![](https://i9.dainikbhaskar.com/thumbnails/680x588/web2images/www.bhaskar.com/2020/03/05/04_1583361149.jpg)
लंदन .दुनिया में भले ही आर्थिक सुस्ती और उतार-चढ़ाव का दौर चल रहा हो, लेकिन धनवानों पर इसका खास असर नहीं है। इसकी पुष्टि अमीरों की संपत्ति का अध्ययन करने वाली ब्रिटिश संस्था नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट से होती है। रिपोर्ट के मुताबिक पूरी दुनिया में सुपर रिच लोगों के विशिष्ट क्लब में बीते साल 31 हजार यानी 6% लोग और जुड़ गए। इन्हें मिलाकर अति अमीरों की संख्या 5 लाख 13 हजार से ज्यादा हो गई है। शामिल हुए नए लोगों को ग्लोबल स्टॉक मार्केट्स और संपत्ति की कीमतों में उछाल का सबसे ज्यादा फायदा मिला। इस विशिष्ट क्लब में वही शामिल हो सकता है, िजसके पास कम से कम 210 करोड़ रुपए (3 ॑कराेड़ डॉलर) की संपत्ति हो।
भारत की बात करें तो इस क्लब में अभी करीब 6000 भारतीय हैं। आने वाले चार साल यानी 2024 तक भारतीयों की तादाद में 73% बढ़ोतरी के आसार है। अध्ययन कर्ताओं का मानना है कि भारत के बाद अमीरों की सबसे ज्यादा संख्या मिस्र में बढ़ेगी। वहां अभी 764 लोग बेहद अमीर हैं और चार साल में 66% और जुड़ जाएंगे। इसके बाद वियतनाम, चीन और इंडोनेशिया में भी अमीरों की संख्या में इजाफा होने के आसार हैं। आने वाले 4 साल में ऐसे अमीरों की संख्या 27% बढ़कर 6.5 लाख के पार हो सकती है।
फ्रैंक की अल्ट्रा-हाई नेट वर्थ वाले व्यक्तियों (यूएचएनडब्ल्यूआई) की रिपोर्ट के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा ग्रोथ अनुमान घटाए जाने और उतार-चढ़ाव के बावजूद निवेशकों, पेंशन फंड में पैसा लगाने वालों के लिए बीता साल भाग्यशाली साबित हुआ। फंड मैनेजर्स ने बताया कि उनके 63% निवेशकों की संपत्ति बढ़ी, जबकि मात्र 11% की संपत्ति में गिरावट दर्ज की गई है।
दुनिया के 47% सुपर रिच अमेरिका के; चीन दूसरे नंबर पर, भारत टॉप 10 में शामिल नहीं
वैश्विक अति अमीरों के मामले में अमेरिका सबसे ऊपर है। सूची में 47% उसके ही लोग हैं। 12% के साथ चीन दूसरा है। तीसरा नंबर जर्मनी का है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
No comments:
Post a Comment