मास्को. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का कार्यकाल 2024 में खत्म हो रहा है। देश के मौजूदा कानून के मुताबिक, इसके बाद वे चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। रूस की संसद के निचले सदन ‘ड्यूमा’ में मंगलवार को पुतिन का टर्म बढ़ाने को लेकर प्रस्ताव लाया गया था। इस पर पुतिन ने संसद से कहा कि वे इसके लिए तैयार हैं, लेकिन संवैधानिक कोर्ट को पहले इस तरह के कदम को मंजूरी देनी होगी। इस कानून के पारित होने के साथ ही 67 साल के पुतिन छह साल के दो और टर्म को पूरा कर सकते हैं। इसके बाद वे 2036 तक सत्ता में बने रह सकते हैं।
रूस के पूर्व केजीबी अफसर पुतिन 20 साल से सत्ता में हैं। वे 2000 से 2008 तक दो बार राष्ट्रपति रहे थे। इसके बाद उन्होंने अपने करीबी मेदवेदेव को राष्ट्रपति बना दिया था। उस दौरान पुतिन प्रधानमंत्री थे। मेदवेदेव के राष्ट्रपति रहने के दौरान राष्ट्रपति का कार्यकाल 6 साल कर दिया गया था।
संवैधानिक बदलाव को लेकर रूस में 22 अप्रैल को वोटिंग
संसद में यह प्रस्ताव सांसद वेलेंटीना तेरेशकोवा ने लाया था। वे 1963 में अंतरिक्ष में जाने वाली पहली महिला हैं। वे पुतिन की समर्थक मानी जाती हैं। ड्यूमा में पुतिन की पार्टी यूनाइटेड रशिया का वर्चस्व है। ऐसे में प्रस्ताव पारित होने की संभावना जताई जा रही है। यह संवैधानिक बदलाव होगा या नहीं यह तय करने के लिए रूस में 22 अप्रैल को वोटिंग की जाएगी।
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