अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो नेकोरोना से लड़ाई में साथ देने के लिए भारत की तारीफ की। उन्होंने कहा कि कोरोना से निपटने के ट्रम्प प्रशासन भारत समेत दुनिया के कई देशों के साथ मिलकर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि हम भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान के अपने दोस्तों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इन देशों के साथ इलाज की बेहतर प्रक्रियाएं और सूचनाएं साझा की जा रही हैं। इसका एक उदाहरण भारत के साथ काम करना है। इसने कोरोना पीड़ितों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा और मेडिकल सामान के निर्यात पर लगा प्रतिबंध हटाया।
भारत कोरोना के इलाज में इस्तेमाल की जा रही हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा का बड़ा उत्पादक है। इसने भूटान, बांग्लादेश, मालदीव, श्रीलंका और म्यांमार समे दुनिया के 55 देशों को इस दवा की आपूर्ति का वादा किया है। इस दवा की खेप अमेरिका, अफगानिस्तान, मॉरिशस, कजाकिस्तान, ब्राजील और सेशेल्स पहुंच भी चुकी है।
मुझे कोरोना पर किए गए अमेरिका के कामों पर गर्व: पोम्पियो
पोम्पियो ने कहा कि मुझे भारत-प्रशांत क्षेत्र में कोरोना से लड़ने के लिए किए गए अमेरिका के कामों पर गर्व है। अमेरिका ने इस क्षेत्र के द्वीप राष्ट्रों को 32 मिलियन (करीब 3.2 करोड़) रुपए से ज्यादा की फंडिंग की है। उन्होंने कहा कि हम बर्मा में सरकार, गैर सरकारी संगठनों और संयुक्त राष्ट्र समेत अन्य लोगों के साथ काम कर रहे हैं। हम बर्मा में कोराना संक्रमण फैलने से रोकने में लगे हैं। कोरोना से संवेदनशील दुनिया के कई दूसरे देशों में भी हम संक्रमण की रोकथाम के लिए काम कर रहे हैं।
‘हम वैश्विक अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने की शुरुआत कर रहे’
उन्होंने कहा कि हम न्यूजीलैंड, रिपब्लिक ऑफ कोरिया के संपर्क में हैं। हम वैश्विक अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने की शुरुआत कर रहे हैं। दुनिया के देशों से हमारे संवाद की वजह से वैश्विक आपूर्ति चेन में निश्चित तौर पर बदलाव आया है। यह सुगमता से चल रहा है। इससे हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। हम सप्लाई चेन का ढांचा दोबारा तैयार करने पर काम कर रहे हैं, जिससे दोबारा ऐसी स्थिति बनने पर आपूर्ति प्रभावित होने से रोका जा सके।
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