weeks and months.
टेक टाइटंस अमेजन, फेसबुक, गूगल और एपल के सीईओ अमेरिकी कांग्रेस में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेश हुए। ये ऑनलाइन मार्केट में ताकत का बेजा इस्तेमाल, कारोबारी प्रतिस्पर्धा खत्म करने के आरोपों पर सुनवाई का सामना कर रहे हैं।
4 घंटे से ज्यादा चली सुनवाई के दौरान दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति जेफ बेजोस स्नैक्स खाते रहे। दो घंटे तक वह सवाल टालते रहे। इसी तरह सांसदों के डेटा सिक्योरिटी को लेकर तीखे सवालों पर बाकी को भी जवाब नहीं सूझा। कमेटी की जांच में पाया गया कि ये कंपनियां विस्तार के लिए प्रतिस्पर्धियों को दबा रही हैं। सभी ने दलील दी कि उन्होंने कुछ भी गैरकानूनी नहीं किया है।
5 घंटे सुनवाई: कठघरे में 360 लाख करोड़ रु. की कंपनियों के अधिकारी, सांसदों के तीखे सवालों का नहीं सूझा सीधा जवाब
इंस्टाग्राम खरीदने संबंधी 8 साल पुराने ईमेल पर पैनल ने घेरा
फेसबुक सीईओ मार्क जकरबर्ग 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में रूस के प्रभाव के सवाल पर बचाव की मुद्रा में दिखे। डेटा चोरी और इंस्टाग्राम खरीदने संबंधी अपने 8 साल पुराने ईमेल पर भी वह घिरे। ईमेल में कहा गया था कि फेसबुक के लिए इंस्टाग्राम बहुत ही विध्वंसकारी हो सकता है। उन्होंने कहा, फेडरल ट्रेड कमीशन ने उस डील को अपनी स्वीकृति दी थी।
‘प्राइवेसी-डेटा सिक्योरिटी पर यूजर्स के हाथों में कंट्रोल दिया’
दूसरी साइटों से आइडिया-सूचनाएं चुराकर उसे अपना बताने, फिर मोटा लाभ कमाने संबंधी सवाल पर सीईओ सुंदर पिचई ने कहा, ‘गूगल सरल तरीके से उपयोगी सूचनाएं लोगों तक पहुंचाता है। प्राइवेसी-सिक्योरिटी पर हमने यूजर्स के हाथों में पूरा कंट्रोल दिया है।’ एड कंपनी से डेटा लेने के सवाल पर पिचई बोले- यूजर्स के फायदे के लिए ज्यादा से ज्यादा डेटा कलेक्ट कर रहे हैं।
‘स्मार्ट फोन बिजनेस में मार्केट शेयर हासिल करना गली की लड़ाई जैसा’
एपल प्ले स्टोर पर कंपनी के खुद के पूर्ण नियंत्रण संबंधी सवाल पर सीईओ टिम कुक ने कहा, ‘सॉफ्टवेयर मार्केट में बहुत कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। डेवलपर्स के सामने भी उतनी ही प्रतिस्पर्धा है जितनी कि कस्टमर्स के लिए। मैं इसे इस तरह से समझाना चाहूंगा कि स्मार्ट फोन के बिजनेस में मार्केट शेयर हासिल करना गली की लड़ाई जैसा हो गया है।’
‘गारंटी नहीं दे सकता कि पॉलिसी का उल्लंघन नहीं हुआ होगा’
कांग्रेस में पहली बार पेश हुए बेजोस से प्राइसिंग, अधिग्रहण और थर्ड पार्टी सेलर्स के डेटा इस्तेमाल पर सवाल किए गए। इस पर उन्होंने कहा, ‘डेटा इस्तेमाल रोकने को पॉलिसी है, लेकिन मैं गारंटी नहीं दे सकता कि उसका उल्लंघन नहीं हुआ।’ ज्यादातर सवालों पर जवाब था, ‘मैं इसका उत्तर नहीं दे सकता है, मुझे वो वाकया याद नहीं।’ बेजोस ने बड़ी कंपनी की पैरवी की।
अमेरिका में 70% शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि अगर कोरोना काल के दौरान स्कूल खोले गए तो वे हड़ताल पर चले जाएंगे। ये सभी विभिन्न शिक्षक संगठनों के सदस्य हैं। इन संगठनों ने बयान जारी कर हड़ताल की चेतावनी की पुष्टि की है। ऐसा तब हो रहा है, जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प स्कूल खोलने पर जोर दे रहे हैं।
अमेरिकन फेडरेशन ऑफ टीचर्स के अध्यक्ष रैंडी वेनगार्टन ने कहा कि स्कूलों में कोरोना की रोकथाम के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। ज्यादातर कक्षाओं में वेंटिलेशन नहीं हैं। मास्क भी कम पड़ रहे हैं। शिक्षकों की मांग है कि ऑनलाइन पढ़ाई भी सीमित की जाना चाहिए।
उधर, एक संगठन ने स्कूल खोलने के आदेश के खिलाफ फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डीसैंटिस पर मुकदमा कर दिया है। जबकि जन शिक्षा केंद्र के प्रमुख रॉबिन लेक ने कहा कि पूरे मामले में बच्चों को मोहरा बनाकर इस्तेमाल किया जा रहा है। इसी महीने हुए सर्वे में 60% अभिभावकों ने शिक्षकों की मांग का समर्थन किया है। अमेरिका में कोरोना के अब तक 45,68,375 मरीज मिले हैं। जबकि 1,53,848 मौतें हुई हैं।
ऑस्ट्रेलिया: विक्टोरिया राज्य में 723 नए मरीज, इतने देशभर में भी एक दिन में नहीं आए; मेलबर्न में सख्ती
ऑस्ट्रेलिया में विक्टोरिया राज्य कोरोना का सबसे बड़ा हॉट स्पॉट बन गया है। यहां 24 घंटे में 723 नए मरीज मिले हैं। यह सिर्फ एक राज्य का नहीं, पूरे ऑस्ट्रेलिया का एक दिन के मरीजों का सबसे बड़ा आंकड़ा है। विक्टोरिया के मुख्यमंत्री डेनियल एंड्रयू ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि मेलबर्न में बेहद गंभीर हालात होते जा रहे हैं। ऐसे में हमें हर दिन नए-नए इलाकों में सख्त लॉकडाउन करना पड़ रहा है।
दुनिया: इटली में 15 अक्टूबर तक इमरजेंसी बढ़ाई, उत्तर कोरिया में 696 लोगों को क्वारैंटाइन में भेजा
इटली ने 15 अक्टूबर तक स्टेट इमरजेंसी बढ़ा दी है। इटली में 31 जनवरी से स्टेट इमरजेंसी लागू है। यह इस महीने खत्म होने वाली थी। यहां अब तक 2,46,776 मरीज मिले हैं। जबकि 35,129 मौतें हुई हैं। उधर, डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि उत्तर कोरिया में अब तक 1211 लोगों का कोरोना टेस्ट किया गया है। इनमें से कोई संक्रमित नहीं मिला है। यहां अभी 696 नागरिक क्वारैंटाइन में रखे गए हैं।
4 मई को न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने एक स्पेशल रिपोर्ट छापी थी। इस रिपोर्ट में चीन की सरकार की एक इंटरनल रिपोर्ट के हवाले से बताया गया कि दुनिया भर में एंटी-चाइना सेंटीमेंट्स यानी चीन विरोधी भावना 1989 में थियानमेन चौक पर हुए नरसंहार के बाद से सबसे ज्यादा है। इस रिपोर्ट को चीन के गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग को सौंपा था।
दुनिया में एंटी-चाइना सेंटीमेंट्स बढ़ने की वजह कोरोनावायरस बताई गई थी। इस रिपोर्ट में ये भी बताया गया था कि कोरोनावायरस के कारण चीन के खिलाफ माहौल बनेगा और अमेरिका से सीधे टकराव होगा।
लेकिन, सिर्फ कोरोनावायरस ही नहीं बल्कि और भी कई कारण हैं, चाहे हॉन्गकॉन्ग का मुद्दा हो या शिन्जियांग में उइगर मुसलमानों के मानवाधिकारों का मसला। चाहे सीमा विवाद। इन वजहों से चीन दुनिया में चारों तरफ से घिरता जा रहा है। लेकिन, चौंकाने वाली बात ये भी है कि घिरने के बाद भी चीन पर इसका ज्यादा कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।
सबसे पहले बात, उन 6 कारणों की, जिनकी वजह से चीन घिरा 1. हॉन्गकॉन्ग : चीन ने यहां राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया। इसमें हॉन्गकॉन्ग में देशद्रोह, आतंकवाद, विदेशी दखल और विरोध प्रदर्शन जैसी गतिविधियां रोकने का प्रावधान है। कानून तोड़ने पर तीन साल की सजा से लेकर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान भी है। कानून 1 जुलाई से लागू है और अब वहां चीनी सुरक्षा एजेंसियां काम कर सकेंगी। अभी तक ऐसा नहीं था।
2. शिन्जियांग : चीन के कब्जे वाले इस प्रांत में 45% से ज्यादा आबादी उइगर मुसलमानों की है। चीन पर उइगर मुसलमानों के मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप है। कुछ रिपोर्ट्स में सामने आया है कि चीन उइगर महिलाओं की जबरन नसबंदी करवा रहा है, ताकि जनसंख्या पर काबू पाया जा सके।
3. ताइवान : चीन ताइवान को अपना हिस्सा बताता है और जब हॉन्गकॉन्ग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने की तैयारी चल रही थी, तब चीन में ताइवान को लेकर भी चर्चा थी कि उसे ताइवान की मिलिट्री टेकओवर कर लेनी चाहिए। हालांकि, चीन के लिए ये उतना आसान नहीं है। ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन कहती हैं कि ताइवान दूसरा हॉन्गकॉन्ग नहीं बनेगा। ताइवान का दावा है कि चीन अक्सर मिलिट्री प्लेन भेजता रहता है।
4. सीमा विवाद : भारत के साथ चीन का सीमा विवाद चल ही रहा है। जून में लद्दाख सीमा पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प भी हो चुकी है। लेकिन, सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि दूसरे देशों के साथ भी चीन का सीमा विवाद जारी है। इसके अलावा चीन दक्षिणी चीन सागर पर भी अपना हक जताता है। हाल ही में यहां अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने भी अपने जहाज तैनात कर दिए हैं।
5. जासूसी : अमेरिका में पिछले हफ्ते ही सिंगापुर के एक नागरिक को गिरफ्तार किया गया है। इसे अमेरिका में चीन के जासूस के तौर पर काम करने का दोषी ठहराया गया है। इसके अलावा एक चीनी रिसर्चर को भी हिरासत में लिया गया है, जिस पर चीनी सेना के साथ अपने संबंधों को छिपाने का आरोप है। इसके अलावा चीन की टेक कंपनियां हुवावे और जेडटीई को भी अमेरिका सुरक्षा के लिए खतरा मानता है।
6. कोरोनावायरस : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प तो कई बार सार्वजनिक तौर से कोरोनावायरस को 'चीनी वायरस' कह चुके हैं। कोरोनावायरस कहां से निकला? इसकी जांच के लिए मई में 73वीं वर्ल्ड हेल्थ असेंबली में एक प्रस्ताव पेश हुआ। इस प्रस्ताव का भारत ने भी समर्थन किया था। भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, न्यूजीलैंड, कनाडा, कतर, सऊदी अरब, अफ्रीकी देश, यूरोपियन यूनियन, यूक्रेन, रूस और ब्रिटेन समेत 100 से ज्यादा देशों के नाम हैं।
अमेरिका-ब्रिटेन-भारत जैसे देश चीन के खिलाफ
1. अमेरिका : चीन की 11 कंपनियों पर प्रतिबंध, दोनों देशों ने एक-दूसरे के कॉन्सुलेट बंद किए
अमेरिका और चीन के बीच तनाव कोई नई बात नहीं है, लेकिन कोरोनावायरस के इस दौर में पिछले 7 महीनों में दोनों देशों की ये तकरार खुलकर सामने आई है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प तो कोरोनावायरस के लिए सीधे तौर पर चीन को ही जिम्मेदार ठहराते हैं। वो तो ये तक कह चुके हैं कि कोरोनावायरस को छिपाने में डब्ल्यूएचओ ने भी चीन की मदद की। ट्रम्प अक्सर कोरोनावायरस को 'चीनी वायरस' कहते हैं।
जुलाई की शुरुआत में ही अमेरिका की खुफिया एजेंसी एफबीआई के डायरेक्टर क्रिस्टोफर रे ने चीन को अमेरिका के लिए सबसे बड़ा 'खतरा' बताया। उससे पहले 30 जून को अमेरिका के फेडरल कम्युनिकेशंस कमीशन यानी एफसीसी ने भी चीन की हुवावे और जेडटीई को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए 'खतरा' बताया था।
जुलाई में ही अमेरिका ने टेक्सास के ह्यूस्टन स्थित चीनी कॉन्सुलेट को बंद करने का आदेश दे दिया था। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो के मुताबिक, ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि चीन 'इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी' चुरा रहा था। बदले में चीन ने भी चेंगड़ू स्थित अमेरिकी कॉन्सुलेट को बंद कर दिया।
अमेरिका ने 7 जुलाई को उन चीनी अधिकारियों पर वीजा प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया, जो अमेरिकी पत्रकार, टूरिस्ट्स, डिप्लोमैट्स और अफसरों को तिब्बत जाने से रोकने के लिए जिम्मेदार थे। जवाब में चीन ने भी कुछ अमेरिकी अफसरों पर वीजा प्रतिबंध लगा दिया।
इसके अलावा चीन के शिन्जियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों के मानवाधिकारों का उल्लंघन करने के मामले में अमेरिका ने 11 चीनी कंपनियों पर भी प्रतिबंध लगा दिया। अमेरिकी अफसरों के मुताबिक, ये कंपनियां 10 लाख उइगर मुसलमानों का शोषण करती थीं।
इतना ही नहीं, हॉन्गकॉन्ग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने के फैसले का अमेरिका ने भी विरोध किया था। अमेरिका का कहना था कि इस नए कानून से हॉन्गकॉन्ग के लोगों की आजादी पर खतरा पैदा हो गया है। इस पर चीन ने जवाबी कार्रवाई करने की धमकी भी दी थी।
इन सबके अलावा दक्षिण चीन सागर में भी अमेरिका ने जहाज भेजे थे। कुछ दिन पहले ही चीन की कम्युनिस्ट सरकार समर्थित थिंक टैंक स्ट्रेटेजिक सिचुएशन प्रोबिंग इनिशिएटिव ने दावा किया था कि अमेरिका के पी-8ए (पोसाइडन) और ईपी-3ई एयरक्राफ्ट्स ने साउथ चाइना सी से चीन के झेजियांग और फुजियान तक उड़ान भरी। कुछ देर बाद पी-8ए वापस लौटा और फिर यह शंघाई से 76.5 किलोमीटर दूर तक उड़ान भरता रहा।
2. ब्रिटेन : 5जी नेटवर्क से चीनी कंपनी को हटाया, हॉन्गकॉन्ग पर भी विरोध
मई के आखिर में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने डी-10 ग्रुप बनाने का आइडिया दिया था। उनका कहना था कि इस ग्रुप में जी-7 में शामिल सभी सातों देशों के अलावा भारत, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया को भी जोड़ा जाए। इस ग्रुप का मकसद चीन के खिलाफ रणनीतिक एकजुटता बनाना होगा। जॉनसन का मानना था कि सभी देश 5जी टेक्नोलॉजी पर मिलकर काम करें, ताकि चीन की डिपेंडेंसी खत्म हो।
बोरिस जॉनसन ने मई में ये आइडिया दिया और जुलाई में ब्रिटेन के 5जी नेटवर्क से चीन की हुवावे कंपनी को हटाने का फैसला ले लिया। जॉनसन के इस फैसले के बाद ब्रिटेन के सर्विस ऑपरेटर्स को हुवावे के नए 5जी इक्विपमेंट खरीदने पर पाबंदी लग गई। साथ ही ऑपरेटर्स को अपने नेटवर्क से 2027 तक हुवावे की 5जी किट भी हटानी होगी।
जॉनसन का ये फैसला चीन और हुवावे के लिए बहुत बड़ा झटका है। अमेरिका पहले ही आरोप लगा चुका है कि हुवावे के 5जी नेटवर्क के जरिए चीन जासूसी करता है।
इससे पहले चीन ने जब हॉन्गकॉन्ग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया, तो बोरिस जॉनसन ने चीन के इस फैसले का विरोध करते हुए हॉन्गकॉन्ग के 30 लाख लोगों को ब्रिटेन में बसने का प्रस्ताव दे दिया। उन्होंने कहा कि नया कानून हॉन्गकॉन्ग की आजादी का उल्लंघन है। हॉन्गकॉन्ग पहले ब्रिटेन का ही उपनिवेश था, लेकिन 1997 में ब्रिटेन ने इसे चीन को लौटा दिया।
इसके साथ ही हॉन्गकॉन्ग में नया कानून लागू होने के बाद ब्रिटेन ने हॉन्गकॉन्ग के साथ अपनी प्रत्यर्पण संधि सस्पेंड करने की घोषणा कर दी। इस संधि के तहत हॉन्गकॉन्ग में अपराध करने वाले अगर ब्रिटेन भाग जाते थे, तो उन्हें पकड़कर हॉन्गकॉन्ग भेजा जा सकता था। नए कानून पर ब्रिटेन के विदेश मंत्री डॉमनिक रॉब ने कहा कि चीन की तरफ से हॉन्गकॉन्ग पर नया कानून थोपना, ब्रिटेन की नजर में अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों का गंभीर उल्लंघन है।
इन सबके अलावा चीन के शिन्जियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों के मानवाधिकारों का मुद्दा भी ब्रिटेन ने उठाया था। ब्रिटेन का कहना था कि शिन्जियांग में उइगर महिलाओं की जबरन नसबंदी की जा रही है।
3. भारत : 100 से ज्यादा चीनी ऐप्स बैन कीं, कारोबार के लिए नए नियम बनाए
मई की शुरुआत में लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ गया। दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने आ गई थीं। इसी महीने भारत ने अपने एफडीआई नियमों में बदलाव कर दिया। नए नियमों के तहत जिन देशों की सीमाएं भारत से लगती हैं, अगर वो भारत के किसी कारोबार या कंपनी में इन्वेस्ट करते हैं, तो इसके लिए उन्हें केंद्र सरकार की मंजूरी लेनी होगी। पहले ये पाबंदी सिर्फ पाकिस्तान और बांग्लादेश के इन्वेस्टर्स पर ही थी।
इसके बाद हाल ही में सरकार ने जनरल फाइनेंशियल नियम 2017 में भी बदलाव किया कि जो भी देश भारत के साथ सीमा साझा करते हैं, वो सरकारी खरीद में बोली नहीं लगा सकते। हालांकि, इसमें ये भी जोड़ा गया कि अगर कोई देश बोली लगाना चाहता भी है, तो उसे डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (डीपीआईआईटी) की रजिस्ट्रेशन कमेटी में रजिस्टर्ड कराना होगा। इसके अलावा इन्हें विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय से भी मंजूरी लेनी होगी।
इन दोनों ही नियमों में बदलावों का सबसे ज्यादा असर चीन पर ही होगा। हालांकि, नियमों में चीन का नाम नहीं लिया गया था। लेकिन, ये दोनों ही बदलाव चीन को मैसेज देने के लिए किए गए थे।
इसके अलावा जब लद्दाख सीमा पर गलवान घाटी में जब भारत-चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई, तो उसके बाद सरकार ने टिकटॉक, यूसी ब्राउजर समेत 59 चीनी ऐप्स पर बैन लगा दिया। उसके बाद कुछ दिन पहले ही सरकार ने चीन की 47 ऐप्स और बैन कर दीं। अब तक सरकार 106 चीनी ऐप्स पर बैन लगा चुकी है।
4. ताइवान : चीन से निपटने के लिए दक्षिण चीन सागर में मिलिट्री ड्रिल की
चीन और ताइवान के बीच अलग ही तरह का रिश्ता है। 1911 में चीन में कॉमिंगतांग की सरकार बनी। 1949 में यहां गृहयुद्ध छिड़ गया और माओ त्से तुंग के नेतृत्व में कम्युनिस्टों ने कॉमिंगतांग की पार्टी को हराया। हार के बाद कॉमिंगतांग ताइवान चले गए।
1949 में चीन का नाम 'पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना' पड़ा और ताइवान का 'रिपब्लिक ऑफ चाइना' पड़ा। दोनों देश एक-दूसरे को मान्यता नहीं देते।
चीन अक्सर ताइवान को अपना हिस्सा बताता रहता है। लेकिन, ताइवान खुद को अलग देश मानता है। मई में ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन ने खुलेआम चीन को चुनौती दे दी थी। उन्होंने कहा था, 'ताइवान कभी चीन के नियम-कायदे नहीं मानेगा। चीन को इस हकीकत के साथ शांति से जीने का तरीका खोजना होगा।'
इसके अलावा दक्षिण चीन सागर को लेकर भी चीन और ताइवान के बीच तनातनी होती रहती है। दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती दखलंदाजी के बीच ताइवान ने 5 दिन की मिलिट्री ड्रील की। इसमें चीन की मिसाइलों को मार गिराने पर फोकस था। इसके अलावा यहां मिराज 2000, एफ-16 फाइटर जेट और पी-3 सी एंटी सबमरीन फाइटर जेट तैनात किए जा चुके हैं। ताइवान की सेना के मुताबिक, इन फाइटर जेट्स को यहां तब तक रखा जाएगा, जब तक चीन के हमले का खतरा है।
इसके साथ ही हॉन्गकॉन्ग के प्रदर्शनकारियों को भी ताइवान का समर्थन मिला है। जब चीन ने हॉन्गकॉन्ग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया, तो हॉन्गकॉन्ग के लोगों की मदद करने के लिए ताइवान ने राजधानी ताइपे में ऑफिस भी खोल दिया। इस ऑफिस से उन लोगों को मदद मिलेगी, जो नया कानून लागू होने के बाद हॉन्गकॉन्ग से ताइवान आ रहे हैं।
5. ऑस्ट्रेलिया : कोरोना की जांच का समर्थन किया, हॉन्गकॉन्ग के लोगों को नागरिकता का प्रस्ताव
ऑस्ट्रेलिया का नाम भी उन देशों में शामिल है, जिसके रिश्ते पिछले कुछ महीने में चीन से खराब हुए हैं। ऑस्ट्रेलिया ने काफी पहले ही कोरोनावायरस की जांच की मांग का समर्थन कर दिया था। इससे चीन ऑस्ट्रेलिया से चिढ़ गया था। इसके बाद चीन ने ऑस्ट्रेलिया पर कुछ प्रतिबंध भी लगा दिए थे।
हाल ही में ऑस्ट्रेलिया ने आधिकारिक रूप से दक्षिण चीन सागर पर चीन के दावों को खारिज कर दिया था। ऑस्ट्रेलिया ने यूएन में कहा था कि दक्षिण चीन सागर में चीन के दावों का कोई 'कानूनी आधार' नहीं है।
इन सबके अलावा ऑस्ट्रेलिया ने शिन्जियांग और हॉन्गकॉन्ग में मानवाधिकारों का मसला भी उठाया था। चीनी कंपनी हुवावे को ऑस्ट्रेलिया के 5जी नेटवर्क के निर्माण से रोक दिया था। ऑस्ट्रेलिया अक्सर चीन पर अपने घरेलू मामलों में हस्तक्षेप करने का आरोप भी लगाता रहता है।