अमेरिका में अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस के हाथों मौत का मामला बढ़ता जा रहा है। 50 में से 40 राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस दौरान हिंसा भी हुई। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प खुद फ्लॉयड के परिवार से बातचीत कर चुके हैं। प्रशासन की चिंता ये है कि प्रदर्शनकारी अब व्हाइट हाउस तक पहुंच गए हैं। रविवार देर रात प्रदर्शनकारियों ने व्हाइट हाउस से कुछ मीटर दूरी पर मौजूद 200 साल पुराने सेंट जॉन चर्च को आग लगा दी। 1816 में बने इस चर्च को ‘चर्च ऑफ प्रेसिडेंट्स’ भी कहा जाता है। व्हाइट हाउस में रहने वाला हर अमेरिकी राष्ट्रपति यहां आता रहा है।
व्हाइट हाउस ने अपने कर्मचारियों को एक ई-मेल किया है। इसमें सभी कर्मचारियों से कहा गया है कि वो आते और जाते वक्त अपने एंट्री पास को छिपाकर रखें। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि कर्मचारी प्रदर्शनकारियों के गुस्से का शिकार न बन जाएं या कोई इन पास को छीन न ले। यहां अमेरिका में हो रहे प्रदर्शन की तस्वीरें।
National Guard troops were deployed in 15 US states and Washington, DC as darkness fell in major cities still reeling from five nights of violence and destruction that began with peaceful protests over the death of a black man, George Floyd, in police custody.
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा है कि अमेरिका चीनी सेना की क्षमताओं को देखते हुए भारत समेत दुनिया में अपने सहयोगी देशों को साथ ले सकता है। फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में पोम्पियो ने कहा- चीन की सेना ने जो तरक्की हासिल की है, उसको सच माना जा सकता है।शी जिनपिंग सैन्य ताकत बढ़ाने चाहते हैं।चीन लंबे समय से भारत के लिए खतरापैदा कर रहा है। उससे निपटने के लिए कई देशों का साथ ले सकते हैं।
पोम्पियो के मुताबिक, “अमेरिकी रक्षा विभाग चीनी सेना से होने वाले खतरे को समझने के लिए सभी जरूरी उपायकर रहा है। मुझे भरोसा है कि राष्ट्रपति ट्रम्प के नेतृत्व में हमारी सेना, रक्षा विभाग और सैन्य संस्थान इतने मजबूत हैं कि अमेरिकी लोगों की हिफाजत हमेशा कर सकेंगे।
‘हमसाथीदेशों के अच्छे साझेदार हो सकते हैं’
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, “ हमभारत, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, जापान और ब्राजील समेत दुनिया के अपने सभी साथी देशों के अच्छे साझेदार हो सकते हैं। इससे यह भी तय हो जाएगा कि पश्चिमी देशों में आजादी का जो अमेरिकी मॉडल हैवो इन देशों में भी हो।”भारत-चीन सीमा विवाद पर पोम्पियो ने कहा- यह मार्च से ही चल रहा है। चीन की कम्युनिस्टअपने फायदे के लिए ऐसा कर रही है। हालांकि, चीन लंबे समय से भारत के लिए यह खतरे पैदा कर रहा है।
पहली बार अमेरिकी सरकार ने चीन को जवाब दिया
पोम्पियो ने कहा- अमेरिका में पहली बार ऐसी सरकार है चीन को जवाब देने के लिए तैयार है। जिसने कहा है कि चीन की हरकतें सहन नहीं की जा सकतीं। इस सरकार ने कुछ ऐसे कदम उठाए हैं जो जरूरी थे। इससे यह भी पता चलता है कि हमारी सरकार चीन से अमेरिकी लोगों को बचाने के लिए कितनी गंभीर है।
अमेरिकी संसद में चीन के खिलाफ 60 बिल लंबित
अमेरिकीसंसद में चीन के खिलाफ 60 बिल लंबित होने के बारे में उन्होंने कहा- मैं नहीं जानता कि इनमें से कौन से बिल राष्ट्रपति तक पहुंचेंगे।पिछले सप्ताह चीन के उईगर मुसलमानों से जुड़ा बिल लाया गया था। मैं सांसदों से अपील करूंगा कि वे चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को आगे बढ़ने से रोकने और अमेरिकी लोगों को सुरक्षित रखने में प्रशासन की मदद करें।
अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के मामले में विरोधबढ़ता जा रहा है। राजधानी वॉशिंगटन डीसी समेत 40 शहरों मेंकर्फ्यू लगाया जा चुका है। रविवार रात को भी प्रदर्शनकारियों नेव्हाइट हाउस के सामने काफी प्रदर्शन किया, लिहाजा सुरक्षाबलोंको आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक,शुक्रवार को व्हाइट हाउस के सामने प्रदर्शनों के दौरान राष्ट्रपतिडोनाल्ड ट्रम्प को कुछ देर के लिए अंडरग्राउंड बंकर में ले जाना पड़ा था।
न्यूज चैनल सीएनएन के मुताबिक, वॉशिंगटन समेत 15 शहरोंमें करीब 5 हजार नेशनल गार्ड्स की तैनाती की गई है। जरूरतपड़ने के लिहाज से 2 हजार गार्ड्स को मुस्तैद रहने को कहागया है।
व्हाइट हाउस पर सैकड़ों प्रदर्शनकारी जुटने से लिया फैसला
न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक व्यक्ति के हवाले से रिपोर्ट छापी। इसकेमुताबिक, शुक्रवार को व्हाइट हाउस पर सैकड़ों की तादाद मेंप्रदर्शनकारी जुटे। सुरक्षा के लिहाज से ट्रम्प को एक घंटे से कमवक्त के लिए एक अंडरग्राउंड बंकर में ले जाया गया।प्रदर्शनकारियों के पीछे हटाने में सीक्रेट सर्विस और यूनाइटेडस्टेट्स पार्क पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
अखबार के मुताबिक, ट्रम्प की टीम व्हाइट हाउस के बाहर इतनीबड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों के जुटने से हैरान थे। हालांकि, यहसाफ नहीं हो पाया कि मेलानिया और बैरन ट्रम्प को बंकर में लेजाया गया या नहीं।
26 मई को फ्लॉयड को गिरफ्तार किया गया था
मिनेपोलिस में 26 मई को फ्लॉयड को पुलिस ने धोखाधड़ी केआरोप में गिरफ्तार किया था। इससे पहले एक पुलिस अफसर नेफ्लॉयड को सड़क पर दबोचा था और अपने घुटने से उसकीगर्दन को करीब आठ मिनट तक दबाए रखा था। फ्लॉयड केहाथों में हथकड़ी थी। इसका वीडियो भी वायरल हुआ था। इसमें46 साल का जॉर्ज लगातार पुलिस अफसर से घुटना हटाने कीगुहार लगाता रहा। उसने कहा, 'आपका घुटना मेरे गर्दन पर है।मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं... ।’’ धीरे-धीरे उसकी हरकत बंद होजाती है। इसके बाद अफसर कहते हैं, ‘उठो और कार में बैठो’,तब भी उसकी कोई प्रतिक्रिया नहीं आती। इस दौरान आस-पासकाफी भीड़ जमा हुई। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकीमौत हो गई।
In the picture, the 70-year-old three-time premier is seen sitting at a roadside cafe with his granddaughters.He sported a blue shalwar kameez and a cap and apparently looked in better health. Some ministers got skeptical about the serious nature of his health, saying Sharif is roaming on London streets and he even did not bother to wear mask in this Covid-19 testing time.
दुनिया में अब तक 62 लाख 62 हजार 805 संक्रमित हैं। 3 लाख 73 हजार 855 की मौत हो चुकी है। राहत की खबर यह कि इसी दौरान 28 लाख 46 हजार 523 संक्रमित स्वस्थ भी हुए। अमेरिका और ब्राजील दोनों महामारी से जूझ रहे हैं। लेकिन, एक-दूसरे की मदद का जज्बा बरकरार है। अमेरिका ने कहा है कि वो ब्राजील को एक हजार वेंटिलेटर्स और हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की 20 लाख टेबलेट भेजेगा। खाड़ी देश कतर में मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यहां 24 घंटे में 1648 नए मामले सामने आए।
कोरोनावायरस : 10 सबसे ज्यादा प्रभावित देश
देश
कितने संक्रमित
कितनी मौतें
कितने ठीक हुए
अमेरिका
18,37,170
1,06,195
5,99,867
ब्राजील
5,14,849
29,314
2,06,555
रूस
4,05,843
4,693
1,71,883
स्पेन
2,86,509
27,127
1,96,958
ब्रिटेन
2,74,762
38,489
उपलब्ध नहीं
इटली
2,32,997
33,415
1,57,507
भारत
1,90,609
5,408
91,852
फ्रांस
1,88,882
28,802
68,355
जर्मनी
1,83,494
8,605
1,65,200
पेरू
1,64,476
4,506
67,208
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अमेरिका : ब्राजील को मदद
अमेरिका और ब्राजील ने रविवार को एक संयुक्त बयान जारी किया। इसमें कहा गया है कि अमेरिका बहुत जल्द ब्राजील को एक हजार वेंटिलेटर्स और हायड्रॉक्सीक्लोरोक्विन की 20 लाख गोलियां भेजेगा। बयान के मुताबिक, “ब्राजील में आम लोग ही नहीं बल्कि डॉक्टर्स, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ खतरे का सामना कर रहे हैं। इसलिए वहां एचसीक्यू टेबलेट भेजी जा रही हैं।” अमेरिका में इस टेबलेट का इस्तेमाल जारी है। जबकि, डब्लूएचओ कह चुका है कि वो इस टेबलेट की उपयोगिता के लिए रिसर्च कर रहा है।
कतर : तेजी से बढ़ता संक्रमण
यहां हेल्थ मिनिस्ट्री ने रविवार रात जानकारी दी कि 24 घंटे में 1648 नए मामले सामने आए हैं। इसी दौरान 4 हजार 451 लोग स्वस्थ भी हुए। खाड़ी के इस देश में कुल 56 हजार 910 संक्रमित पाए जा चुके हैं। यहां अब तक 38 लोगों की मौत हो चुकी है। अब तक 22 लाख से ज्यादा टेस्ट किए गए हैं। सरकार ने एक बयान में कहा है कि अगर जरूरत हुई तो देश में नई और सख्त बंदिशें लागू की जा सकती हैं।
ब्रिटेन : क्वीन एलिजाबेथ नजर आईं
महारानी एलिजाबेथ की रविवार को एक तस्वीर सामने आई। इसमें वो घुड़सवारी करती नजर आ रही हैं। ब्रिटेन में लॉकडाउन होने और फिर उसमें ढील दिए जाने के बाद पहली बार क्वीन नजर आईं। 94 साल की एलिजाबेथ शुरू से ही घुड़सवारी की शौकीन रही हैं। तस्वीर शुक्रवार की है लेकिन, इसे जारी रविवार को किया गया। ब्रिटेन में सरकार ने लॉकडाउन में ढील तो दी है लेकिन वहां के डॉक्टर्स और वैज्ञानिक इसका विरोध कर रहे हैं।
बांग्लादेश : लॉकडाउन हटाया
तेजी से बढ़ते मामले और डॉक्टरों की चेतावनी के बावजूद बांग्लादेश सरकार ने रविवार को लॉकडाउन में ढील दे दी। यहां संक्रमण का खतरा शहरों में काफी ज्यादा है क्योंकि बेहद घनी आबादी है। हेल्थ मिनिस्ट्री ने कहा, “हम लॉकडाउन हटा रहे हैं। जिंदगी अब पहले जैसी हो जाएगी। लोग पहले की तरह काम पर जा सकेंगे। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क पहनना जरूरी होगा।” रविवार को यहां 2545 मामले सामने आए। 40 लोगों की मौत हुई।
Local leaders appealed to citizens to give constructive outlet to their rage over the death of an unarmed black man, while night-time curfews were imposed in cities such as Washington, Los Angeles, Houston and Minneapolis, which has been the epicenter of unrest.
The new law under which China can establish the presence of its security forces in Hong Kong for the first-time evoked strong protests from thousands of local people. The protests were expected to be intensified in the coming weeks. China says the new law is aimed at throttling secession, subversion, terrorism, foreign interference or activities that threaten national security.
"Connected by the Indian Ocean, united by the Indian Samosa! Looks delicious, PM @ScottMorrisonMP! Once we achieve a decisive victory against COVID-19, we will enjoy the Samosas together. Looking forward to our video meet on the 4th," the Prime Minister said in a tweet.
नेपाल सरकार ने अपने नए मानचित्र को संविधान में शामिल करने के लिए संसद में बिल पेश किया है। इस नए नक्शे में भारत के तीन इलाकों लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा शामिल हैं।विपक्षी पार्टियों ने भी इस मुद्दे पर सरकार को समर्थन देने का वादा किया है।
कानून, न्याय और संसदीय मामलों के मंत्री शिवमया तुंबांगफे ने प्रतिनिधि सभा में संविधान संशोधन बिल पेश किया। नेपाल अपने कोट-ऑफ-आर्म्स (देश के चिह्न) में नए मानचित्र को शामिल करने जा रहा है, जिसके लिए संविधान की अनुसूची-3 में संशोधन की जरूरत है। बिल पर सदन में विचार-विमर्श होगा। दोनों सदनों से बिल के पास होने के बाद राष्ट्रपति इस पर दस्तखत करेंगे।
10 दिन में बिल पास हो सकता है
नेपाल में आमतौर पर संविधान संशोधन बिल पास होने में एक महीने का समय लग जाता है। सूत्रों के मुताबिक इस बार नेपाली संसद बिल को अगले दस दिनों पास करने की कोशिश करेगी। इसके लिए कई प्रक्रियाओं को दरकिनार भी किया जा सकता है।
नेपाल ने 18 मई को जारी किया था नया मानचित्र
भारत नेलिपुलेख से धारचूलातक सड़क बनाई है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने8 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसका उद्घाटन किया था, इसके बाद ही नेपाल की सरकार ने विरोध जताते हुए 18 मई को नया मानचित्र जारी किया था। इसमें भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को अपने क्षेत्र में बताया। 22 मई को संसद में संविधान संशोधन का प्रस्ताव भी दिया था। हाल ही में भारत के सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने कहा था कि नेपाल ने ऐसा किसी और (चीन) के कहने पर किया।
संविधान संशोधन के लिए दो-तिहाई वोट की जरूरत
नेपाल की सरकार को संविधान में संशोधन के लिए दो-तिहाई वोट की जरूरत है। सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी को निचले सदन को निचले सदन से प्रस्ताव पास कराने के लिए 10 सीटों की जरूरत है। इसलिए सरकार को दूसरी पार्टियों को भी मनाना पड़ रहा है।विपक्षी पार्टियों के सहमत होने पर माना जा रहा है कि यह बिल दोनों सदनों सेपास हो जाएगा।
ओली ने राष्ट्रवाद से जोड़कर विपक्षी पार्टियों से समर्थन मांगा
इससे पहले 27 मई को ओली संविधान संशोधन का बिल पेश नहीं कर पाए थे। मधेसी पार्टियों ने बिल पर असहमति जताई थी। इसके बाद प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस मामले को राष्ट्रवाद से जोड़कर समर्थन हासिल करने की मुहिम चलाई। इसके चलते विपक्षी पार्टियों को झुकना पड़ा। उन्होंने इस मामले पर सरकार का समर्थन करने की बात कही है।
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने रविवार को आम कीचटनी के साथ समोसे का स्वाद लिया। इस मौके पर उन्होंनेप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोयाद किया। मॉरिसन ने ट्वीट कर कहा, 'ये रहा रविवार का ‘स्कॉ-मोसा’। मैंने इन्हें आम की चटनी के साथ तैयार किया है। ये शाकाहारी हैं। इस हफ्ते में प्रधानमंत्री मोदी के साथ वीडियो लिंक के जारिएबैठक करूंगा।अगर ऐसा नहीं होता तो मैं इसे उनके साथ शेयर करनापसंद करता।'
मॉरिसन ने अपनी ट्वीट के साथ एक तस्वीर भी पोस्ट की, जिसमें वे हाथों में समोसा और आम की चटनी कीट्रे लिए नजर आ रहे हैं। उन्होंने अपने इस ट्वीट में मोदी को भी टैग किया।
4 जून को होगी मॉरिसन-मोदी की वीडियो लिंक बैठक
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री मॉरिसन और मोदी की बैठक 4 जून को वीडियो लिंक के जरिए होगी। इसमें दोनों देशों के हितों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होगी। बैठक में भारत और ऑस्ट्रेलिया विज्ञान और प्रौद्योगिकी, सैन्य रसद समेत कुछ अन्य अहम द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे। इससे पहले कोरोना से निपटने के लिए मोदी की अपील पर हुई जी-20 देशों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मॉरिसन और मोदी की बातचीत हुई थी।
मोदी के साथ मॉरिसन ने ली थी सेल्फी
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल जून में जापान के ओसाका में हुए जी-20 समिट में हिस्सा लिया था। इसमें ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मॉरिसन और मोदी के बीच दोस्ताना संबंध सामने आए थे। मॉरिसन ने समिट के बाद मोदी के साथ सेल्फी ली थी। इसके बाद मॉरिसन ने खुद ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी थी। उन्होंने मोदी की तारीफ करते हुए उन्हें एक अच्छा इंसान बताया था। मॉरिसन ने मोदी के साथ अपनी एक तस्वीर भी पोस्ट की थी।
Jerusalem's Al-Aqsa mosque compound, Islam's third holiest site, reopened on Sunday after being closed for over two months because of the coronavirus pandemic.
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की लंदन में सड़क किनारे एक कैफे में बैठे हुए तस्वीर सामने आई है। इसके बाद से पाकिस्तान में उनकी सेहत को लेकर एक बार फिर से बहस शुरू हो गई है। विपक्षियों का कहना है कि शरीफ जब ठीक हैं तो वापस पाकिस्तान क्यों नहीं लौट रहे हैं? वहीं, नवाज के समर्थकों ने उन्हें स्वस्थ देखकर खुशी भी जताई है। नवाज पर भ्रस्टाचार के कई मुकदमे चल रहे हैं। एक दिन पहले ही उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है।
फोटो में नवाज शरीफ अपनी पोतियों के साथ सड़क किनारे कैफे में बैठे हुए दिख रहे हैं। वेनीली सलवार कमीज पहने हुए हैं और एक टोपी लगा रखी है। डॉन की खबर के मुताबिक पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) की प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने कहा कि नवाजसड़क पर टहलने निकले थे। इसदौरान वेएक कैफे में रुके, तभी राहगीरों ने उनकी फोटो लेकर सोशल मीडिया में डाल दी।
मरियम नवाज ने कहा- अपमानित करने के इरादे से फोटो जारी हुई
नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने भी ट्वीट किया, ‘‘नवाज शरीफ की फोटो उन्हें अपमानित करने के इरादे से जारी की गई थी, लेकिन मियां साहब के समर्थक इस फोटो को देखकर खुश हो गए। विरोधियों को उनसेकुछ सीखना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि जब उनकी मां आईसीयू में थीं, तब भी ऐसे लोग उनकी तस्वीर लेने की कोशिश करते थे। उनके लिए नवाज शरीफ और उनके परिवार की महिलाओं की फोटो लेने में कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने लोगों से ऐसी चीजें नहीं करने के लिए कहा है।
जनवरी में भी एक फोटो सामने आई थी
जनवरी की शुरुआत में भी नवाज की एक फोटो वायरल हुई थी। इसमें वेलंदन के रेस्टोरेंट में अपने परिवार के कुछ सदस्यों के साथ चाय पी रहे थे। पीएमएल-एन ने शरीफ के स्वास्थ्य पर राजनीति करने के लिए पीटीआई नेताओं की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि सरकार को ‘शरीफ फोबिया’ खत्म करना चाहिए और देश के महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए। कोर्ट की इजाजत मिलने पर नवाज शरीफ पिछले साल नवंबर में इलाज कराने के लिए लंदन गए थे।
एक दिन पहले ही गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ था
पाकिस्तान की जवाबदेही अदालत ने भ्रष्टाचार के एक मामले में पेश नहीं होने पर शनिवार को नवाज शरीफ के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। नवाज के अलावा पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के खिलाफ विदेशी मेहमानों से लग्जरीवाहन और अन्य उपहार लेने के मामले में सुनवाई हुई। नियमों के मुताबिक ये देश की संपत्ति है। इस मामले में नवाज शरीफ और जरदारी नहीं पेश हुए थे। इस पर उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था।
US President Donald Trump wants to reformat G7, the group of seven advanced economies in the world, to make it a G10 or G11 that would include India, Australia, South Korea, and Russia.
Curfews were imposed in major US cities Saturday as clashes over police brutality escalated across America with demonstrators ignoring warnings from President Trump that his govt would stop the violent protests "cold." Los Angeles, Chicago and Atlanta were among two dozen cities ordering people to stay indoors overnight as more states called in National Guard soldiers to help control the civil unrest
अमेरिका के मिनेसोटा राज्य के मिनेपोलिस शहर में पुलिस हिरासत में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद 30 शहरों में प्रदर्शन हो रहे हैं। कई शहरों में शनिवार रात पुलिस और प्रदर्शनकारियों में झड़प हुई। लॉस एंजिल्स, फिलाडेल्फिया और अटलांटा समेत 16 राज्यों के 25 शहरों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। ट्रम्प ने प्रदर्शनकारियों के चेतावनी देते हुए कहा है कि हमारे पास खतरनाक कुत्ते और घातक हथियार हैं।
प्रदर्शन के दो दिनों के दौरान हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों में 80%मिनेपोलिस से हैं। गुरुवार दोपहर से शनिवार दोपहर तक दंगा, चोरी, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में 51 लोगों को हिरासत में लिया गया। इनमें से 43 लोग मिनेसोटा राज्य के थे।
ट्रम्प ने कहा- मैं सब देख रहा था
प्रदर्शनकारियों ने व्हाइट हाउस के बाहर भी शुक्रवार को सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन किया था, जिसके बाद इसे बंद कर दिया गया था। शनिवार को भी प्रदर्शनकारी व्हाइट हाउस के बाहर इकट्ठा हुए। इसके बाद सुरक्षा अधिकारियों से उनकी झड़प भी हुई। ट्रम्प ने व्हाइट हाउस की सुरक्षा करने वाले अमेरिकी सीक्रेट सर्विस के अधिकारियों की प्रशंसा की है।
ट्रम्प ने कहा, ‘‘वेरी कूल, मैं अंदर था और हर एक घटना देख रहा था। मैं बहुत सुरक्षित महसूस कर रहा था। पेशेवर तरीके से संगठित बड़ी भीड़, लेकिन कोई भी फेंस को तोड़ने के लिए नजदीक नहीं आया। अगर वे आते तो उनका स्वागत खतरनाक कुत्तों और घातक हथियारों से होता। ’’इसके साथ ही ट्रम्प ने वॉशिंगटन डीसी के मेयर मुरेल बाउजर पर अमेरिकी सीक्रेट सर्विस की मदद के लिए पुलिस नहीं मुहैया कराने का आरोप लगाया है।
इन राज्योंमें हो रहा प्रदर्शन
कैलिफोर्निया, कोलोराडो, फ्लोरिडा, जॉर्जिया, इलिनॉय, केंटकी, मिनेसोटा, न्यूयॉर्क, ओहायो, ओरेगन, पेंसिल्वेनिया, साउथ कैरोलिना, टेनेसी, उटाह, वॉशिंगटन, विस्कॉन्सिन।
बिडेन ने कहा- हम दर्द में हैं
डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बिडेन ने भी जॉर्ज फ्लायड की मौत पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि हम एक देश के तौर पर दर्द में हैं।
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26 मई को फ्लॉयड को गिरफ्तार किया गया था
मिनेपोलिस में 26 मई कोफ्लॉयड को पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया था। इससे पहले एक पुलिस अफसर ने फ्लॉयड को सड़क पर दबोचा था और अपने घुटने से उसकी गर्दन को करीब आठ मिनट तक दबाए रखा था। फ्लॉयड के हाथों में हथकड़ी थी। इसका वीडियो भी वायरल हुआ था। इसमें 40 साल का जॉर्ज लगातार पुलिस अफसर से घुटना हटाने की गुहार लगाता रहा। उसने कहा, 'आपका घुटना मेरे गर्दन पर है। मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं... ।’’ धीरे-धीरे उसकी हरकत बंद हो जाती है। इसके बाद अफसर कहते हैं, ‘उठो और कार में बैठो’ तब भी उसकी कोई प्रतिक्रिया नहीं आती। इस दौरान आस-पास काफी भीड़ जमा होती है। उसे अस्पताल ले जाया जाता है, जहां उसकी मौत हो जाती है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने जून में होने वाली जी-7समिटटालने का फैसला किया है। उन्होंने शनिवार को अपने आधिकारिक प्लेनएयरफोर्स वन पर इस सम्मेलन से जुड़े सवालों के जवाब देते हुए इस बात की जानकारी दी। ट्रम्प ने कहा, ‘‘मैंने इस शिखर सम्मेलन के टालने का फैसला किया है। मुझे नहीं लगता है कि जी-7 दुनिया की मौजूदा स्थिति का सही ढंग से प्रतिनिधित्व करता है। यह देशों का बहुत पुराना समूह है।’’
ट्रम्प ने यह भी कहा,‘‘जी-7 के बदले एक विस्तारित सम्मेलन बुलाया जाएगा। इसमें भारत, रूस, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों को भी आमंत्रित करना चाहेंगे। अब यह सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के पहले या उसके बाद हो सकता है।’’
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होना था सम्मेलन
जी-7 में अमेरिका, फ्रांस, कनाडा, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान और इटली शामिल हैं। सभी सदस्य देश बारी-बारी से सालाना बैठक का आयोजन करते हैं। इस बार अमेरिका केकैंप डेविड में जी-7 सम्मेलन होना था। हालांकि, कोरोना की वजह से सदस्य देशों के नेताओं का व्यक्तिगत तौर पर आना मुमकिन नहीं था। ऐसे में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जून में यह बैठक बुलाने का फैसला किया गया था।
इससे पहले अमेरिका में 2012 में जी-7 समिट हुई थी
आखिरी बार अमेरिका मेंयह समिट 2012 में हुई थी। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा नेमैरीलैंड के कैंप डेविड में सरकारीइमारत में समिट कराई थी। 2004 मेंपूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश नेजॉर्जिया केसी आइलैंडरिजॉर्ट में इसे आयोजित किया था। अगस्त 2019 मेंजी-7 समिट फ्रांस के बियारिट्ज शहर में हुईथी।
दुनिया में अब तक 61 लाख 54 हजार 35 लोग संक्रमित हैं। 27 लाख 34 हजार 637 लोग ठीक हुए हैं। मौतों का आंकड़ा 3 लाख 70 हजार 893 हो गया है। ब्राजील में 24 घंटे में संक्रमण के 30 हजार से ज्यादा मामले मिले हैं। देश में मरीजों की संख्या करीब 5 लाख हो चुकी है।
कोरोनावायरस : 10 सबसे ज्यादा प्रभावित देश
देश
कितने संक्रमित
कितनी मौतें
कितने ठीक हुए
अमेरिका
18,16,820
1,05,557
5,35,238
ब्राजील
4,98,440
28,834
2,05,371
रूस
3,96,575
4,555
1,67,469
स्पेन
2,86,308
27,125
1,96,958
ब्रिटेन
2,72,826
38,376
उपलब्ध नहीं
इटली
2,32,664
33,340
1,55,633
फ्रांस
1,86,625
28,771
68,268
जर्मनी
1,83,294
8,600
1,64,900
भारत
1,81,827
5,185
86,936
तुर्की
1,63,103
4,515
1,26,984
ये आंकड़ेhttps://ift.tt/37Fny4L से लिए गए हैं।
ब्राजील: मौतों का आंकड़ा फ्रांस से ज्यादा
ब्राजील में एक दिन में 890 लोगों ने दम तोड़ा है। यहां मौतों का कुल आंकड़ा 28 हजार 834 हो गया है। यह संख्या यूरोप के चौथे सबसे संक्रमित देश फ्रांस से ज्यादा हो गई है। फ्रांस में अब तक 28 हजार 771 लोगों की मौत हो चुकी है।
अमेरिका: एक दिन में 960 की मौत
अमेरिका में एक दिन में 960 की जान गई है और 23 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। यहां 1 लाख 5 हजार 557 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 18 लाख 16 हजार से ज्यादा संक्रमित मिल चुके हैं।
स्पेन: 24 घंटे में 271 नए मामले
स्पेन में 24 घंटे में 271 नए मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि देश में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2 लाख 39 हजार 228 हो गई है। मैड्रिड में 95 नए मामले मिले, जबकि कैटालोनिया में 88 मामले सामने आए हैं। स्पेन में पिछले सात दिनों में 43 मौतें हुई हैं। कुल मौतों की संख्या बढ़कर 27,125 हो गई है। स्पेन में लॉकडाउन में ढील देने के लिए 28 अप्रैल से चार चरणों का प्लान शुरू किया गया है। इसमें पहली चरण की शुरुआत 11 मई से हुई है।
सऊदी अरब: 1618 नए केस मिले
सऊदी अरब में 1618 नए मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने ट्वीट कर ये जानकारी दी। देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 83 हजार 384 हो गई है। इस दौरान 22 मौतें सामने आने के बाद कुल मौतों की संख्या बढ़कर 480 हो गई है। देश में 1870 मरीज स्वस्थ हुए हैं। स्वस्थ मरीजों की संख्या बढ़कर 58 हजार 883 हो गयी है। स्वास्थ्य मंत्री तौफीक अल-रबिया ने जनता से एहतियात बरतने की अपील की है।
कतर: 2,355 नए मामले
कतर में 24 घंटे में 2,355 नए मामले सामने आए हैं। संक्रमितों की संख्या बढ़कर 55 हजार 262 हो गई है। यहां मौतों की संख्या 36 पर स्थिर है। एक दिन में 5,235 मरीजों की हालत में सुधार आया है। कुल स्वस्थ मरीजों की संख्या बढ़कर 25 हजार 839 हो गई है। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, विदेशी श्रमिकों और कतर के नागरिकों के बीच नए मामले सामने आए हैं। कतर में संक्रमण का खतरा बढ़ने के बावजूद रविवार से ज्यादातर बिजनेसेज खुल रहे हैं।
चिली: 94,858 मामले
चिली में शनिवार को संक्रमितों की संख्या 94 हजार 858 हो गई है। वहीं, 997 लोगों की इस बीमारी से मौतें हो चुकी हैं। 24 घंटें में 4,220 नए मामले सामने आए हैं और 53 मौतें हुई हैं। इस बीमारी से अब तक 40 हजार 431 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। है।
अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी एपलाइड फिजिक्स लेबोरेटरी के वरिष्ठ वैज्ञानिक जेर्ड इवांस कहते हैं कि अभी यह पता नहीं कि सीमित बारिश का असर वायरस पर क्या होगा। हालांकि, अधिकांश विशेषज्ञ यह मानते हैं कि बारिश में नमी के कारण वायरस तीव्र हो जाता है, जिससे बारिश में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
हालांकि, वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के ग्लोबल हेल्थ, मेडिसिन और एपिडिमियोलॉजी के प्रोफेसर जेर्ड बेटेन कहते हैं कि बारिश कोरोनावायरस को डायल्यूट (घोलकर कमजोर कर देना) कर सकती है। जिस तरह धूल बारिश के पानी में घुलकर बह जाती है, ठीक वैसे ही यह कोरोनावायरस भी बह सकता है। वहीं कई विशेषज्ञों का मानना है कि बारिश साबुन के पानी की तरह सतह को डिसइंफेक्ट करने में सक्षम नहीं है।
बारिश और कोरोना से जुड़े दो अहम सवाल
क्या बारिश से वायरस साफ नहीं हो सकते हैं?
यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड के मुताबिक, ऐसे मामले भी आए हैं जिनमें 17 दिनों के बाद भी सतह पर कोरोना वायरस पाया गया है। ऐसे में फिलहाल यह नहीं कहा जा सकता है कि बारिश से किसी सतह, मैदान या कुर्सी पर लगा वायरस साफ हो जाएगा। इसलिए बारिश में अतिरिक्त सावधानी जरूरी है।
क्या बारिश से कोरोनावायरस धीमा भी नहीं पड़ेगा?
यूनिवर्सिटी ऑफ डेलावेयर की एपिडिमियोलॉजी डिपार्टमेंट की संस्थापक और वैज्ञानिक जेनिफर होर्ने के मुताबिक, बारिश का पानी वायरस की सफाई नहीं कर सकता है। इससे वायरस फैलने-पनपने की रफ्तार भी धीमी नहीं होगी। यह उसी तरह है कि हाथ पानी से धोएंगे तो वायरस नहीं मरेगा, साबुन लगाना पड़ेगा।
भारतीय विशेषज्ञ भी बोले- वायरस की सक्रियता बढ़ेगी
ये तीन तथ्य जो बताते हैं कि बारिश में सावधानी बढ़ानी पड़ेगी
वायरस देर तक रहता है: एम्स के कम्यूनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. संजय राय का कहना है कि बारिश और कोरोना पर अध्ययन नहीं हुआ है। लेकिन, वायरस की सक्रियता में कमी नहीं बल्कि तीव्रता और बढ़ेगी। बारिश में तापमान और आद्रता किसी भी वायरस के फैलने और अधिक देर तक रहने में मददगार होती है।
जहां बारिश वहां भी मामले आए: आईसीएमआर की ओर से कोविड-19 के लिए बनाई गई रिसर्च और ऑपरेशन टीम के सदस्य को-एपिडेमोलॉजिस्ट प्रो.डॉ.नरेंद्र अरोड़ा कहते हैं कि बारिश में कोरोना कम होगा इसकी संभावना नहीं है। इंडोनेशिया और सिंगापुर में पूरे वर्ष बारिश होती है, लेकिन वहां लगातार मामले आ रहे हैं।
अस्पताल पर बोझ बढ़ेगा: राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के डॉ.एसी धारीवाल कहते हैं कि बारिश के मौसम में डेंगू, चिकनगुनिया, सामान्य फ्लू वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ेगी, यह एक अलग परेशानी है। ज्यादा लोग अस्पताल में भर्ती होंगे तो संक्रमण का खतरा भी ज्यादा होगा।