भारत-अमेरिका समेत कई देश कोरोनावायरस के संक्रमण से जूझ रहे हैं। महामारी का वैक्सीन तैयार करने के लिए दुनियाभर में कई वैज्ञानिक दिन-रात जुटे हैं। चीन में भी रेम्डेसिविरड्रग का मरीजों पर ट्रायल हुआ। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह ट्रायल फेल रहा। ट्रायल से जुड़ी जानकारी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की साइट पर प्रकाशित की गई थी। हालांकि, डब्ल्यूएचओ ने इसे हटा लिया था और कहा कि रिपोर्ट गलती से अपलोड हो गई थी।यह ड्रग एक अमेरिकी फर्म गिलिएड साइंस की है।
सभी देशों को एंटी वायरल ड्रग रेम्डेसिविरड्रग के ट्रायल को लेकर बड़ी उम्मीद थी। लेकिन चीन में रेम्डेसिविर ड्रग से मरीजों में कोई सुधार देखने को नहीं मिला। रिपोर्ट के मुताबिक, यह ट्रायल 237 मरीजों पर किया गया। इनमें से 158 को रेम्डेसिविर और बाकी 79 को प्लेसीबो दी गई। इसके एक महीने बाद रेम्डेसिविर लेने वाले 13.9% मरीजों और प्लेसीबो लेने वाले 12.8% मरीजों की मौत हो गई। साइड इफेक्ट के कारण ट्रायल को पहले ही रोक दिया गया।
यूरोप में भी इंसानों पर वैक्सीन का टेस्ट शुरू
दूसरी ओर, यूरोप में भी पहली बार किसी इंसान पर कोरोना के वैक्सीन का टेस्ट हुआ है। यह परीक्षण ऑक्सफर्ड में किया गया। यहां दो मरीजों को यह वैक्सीन दिया गया। यूरोप में कोरोना की दवा के ट्रायल के लिए 800 लोगों को चुना गया।
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