अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद चल रहे हिंसक प्रदर्शनों के बीच भारतीय मूल के राहुल दुबे सोशल मीडिया पर हीरो बने हुए हैं। दुबे ने सोमवार को 60 प्रदर्शनकारियों को पूरी रात अपने घर में जगह देकर उन्हें गिरफ्तारी से बचाया। दुबे के घर रुकने वाले लोग सोशल मीडिया पर उनकी तारीफ कर रहे हैं, लेकिन दुबे का कहना है कि उन्होंने कोई बड़ा काम नहीं किया।
अपनी मर्जी से गेट खोला था: दुबे
दुबे के घर में शरण लेने वाले एक प्रदर्शनकारी ने वीडियो शेयर कर इस दावे को गलत बताया कि लोग जबरन दुबे के घर में घुस रहे थे। खुद दुबे ने भी कहा है कि उन्होंने अपनी मर्जी से गेट खोला था। दुबे ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जो लोग घर में आए वे एक-दूसरे के लिए भी अजनबी थे। पहले एक घंटे में हम सभी एक-दूसरे को संभालते रहे। बाद में सभी लोग सोशल मीडिया पर शेयर कर बताने लगे कि वे कहां हैं?
राहुल ने लोगों को खाना भी खिलाया
दुबे ने रात को दरवाजा खोला तो देखा कि पुलिस प्रदर्शनकारियों पर मिर्च स्प्रे और आंसू गैस छोड़ रही थी। लोगों को पुलिस से बचाने के लिए दुबे ने अपने घर में आने की छूट दे दी। दुबे ने बताया कि पुलिस ने उनके घर के दरवाजे तक लोगों का पीछा किया था। लोग कह रहे हैं कि राहुल ने उन्हें खाना और पानी दिया, मोबाइल चार्ज करने दिए और सुरक्षित रखा।
अमेरिका के 40 शहरों में कर्फ्यू
पुलिस की ज्यादती से जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के विरोध में अमेरिका में 10 दिन से विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। 40 शहरों में कर्फ्यू लगा हुआ है। इस बीच एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जॉर्ज की मौत के आरोपी चारों पुलिस अफसरों के खिलाफ थर्ड डिग्री मर्डर के बाद अब और भी धाराएं लगाई जाएंगी। अफ्रीकी-अमेरिकी अश्वेत जॉर्ज को सांस लेने में दिक्कत होने के बाबजूद पुलिस अफसर ने उसकी गर्दन को घुटने से दबाए रखा। इससे जॉर्ज की मौत हो गई थी।
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