पुलिस के हाथों जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद पूरे अमेरिका में प्रदर्शन हो रहे हैं। साथ ही अमेरिकियों की सोच में भी बदलाव दिख रहा है। इसका सबसे बड़ा सबूत यह है कि करीब 10 में 8 अमेरिकियों ने माना है कि नस्लवाद और भेदभाव बड़ी समस्या है। 2015 के बाद यानी महज 5 साल में ऐसा मानने वालों की संख्या 26% बढ़ गई है। चौंकाने वाली बात यह है कि 71% श्वेत ऐसा मानते हैं।
नस्लवाद और भेदभाव पर अमेरिकी इतिहास की यह सबसे बड़ी सहमति है। 10 में 6 अमेरिकी यह भी मानते हैं कि पुलिस भी श्वेत की तुलना में अश्वेतों के साथ ज्यादा बर्बरता करती है। जॉर्ज फ्लॉयड के साथ जिस मिनोपोलिस में घटना हुई, वहां की 20% आबादी अश्वेत है। इनमें से करीब 9 फीसदी अश्वेत पुलिस में हैं।
इसके बावजूद मिनोपोलिस में पुलिस के अत्याचारों का सबसे ज्यादा शिकार अश्वेत ही हैं। वे 7 गुना ज्यादा अत्याचार झेलते हैं।
नागरिक अधिकारों पर काम करने वाले वकील और डेमोक्रेसी फॉर कलर के संस्थापक स्टीव फिलिप कहते हैं, "देश में जो कुछ हो रहा है, वह ऐतिहासिक है। यह निश्चित तौर पर एक बड़े बदलाव की तैयारी है। मेरा मानना है कि पुलिस की फंडिंग को कम कर सामाजिक कामों में इस्तेमाल की जानी चाहिए।'
कैलिफोर्निया में हार्वे मड कॉलेज के सोशल साइकोलॉजिस्ट अनूप गम्पा कहते हैं, "मैंने लोगों के रवैए में इतना बड़ा बदलाव कभी नहीं देखा, चाहे वे किसी भी उम्र के हो, उदारवादी हो या संकीर्ण मानसिकता वाले। इस बात से हैरानी होती है।'
2020 के चुनावों की दिशा तय करने में इस मुद्दे की भूमिका होगी
न्यूयॉर्क टाइम्स पोल वॉच के मुताबिक, ब्लैक लाइव्ज मैटर आंदोलन ने बड़ी तेजी से अमेरिकियों की सहानुभूति हासिल कर ली है। इसने स्थानीय सरकारों और नेताओं को नीतियों में बदलाव लाने पर मजबूर कर दिया है। यह 2020 के चुनावों की दिशा तय कर सकता है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
No comments:
Post a Comment