नई दिल्ली. नए साल 2020 की ओर बढ़ते हुए एक बहस दुनियाभर में जारी है कि 2019 दशक का आखिरी साल है या नहीं? कुछ लोग लॉजिक देकर कह रहे हैं कि 1 जनवरी 2020 से नया दशक शुरू होगा, जबकि कुछ का दावा है कि नया दशक 1 जनवरी 2021 से शुरू होगा। कुछ एजेंसियों ने इसके लिए बकायदा सर्वे कराकर लोगों की राय पूछी है कि, उनके हिसाब से दशक का आखिरी साल कौन सा है? बहस के बढ़ने के साथ उलझन भी बढ़ रही है और नए-नए तर्क दिए जा रहे हैं।
दिलचस्प बात यह है कि दशक को तय करने के लिए कोई तय मानक नहीं है और दुनिया में इन दिनों चार बड़े तर्क देकर बहस जारी है।लेकिन, वक्त कम है और अब ज्यादातर लोग इस बात के पक्ष में है कि नया दशक 1 जनवरी 2020 से ही माना जाना चाहिए।
अंग्रेजी कैलेंडर के आधार पर बड़ा तर्क 2021 के पक्ष में
पहला तर्क: दुनियाभर में तारीखें ग्रेगोरियनकैलेंडर के अनुसार चलती है। इसे अंग्रेजी कैलेंडर भी कहा जाता है। इसे 1582 में 13वें पोप ग्रेगोरी ने आरंभ किया था। इसके हिसाब से 1 जनवरी को नए साल का पहला दिन होता है। इसके आधार पर लोग तर्क देते हैं कि पहली सदी का पहला साल 1 AD के रूप में माना गया है क्योंकि कैलेंडर में 0 वर्ष की कोई गणना नहीं की जाती है। ऐसे में दशक 1 से शुरू होकर 10 पर खत्म होगा, जैसे कि 2011 से 2020 और नया दशक 1 जनवरी 2021 से शुरू होना चाहिए न कि 1 जनवरी 2020 से।
वैदिक गणित और परम्परा के आधार पर तीन तर्क 2020 के पक्ष में
गणितीय संख्या के आधार पर तर्क: वैदिक गणितीय पद्धति और आर्यभट्ट के सिद्धांतों के मुताबिक 0 से 9 तक दस अंक माने गए हैं। 0 से 9 तक की कतार में चलें तो 2020 से 2029 तक ही दशक होता है। वैदिक ज्योतिष पद्धति में ग्रहों की डिग्री भी 0 से 30 मानी गई है। जो एक से कम हो वो शून्य के दायरे में आता है, जिसे हम दशमलव के जरिए दर्शाते हैं। इसी तरह वर्ष, दशक या शताब्दी की गणना भी शून्य से शुरू होगी। पहले दस वर्ष बीतने पर ही पहला दशक होता है, पहले सौ साल बीतने पर ही हम एक शताब्दी लिख सकते हैं। उसी तरह दशक की गणना भी 0 से 9 के बीच ही उचित है।
नई सदी के स्वागत का तर्क: यदि हमनें 31 दिसंबर 1999 की रात 12 बजे नई सदी का वेलकम किया था तो 1 जनवरी 2000 से सदी का पहला दशक इसी दिन से शुरू हुआ और 31 दिसंबर 2009 को खत्म हुआ। इसका मतलब यह हुआ कि दूसरा दशक 1 जनवरी 2010 से शुरू हुआ और अब 31 दिसंबर 2019 को खत्म होगा, इसीलिए 1 जनवरी 2020 से तीसरे दशक की शुरुआत होगी।
दशक में बच्चे के जन्म का तर्क: अगर आप 1 जनवरी 1990 को पैदा हुए तो आप कौन से दशक में जन्में होंगे? जाहिर तौर पर आप नब्बे के दशक में पैदा हुए हैं क्योंकि हम 80s को अस्सी का दशक और 90s को नब्बे का दशक कहते हैं। ऐस में 2020s की पहली तारीख को इक्कीसवी सदीं के तीसरे दशक की शुरुआत मानी जानी चाहिए।
20 साल पुरानी हैयह बहस
दशक की गणना को लेकर यह उलझन भरी बहस1999 में पहली बार अमेरिका की नेवल ऑब्जरवेटरी में सामने आई थी। अमेरिका में समय की पूरी गणना यहां से ही होती है औरसैटेलाइट से लेकर आईफोन तक सभी कुछ यहीं केबताए समय से चलते हैं। चूंकि 1999 का साल सिर्फ दशक ही नहीं सदी के खत्म होने का साल बताया गया था जबकि इस ऑब्जरवेटरी का मानना था कि नई सदी 1 जनवरी 2001 से शुरू होगी। ऐसा इसलिए था कि ऑब्जरवेटरी की गणना संशोधित जूलियन कैलेंडर के हिसाब से थी। इसी संशोधित कैलेंडर से ग्रेगोरियल कैलेंडर विकसित हुआ और अब इसी सिस्टम को दुनियाभर के एस्ट्रोनॉमर्स और वैज्ञानिक मानते हैं और सुपर कम्प्यूटर से लेकर हर तरह की गणना इसी के आधार पर की जाती है।
न्यू यॉर्क टाइम्स के अनुसार ऑब्जरवेटरी के जनसंपर्क अधिकारी और एस्ट्रोनॉमर ज्योफ चेस्टर के हवाले से बताया कि इस गणना पर शुरू हुई बहस विवाद बन गई और उसके पीछे भी नई कहानी सामने आई। दरअसल, 525 ईसवी में डिनोसिसय एक्सीगस नाम के पादरी ने ईस्टर की तारीख तय करने के लिए कैलेंडर सिस्टम बनाया जिसे एनो डोमिनी या ए.डी. कहा जाता है। यह जीसस के जन्म के आधार पर बनाया गया था और ए.डी. का लैटिन में मतलब है ‘हमारे ईश्वर का वर्ष।’ इसी सिस्टम को दुनियाभर में अपनाया गया है और इतिहास की तमाम तारीखे इसी के हिसाब से बताई जाती है। चूंकि जीसस के जन्म का वर्ष 1 माना गया, न कि शून्य तो यहां पर एक साल का सीधा अंतर पैदा हो गया और तभी से यह बहस जारी है।
सर्वे भी 1 जनवरी 2020 के पक्ष में
YouGov नाम की एक एजेंसी ने इसी उलझन को सुलझाने के लिए एक सर्वे किया और 13,582 लोगों से पूछा कि उनके हिसाब से नया कब से शुरू होगा? जवाब में 64% लोगों ने कहा कि नया दशक 1 जनवरी 2020 से शुरू होगा, और 1 दिसंबर 2029 को खत्म होगा। 19% लोगों ने कहा कि वे कन्फ्यूज हैं और कुछ नहीं कह सकते, जबकि सिर्फ 17% ने कहा कि उनके हिसाब से नया दशक 1 जनवरी 2021 शुरू होगा और 31 दिसंबर 2030 को खत्म होगा।
एक्सपर्ट भी 1 जनवरी 2020 के पक्ष में
टाइमएंडडेट डॉट कॉम के अलावा मेरियम-वेबस्टर डिक्शनरी भी 1 जनवरी 2020 को ही नए दशक का पहला दिन मानते हैं। मेरियम-वेबस्टर की सीनियर एडिटर एमिली ब्रुस्टर कहती हैं कि दशक की गणना प्रचलित कल्चर के हिसाब से है, न कि वैज्ञानिक धारणा के। यह दिलचस्प है कि यह तय करने में थोड़ी मनमानी हो गई है लेकिन यह किसी भाषा की ही तरह पेचीदा है।न्यू यार्क टाइम्स ने फार्मर्स अलमैनेक के एडिटर पीटर गीगर के हवाले से कहा कि, ' अब जबकि लोगों ने दूसरे दशक के समापन का जश्न मनाना शुरू कर दिया है तो इस बहस में उलझना एक तरह से विवाद को बढ़ावा देना है।'
तमाम तर्कों का निष्कर्ष : दैनिक भास्कर ने अपने न्यूज रूम में इन सभी तर्कों को सामने रख बहस की और पाया कि अधिकांश लोग यह मानते हैं कि चूंकि एक दशक में दस साल होते हैं और हमने नई सदी में 1 जनवरी 2000 से पहले दशक, 1 जनवरी 2010 से दूसरे दशक की शुरुआत की थी तो अब 1 जनवरी 2020 से तीसरे दशक की शुरुआत होगी और इसके लिए 1 जनवरी 2021 का इंतजार करने की कोई जरूरत नहीं।
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