नई दिल्ली. कोरोना के खिलाफ रणनीति बनाने के लिए जी-20 देशों के राष्ट्र प्रमुख वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक करेंगे। गुरुवार 26 मार्च को यह कॉन्फ्रेंसिंग आयोजित होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका प्रस्ताव दिया था। जिसे समूह-20 के मौजूदा मुखिया सऊदी अरब के किंग मोहम्मद बिन सलमान ने स्वीकार कर लिया। बैठक में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सहित सभी 20 देशों के राष्ट्र प्रमुख शामिल होंगे। इसमें कोरोना महामारी से उत्पन्न हो रहे हालात और आर्थिक संकट पर चर्चा होगी। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) और वर्ल्ड बैंक के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। चीन के वुहान से ही कोरोना संक्रमण की शुरूआत हुई थी। ऐसे में माना जा रहा है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस बैठक में कई अहम जानकारी साझा कर सकते हैं। कोरोना से लड़ने के लिए आवश्यक उपाय भी बता सकते हैं जिसका पालन कर बाकी देश इस महामारी से खुद को सुरक्षित कर सकें।
मोदी ने फोन पर की थी साउदी किंग से बात
मोदी ने मंगलवार को सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से बात की थी। इस दौरान उन्होंने समूह-20 देशों की बैठक बुलाने का सुझाव दिया था। मोदी ने सऊदी प्रिंस को सार्क देशों के बीच हुई बातचीत के बारे में भी बताया था। इसके पहले मोदी ने इस विषय पर आस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मोरीसन से भी बात की थी। जिसके बाद मंगलवार को देर शाम सउदी अरब की राजधानी रियाद स्थित समूह-20 कार्यालय की तरफ से जी-20 देशों की बैठक की सूचना जारी कर दी गई।
2022 में जी-20 देशों की अगुवाई करेगा भारत
वर्ष 2022 में जी-20 देशों की अगुवाई करने की जिम्मेदारी भारत के पास आ जाएगी। ऐसे में अभी कोरोनावायरस की चुनौतियों को लेकर जो फैसला किया जाएगा उन्हें आगे लागू करने में भारत को भी अहम जिम्मेदारी निभानी होगी। बता दें कि जी-20 में दुनिया के सबसे प्रभावशाली 20 देश शामिल हैं। इसका गठन वर्ष 2007-08 के वैश्विक मंदी के बाद किया था। उसके पहले तक दुनिया के सर्वशक्तिशाली सात देशों का एक संगठन समूह-7 काम करता था।
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