Monday, June 1, 2020

अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में विरोध की आग; न्यूयॉर्क, शिकागो और लॉस एंजिल्स में प्रदर्शनकारियों और पुलिस में टकराव June 01, 2020 at 01:35AM

अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में हुई मौत का मामला गरमाता जा रहा है। छह दिनों से देशभर में प्रदर्शन किए जा रहे हैं। इस दौरान चार हजार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। कई शहरों में कर्फ्यू लगे होने के बाद भी लोग सड़कों पर लूटपाट और आगजनी कर रहे हैं। पुलिस पर हमले कर रहे हैं।दुनियाभर में हजारों लोग फ्लॉयड के समर्थन में विरोध कर रहे लोगों के लिए मार्च निकाल रहे हैं।

फ्लॉयड की गर्दन पर घुटना रखने वाले पुलिस अफसर को 27 मई को गिरफ्तार कर लिया गया। उस पर थर्ड डिग्री हत्या का आरोप लगाया गया है। इस मामले में सुनवाईकरते हुए कोर्ट ने सोमवार को उसे 8 जून को अदालत में पेश होने के लिए कहा है।

अमेरिका में क्यों हो रहा फसाद?
अमेरिका में हो रहे इस प्रदर्शन के पीछे केवल जॉर्ज फ्लायड की हत्या ही वजह नहीं है। देश में अश्वेतों के साथ भेदभाव और बुरा बर्ताव काफी समय से होता रहा है। यह गुस्सा वह बारूद का ढेर है है जो धीरे-धीरे सुलग रहा था और अब उसमें विस्फोट हुआ है। अमेरिका में कोरोना के चलते जब से लॉकडाउन लगा है, तब से तीन अश्वेतों की हत्या हो चुकी है। दो की हत्या तो पुलिस ने ही की, जबकि एक की हत्या में दो श्वेत शामिल हैं। ढीली प्रशासनिक कार्रवाई के चलते इस बार की घटना ने लोगों के गुस्से को भड़का दिया।

  • सबसे पहले 23 फरवरी को जॉर्जिया में एक अश्वेत 25 साल के अहद अर्बरी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मामले को लेकर कई विरोध-प्रदर्शन हुए। करीब दो महीने बाद दो आरोपियों 64 साल के ग्रेगरी मैककिमल और उसके बेटे 34 साल के ट्रैविस मैककिमल को गिरफ्तार किया गया। जांच अभी चल रही है।
  • इसके बाद 13 मार्च को लुइसविले में पुलिस ने एक अश्वेत महिला ब्रेओना टेलर की हत्या कर दी। 26 साल की ब्रेओना मेडिकल टेक्नीशियन थी। मादक पदार्थ की तस्करी के आरोप में पुलिस ने उसके घर छापा मारा। मेन गेट को तोड़ने के दौरान ब्रेओना के ब्वॉयफ्रेंड ने पुलिस पर फायर कर दिया। जवाब में पुलिस ने ब्रेओना को आठ गोलियां मारीं। हालांकि, बाद में ब्रेओना के घर से तलाशी में कोई मादक पदार्थ नहीं मिला।

क्या है प्रदर्शनों की वजह?

25 मई की शाम को पुलिस को सूचना मिली थी कि फ्लॉयड ने एक ग्रॉसरी स्टोर में 20 डॉलर को नकली नोट दिया है। इसी आरोप में पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। इस दौरान पुलिस जब उसे गाड़ी में बैठाने का प्रयास कर रही थी, तभी वह नीचे गिर गया। वायरल वीडियो के मुताबिक, फ्लॉयड जमीन पर पड़ा नजर आ रहा है और पुलिस अफसर अपने घुटने से उसकी गर्दन को करीब आठ मिनट 46 सेकंड तक दबाए रखा था। फ्लॉयड के हाथों में हथकड़ी थी। इसमें 46 साल का जॉर्ज लगातार पुलिस अफसर से घुटना हटाने की गुहार लगाता रहा। वीडियो में फसे यह कहते हुए सुना गया कि आपका घुटना मेरे गर्दन पर है। मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं।’’ इसके बाद धीरे-धीरे उसकी हरकत बंद हो जाती है। अफसर कहते हैं, ‘उठो और कार में बैठो’, तब भी उसकी कोई प्रतिक्रिया नहीं आती। इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया जाता है, जहां एक घंटा बाद उसे मृत घोषित कर दिया जाता है। पुलिस की इस बर्बरता की वजह से ही देशभर में प्रदर्शन शरू हो गए।

कब से हो रहे हैं प्रदर्शन?
अमेरिका में पुलिस हिरासत में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के विरोध में 26 मई से प्रदर्शन हो रहे हैं। इस दौरान कई शहरों में हिंसक प्रदर्शन भी हुए हैं। शिकागो, फिलाडेल्फिया समेत कई शहरों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई है। लोगों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े। दो दिन पहले डेट्रॉयट में एक 19 साल की युवक की मौत भी हो गई।

कितने राज्यों में हालात बिगड़े?
अमेरिका के 15 राज्यों में प्रदर्शन हो रहे है। इसे देखते हुए प्रशासन ने इन राज्यों के 40 शहरों कर्फ्यू लगा दिया है। रविवार आधी रात लूइसविले और केंटकी में अधिकारियों ने भीड़ को हटाने के लिए गोली चलाई, जिसमें एक युवक की मौत हो गई। उधर, ओकलैंड पुलिस के मुताबिक, कैलिफोर्निया में पिछली रात लोकल पुलिस बिल्डिंग में गोलीबारी की गई थी। इस मामले में तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है। वॉशिंगटन के किंग काउंटी में हिंसा और प्रदर्शन के दौरान हुई चोरी के चलते आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है। रविवार को हिंसक प्रदर्शन के दौरान बोस्टन के सात पुलिस अफसर घायल हो गए। वहीं, 21 पुलिस अफसर के वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।

प्रशासन ने क्या कदम उठाए?
न्यूज चैनल सीएनएन के मुताबिक, वॉशिंगटन समेत 15 शहरों में करीब 5 हजार नेशनल गार्ड्स की तैनाती की गई है। जरूरत पड़ने के लिहाज से 2 हजार गार्ड्स को मुस्तैद रहने को कहा गया है। हिंसक प्रर्शन को देखते हुए अटलांटिक सिटी, न्यूजर्सी ने हफ्ते भर के लिए कर्फ्यू बढ़ा दिया है। वहीं, क्लीवलैंड और ओहियो ने मंगलवार कर कर्फ्यू बढ़ाया है। उधर, पोर्टलैंड पुलिस ने रविवार रात मार्क हैटफील्ड यूएस कोर्टहाउस में प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए राइट कंट्रोल एजेंटो को तैनात किया था। मैसाचुसेट्स स्टेट पुलिस के प्रवक्ता डेविड प्रकोपियो ने सीएनएन को बताया कि प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए मैसाचुसेट्स नेशनल गार्ड को बोस्टन भेजा गया है।

क्या राष्ट्रपति को भी सुरक्षित जगह ले जाया गया था?
हां। रविवार रात को भी प्रदर्शनकारियों ने व्हाइट हाउस के सामने काफी प्रदर्शन किया था। लिहाजा सुरक्षाबलों को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, शुक्रवार को व्हाइट हाउस के सामने प्रदर्शन के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को कुछ देर के लिए अंडरग्राउंड बंकर में ले जाना पड़ा था।

प्रदर्शनों को लेकर राष्ट्रपति का रुख है?
ट्रम्प का प्रदर्शनों को लेकर सख्त रवैया दिखाया। कहा- खुद को प्रदर्शनकारी कहने वाले इन लोगों को जॉर्ज फ्लॉयड के बारे में ज्यादा नहीं पता। अगर इन लोगों ने सीमा लांघी तो हमारे पास खतरनाक कुत्ते और हथियार हैं।

##

##

##

इस मामले पर क्या किसी और देश में भी प्रदर्शन हो रहे हैं?
हां। अमेरिका में हो रहे प्रदर्शन के प्रति एकजूटता दिखाने के लिए लंदन, बर्लिन, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में प्रदरेशन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारी तख्तियों पर ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ के नारे लिखकर अमेरिकी पुलिस की बर्बरता का विरोध कर रहे हैं। लंदन में लॉकडाउन का उल्लंघन करने के आरोप में 23 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। यहां ट्रफलगर स्कॉयर पर लोगों ने प्रदर्शन किया। न्यूजीलैंड में ऑकलैंड, वेलिंगटन और क्राइस्टचर्च समेत कई शहरों में लोगों ने प्रदर्शन किया। बर्लिन में अमेरिकी दूतावास के सामने लोगों ने शनिवार और रविवार को प्रदर्शन किया। ऑस्ट्रेलिया में इस हफ्ते कई जगह प्रदर्शन किए जाएंगे। सिडनी में मंगलवार को प्रदर्शन किया जाएगा। वहीं, ब्रिस्बेन और मेलबोर्न में शनिवार को प्रदर्शन में हजारों लोग शामिल हु



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
तस्वीर वॉशिंगटन की है। यहां लोग जॉर्ज फ्लॉयड की मौत को लेकर कुछ ज्यादा ही उग्र हैं। पुलिस और सीक्रेट सर्विस को सख्ती करनी पड़ रही है।

No comments:

Post a Comment