वॉशिंगटन. कोरोनावायरस अब दुनिया के लगभग सभी देशों तक पहुंच चुका है। गुरुवार सुबह तक कुल 173 देश इसकी चपेट में आ चुके थे। 2,18,952 मामले सामने आए। 8,952 लोगों की मौत हुई। सिर्फ एक बेहतर खबर इस संदर्भ में है कि 84,795 मरीज ठीक भी हुए हैं। सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी सरकार जल्द ही आपातकालीन बजट ला सकती है। वॉशिंगटन के सबसे बड़े फुटबॉल मैदान को हॉस्पिटल में तब्दील किया जा रहा है। पाकिस्तान में हालात भयावह होते जा रहे हैं। यहां बुधवार को दूसरे मरीज ने दम तोड़ दिया।
अमेरिका : फुटबॉल मैदान में अस्पताल
वॉशिंगटन के किंग काउंटी फुटबॉल मैदान को अस्पताल में तब्दील किया गया है। यहां 200 बेड लगाए गए हैं। प्रशासन का कहना है कि यहां सिर्फ संदिग्ध रखे जाएंगे। जिन मरीजों को पॉजिटिव पाया जाएगा उनका इलाज अस्पतालों में ही होगा। यह कदम इसलिए उठाया गया है कि अमेरिका में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। आशंका है कि अस्पतालों में बेड कम पड़ सकते हैं। लिहाजा, उन जगहों का चुनाव किया जा रहा है जहां संदिग्धों को आईसोलेट किया जा सके।
ट्रम्प प्रशासन : आपातकालीन बजट जारी हो सकता है
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि अमेरिकी सरकार जल्द ही एक आपातकालीन बजट जारी कर सकती है। सीनेट और कांग्रेस से जल्द ही इस संबंध में बातचीत की जाएगी। हालांकि, राष्ट्रपति को भी यह विशेषाधिकार है कि वो इमरजेंसी में किसी राज्य या पूरे देश के लिए बजट जारी कर सकें। बाद में इसे संसद मंजूरी दे देती है।
पाकिस्तान : विदेश मंत्री आईसोलेशन में
मंगलवार को पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी और विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी चीन यात्रा पर थे। यहां से लौटने के बाद कुरैशी को गले में दर्द और बुखार की शिकायत हुई। कुरैशी ने खुद को घर में ही आईसोलेट कर लिया है। वो परिवार के सदस्यों से भी नहीं मिल रहे हैं। दुसरी तरफ, बुधवार रात तक पाकिस्तान में संक्रमण के 301 मामले सामने आ चुके थे। दो लोगों की मौत हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्कूलों में आईसोलेशन सेंटर्स बनाए गए हैं। आरोप है कि यहां मास्क, सैनिटाइजर और दवाओं के साथ ही डॉक्टरों की भी किल्लत है।
इजराइल : किसी विदेशी को देश आने की इजाजत नहीं
इजराइल सरकार और सेना संक्रमण से निपटने के लिए हर तरह के उपाय कर रहे हैं। गुरुवार को नेतन्याहू सरकार ने एक और सख्त कदम उठाते हुए देश में किसी भी विदेशी के आने पर रोक लगा दी। यह प्रतिबंध सभी देशों के लिए है। लेकिन, मेडिकल एक्सपर्ट्स और इमरजेंसी फेसेलिटीज को इससे अलग रखा गया है।
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