नई दिल्ली. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और फर्स्ट लेडी मेलानिया अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस विशेष विमान एयरफोर्स वन से भारत आएंगे। यह एयरक्राफ्ट बोइंग 747-200B सीरीज का है। तकनीकी तौर पर इस एयरक्राफ्ट को काफी समृद्ध बनाया गया है। ईंधन खत्म होने की स्थिति में हवा में ही इसमें रीफ्यूलिंग की जा सकती है। एयरफोर्स वन के किचन इतना बड़ा है कि वहां 100 आदमियों का खाना बन सकता है। आपात स्थिति से निपटने के लिए विमान में एडवांस्ड सर्जरी रूम भी है।
मिसाइल हमला बेअसर, कहीं पर भी कर सकेंगे संवाद
एयरफोर्स वन में एडवांस सिक्योर कम्युनिकेशन सिस्टम लगा हुआ है। इसके जरिए ट्रम्प दुनिया के किसी भी हिस्से में कभी भी संवाद कर सकते हैं। अमेरिका पर हमले की स्थिति में एयरक्राफ्ट मोबाइल कमांड सेंटर के रूप में काम करने लगता है। इस विशेष विमान के रेंज की कोई सीमा नहीं है। राष्ट्रपति की जरूरत के सारे समान इसमें मौजूद होते हैं। किसी भी मिसाइल हमले से बचने के लिए भी यह विमान पूरी तरह से सक्षम है।
1962 में पहली बार इस्तेमाल हुआ था
पहली बार 1962 में राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी की यात्रा के लिए इस विमान को तैयार किया गया था। तब यह बोइंग 707 था। समय और जरूरतों के साथ इसमें कई बदलाव होते रहे।
चलता-फिरता अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय है
4000 वर्गफीट लंबे इस विशेष विमान में अमेरिकी राष्ट्रपति का पूरा कार्यालय है। इसमें अलग-अलग स्तर के तीन सूट हुए हैं। पहला राष्ट्रपति ट्रम्प के लिए है। इसमें प्रेसिडेंट ऑफिस, टॉयलेट, कॉन्फ्रेंस रूम, बेडरूम और किचन है। एक मेडिकल सूट भी होगा। इसमें अत्याधुनिक सुविधाओं लैस ऑपरेशन थिएटर भी है, जिसमें नियमित डॉक्टर मौजूद रहते हैं। किचन में एक साथ सौ लोगों के खाने की व्यवस्था हो सकती है। विमान के पिछले हिस्से में राष्ट्रपति के साथ चलने वाला उनका स्टाफ मसलन सीनियर एडवाइजर, सीक्रेट सर्विस ऑफिसर, प्रेस के लोगों के लिए सूट होते हैं।
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