म्यूनिख. दुनियाभर में रक्षा पर किया जाने वाला खर्च 2019 में 4% बढ़ गया। यह 10 साल में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी है। इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट फॉर स्ट्रैटजिक स्टडीज (आईआईएसएस) की सालाना मिलिट्री बैलेंस रिपोर्ट के मुताबिक, चीन और अमेरिका ने अपने रक्षा बजट में काफी बढ़ोतरी की है और इसका असर ग्लोबल डिफेंस स्पेंडिंग पर पड़ा है।
मिलिट्री बैलेंस रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने 2018-2019 में अपने रक्षा बजट पर 53.4 बिलियन डॉलर यानी करीब 3.81 लाख करोड़ रुपए खर्च किए। यह ब्रिटेन के कुल बजट के बराबर है।
यूरोप के रक्षा बजट में 4.2% इजाफा हुआ
रिपोर्ट में बताया गया कि चीन और अमेरिका दोनों के ही रक्षा बजट में 6.6% की बढ़ोतरी हुई। रशिया को लेकर परेशान यूरोप के रक्षा बजट में 4.2% फीसदी का इजाफा हुआ है। हालांकि, यह बढ़ोतरी 2008 में किए गए रक्षा खर्च के बराबर है। इसके बाद वैश्विक आर्थिक मंदी के चलते बजट में कटौती की गई थी।
ट्रम्प यूरोप पर रक्षा खर्च न बढ़ाने से नाराज
यूरोप के नाटो मेंबर्स लगातार रक्षा पर खर्च बढ़ाए जाने की मांग कर रहे थे, क्योंकि वे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को तसल्ली देना चाहते हैं, जो कि हमेशा ही अमेरिका पर अतिरिक्त भार डालने का आरोप लगाते रहते हैं। ट्रम्प यूरोपीय साथियों पर हमेशा आरोप लगाते रहे हैं कि वे 2014 में किए गए वादों को पूरा नहीं कर रहे हैं। तब यह कहा गया था कि जीडीपी का 2% रक्षा पर खर्च किया जाएगा। इसी के चलते ट्रम्प ने 2018 की समिट के दौरान भी यूरोप खासतौर पर जर्मनी पर नाराजगी जाहिर की थी। जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल के साथ एक टेलीविजन मीटिंग के दौरान ट्रम्प ने इसी मसले पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
No comments:
Post a Comment