अमेरिकी विदेश विभाग ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के हवाले से रविवार को कहा कि अमेरिका चीन के साथ खुला और बेहतर संबंध चाहता है। लेकिन, उस रिश्ते को हासिल करने के लिए हमें अपने राष्ट्रीय हितों की सख्ती से रक्षा करने की जरूरत है। हालांकि, चीनी सरकार ने लगातार हमारे वादों का तोड़ा है।
हाल ही में, ट्रम्प ने कोरोनावायरस और हॉन्गकॉन्ग मामले को लेकर चीन के खिलाफ कई पाबंदियां लगाने की घोषणा की। चीन की संसद ने हॉन्गकॉन्ग में विरोधियों को दबाने और प्रदर्शनों पर रोक लगाने के लिए हॉन्गकॉन्ग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने का प्रस्ताव पारित किया है।
चीन-अमेरिका के बीच महामारी के चलते तनाव बढ़ा
कोरोनावायरस महामारी को लेकर अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ गए हैं। अमेरिका महामारी फैलाने का आरोप चीन पर लगाता रहा है। राष्ट्रपति ट्रम्प का कहना है कि चीन ने दुनिया को कोरोना की जानकारी समय पर नहीं दी, जिससे दुनियाभर में लाखों लोगों की मौत हुई। उन्होंने कहा थाकिवायरस को वुहान केलैब में तैयार किया गया था। वहीं, चीन इन आरोपों से इनकार करता रहा है।
चीन ने हॉन्गकॉन्ग की आजादी छीन ली: पोम्पियो
उधर, कुछ दिनों पहले अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा था कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी अब भी वुहान से फैले कोरोनावायरस की जानकारी छिपा रही है। इससे दुनियाभर में महामारी को रोकने में देरी हुई। वहीं, चीन ने हॉन्गकॉन्ग के लोगों की आजादी बर्बाद कर दी। चीन क्या सोचता है, इसकी बानगी इन दो चीजों से मिल सकती है। चीन की दूसरों की बौद्धिक संपत्ति चुराने की कोशिशें बदस्तूर जारी है। वह दक्षिण चीन सागर में भी अपनी ताकत बढ़ाना चाहता है। चीन के ये ऐसे काम है, जिसका पूरी दुनिया पर असर पड़ेगा।
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