इस्लामाबाद. इमरान खान ने कहा है कि पाकिस्तान अब किसी दूसरे देश के लिए जंग नहीं लड़ेगा। ईरान और अमेरिका के बीच जारी गहरे तनाव के बीच इमरान का बयान अमेरिका के लिए सीधा संकेत है। पाकिस्तान पूर्व में अमेरिका की अफगानिस्तान में तालिबान और रूस के खिलाफ जंग में मदद कर चुका है। खान ने ये भी कहा कि उनका मुल्क ईरान और अमेरिका के बीच तनाव कम करने की कोशिश जरूर करेगा। पिछले दिनों अमेरिका ने ड्रोन हमले में ईरान के सैन्य कमांडर को मार गिराया था। जवाबी कार्रवाई में ईरान ने इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकाने को तबाह करने का दावा किया था।
मध्यस्थता को तैयार
गुरुवार शाम इस्लामाबाद में छात्र समारोह को संबोधित करते हुए इमरान ने अमेरिका और ईरान की बीच जंग के हालात का जिक्र किया। पाकिस्तान की भौगोलिक स्थिति का भी उल्लेख किया। खान ने कहा, “अमेरिका और ईरान के बीच तनाव कम हो, अमन बहाली हो। इसके लिए हम मध्यस्थता करने तैयार हैं। लेकिन, एक बात मैं साफ कर देना चाहूंगा कि पाकिस्तान अब किसी दूसरे मुल्क की जंग का हिस्सा बिल्कुल नहीं बनेगा। पूर्व में हमने कई बार दूसरों के युद्ध लड़े। अब यह गलती दोहराई नहीं जाएगी।”
इमरान का बयान अमेरिका को इशारा
खाड़ी में जंग जैसे हालात के मद्देनजर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का बयान अहम है। दरअसल, इमरान का बयान साफ तौर पर अमेरिका को संकेत है कि ईरान से युद्ध की स्थिति में पाकिस्तान डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन की मदद नहीं करेगा। करीब ढाई दशक पहले अफगानिस्तान में रूसी सेनाएं मौजूद थीं। अमेरिका ने इन्हें हटाने के लिए पाकिस्तान की मदद से तालिबान तैयार किया। रूस तो अफगानिस्तान से चला गया लेकिन पाकिस्तान में हजारों आतंकी तैयार हो गए। बाद में अमेरिका ने भी पाकिस्तान की मदद करना बंद कर दिया। दोनों मुल्कों के संबंध आज भी अच्छे नहीं कहे जा सकते। लिहाजा, इमरान संकेत दे रहे हैं कि वो अब अमेरिका की जंग के दौरान मदद नहीं कर पाएंगे।
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