नए साल पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक और सख्त फैसला किया। ट्रम्प ने अप्रवासियों यानी इमीग्रेंट्स को मिलने वाले वीजा पर राहत देने से इनकार कर दिया। गुरुवार रात जारी एग्जीक्यूटिव ऑर्डर में इमीग्रेशन और वर्क वीजा पर पाबंदियां 31 मार्च तक बढ़ा दी गईं। इससे ग्रीन कार्ड की उम्मीद लगाए लोगों को भी झटका लगा।
ऐन वक्त पर फैसला
ट्रम्प प्रशासन ने पहली बार इन वीजा पर बैन अप्रैल से जून तक लगाया था। जून में इसे 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया। अब जबकि ट्रम्प की व्हाइट हाउस से विदाई होनी तय है, उन्होंने अमेरिकियों को लुभाने की फिर कोशिश की। इमीग्रेशन और वर्क वीजा पर बैन को तीन महीने और बढ़ा दिया।
फैसले की वजह क्या
CNN ने सूत्रों के हवाले से बताया कि अमेरिकी नागरिकों को ज्यादा नौकरियां और अवसर मिलें, इसलिए यह फैसला लिया गया है। ग्रीन कार्ड के लिए अप्लाई करने वाले एप्लीकेंट्स को दिक्कत ज्यादा होगी। उनको अब मार्च तक इंतजार करना पड़ेगा। अस्थायी तौर पर रोजगार की तलाश में अमेरिका जाने वाले लोगों को भी अब तीन महीने तक इंतजार करना होगा। ट्रम्प ने जून में ही कहा था- महामारी की वजह से अमेरिकी लोगों के रोजगार छिन रहे हैं। लिहाजा, हम हर वो फैसला लेंगे, जो अमेरिका और अमेरिकी लोगों के हित में होगा।
बाइडेन का सिर्फ मौखिक विरोध
प्रेसिडेंट इलेक्ट जो बाइडेन 20 जनवरी को शपथ लेंगे। उन्होंने जून और इसके बाद अक्टूबर में कैम्पेन के दौरान इन प्रतिबंधों का विरोध किया। हालांकि, ये अब तक साफ नहीं है कि क्या बाइडेन राष्ट्रपति बनने के बाद इस फैसले को पलट देंगे। ट्रम्प के इस कदम का ज्यादातर अमेरिकी समर्थन करेंगे। इसकी वजह यह है कि अमेरिका में अब भी करीब 2 करोड़ लोग बेरोजगारी भत्तों पर जिंदगी गुजार रहे हैं।
अक्टूबर में कैलिफोर्निया की एक अदालत ने ट्रम्प के फैसले को एकतरफा बताते हुए इस पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कहा था- इससे जो नुकसान होगा, उसकी भरपाई नामुमकिन हो जाएगी। कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट ने सर्किट कोर्ट यानी ऊपरी अदालत में अपील की। उसने स्टे दे दिया। अगली सुनवाई 19 जनवरी को होगी।
Around 50 countries around the world have already started vaccinating their people against Covid-19, barely a year after the first alert by China signalled the start of the epidemic.
North Korean leader Kim Jong Un thanked the public for their trust and support "in the difficult times" and wished them happiness and good health in his first New Year's Day cards sent to his people.
दुनिया में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 8.37 करोड़ के ज्यादा हो गया। 5 करोड़ 93 लाख से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। अब तक 18 लाख 24 हजार से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। ब्रिटेन के वैक्सीन एक्सपर्ट ने कहा है कि यूके और साउथ अफ्रीका में पाए गए कोविड-19 के नए वैरिएंट को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। उनके मुताबिक, यह पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों के लिए सतर्क रहने का मौका है।
वायरस पर नजर रखनी होगी
बिटेन के वैक्सीन एक्सपर्ट डॉक्टर पॉल आफिट ने CNN से बातचीत में कहा- यूके और साउथ अफ्रीका में मिले कोविड-19 के नए वैरिएंट ने हम सबकी चिंताएं बढ़ा दी हैं। खासतौर पर यह वैज्ञानिकों के लिए एक गंभीर चेतावनी है कि वे वायरस की सीक्वेंसिंग और इसके म्यूटेशन पर फोकस करें। डॉक्टर पॉल ब्रिटेन फूड एंड ड्रग एडवाइजरी कमेटी के भी मेंबर हैं। ब्रिटेन में फाइजर वैक्सीन को मंजूरी देने में उनका अहम योगदान है। वैक्सीन रिसर्च से पॉल पहल भी जुड़े रहे हैं।
पॉल ने कहा- यह याद रखिए कि कोरोना एक आरएनए वायरस है। इसका मतलब आसान भाषा में इस तरह समझा जा सकता है कि यह इन्फ्लूएंजा और मीजल्स यानी खसरे की वायरस की तरह फैलता है। इसके कई वैरिएंट्स हो सकते हैं। ऐसे में वैज्ञानिकों की यह जिम्मेदारी हो जाती है कि वे इसके वैरिएंट्स पर नजर बनाए रखें। कम से कम एक साल पर तो इस पर फोकस करना ही होगा।
मुश्किल में अमेरिकी अस्पताल
अमेरिका में गुरुवार को फिर अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ी। CNN ने अमेरिकी हेल्थ डिपार्टमेंट के हवाले से बताया कि एक ही दिन में 1 लाख 25 हजार 379 संक्रमित अस्पताल पहुंचे। इसके पहले भी कोविड ट्रैकिंग प्रोजेक्ट यानी सीटीपी ने बताया था कि पिछले हफ्ते बुधवार को एक लाख 25 हजार 335 मरीज अस्पतालों में भर्ती हुए। लगातार 13वें दिन देश के अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या एक लाख से ज्यादा रही।
WHO ने दी राहतभरी खबर
कोरोना की मार झेल रही दुनिया के लिए वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने नए साल पर बड़ा ऐलान किया है। 2021 के पहले ही दिन WHO ने फाइजर-बायोएनटेक की कोरोना वैक्सीन को इमरजेंसी यूज के लिए अप्रूव्ड कर दिया। कोरोना की यह पहली वैक्सीन है जिसे WHO की तरफ से अप्रूवल मिली है। अब दुनिया के सभी देश जल्द से जल्द इस वैक्सीन को इस्तेमाल में ला सकते हैं। WHO ने एक स्टेटमेंट जारी कर बताया कि फाइजर की इस वैक्सीन का इमरजेंसी यूज किया जा सकता है। टेस्टिंग में सभी मानकों पर ये खरी उतरी है।
उम्मीद। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है ‘के-2’ को सख्त सर्दी में फतह करने की हमारी जिद। हर साल सर्दियों में इसे फतह करने पर्वतारोही निकल पड़ते हैं। भले ही आज तक कोई सफल न हो पाया हो। इस बार सेवन समिट ट्रैकिंग का 55 सदस्यीय दल दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची (8,611 मीटर) चोटी को जीतने निकला है।
इस एक्सपीडिशन का नाम है- मिशन इम्पॉसिबिल। इस मिशन दल के मुखिया छांग दावा शेरपा ने गिलगित बाल्टिस्तान से फोन पर बताया- ‘दुनिया में 8 हजार मीटर से अधिक ऊंचे 14 पर्वत शिखर हैं। माउंट एवरेस्ट सहित 13 पर्वत ऐसे हैं, जहां सर्दियों में भी पर्वतारोही चढ़ाई में सफल हुए हैं। लेकिन के-2 अभी तक अजेय है।
हम यात्रा शुरू कर चुके हैं। उम्मीद है फरवरी के तीसरे हफ्ते तक अपने मिशन को पूरा कर चुके होंगे। हमारे दल में 28 नेपाली शेरपाओं के अलावा 27 विदेशी (अमेरिका, इंग्लैंड, नीदरलैंड्स, बुल्गारिया, स्पेन, स्विट्जरलैंड, फिनलैंड और ग्रीस) पर्वतारोही हैं।’ सफर की चुनौतियों के बारे में छांग बताते हैं- ‘पर्वत शिखर चीन-पाक सीमा पर काराकोरम पर्वत श्रृंखला में है।
चोटी पर 6000 मीटर तक चट्टानें और फिर बर्फ हैं। तापमान भी -25 से -45 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। पर्वत हमारे लिए नया नहीं है, लेकिन के-2 अलग ही रोमांच है। यहां कैंप-2 से ही खतरा शुरू हो जाता है, जो बॉटलनेक तक बढ़ता जाता है। पर्वतारोहियों के दिमाग में फिसल जाने का डर हमेशा बना रहता है। यहां सफल होने की संभावना सदा ही 30% से कम ही रहती है, भले ही पहले से कितनी ही तैयारियां क्यों न कर ली गई हों।
दावा: दल फतह नहीं कर पाया तो आगे संभव नहीं
8 हजार मीटर से अधिक ऊंचाई वाले सभी शिखर पर विजय पाने वाले सेवन समिट ट्रैक के चेयरमैन मिंगमा शेरपा कहते हैं- ‘के-2 को फतह करने की संभावना हमेशा से कम ही रही है। यदि यह दल शिखर पर नहीं पहुंच सका तो फिर कोई नहीं पहुंच पाएगा।’ 1953 में अमेरिकी पर्वतारोही जॉर्ज बेल ने कहा था- ‘के-2 बर्बर पहाड़ है, ये आपको मारने की कोशिश करता है। दुनिया के पांच सबसे ऊंचे पर्वत शिखरों में से के-2 सबसे खतरनाक है। शिखर पर पहुंचने वाले हर चार में से एक पर्वतारोही यहां अपनी जान गंवा बैठता है।’
के-2 सबसे बर्बर पहाड़; चार में से एक पर्वतारोही गंवा देता है अपनी जान
8611 मीटर ऊंची चोटी में 6 हजार मीटर तक चट्टानें और फिर बर्फ; यहां का तापमान भी -25 से -45 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है।
55 सदस्यीय दल दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची चोटी के-2 को फतह करने निकला है; इनमें 28 नेपाली शेरपा और 27 विदेशी पर्वतारोही हैं।
14 पर्वत हैं दुनिया में जो 8 हजार मीटर से ज्यादा ऊंचे हैं; माउंट एवरेस्ट सहित 13 पर्वत ऐसे हैं, जहां सर्दियों में भी पर्वतारोही चढ़ाई में सफल हो चुके हैं।
21 लाख रुपए कम से कम खर्च आता है एक पर्वतारोही का; जबकि पाकिस्तान सरकार पर्वत फतह करने वालों को काफी रियायत भी देती है।
चुनौती: 3.5 किमी खड़ी ऊंचाई; 2 माह रहना होगा
सेवन समिट नेे दो टीमें बनाई हैं, जो बारी-बारी बेस कैंप से शिखर की ओर बढ़ेंगी। टीम ब्लैक पिरामिड के पास कैंप-3 बनाएगी और कैंप-4 की ओर बढ़ जाएगी। अधिकांश हादसे कैंप-3 पर होते हैं और चढ़ाई यहीं समाप्त हो जाती है।
बेस कैंप से ही खड़ी ऊंचाई 3.5 किमी है। चिमनी हाउस पर कैंप-2, फिर ब्लैक पिरामिड से आगे कैंप-3 और के-2 पर्वत के शोल्डर (8000 मीटर) से 50 मीटर नीचे कैंप-4 (7950 मीटर) है।
टीमें बॉटलनेक (8210 मी.) होते हुए एब्रूजी से जाती हैं, लौटते हुए कैंप-3 व कैंप-4 आती हैं। यहां सबसे खतरनाक बोटलनेक है। पर्वतारोहियों को दो महीने सबसे दुर्गम ग्लेशियर में रहना होगा।
रणनीति: हर दिन 2-3 घंटे ही चढ़ाई कर पाते हैं पर्वतारोही
पर्वतारोहण की चुनौतियां बेस कैंप पहुंचने के पहले ही शुरू हो जाती है। इस्लामाबाद से बेस कैंप पहुंचने में ही 8 दिन लग जाते हैं। रास्ते में कहीं होटल नहीं है। पर्वतारोहियों को अपना सारा सामान खुद लेकर चलना होता है। कदम-कदम पर हिमस्खलन का खतरा बना रहता है।
तूफानी हवाएं चलती हैं। हर दिन महज दो से तीन घंटे ही चढ़ाई हो पाती है। बाकी समय या तो हिमस्खलन रहता है या बर्फीला तूफान आया रहता है। छांग बताते हैं कि पाकिस्तान सरकार से कई रियायतें मिलने के बावजूद एक पर्वतारोही के अपने खानपान, सामान आदि पर करीब 21 लाख रु. खर्च करने होते हैं।
The World Health Organization says it has cleared the Pfizer-BioNTech coronavirus vaccine for emergency use, meaning poorer countries may soon get access to the shot already available in Europe and North America. Every country that has a drug regulatory agency will have to issue its own approval for any Covid-19 vaccine, but countries with weak systems usually rely on WHO to vet the shots.
The United Kingdom left the European Union's orbit on Thursday, turning its back on a tempestuous 48-year liaison. Brexit, in essence, took place at the strike of midnight in Brussels, or 2300 London time (GMT), when the United Kingdom ended the de facto membership, known as the transition period, which lasted 11 months after it formally left on Jan. 31.
Unlike many European countries, Russia avoided reimposing the kind of strict nationwide lockdown it introduced this spring in the hopes of supporting a struggling economy. While some major cities have reduced in-office workers and obliged bars and restaurants to close early, most regions have limited restrictions to reducing mass gatherings and requiring mask-wearing in public places.
British Prime Minister Boris Johnson's father Stanley confirmed plans on Thursday to seek French citizenship as the free movement of Britons in the EU comes to an end under the Brexit pact delivered by his son. Europe is more than the single market, it's more than the European Union." "That said, to have a link like that with the EU is important," he said, apparently referring to an EU passport.
China has made major progress in developing its economy and eradicating rural poverty over the past year despite the coronavirus pandemic, Chinese President Xi Jinping said in a New Year address Thursday.
दुबई में बुर्ज खलीफा, न्यूयॉर्क में टाइम्स स्क्वायर और सिडनी में हार्बर ब्रिज की आतिशबाजी दुनिया में सुर्खियों में रहती है
सिंगापुर, मॉस्को, पेरिस, बर्लिन और लंदन जैसे शहरों में भी न्यू इयर सेलिब्रेशन के इवेंट्स कैंसल हुए
2021 चौखट पर है। यह साल कोरोना की दहशत के बीच कुछ ज्यादा उम्मीदें लेकर आ रहा है। कई देशों में जश्न की तैयारी है, लेकिन बंदिशों के साथ। सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया के नजदीक टोंगा आइलैंड पर नए साल का सूरज उगेगा और सबसे आखिरी में यह बेकर आइलैंड पर अपनी किरणें बिखेरेगा। महामारी के बीच कहां कैसे नए साल का स्वागत होगा, हम आपको बता रहे हैं।
टोंगा में सबसे पहले होती है नए साल की दस्तक
भारत में जब दोपहर के साढ़े तीन बज रहे होंगे उस समय पेसिफिक आईलैंड के टोंगा में नए साल की शुरुआत हो चुकी होगी। दुनिया के स्टैंडर्ड टाइम के हिसाब से माना जाता है कि यहीं सबसे पहले रात के 12 बजते हैं। हालांकि, यह ऐसा इलाका है जहां कोई आबादी नहीं रहती।
दुनिया के वो तीन शहर, जहां नए साल का जश्न सुर्खियों में रहता है
1. दुबई में बुर्ज खलीफा
यहां नए साल के स्वागत की पूरी तैयारी है। इस दौरान हर बार की तरह इस बार भी बुर्ज खलीफा पर आतिशबाजी, लाइट और लेजर शो होगा। लोगों को इस इलाके में बनाए गए पांच गेट से QR कोड दिखाकर एंट्री मिलेगी। यहां कोराना गाइडलाइन बेहद सख्ती से लागू की गई है। प्रोग्राम की mydubainewyear.com पर लाइव स्ट्रीमिंग भी होगी।
2. सिडनी का हार्बर ब्रिज
आस्ट्रेलिया के शहर सिडनी यहां की जोरदार आतिशबाजी के लिए मशहूर है। माना जाता है कि यह दुनिया का पहला शहर है, जहां नए साल का जश्न सबसे पहले मनाया जाता है। 31 दिसंबर की दोपहर से सिडनी के हार्बर ब्रिज पर फेरी रेस, म्यूजिकल इवेंट्स और सैन्य प्रदर्शनों के प्रोग्राम न्यू ईयर का हिस्सा होते हैं। इस साल भी ये होंगे, लेकिन कोरोना के कारण यहां लोगों के जुटने पर रोक लगाई गई है। सिडनी के लोग इसे लाइव देख सकेंगे।
3. ऑकलैंड का स्काई टावर
न्यूजीलैंड उन देशों में शामिल है, जहां नया साल सबसे पहले दस्तक देता है। भारत में जब शाम के तकरीबन 4:30 बज रहे होंगे, तब न्यूजीलैंड की घड़ी रात के 12 बजा रही होगी। नए साल का सबसे पहला बड़ा ईवेंट न्यूजीलैंड के ऑकलैंड में मनाया जाएगा। यहां के हार्बर ब्रिज पर 5 मिनट की आतिशबाजी के साथ नए साल का स्वागत होगा। न्यूजीलैंड का ऑकलैंड दुनिया का ऐसा इकलौता बड़ा शहर है, जहां नए साल की शुरुआत बिना किसी पाबंदी के हो रही है।
3. न्यूयॉर्क का टाइम्स स्क्वेयर
24 घंटे रोशनी से जगमगाने के लिए मशहूर न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर पर 31 दिसंबर की रात भीड़ नहीं दिखेगी। 31 दिसंबर की शाम ढलते ही न्यूयॉर्क की पुलिस टाइम्स स्क्वायर पर आम लोगों को जाने से रोक देगी। हालांकि, लोग वर्चुअली न्यू इयर का काउंटडाउन और बॉल ड्रॉप देख सकेंगे। सबसे पहली बार यहां बॉल 1907 में ड्रॉप की गई थी। इस साल टाइम्स स्क्वायर के ऊपर 7 फुट का न्यूमेरल्स रखा जाएगा।
टाइम्स स्क्वायर पर कैसे शुरू हुआ नए साल पर बॉल ड्रॉप
18वीं शताब्दी में बंदरगाहों पर हर दिन एक तय वक्त पर इसी तरह की बॉल ड्रॉप की जाती थी। इससे नाविकों को सिग्नल मिल जाता था और वे अपनी घड़ियों का टाइम सेट कर लेते थे। 1907 में न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वेयर पर पहली बार ईव बॉल गिराई गई।
इस सेलिब्रेशन का फंड न्यूयॉर्क टाइम्स के मालिक अल्फ्रेड ऑक्स ने दिया था। मौका था अखबार के दफ्तर के उद्घाटन का। लकड़ी और लोहे से तैयार पहली बॉल का वजन 317 किलो था। तब से यहां हर साल ‘टाइम्स स्क्वेयर बॉल ड्रॉप’ करने की परंपरा है।
युद्ध की वजह से यह बॉल 1942 और 1943 में नहीं गिरार्ई गई थी। आतिशबाजी की राख से जब जश्न मनाने आए लोग परेशान होने लगे तो यह सोचा गया कि आतिशबाजी कम की जाए और नए साल की शुरुआत के सिम्बल के तौर पर टाइम बॉल ड्रॉप की जाए। यह इवेंट कुछ ही सालों में पॉपुलर हो गया।
इन शहरों में जश्न पर रोक रहेगी
सिंगापुर: मरीना बे रिसॉर्ट में इस साल सेलिब्रेशन नहीं होगा। पीपुल्स एसोसिएशन की आतिशबाजी की स्ट्रीमिंग कम्युनिटी फेसबुक पेज पर लाइव स्ट्रीमिंग होगी।
पेरिस: पेरिस के आर्क डी ट्रियोम्फ पर नए साल के मौके पर होने वाले आतिशबाजी कार्यक्रम भी रद्द कर दिए गए हैं। यहां तक की कई स्थानों पर निजी पार्टियों के आयोजन पर भी रोक लगा दी गई है।
बर्लिन: जर्मनी के बर्लिन शहर में भी नए साल पर आतिशबाजी और कल्चरल प्रोग्राम होते हैं। लेकिन इस बार कोरोना महामारी के कारण सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक है।
Results from the primary analysis of the ongoing phase 3 clinical trial of US biotechnology company Moderna's Covid-19 vaccine have revealed 94.1 per cent efficacy of the therapeutic in preventing symptomatic infections and severe illness, according to a peer-reviewed study.
Pakistani police arrested 14 people in overnight raids after a Hindu temple was set on fire and demolished by a mob led by supporters of a radical Islamist party, officials said Thursday.
Three civilians were wounded after a blast in a car in PD7 of Kabul city on Thursday morning. The explosion occurred in Chehel Sutoon area. No fatalities have been reported yet.
Pakistan will purchase 1.2 million Covid-19 vaccine doses from China's Sinopharm, a minister said on Thursday, the first official confirmation of a vaccine purchase by the South Asian country as it battles a second wave of infections. China has approved Sinopharm for general public use. Pakistan had earlier this month approved $150 million in funding to buy Covid-19 vaccines, initially to cover the most vulnerable 5% of the population.
अफगानिस्तान में तैनात अमेरिकी सैनिकों पर खतरा मंडरा रहा है। यहां चीन स्थानीय लोगों को पैसा देकर इन सैनिकों पर हमले की साजिश रच रहा है। अमेरिकी इंटेलिजेंस एजेंसियों ने चीन की इस साजिश के बारे में पुख्ता सबूत जुटाए हैं। पिछले दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को भी इस बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है।
अफगानिस्तान में तालिबान और सरकार के बीच अमन बहाली के लिए बातचीत जारी है। लेकिन, चीन और पाकिस्तान मिलकर यहां तालिबान को भड़काने में लगे हैं। यही वजह है कि सीजफायर की तमाम कोशिशें अब तक नाकाम साबित हुई हैं।
अमेरिकी एजेंसियों के पास सबूत
CNN ने चीन की इस साजिश के बारे में एक स्पेशल रिपोर्ट जारी की। इसमें अमेरिका के एक सीनियर अफसर ने कहा- हम जानते हैं कि चीन अब अफगानिस्तान में तैनात हमारे सैनिकों पर भाड़े के लोगों के जरिए हमले कराने की साजिश रच रहा है। इस बारे में राष्ट्रपति को 17 दिसंबर को पूरी जानकारी और रिपोर्ट दी गई है। अमेरिकी एनएसए रॉबर्ट ओ‘ब्रायन खुद यह रिपोर्ट लेकर ट्रम्प के ऑफिस पहुंचे। हालांकि, ट्रम्प को जानकारी मिलने के फौरन बाद यह रिपोर्ट कुछ मीडिया हाउसेज के हाथ भी लग गई।
रूस भी साजिश का हिस्सा
जानकारी के मुताबिक, साल की शुरुआत में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के रूस की साजिश के भी सबूत मिले थे। तब इनमें कहा गया था कि मॉस्को ने अमेरिकी सैनिकों को मारने पर इनाम की योजना बनाई है। इस बारे में भी ट्रम्प को जानकारी दी गई थी। ट्रम्प ने अब तक सार्वजनिक तौर पर इस बारे में बात नहीं की है।
बाइडेन पर तस्वीर साफ नहीं
CNN के मुताबिक, अब तक यह साफ नहीं है कि चीन की इस साजिश के बारे में प्रेसिडेंट इलेक्ट जो बाइडेन को जानकारी दी गई है या नहीं। हालांकि, उन्हें रोजाना इंटेलिजेंस ब्रीफिंग दी जा रही है। खास बात यह है कि व्हाइट हाउस और बाइडेन की ट्रांजिशन टीम ने अब तक इस बारे में मीडिया से कुछ नहीं कहा। अमेरिका में कई लोग यह सवाल पूछ रहे हैं कि क्या ट्रम्प की चीन के प्रति जो आक्रामक रणनीति रही थी, बाइडेन भी उसको ही फॉलो करेंगे या उनका रवैया नर्म रहेगा।
हालांकि, कैम्पेन के दौरान बाइडेन ने कई बार चीन पर बेहद आक्रामक रुख दिखाया था। उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को ठग तक करार दे दिया थे। बाइडेन पर संशय इसलिए है क्योंकि ओबामा के दौर में जब वे वाइस प्रेसिडेंट थे, तब चीन को लेकर उनका रवैया काफी नर्म रहा था।
Since his death in a January 3 Baghdad drone strike that sparked mourning across Iran at mass funeral processions, the "martyr" Soleimani has entered the ranks of Iran's glorious generals, immortalised in portraits, sculptures, ballads and an upcoming TV series.
At least 26 people were killed when explosions rocked Yemen's Aden airport moments after a new unity government flew in, in what some officials charged was a "cowardly" attack by Iran-backed Huthi rebels. Although all government ministers were reported to be unharmed in Wednesday's attack, more than 50 people were wounded, medical and government sources told AFP in the southern city, with the casualty toll feared likely to rise.
China has given conditional approval to a coronavirus vaccine developed by state-owned Sinopharm. The vaccine is the first one approved for general use in China. Chen Shifei, the deputy commissioner of China's Medical Production Administration, said at a news conference Thursday that the decision had been made the previous night.
Senate Majority Leader Mitch McConnell all but shut the door Wednesday on President Donald Trump's push for $2,000 Covid-19 relief checks, declaring Congress has provided enough pandemic aid as he blocked another attempt by Democrats to force a vote.
China’s reluctance to be transparent about those initial weeks has also left gaping holes in what the world knows about the coronavirus. Scientists have little insight into where and how the virus emerged, in part because Beijing has delayed an independent investigation into the animal origins of the outbreak.
दुनिया में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 8.30 करोड़ के ज्यादा हो गया। 5 करोड़ 88 लाख से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। अब तक 18 लाख 10 हजार से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। अमेरिका के वायरल डिसीज एक्सपर्ट डॉक्टर एंथोनी फौसी ने कहा है कि अगर देश में वैक्सीनेशन सही तरीके से हुआ तो अगले साल के आखिर में हालात पहले की तरह यानी नॉर्मल हो सकते हैं। उधर, बेल्जियम ने बाहर से आने से वाले लोगों के लिए दो दिन का क्वारैंटाइन जरूरी कर दिया है।
वैक्सीनेशन सबसे ज्यादा जरूरी
अमेरिकी मेडिकल एक्सपर्ट और ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन में कोरोना टास्क फोर्स के मेंबर डॉक्टर फौसी ने कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूसन को एक इंटरव्यू दिया। इसमें कहा- अगर अमेरिकी प्रशासन अपने नागरिकों का सही तरीके से और वक्त पर वैक्सीनेशन कराने में कामयाब रहा तो इसमें कोई दो राय नहीं कि 2021 के आखिर तक हालात बिल्कुल सामान्य हो जाएंगे। मुझे लगता है कि अप्रैल तक आते-आते हम बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन कर चुके होंगे। अप्रैल तक इसका असर दिखने लगेगा। आप ये मानकर चलिए कि हमारे लिए अप्रैल से लेकर जुलाई तक के महीने बहुत अहम होंगे।
फौसी ने एक सवाल के जवाब में कहा- अगर लोग वैक्सीनेशन कराते हैं तो हम जुलाई तक स्कूल, थिएटर, स्पोर्ट्स क्लब्स और रेस्टोरेंट्स में पहले की तरह जा सकेंगे। इसलिए मैं लोगों से फिर अपील करता हूं कि वे जल्द से जल्द वैक्सीन लगवाएं।
बेल्जियम में नए नियम
बेल्जियम सरकार ने बुधवार को दो तरह की गाइडलाइन जारी कीं। इनमें बाहर यानी दूसरे देशों लोगों पर ज्यादा फोकस किया गया है। गाइडलाइन्स के मुताबिक, अब देश में प्रवेश करने वाले हर यात्री को दो दिन क्वारैंटाइन रहना होगा। इस दौरान उसके टेस्ट किए जाएंगे। अगर रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उसे सरकारी अस्पतालों में रखा जाएगा। ऐसे हर यात्री का पहले और सातवें दिन टेस्ट किया जाना जरूरी होगा। जब तक उसकी रिपोर्ट निगेटिव नहीं आती तब तक उसे क्वारैंटाइन रहना होगा। ब्रिटेन से आने वाले लोगों पर बैन फिलहाल जारी है।
चीन में नए साल पर सख्ती
चीन ने कोरोना का फैलाव रोकने के लिए नए साल की छुट्टियों में लाखों प्रवासियों को सफर न करने की सलाह दी है। नेशनल हेल्थ कमीशन ने सीधे तौर पर तो इसके लिए मना नहीं किया, लेकिन फिर भी यह हैरान करने वाला फैसला है।
फरवरी में चीन में मनाया जाने वाला न्यू ईयर सबसे बड़ा ट्रेडिशनल हॉलिडे है। यह साल का इकलौता मौका होता है जब वर्कर्स को परिवार से मिलने के लिए घर जाने का मौका मिलता है।
नेशनल हेल्थ कमीशन का कहना है कि सरकार छ़ुट्टी पर घर न जाने के लिए लोगों को मोटिवेट कर रही है। जो वर्कर ऐसा करते हैं, उन्हें ओवरटाइम दिया जाना चाहिए और दूसरे मौकों पर छुट्टी की पेशकश करनी चाहिए। चीन ने अपने यहां कोरोना वायरस पर काबू कर लिया है। यह दोबारा फैलने की आशंका से अधिकारी हाई अलर्ट पर हैं। इसके लिए टूरिस्टों को छुट्टी के दौरान राजधानी बीजिंग न आने के लिए कहा गया है।
अमेरिका कोरोना से सबसे प्रभावित देश है। यहां सबसे अधिक केस सामने आ रहे हैं और मौतें भी सर्वाधिक हो रही हैं, लेकिन फेडरल सरकार ने वैज्ञानिकों की सलाह दरकिनार कर खानपान संबंधी नई गाइडलाइन जारी कर दी।
दरअसल, अमेरिका में एग्रीकल्चर विभाग और डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विसेज मिलकर हर पांच साल में खानपान संबंधी गाइडलाइन जारी करते हैं। सरकार इसका उपयोग स्कूलों में लंच मेन्यू आदि के मानक तय करने और खानपान संबंधी विभिन्न नीतियां बनाने में करती है।
आम अमेरिकी भी खानपान का पैमाना इसी से तय करते हैं। अप्रत्यक्ष रूप से विभिन्न कंपनियां भी इसी के आधार पर अपने खाद्य उत्पाद अपडेट करती हैं। मंगलवार को जारी गाइडलाइन में अनुशंसा की गई है कि 2 साल से छोटे बच्चों को कृत्रिम शकर वाले प्रॉडक्ट देने से परहेज किया जाए। वहीं ड्रिंक और कृत्रिम शकर के मामले में 2015 की गाइडलाइन को ही दोहराया गया है।
इसमें कहा गया है कि नागरिक कुल कैलोरी में कृत्रिम शकर की मात्रा अधिकतम 10 फीसदी रखें और पुरुष रोज दो ड्रिंक से अधिक न लें। वहीं महिलाओं को रोज एक से अधिक ड्रिंक न लेने की सलाह दी गई है। ड्रिंक और कृत्रिम शकर संबंधी दोनों अनुशंसाएं जुलाई में वैज्ञानिकों की सलाह के विपरीत है।
वैज्ञानिकों ने सुझाव दिया था कि प्रत्येक व्यक्ति को कृत्रिम शकर की मात्रा कुल कैलोरी की 6 फीसदी से कम कर देनी चाहिए और पुरुषों को रोज एक ड्रिंक से अधिक नहीं लेना चाहिए। ताजा गाइडलाइन पर आलोचकों ने सवाल उठाया है कि इसमें महामारी का बिल्कुल ध्यान नहीं रखा गया है।
वैज्ञानिकों ने कहा था कि प्रमाण बताते हैं कि पेय पदार्थों में इस्तेमाल कृत्रिम शकर से मोटापा बढ़ता है। इससे हृदय रोग और टाइप 2 डायबिटीज जैसी बीमारियां भी हो सकती हैं। मालूम हो, अमेरिका में दो तिहाई से अधिक वयस्क मोटापे, डायबिटीज और अन्य संबंधित बीमारियों से जूझ रहे हैं। इससे कोविड-19 के गंभीर होने का भी खतरा बढ़ जाता है।
मात्रा सीमित करना सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक रूप से अस्वीकार्य
सांता क्लारा यूनिवर्सिटी के डॉ. वेस्टली क्लार्क ने कहा कि अधिक पीना सेहत के लिए हानिकारक है, लेकिन सामान्य ड्रिंकिंग से ऐसा होने के सबूत नहीं हैं। ड्रिंक की मात्रा सीमित करना कई लोगों के लिए सामाजिक, धार्मिक या सांस्कृतिक रूप से अस्वीकार्य हो सकता है। इसका बाकी गाइडलाइन पर उल्टा प्रभाव पड़ सकता है।
न्यूयॉर्क का रिचमंड हिल इलाका मुख्य शहर मैनहट्टन से 15 मील दूर है। लेफर्ट्स बोलिवर्ड इस इलाके का अंतिम रेलवे स्टेशन हैं। यहां की सड़कों पर चलिए तो अंग्रेजी कम और पंजाबी ज्यादा सुनाई देती है। गाड़ियों की आवाज से तेज पंजाबी रैप सॉन्ग सुनाई देते हैं। ऐसा महसूस होता है कि आप लुधियाना की सड़कों पर घूम रहे हैं? लेकिन हकीकत में यह न्यूयॉर्क के पांच नगरों में से एक क्वींस नगर का इलाका है। इसे छोटा पंजाब के नाम से जाना जाता है।
रिचमंड हिल के इस इलाके में पूरी तरह पंजाबी संस्कृति, बोली और रहन-सहन हावी है। पंजाबी लोगों से भरे इस इलाके में लोग असली पंजाबी पराठे का आनन्द लेने आते हैं। सड़कों पर ऐसे लोग मिल जाएंगे, जिनसे अंग्रेजी की बजाय पंजाबी या हिंदी में बात करना ज्यादा आसान है। हेयर सैलून में शाहरुख और सलमान खान स्टाइल में बाल कटवाने के लिए 10 डॉलर लगते हैं।
यह इलाका पूरे न्यूयॉर्क में इसलिए भी प्रसिद्ध हो गया है, क्योंकि मेयर ने यहां की दो सड़कों का नाम बदल कर पंजाबी कम्युनिटी को समर्पित किया है। न्यूयॉर्क सिटी काउंसिल ने 111 स्ट्रीट और 123 स्ट्रीट के बीच स्थित 101 एवेन्यू का नाम पंजाबी एवेन्यू कर दिया है। साथ ही, 97 एवेन्यू का नाम बदलकर गुरुद्वारा स्ट्रीट कर दिया है। यह वही इलाका है जहां एक बड़ा गुरुद्वारा है।
नाम बदलने के लिए अभियान चलाने वाली स्थानीय काउंसिल वूमेन एड्रिएन एडम्स कहती हैं कि यह निर्णय पंजाबी समुदाय द्वारा शहर के विकास में उनके योगदान को दर्शाता है। ढाबा चलाने वाले 28 साल के तेजिंदर सिंह बताते हैं कि वे 90 के दशक में रिचमंड हिल्स आए थे। यहां 70 के दशक में पंजाबी समुदाय का आना शुरू हो गया था।
सबसे मेहनती लोगों में हैं दक्षिण एशियाई: एडम्स
स्थानीय काउंसिल वूमेन एड्रिएन एडम्स कहती हैं कि दक्षिण एशियाई लोग देश में सबसे मेहनती लोगों में से एक हैं। लेकिन, उनकी कम्युनिटी ज्यादातर अदृश्य जैसी रहती है। सड़कों का नाम भी इसलिए बदला, ताकि शहर के विकास में उनका योगदान दर्ज हो। क्वींस वही इलाका है जहां राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पैदा और बड़े हुए।
In his greetings to President Kovind and Prime Minister Modi, Putin noted that Russia and India were connected by relations of privileged strategic partnership, which, despite this year's difficulties and problems, including the coronavirus pandemic, are developing confidently. He stressed that the two countries maintain a substantive political dialogue and carry out promising joint projects in various spheres, while cooperation within the SCO and BRICS yields good results.
अरब देश यमन के अदन एयरपोर्ट पर बुधवार को बड़ा धमाका हुआ। ब्लास्ट से तुरंत पहले देश की नई कैबिनेट के मंत्रियों को लेकर एक विमान ने लैंड हुआ था। विमान के उतरते ही उसके पास यह धमाका हुआ। इस दौरान फायरिंग भी हुई। ब्लास्ट में 5 लोगों के मारे जाने की खबर हैं। हालांकि, आंकड़ा अभी बढ़ सकता है। लोकल मीडिया के मुताबिक, सरकार के किसी मंत्री के घायल होने की सूचना नहीं है।
धमाके में मारे गए लोगों की संख्या बढ़ सकती है। एयरपोर्ट पर मौजूद अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने एयरपोर्ट पर कई शव देखे हैं। अधिकारियों ने अपनी पहचान नहीं बताई, क्योंकि उन्हें मीडिया से बात करने की इजाजत नहीं थी। घटना के बाद सोशल मीडिया पर शेयर की गई तस्वीरों में एयरपोर्ट की इमारत के पास मलबा और टूटे कांच दिखाई दे रहे हैं।
विद्रोहियों से समझौते के बाद देश लौटे थे मंत्री
यमन काफी वक्त से गृहयुद्ध से जूझ रहा है। एक समझौते के तहत यहां के प्रधानमंत्री मीन अब्दुल मलिक सईद के साथ सरकार के कई मंत्री अदन लौटे थे। यह समझौता पिछले हफ्ते ही प्रतिद्वंद्वी गुट के अलगाववादियों के साथ किया गया था। मलिक की सरकार का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता हासिल है। कई साल से चल रहे गृहयुद्ध के दौरान वह ज्यादातर वक्त निर्वासित रहे। यह सरकार सऊदी अरब की राजधानी रियाद से काम कर रही थी।
सऊदी अरब में रह रहे यमन के राष्ट्रपति अबेद रब्बो मंसूर हादी ने इस महीने की शुरुआत में मंत्रिमंडल में फेरबदल की घोषणा की थी। इसे अलगाववादियों के साथ चल रही लड़ाई को खत्म करने की दिशा में बड़े कदम के रूप में देखा गया था।
यमन की सऊदी अरब समर्थित सरकार ईरान के समर्थन वाले विद्रोहियों के साथ युद्ध कर रही है। उनका उत्तरी यमन के साथ-साथ देश की राजधानी सना पर भी नियंत्रण है। पिछले साल, विद्रोहियों ने अदन में एक मिलिट्री बेस में चल रही परेड में मिसाइल दागी थी। इसमें कई सैनिक मारे गए थे।
UK on Wednesday became the first country in the world to approve a coronavirus vaccine developed by Oxford University and AstraZeneca as it battles a major winter surge driven by a new, highly contagious variant of the virus. "The government has today accepted the recommendation from the Medicines and Healthcare products Regulatory Agency (MHRA) to authorise Oxford University/AstraZeneca’s Covid-19 vaccine for use," the health ministry said. Regulatory endorsement is a welcome boost for AstraZeneca and the Oxford team, which have been accused of a lack of clarity about the results from late-stage trials.
Indonesia has banned the controversial but politically influential hardline group the Islamic Defender's Front. "The government has banned FPI activities and will stop any activities carried out by FPI," Mahfud said. The move follows the November return of the group's spiritual figurehead Rizieq Shihab, from three years of self-exile in Saudi Arabia, which was celebrated with events attended by thousands.