चीन में कोरोना महामारी के कारण अटका संसद का सत्र शुक्रवार को शुरू हो गया है। कोरोना महामारी के दौरान भी चीन ने अमेरिका और भारत से तनाव को देखते हुए अपने रक्षा बजट में भारी बढ़ोतरी की है। चीन ने सालान रक्षा बजट 6.6 फीसदी बढ़ाया है। रक्षाबजट करीब 180 अरब डॉलर पहुंच गयाहै, जोकि पिछले साल 177.6 अरब डॉलर था। पिछले साल चीन ने 7.5 फीसदी की बढ़ोतरी की थी।चीन का यह रक्षा बजट भारत के रक्षाबजट का लगभग तीन गुना है। सेना पर खर्च करने के मामले में चीन अमेरिका के बाद दूसरा सबसे बड़ा देश है।चीन ने एयरक्राफ्ट कैरियर, परमाणु ऊर्जा से चलने वाली सबमरीन और स्टील्थ फाइटर जेट के लिए खजाना खोल दिया है।
1990 के बाद पहली बार जीडीपी का कोई लक्ष्य तय नहीं
इस बार चीन ने जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का कोई लक्ष्य नहीं तय किया है। 1990 के बाद से यह पहली बार है कि जब चीन ने जीडीपी लक्ष्य नहीं तय किया है।चीन का बजट घाटा भी 2019 की तुलना में बढ़ गया है। चीन में चल रही नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) की महत्वपूर्ण वार्षिक बैठक में प्रधानमंत्री ली कचियांग ने ये घोषणा की है। उन्होने कहा, ‘‘मैं यह बताना चाहूंगा कि हमने इस साल आर्थिक वृद्धि के लिए कोई विशिष्ट लक्ष्य तय नहीं किया है। यह इसलिए है क्योंकि हमारा देश कुछ चीजोंसे जूझ रहा है और ऐसे अनिश्चितता भरे समय में प्रगति का अनुमान लगाना मुश्किल है। यह कोरोनावायरस के कारण है क्योंकि इससे दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाएं प्रभावित हुई हैं और कारोबार पर भी बुरा असर पड़ा है।’’ चीन ने आर्थिक वृद्धि के लक्ष्य को 1990 से तय करना शुरू किया था और तब से यह पहली बार है जब लक्ष्य तय नहीं किया गया।
2987 सदस्य शामिल हुए
चीन की वार्षिक संसदीय बैठक में नेशनल पीप्लस कांग्रेस में 2987 सदस्य शामिल हुए। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, प्रधानमंत्री ली केचियांग के साथ सत्तारूढ़ पार्टी के शीर्ष नेता बिना मास्क के शामिल हुए, जबकि बाकी सदस्यों ने मास्क पहन रखा था। सदस्यों ने कोरोना महामारी से जान गंवाने वालों लोगों को मौन श्रद्धांजलि दी।
हांगकांग का सुरक्षा संबंधी विधेयक चीन की संसद में पेश, हुए प्रदर्शन
चीन की संसद में शुक्रवार को हॉन्गकॉन्ग को लेकर विवादित सुरक्षा विधेयक पेश किया गया। समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार नेशनल पीपुल्स कांग्रेस के शुरू होने के साथ ही यह प्रस्ताव पेश किया गया। इस प्रस्ताव में हॉन्गकॉन्ग में देशद्रोह, आतंकवाद, विदेशी हस्तक्षेप और विरोध करने जैसी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की बात है। इसकी अमेरिका समेत हांगकांग के लोकतंत्र समर्थक लोगों ने आलोचना की है और इस विधेयक को हांगकांग की आजादी पर हमला बताया है। इस विधेयक को पेश करते ही हॉन्गकॉन्ग में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
No comments:
Post a Comment