भास्कर रिसर्च. देश में कोरोनावायरस के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। बुधवार यानी 18 मार्च को 24 घंटे में कोरोना के 30 मामले सामने आए। यह देश में एक दिन में कोरोना के आए सबसे ज्यादा केस हैं। 17 मार्च को एक दिन में 20 केस सामने आए थे। 16 मार्च को 11 केस आए थे। पिछले पांच दिन के अंदर देश में कोरोना के मामले दोगुना से ज्यादा बढ़े हैं। 13 मार्च को देश में कुल 83 कोरोना केस थे, 18 मार्च को यह संख्या बढ़कर 170 हो गई।
इटली, फ्रांस, स्पेन, जर्मनी, नार्वे, स्विट्जरलैंड और अमेरिका में शुरू कोरोनावायरस की रफ्तार भारत जैसी ही थी, बाद में यह रफ्तार 10 गुना तक बढ़ गई। विशेषज्ञों का कहना है कि यहां शुरू में सोशल डिस्टेंशिंग नहीं बढ़ाने से कोरोना के केस हर तीसरे-चौथे दिन दोगुना हो गए। ऐसी स्थिति भारत में भी संभव है, क्योंकि देश में 3 मार्च से लेकर 18 मार्च के बीच कोरोना के 164 नए मामले सामने आए हैं। इसके बावजूद अभी तक किसी भी राज्य में लॉकडाउन नहीं किया गया है।
डॉक्टरों का मानना है कि कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए पहला सबसे जरूरी काम लोगों के बीच दूरी(सोशल डिस्टेंशिंग) बढ़ाना है। ताकि लोग एक-दूसरे के संपर्क में कम से कम आएं। इससे कोरोना का ट्रांसमिशन कम होता है।
एक्सपर्ट की राय: खुद को घर में 15 दिन के लिए आइसोलेट करना बचाव का सबसे बेहतर विकल्प
पद्मश्री, पूर्व आईएमए चीफ और हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल ने भास्कर को बताया कि कोरोनावायरस से बचाव का सबसे बेहतरीन तरीका है, खुद को 15 दिन के लिए घर में आइसोलेट कर लेना। भीड़भाड़ इलाकों में न जाना। ऐसे वक्त में हर किसी को यह देखना चाहिए, उसके आसपास कोई खांस और छींक तो नहीं रहा है। यदि ऐसा कोई कर रहा है तो उसे टोकिए। जिस तरह नो स्मोकिंग जोन होता है, उसी तरह आपको अपने आसपा नो कॉफ(खांसी) जोन बनाना होगा।
यदि देश में कोरोना के मामले और बढ़ते हैं तो सरकार के सामने लॉकडाउन ही आखिरी विकल्प होगा। लॉकडाउन में 100 में से 90 लोग खुद-ब-खुद ठीक हो जाएंगे।
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