इजिप्ट के सुरक्षा बलों की मंगलवार को आतंकियों के साथ मुठभेड़ हो गई। इसमें एक पुलिस अफसर समेत 7 संदिग्ध आंतकी मारे गए। गृह मंत्रालय के मुताबिक, ईसाइयों के पवित्र सप्ताह को लेकर कड़ी सुरक्षा की गई थी। इस दौरान आतंकियों के राजधानी के अमीरियाह जिले की एक इमारत में छिपे होने की जानकारी मिली। सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकियाें ने फायरिंग शुरू कर दी। इस गोलीबारी में 7 आतंकी और एक अफसर की माैत हो गई है। इसमें तीन पुलिस के एजेंट भी घायल हो गए हैं। मंत्रालय के मुताबिक, पुलिस ने सभी हथियार जब्त कर लिए हैं। आतंकी ईस्टर के मौके पर ईसाइयों पर हमला करने की फिराक थे।
इजिप्ट की कॉप्टिक आर्थोडॉक्स क्रिस्टचियन कम्यूनिटी दुनिया की सबसे पुरानी ईसाई प्रजातियों में से एक है। यहां 19 अप्रैल को मनाए जाने वाले ईस्टर पर्व को तैयारियां चल रही हैं। देश के कॉप्टिक आर्थोडॉक्स ईसाइयों के धर्म गुरु पोप तवाड्रोस सेकंड ने गोलीबारी में मारे गए लेफ्टिनेंट कर्नल मोहम्मद अल-हाउफी के निधन पर शोक जताया है।
10 करोड़ लोगों में 10% ही ईसाई
इजिप्ट की 10 करोड़ मुस्लिम आबादी में मात्र 10% ही ईसाई समुदाय बचा हुआ है। वे यहां लंबे समय से भेदभाव की शिकायत करते आ रहे हैं। मुस्लिम बहुल होने के कारण सरकार भी उनकी सुरक्षा के लिए विशेष ध्यान नहीं देती हैं। हालांकि धार्मिक मौके पर चर्चों में सुरक्षा नियमित रूप से बढ़ाई जाती है।
तीन साल पहले चर्च पर हुए हमले में 44 की जान गई थी
तीन साल पहले राजधानी काहिरा के उत्तरी भाग में स्थित एक चर्च में एक फिदायीन हमलावर ने खुद को उड़ा लिया था। इस हमले में 44 लोग मारे गए थे। तब से पाम संडे हर बार आतंक के साए में बीतता है और इस दिन मिस्र में इमरजेंसी जैसे हालात रहते हैं।
2013 से आतंकी हमले बढ़े
प्रायद्वीप के उत्तरी भाग में मिस्र सालों से इस्लामिक आतंकियों से जूझता रहा है, लेकिन 2013 में विभाजनकारी इस्लामिक राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी के बाद यह विद्रोह और तेज हुआ। इस्लामिक आतंकियों ने सुरक्षा बलों और ईसाइयों को निशाना बनाना शुरू किया। हालांकि 2018 में मिस्र ने उत्तरी सिनाई इलाके में आतंकियों के सफाए के लिए अभियान चलाया था।
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