फ्रांस के सात सांसदों ने राष्ट्रपति इम्मैनुअल मैक्रों की पार्टी ला रिपब्लिक एन मार्च (एलआरईएम) से मंगलवार को समर्थन वापस ले लिया। इसके बाद मैक्रों की पार्टी ने संसद के नीचले सदन में अपना पूर्णबहुमत खो दिया। फ्रांस के 577 सदस्यीय सांसद में अब उनकी पार्टी के सांसदों की संख्या288 हो गई है जबकि बहुमत के लिए 289 सीटें चाहिए। हालांकि, इससे सरकार पर कोई संकट पैदा नहीं होने की बात कही जा रही है। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, मैक्रों को भी अब भी दो राजनीति सहयोगियों का समर्थन प्राप्त है।
सेंट्रिस्ट अलाएंस पार्टी के मोडेम और सेंटर राइट पार्टी दी रिपब्लिकन के नेता अगिर मैक्रों के पक्ष में हैं। नेशनल एसेम्बली में इन दोनों पार्टियों की कुल 56 सीटें हैं। इस बात की भी संभावना है कि एलआरईएम में किसी मैक्रों समर्थक सांसद को शामिल करा लिया जाए। ऐसे में पार्टी फिर से बहुमत में आ जाएगी।
मैक्रों का साथ छोड़ने वाले सांसद बनाएंगे अपनी नई पार्टी
समर्थन वापस लेने वाले सांसदों ने अपनी नई पार्टी इकोलॉजी, डेमोक्रेसी,सॉलिडरिटी बनाने का ऐलान किया है। इसमें कुल 17 सांसद होंगे। इसमें मैक्रों की पार्टी छोड़ने वाले सात सांसदों के साथ ही एलआईआरईएम के 9 पूर्व सदस्य और एक दूसरी पार्टी के सांसद शामिल होंगे। समूह के सदस्यों ने पार्यावण और सामाजिक समानता पर काम करने की इच्छा जताई है। यह फ्रांस के मौजूदा संसद में नौवां राजनीतिक समूह होगा। इन सांसदों ने कहा है कि वे सरकार और विपक्ष दोनों में से किसी का समर्थन नहीं करेंगे।
मैक्रों का साथ छोड़ने की क्या वजह रही?
एलआरईएम छोड़ने वाले सांसद मैक्रों के काम करने के तरीके से खुश नहीं थे। इन सांसदों का दावा है कि मैक्रों की पार्टी ने सभी को साथ लेकर चलने का वादा पूरा नहीं किया। पार्टी ने पुराने राजनीतिक मतभेदों को दूर करने की भी कोशिश नहीं की। जिन सांसदों ने पार्टी छोड़ी है वे पार्टी के लेफ्ट विंग से थे। इनका यह भी कहना है कि मैक्रों का रवैया बदला है और उनका झुकाव राइट विंग की तरफ ज्यादा हुआ है।पार्टी छोड़ने का इन सांसदों को यह फायदा होगा कि वे अब एक आधिकारिक समूह के तौर पर संसद में बैठेंगे। इससे पहले वे स्वतंत्र सांसद के तौर पर सदन में मौजूद होते थे। आधिकारिक समूह होने पर कई विशेष अधिकार और दर्जे मिलेंगे।
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