वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के बाद अमेरिका के प्रमुख हेल्थ एक्सपर्ट एंथनी फॉसी ने भी कहा है कि कोरोनावायरस किसी लैब से नहीं बल्कि नेचर (प्रकृति) से विकसित हुआ है। उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के उस दावे को खारिज कर दिया है, जिसमें ट्रम्प ने कहा था कि वायरस वुहान की लैब से निकला है।इससे पहले सोमवार कोडब्ल्यूएचओ ने कहा था कि अमेरिका ने ऐसा कोई सुबूत नहीं उपलब्ध कराया है, जिससे वुहान की लैब से वायरस निकलने की बात साबित हो।
फौसी बोले- नहीं बनाया जा सकता यह वायरस
दुनियाभर के अन्य कई वैज्ञानिकों का भी कहना है कि यह वायरस जानवरों से इंसानों में आया है। हालांकि, इसकी आशंका है कि वह चीन की वेट मार्केट से निकला होगा। अमेरिका के महामारी विशेषज्ञ एंथनी फॉसी ने नेशनल जियोग्राफिक जर्नलमें डब्ल्यूएचओ के बयान का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप चमगादड़ में वायरस के विकास को देखते हैं तो सुबूत यह दिखाते हैं कि यह वायरस बनाया नहीं जा सकता, इसमें हेरफेर नहीं हो सकती है। समय के साथ हो रहे चरणवद्ध विकास से यह पता चलता है कियह वायरस प्रकृति में विकसित हुआ और फिर प्रजातियों में आया।’’
ट्रम्प ने कहा- उनके पास सुबूत हैं
ट्रम्प लगातार चीन पर आरोप लगाते रहे हैं। उन्होंने दावा किया है कि उनके पास सुबूत हैं कि वायरस वुहान की लैब से निकला है। साथ ही अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने भी रविवार को मजबूत सुबूत मिलने की बात कही थी। हालांकि, अमेरिकी इंटेलीजेंस डिपार्टमेंट अभी इस बात की जांच कर रहा है कि यह वायरस लैब से निकला है या जानवर से आया है।चीन लगातार इस बात का खंडन करता रहा है कि वायरस वुहान की लैब से निकला है।
चीन ने वुहान में इंटरनेशनल एक्सपर्ट की जांच की मांग ठुकराई
डब्ल्यूएचओ ने पिछले हफ्ते कहा था कि वह चाहता है कि चीन अपने यहां इंटरनेशनल एक्सपर्ट को जांच करने की अनुमति दे। ताकि यह पता चल सके कि यह वायरस जानवरों से इंसानों में कैसे फैला। इस मांग पर मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र में चीन के एंबेसडर ने कहा कि जब तक महामारी से पूरी तरह से निपटारा नहीं मिलेगा तब तक चीन अपने यहां किसी को जांच करने की अनुमति नहीं देगा। उन्होंने कहा- हमारी प्राथमिकता में पहले महामारी को हराना शामिल है।
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