Thursday, January 9, 2020

जबरन धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर की जाने वाली सिख लड़की ने घर जाने से इनकार किया: अधिकारी January 09, 2020 at 08:44PM

लाहौर. पाकिस्तान की सिख लड़कीने गुरुवार को अपने घर जाने से इनकार कर दिया। गुरुवार को सुनवाई के लिए लाहौर हाईकोर्ट में आई 18 साल की जगजीत कौर से उसके बड़े भाई मनमोहन सिंह ने मुलाकात की। इस दौरान सिंह अपनी बहन को घर जाने के लिए मनाने में विफल रहा। कौर की वजह सेही पिछले हफ्ते गुरुद्वारा नानकाना साहिब में हमला किया गया था।

कोर्ट के एक अधिकारी के मुताबिक, गुरुवार को सुनवाई के दौरान जज सैयद मजहर अली अकबर नकवी ने युवती के बड़े भाई मनमोहन सिंह की याचिका मंजूर कर ली। सिंह ने बहन जगजीत कौर (18) से कोर्ट परिसर में मिलने की अनुमति मांगी थी। बहन के घर जाने से इनकार के बाद सिंह ने कोर्ट मेंकहा कि उसकी बहन काफी तनाव में है। उसे अपने अंतिम फैसले के लिए कुछ और समय देना चाहिए।

कोर्ट के अधिकारी ने बताया कि सिंह और कौर के बीच 40 मिनट मुलाकात हुई। इसके बाद किशोरी ने हाईकोर्ट को बताया कि उसने अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन किया और मुस्लिम युवक मोहम्मद हसन ने शादी की। अब वह अपने माता-पिता के घर नहीं जाना चाहती।

चिकित्सक ने कहा-किशोरी नाबालिग नहीं

इससे पहले, लाहौर मायो अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ने कोर्ट में एक रिपोर्ट सौंपी और बताया कि कौर नाबालिग नहीं है। उसकी उम्र 18 साल से ज्यादा है। कौर को महिलाओं के शेल्टर होम दारुल अमान से कड़ी सुरक्षा में कोर्ट लाया गया था।

सुनवाई अनिश्चितकालके लिए स्थगित करने की मांग

सिंह ने हसन पर अपहरण का मामला दर्ज कराया है। इस मामले की जांच कर रहे अधिकारी ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि इसकी सुनवाई अनिश्चितकालके लिए स्थगित कर दी जाए, क्योंकि नानकाना साहिब में कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहद तनावपूर्ण है। जज ने सुनवाई को 23 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया और किशोेरी को वापस शेल्टर होम भेजने का आदेश दिया।

वीडियो वायरल होने के बाद मामला विवादों में आया

कौर के परिवार का एक वीडियो संदेश वायरल होने के बाद यह मुद्दा विवादों में आया। कौर के परिवार ने सितंबर में हसन पर आरोप लगाया था कि उसने किशोरी का अपहरण कर जबरन धर्म परिवर्तन कराया। पिछले शुक्रवार को हसन का बड़ा भाई इमरान चिश्ती धर्म के नाम पर लोगों को उकसा रहा था। उसने गुरुद्वारा जन्मस्थान को नष्ट करने की धमकी भी दी थी। उसे आतंकवाद विरोधी अधिनियम और ईशनिंदा के गैर-जमानती धारा के तहत गिरफ्तार किया गया है।

गुरुद्वारा ननकाना साहिब को गुरुद्वारा जनम अस्थान के रूप में भी जाना जाता है। यहां सिखों के पहले गुरु, गुरु नानक का जन्म हुआ था।



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सिख लड़की जगजीत कौर (बाएं) और आरोपी युवक मोहम्मद हसन। -फाइल

इमरान ने कहा- हम अब किसी की जंग नहीं लड़ेंगे, ईरान-अमेरिका में अमन बहाली की कोशिश करेंगे January 09, 2020 at 06:34PM

इस्लामाबाद. इमरान खान ने कहा है कि पाकिस्तान अब किसी दूसरे देश के लिए जंग नहीं लड़ेगा। ईरान और अमेरिका के बीच जारी गहरे तनाव के बीच इमरान का बयान अमेरिका के लिए सीधा संकेत है। पाकिस्तान पूर्व में अमेरिका की अफगानिस्तान में तालिबान और रूस के खिलाफ जंग में मदद कर चुका है। खान ने ये भी कहा कि उनका मुल्क ईरान और अमेरिका के बीच तनाव कम करने की कोशिश जरूर करेगा। पिछले दिनों अमेरिका ने ड्रोन हमले में ईरान के सैन्य कमांडर को मार गिराया था। जवाबी कार्रवाई में ईरान ने इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकाने को तबाह करने का दावा किया था।

मध्यस्थता को तैयार
गुरुवार शाम इस्लामाबाद में छात्र समारोह को संबोधित करते हुए इमरान ने अमेरिका और ईरान की बीच जंग के हालात का जिक्र किया। पाकिस्तान की भौगोलिक स्थिति का भी उल्लेख किया। खान ने कहा, “अमेरिका और ईरान के बीच तनाव कम हो, अमन बहाली हो। इसके लिए हम मध्यस्थता करने तैयार हैं। लेकिन, एक बात मैं साफ कर देना चाहूंगा कि पाकिस्तान अब किसी दूसरे मुल्क की जंग का हिस्सा बिल्कुल नहीं बनेगा। पूर्व में हमने कई बार दूसरों के युद्ध लड़े। अब यह गलती दोहराई नहीं जाएगी।”

इमरान का बयान अमेरिका को इशारा
खाड़ी में जंग जैसे हालात के मद्देनजर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का बयान अहम है। दरअसल, इमरान का बयान साफ तौर पर अमेरिका को संकेत है कि ईरान से युद्ध की स्थिति में पाकिस्तान डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन की मदद नहीं करेगा। करीब ढाई दशक पहले अफगानिस्तान में रूसी सेनाएं मौजूद थीं। अमेरिका ने इन्हें हटाने के लिए पाकिस्तान की मदद से तालिबान तैयार किया। रूस तो अफगानिस्तान से चला गया लेकिन पाकिस्तान में हजारों आतंकी तैयार हो गए। बाद में अमेरिका ने भी पाकिस्तान की मदद करना बंद कर दिया। दोनों मुल्कों के संबंध आज भी अच्छे नहीं कहे जा सकते। लिहाजा, इमरान संकेत दे रहे हैं कि वो अब अमेरिका की जंग के दौरान मदद नहीं कर पाएंगे।



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इमरान ने अमेरिका की तरफ इशारा करते हुए कहा है कि पाकिस्तान ईरान के खिलाफ जंग में ट्रम्प की मदद नहीं करेगा। (फाइल)

भारत ने पाकिस्तान के आरोपों को खारिज किया, कहा- यहां कोई आपके झूठ को मानने वाला नहीं January 09, 2020 at 07:11PM

न्यूयॉर्क. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि सैय्यद अकबरुद्दीन ने गुरुवार को पाकिस्तान पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को अपनी हरकतों से बाज आना चाहिए। उन्हें भारत के खिलाफ झूठे प्रचार-प्रसार बंद करना चाहिए। यहां कोई आपके झूठ को मानने वाला नहीं है।

पाकिस्तान के प्रतिनिधि मुनीर अकरम ने जम्मू-कश्मीर को लेकर भारत पर कई आरोप लगाए थे। इसके जवाब मेंअकबरुद्दीन ने ओपेन डिबेट में कहा- यहां एक प्रतिनिधि है जो झूठ का प्रतीक है और आज उन्होंने फिर से झूठ फैलाया है। हम इन आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हैं। पाकिस्तान से मैं यहीं कहना चाहता हूं कि अब बहुत देर हो चुकी है, उन्हें अपनी हरकतों से बाज आना चाहिए।

‘भारत ने 2019 में 3000 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया’

अकरम ने कहा था- भारत ने जम्मू-कश्मीर ही नहीं बल्कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान पर भी अपना दावा करते हुए नए राजनीतिक नक्शा जारी किया है। साथ ही भारत ने 2019 में नियंत्रण रेखा पर 3000 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया।

काउंसिल में प्रमाणिकता और पहचान का संकट बढ़ रहा: अकबरुद्दीन

अकबरुद्दीन ने कहा- काउंसिल में प्रमाणिकता, प्रासंगिकता और पहचान का संकट बढ़ रहा है। आतंकवाद के नेटवर्क का वैश्वीकरणहो रहा है, नई तकनीक का शस्त्रीकरण हो रहा है। आतंकवाद के खिलाफ कड़े फैसले लेने में असमर्थता काउंसिल की कमियों को दिखाता है। आज के समय में संयुक्त राष्ट्र अपनी पहचान और वैद्धता के संकट से गुजर रहा है। काउंसिल में बड़े बदलाव की जरूरत है। हमें ऐसी परिषद की जरूरत है जो वर्तमान वैश्विक वास्तविकताओं का प्रतिनिधि हो।न कि वह केवल इस दावे पर टिकी हुई हो कि वह शुरुआत में मौजूद थी। काउंसिल को 21वीं सदी के उद्देश्यों के अनुसार फिट होनी जरूरत है।



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यूएन में सैय्यद अकबरुद्दीन ने कहा- भारत के खिलाफ झूठे प्रचार-प्रसार बंद करे पाकिस्तान।

ट्रम्प ईरान के खिलाफ जंग का ऐलान न कर सकें, इसके लिए हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में प्रस्ताव पास January 09, 2020 at 06:36PM

वॉशिंगटन. अमेरिकी संसद (कांग्रेस) के निचले सदन- हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में गुरुवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की युद्ध के ऐलान से जुड़ी ताकतें सीमित करने के प्रस्ताव पर वोटिंग हुई। डेमोक्रेट के बहुमत वाले सदन में प्रस्ताव आसानी से पास हुआ। इसके पक्ष में 224 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में 194 वोट डाले गए। अब यह प्रस्ताव उच्च सदन- सीनेट में भेजा जाएगा। रिपब्लिकन के बहुमत वाले सीनेट में इस प्रस्ताव का पास होना मुश्किल माना जा रहा है।

प्रस्ताव में क्या कहा गया?
निचले सदन (हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स) की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने कहा था कि वे ट्रम्प की ईरान के खिलाफ युद्ध के ऐलान की ताकत सीमित करना चाहती हैं। अगर दोनों सदनों में यह प्रस्ताव पास होता है, तो राष्ट्रपति बिना कांग्रेस की अनुमति के युद्ध का ऐलान नहीं कर पाएंगे। पेलोसी का यह बयान ट्रम्प की उस अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद आया, जिसमें उन्होंने घोषणा की थी कि वे ईरान के खिलाफ सैन्य तनाव कम करने के लिए जरूरी कदम उठाएंगे।

डेमोक्रेट नेता ट्रम्प प्रशासन के कदमों को लेकर अभी भी आशंकित हैं। ट्रम्प ने इससे पहले संसद को बिना जानकारी दिए ही इराक में ईरान के कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी पर ड्रोन हमले की इजाजत दे दी थी। इसके चलते अमेरिका-ईरान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था।

प्रस्ताव को सीनेट में पास कराना बड़ी चुनौती
डेमोक्रेट सांसदों के मुताबिक, ट्रम्प के लिए गुरुवार का प्रस्ताव अहम साबित होने वाला है। इसके जरिए ट्रम्प को ईरान के खिलाफ सभी सैन्य कार्रवाईयां रोकने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। इसके बाद वे ईरान के खिलाफ तब तक कोई फैसला नहीं ले सकते, जब तक कांग्रेस इसकी इजाजत नहीं दे देती। हालांकि, इस प्रस्ताव को सीनेट में पास कराना बड़ी चुनौती होगी। वहां रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है।

ईरान पर हमला करने के ट्रम्प के फैसले से चिंतित कांग्रेस
पेलोसी ने बयान जारी कर कहा, “कांग्रेस के सदस्यों ने ट्रम्प प्रशासन के ईरान के साथ सीधे टक्कर लेने के फैसले पर चिंता जाहिर की है। साथ ही हमारी आगे की कमजोर तैयारियों पर भी सवाल उठाए गए हैं। हमारी चिंताओं के बारे में राष्ट्रपति और उनके प्रशासन की तरफ से कोई सफाई नहीं जारी की गई।



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हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने ही सदन में ट्रम्प के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया।

Madame Tussauds removes waxworks of Harry and Meghan from royal family display January 09, 2020 at 05:43PM

Madame Tussauds waxwork museum has removed the figures of Prince Harry and his wife Meghan from its British royal family display, in response to the couple's announcement that they will be stepping back from royal duties.

राजनाथ ने पश्चिम एशिया में तनाव को लेकर अमेरिकी रक्षा मंत्री से बात की; खाड़ी देशों में 1 करोड़ भारतीय रहते हैं January 09, 2020 at 05:06PM

नई दिल्ली. भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पश्चिम एशिया में तनाव को लेकर गुरुवार को अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर से फोन पर बात की। एस्पर ने बताया कि अमेरिका और ईरान के बीच तनाव कम नहीं हो रहा। अमेरिका ने 3 जनवरी को इराक में मिसाइल दागकर ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या की थी। इराक में 25 हजार समेत अन्य खाड़ी देशों में 1 करोड़ भारतीय रहते हैं।

राजनाथ ने ट्वीट किया- मार्क एस्पर से चर्चा में द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पर बात हुई। भारतीयों को लेकर चिंता भी जाहिर की। सभी को सुरक्षित निकालने की कोशिश की जा रही है। केंद्र सरकार ने कहा- इराक में सभी 25 हजार भारतीय सुरक्षित हैं। वहां दूतावास ने भारतीयों को एडवाइजरी जारी की है कि अगले कुछ समय तक काम पर न जाएं। संपर्क में बने रहें।

भारतीयों को निकालने के लिए आईएनएस त्रिकंड और सुमेधा तैनात
ओमान की खाड़ी में भारत का जंगी जहाज आईएनएस त्रिकंड 6 महीने से तैनात है। खाड़ी में 30 देशों की नौसेनाओं के साथ भारत का तालमेल है। इन सभी की मदद से भारतीयों को निकाला जा सकता है। वहीं, अदन की खाड़ी में तैनात आईएनएस सुमेधा को आपातकाल के लिए सतर्क किया गया है।

ईरान-इराक के आसमान से नहीं गुजरेंगे विमान
भारत ने एयरलाइन कंपनियों को खाड़ी देशों से गुजरने से बचने को कहा है। पिछले साल ऐसी ही स्थिति में एयर एक्सप्रेस को 22 लाख, एयर इंडिया को 13 लाख और इंडिगो को 2 लाख रुपए का रोजाना नुकसान हुआ था। रूट बदलने से यात्रा लंबी हो जाती है।

ईरान ने 22 मिसाइलें दागी थीं

ईरान ने बुधवार को इराक में दो अमेरिकी एयरबेस पर 22 मिसाइलें दागी थीं। इसे जनरल कासिम सुलेमानी की मौत का बदला बताते हुए दावा किया कि हमले में 80 अमेरिकी मारे गए। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्वीट किया- ‘ऑल इज वेल।’ उन्होंने कहा था कि एंटी मिसाइल सिस्टम की वजह से सभी अमेरिकी सैनिक सुरक्षित हैं।



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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिका के रक्षामंत्री मार्क एस्पर से फोन पर बात की। -फाइल

कनाडा और ब्रिटेन के प्रधानमंत्रियों ने कहा- ईरान की मिसाइल से ही गिरा था यूक्रेन का यात्री विमान, तेहरान ने सबूत मांगे January 09, 2020 at 04:19PM

लंदन/तेहरान/टोरंटो. तेहरान एयरपोर्ट पर बुधवार को दुर्घटनाग्रस्त हुआ विमान ईरान की ही मिसाइल से गिरा था। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और ब्रिटिश प्रधानमंत्री बॉरिस जॉनसन ने यह दावा किया है। ट्रूडो ने कहा कि उन्हें खुफिया सूत्रों से जो जानकारी मिली है, उससे पता चलता है कि यूक्रेन एयरलाइन का विमान तेहरान से टेकऑफ करने के ठीक बाद किसी सर्फेस-टू-एयर मिसाइल से टकरा कर गिरा था। रिपोर्टर्स से बातचीत के दौरान ट्रूडो ने कहा- हो सकता है यह जानबूझकर न किया गया हो। लेकिन कनाडाई नागरिकों के कुछ सवाल हैं और उनका जवाब दिया जाना जरूरी है। यूक्रेन एयरलाइन का जो विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, उसमें 176 लोगों की मौत हुई थी। इसमें 63 कनाडाई नागरिक शामिल थे। इसके अलावा 82 ईरानी, 11 यूक्रेनी, 10 स्वीडन और जर्मनी-ब्रिटेन के 3-3 नागरिक भी दुर्घटना में मारे गए थे।

दूसरी तरफ ब्रिटिश प्रधानमंत्री बॉरिस जाॅनसन ने कहा कि इस बात के कई सबूत हैं कि यूक्रेन एयरलाइन का विमान ईरान की एक सर्फेस-टू-एयर मिसाइल लगने से गिर गया। उन्होंने कहा, “हो सकता है कि यह गलती से हुआ हो। लेकिन ब्रिटेन लगातार सभी पक्षों से पश्चिमी एशिया में तनाव दूर करने की अपील करता है।”



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Canada and UK Prime Ministers said - Ukraine's missile aircraft was dropped from Iran's missile, Tehran asks for proof

Hong Kong students get close-up look at Taiwan democracy January 09, 2020 at 07:29AM

Pak court concludes cross examination of witnesses against Hafiz Saeed January 09, 2020 at 07:11AM

House to vote on restraining Trump's actions against Iran January 09, 2020 at 03:48AM

The House will vote Thursday on a measure limiting President Donald Trump's ability to take military action against Iran as Democratic criticism of the US killing of a top Iranian general intensified. Speaker Nancy Pelosi, D-Calif., announced the planned vote in a one-page statement that said last week's drone strike that killed Gen. Qassem Soleimani was "provocative and disproportionate."

आर्थिक आत्मनिर्भरता के लिए प्रिंस हैरी-मेगन शाही वरिष्ठता छोड़ेंगे, इनकी शादी में जनता के 297 करोड़ रु. खर्च हुए थे January 09, 2020 at 02:26AM

लंदन.ब्रिटेन के राजकुमार हैरी और उनकी पत्नी मेगन मर्केलने राजपरिवार की ओर से मिलीवरिष्ठता छोड़ने का ऐलनाकिया है। दोनों ने बुधवार को अपनी वेबसाइट और इंस्टाग्राम पर कहा कि वे शाही परिवार के 'वरिष्ठ' सदस्य के पद से अलग हो रहे हैं और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने के लिए योजना बना रहे हैं। प्रिंस हैरी और मेगन की शादी मई2018 में हुई थी। तब इनकी शादी में जनता के 3.2 करोड़ पाउंडकरीब (297 करोड़ रुपए) खर्च हुए थे। इसके अलावा हाल ही में दोनों ने विंडसर पैलेस स्थित अपने घर के रेनोवेशन मेंही 24 लाख पाउंड(करीब 22 करोड़ रु.) लगा दिए थे।

प्रिंस हैरी महारानी एलिजाबेथ-IIके पोते हैं। ब्रिटिश राज सिंहासन के लिए वे अपने पिता प्रिंस चार्ल्स, भाई प्रिंस विलियम और उनके तीन बच्चों के बादछठे नंबर के दावेदार हैं।

हैरी-मेगन के फैसले से शाही परिवार नाराज

रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रिंस हैरी और मेगन ने इस बारे में शाही परिवार के किसी सदस्य से चर्चा नहीं की। उनके इस फैसले पर महारानी की तरफ से नाराजगी जाहिर करने की भी खबरें हैं। वहीं, प्रिस हैरी के भाई प्रिंस विलियम भी इस फैसले से नाराज बताए गए हैं।

यूके और उत्तरी अमेरिका में बड़ा होगा बेटा, परिवार की कद्र सीखेगा

हैरी और मेगन ने इंस्टाग्राम पर लिखा कि कई महीनों तक विचार करने और आपसी बातचीत के बाद हमने यह फैसला किया।उन्होंने लिखा,“यह फैसला शाही परिवार में नई परंपराकी शुरुआत होगी। हमअपना आगे का समयमहारानी की सेवा में रहते हुएयूकेऔर उत्तरी अमेरिका में बिताएंगे। उन्होंने कहा, “यह भौगोलिक संतुलन हमें अपने बेटे को शाही परिवार की परंपराओं की कद्र करते हुए बड़ा करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा हमें अपने परिवार के अगले अध्याय और नए चैरिटी शुरू करने के बारे में सोचने का मौका मिलेगा।

सोशल मीडिया पर ट्रेंड हुआ ‘मेग्जिट’

प्रिंस हैरी और मेगन के इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर रॉयल फैमिली के इस कदम के चर्चे शुरू हो गए। लोगों ने इसे ब्रेग्जिट की ही तर्ज पर मेग्जिट नाम दे दिया। ट्विटर पर कई लोगों ने इश फैसले का स्वागत किया। वहीं कुछ लोगों ने उनका मजाक भी बनाया। एक यूजर ने लिखा, “रॉयल फैमिली ऐसे बर्ताव कर रही है, जैसे दोनों ने मैसेज कर के उनसे ब्रेकअप कर लिया।” वहीं एक और यूजर ने लिखा, “यह न्यूज रॉयल परिवार पर बम गिराने जैसी थी।”

मई में दिया था बेटे को जन्म

मई 2018 में प्रिंस हैरी और मेगन मर्केल की शादी हुई थी। ब्रिटेन की महारानी क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय ने ब्रिटेन के शाही शादी की परंपरा के हिस्से के तौर पर अपने पोते प्रिंस हैरी और उनकी दुल्हन मेगन मर्केल को ससेक्स के ड्यूक और डचेस का खिताब दिया। प्रिंस हैरी की पत्नी मेगन मार्केल ने 5 मई में बेटे को जन्म दिया था। इस बच्चे का नाम आर्ची रखा था।



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प्रिंस हैरी और मेगन की शादी मई 2018 में हुई थी।

Pope appeals to US and Iran to pursue dialogue, self-restraint January 09, 2020 at 02:12AM

EU's official: No-deal is more harmful for Britain than EU January 09, 2020 at 01:50AM

यूएन में अमेरिकी राजदूत ने कहा- गंभीर बातचीत को तैयार, ईरान का जवाब; पेशकश पर भराेसा नहीं January 09, 2020 at 12:34AM

वाशिंगटन. अमेरिका ईरान से किसी पूर्व शर्त के बिना ईरान से गंभीर बातचीत के लिए तैयार है। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक इसके अमेरिका नेसंयुक्त राष्ट्र( यूएन) को एक पत्र भेजा है। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के राजदूत यूएन केली क्राफ्ट ने इस पत्र में कहा है कि अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा और ईरान को युद्ध की ओर जाने से रोकने के लिए बातचीत की जा सकती है।

अमेरिका और ईरान के बीच ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद तल्खी बढ़ी है। इस हत्या के बाद ईरान ने ईराक में अमेरिका सैन्य ठिकानों पर मिसाइल दागे। संयुक्त राष्ट्र में दोनों ही राष्ट्रों ने इसे आत्मरक्षा में की गई कार्रवाई बताया है।

ईरान ने कहा- आत्मरक्षा के अधिकार का जरूर उपयोग करेंगे

इस पेशकश पर यूएन में ईरान के राजदूत मजीद तख्त रवांची ने कहा कि यह अविश्वसनीय है। जहां एक ओर अमेरिका ईरान पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगा रहा है वहीं यह बातचीत करनी की पेशकश भी कह रहा है। ईरान की ओर से लिखे गए पत्र में रवांची ने कहा है कि तेहरान युद्ध नहीं चाहता है लेकिन यह आत्मरक्षा के अपने अधिकार का उपयोग जरूर करेगा।

ईरान की कार्रवाई पर अमेरिका ने नहीं किया है पलटवार

अमेरिका ने सुलेमानी की हत्या के बाद ये चेतावनी दी थी कि अगर ईरान हमला करता है तो उसके खिलाफ इससे भी बड़ी कार्रवाई करेगा। हालांकि ईरान के जवाबी हमले के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा कि इसमें अमेरिकी सैनिकों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ है। ऐसा लगता है कि ईरान झुक गया है जो कि सभी के लिए अच्छा है।



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ईरान के राजदूत मजीद तख्त रवांची ने अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमले को आत्मरक्षा बताया।

यूक्रेन एयरलाइंस बोली- क्रैश की वजह तकनीकी खामी नहीं, पायलटों के पास आपात स्थितियों से निपटने का पर्याप्त अनुभव था January 09, 2020 at 12:58AM

कीव. ईरान में बुधवार को हुए विमान हादसे को यूक्रेन इंटरनेशनल एयरलाइंस (यूआईए) ने तकनीकी खामी को मानने से साफ इनकार कर दिया है। एयरलाइंस के वाइस प्रेसिडेंट इहोर सोंस्नोव्स्की ने कहा कि इसकी आशंकाही नहीं है कि हादसा किसी तकनीकी गड़बड़ी के चलते हुआ। ईरान में हुए प्लेन क्रैश में यात्री और क्रू मेंबर समेत सभी 176 लोग मारे गए थे। विमान ने इमाम खोमैनी एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी, 3 मिनट बाद यह परांड इलाके में क्रैश हो गया।

सोंस्नोव्स्की ने यह भी कहा, ‘‘तेहरान एयरपोर्ट भी सामान्य हवाईअड्डों की तरह ही है। हम कई साल से वहां से विमान संचालन कर रहे हैं। पायलटों के पास किसी भी आपातकालीन चुनौती से निपटने की क्षमता थी। हमारे रिकॉर्ड्स बताते हैं कि विमान 2400 फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था। क्रू के अनुभव के लिहाज से गड़बड़ी काफी छोटी रही होगी। हम तो उसे महज इत्तेफाक भी नहीं मान सकते।’’

एयरलाइंस ने पायलटों का अनुभव भी बताया

  • कैप्टन वोलोडाइमर गेपोनेंको- बोइंग 737 उड़ाने का 11,600 घंटे का अनुभव, जिसमें 5500 घंटे वे कैप्टन रहे
  • इंस्ट्रक्टर पायलट ओलेक्सिय नॉमकिन- बोइंग 737 उड़ाने का 12,000 घंटे का अनुभव, जिसमें 6600 घंटे वे कैप्टन रहे
  • फर्स्ट ऑफिसर सर्ही खोमेंको- बोइंग 737 उड़ाने का 7600 घंटे का अनुभव

यूक्रेन की सुरक्षा परिषद का दावा: मिसाइल स्ट्राइक, आतंकी हमले या इंजन धमाके की वजह से क्रैश हुआ विमान
यूक्रेन की सुरक्षा परिषद ने कहा है कि ईरान में उसके विमान क्रैश के पीछे रूस की मिसाइल, ड्रोन की टक्कर या आतंकी हमला वजह हो सकता है। दरअसल, एक दिन पहले ही ईरान की इस्ना न्यूज एजेंसी ने विमान क्रैश का फुटेज जारी किया था। इसमें बोइंग 737-800 को नीचे गिरने से पहले ही आग के गोले में तब्दील होते देखा जा सकता है। यूक्रेन सुरक्षा परिषद के मंत्री ओलेस्की दानिलोव ने कहा कि उन्होंने ईरान में हादसे की जांच के लिए 10 से ज्यादा जांचकर्ता भेजे हैं।

ब्लैक बॉक्स ईरान के पास ही रहेगा
ईरान की एविएशन अथॉरिटी ने साफ कर दिया है कि क्रैश हुए विमान का ब्लैक बॉक्स यूआईए को नहीं सौंपा जाएगा। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी कहा कि हादसे को लेकर उनकी सरकार अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ मिलकर काम कर रही है। जांच गहराई से होगी और कनाडा के हर सवालों के जवाब देना होगा।



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क्रैश प्लेन के मलबे की जांच करते रेड क्रीसेंट टीम के कर्मचारी।
यूक्रेन की राजधानी कीव में क्रैश विमान के क्रू मेंबर्स को श्रद्धांजलि देते उनके साथी।

ट्रम्प ईरान के खिलाफ जंग का ऐलान न कर सकें, इसके लिए सदन में आज वोटिंग January 09, 2020 at 12:23AM

वॉशिंगटन. अमेरिकी संसद (कांग्रेस) में गुरुवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की युद्ध के ऐलान से जुड़ी ताकतें सीमित करने के लिए वोटिंग होगी। निचले सदन (हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स) की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने बुधवार को कहा कि ट्रम्प को ईरान के खिलाफ युद्ध के ऐलान से रोकने के लिए वे वोटिंग कराएंगी। पेलोसी का यह बयान ट्रम्प की उस अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद आया, जिसमें उन्होंने ऐलान किया था कि वे ईरान के खिलाफ सैन्य तनाव कम करेंगे।

हालांकि, कई डेमोक्रेट नेता ट्रम्प प्रशासन के कदमों को लेकर अभी भी आशंकित हैं। ट्रम्प ने इससे पहले संसद को बिना जानकारी दिए ही इराक में ईरान के कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी पर ड्रोन हमले की इजाजत दे दी थी। इसके चलते अमेरिका-ईरान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था।

प्रस्ताव को सीनेट में पास कराना बड़ी चुनौती

डेमोक्रेट सांसदों के मुताबिक, ट्रम्प के लिए गुरुवार का प्रस्ताव अहम साबित होने वाला है। इसके जरिए ट्रम्प को ईरान के खिलाफ सभी सैन्य कार्रवाईयां रोकने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। इसके बाद वे ईरान के खिलाफ तब तक कोई फैसला नहीं ले सकते, जब तक कांग्रेस इसकी इजाजत नहीं दे देती। हालांकि, इस प्रस्ताव को सीनेट में पास कराना बड़ी चुनौती होगी। वहां रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है।

ईरान पर हमला करने के ट्रम्प के फैसले से चिंतित कांग्रेस

पेलोसी ने बयान जारी कर कहा, “कांग्रेस के सदस्यों ने ट्रम्प प्रशासन के ईरान के साथ सीधे टक्कर लेने के फैसले पर चिंता जाहिर की है। साथ ही हमारी आगे की कमजोर तैयारियों पर भी सवाल उठाए गए हैं। हमारी चिंताओं के बारे में राष्ट्रपति और उनके प्रशासन की तरफ से कोई सफाई नहीं जारी की गई।



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राष्ट्रपति ट्रम्प के आदेश के बाद सेना ने ईरानी सैन्य कमांडर सुलेमानी पर ड्रोन से हमलाकर मार दिया था।

अमेरिका बोला- रक्षा मामलों में भारत-रूस के ऐतिहासिक रिश्ते, हम इन्हें खराब किए बिना साथ काम करना चाहेंगे January 08, 2020 at 08:54PM

न्यूयॉर्क. अमेरिका ने कहा है कि वह भारत और रूस के ऐतिहासिक रिश्तों के बावजूद नई दिल्ली पर प्रतिबंध नहीं लगा सकता। विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका ऐसा रास्ता निकालना चाहता है, जिससे रक्षा मामलों में भारत की रूस पर निर्भरता से कोई फर्क न पड़े और हम दोनों देश साथ काम जारी रखें।

भारत ने दिसंबर 2018 में रूस से एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने का समझौता किया था। अमेरिका ने उस वक्त भारत को प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी थी। हालांकि, अब तक ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अधिकारी ने कहा कि नई दिल्ली ने मॉस्को से समझौता किया है उसका यह मतलब नहीं कि हमने उसे कोई छिपी हुई छूट दो रखी है। हालांकि, प्रतिबंध लगाने से पहले हर मामले को अलग तरह से देखा जाएगा। वॉशिंगटन नहीं चाहता कि भारत की रक्षा क्षमताएं कहीं से भी कमजोर हों।

अफसर ने कहा कि काट्सा के तहत लगने वाले प्रतिबंध किस पर लग रहे हैं, इस पर भी विचार होता है। इस मामले में हमारे पास कई विकल्प मौजूद हैं। इसलिए हम भारत को इन प्रतिबंधों से बचाने के लिए रास्ता निकालना चाहते हैं। अमेरिकी संसद ने 2017 के रक्षा बजट में भारत को प्रमुख रक्षा सहयोगी का दर्जा दिया था।

तुर्की पर हो चुकी कार्रवाई
अफसर ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “आप देख सकते हैं अमेरिका दुश्मनों से समझौता करने वालों पर कैसी कार्रवाई कर रहा है। हमने अपने नाटो पार्टनर तुर्की को भी एस-400 खरीदने के लिए कड़ा संदेश दिया है।” अमेरिका ने हाल ही में रूस से रक्षा समझौता करने के लिए तुर्की को लॉकहीड मार्टिन के एफ-35 फाइटर जेट बेचने पर रोक लगाई थी।

काट्सा कानून के तहत प्रतिबंध लगा सकता है अमेरिका
दरअसल, अमेरिका काट्सा कानून के तहत अपने दुश्मन से हथियार खरीदने वाले देशों पर प्रतिबंध लगा सकता है। इस लिहाज से भारत भी रूस से हथियार खरीदने के लिए प्रतिबंधों के दायरे में आ सकता है, लेकिन अमेरिका और भारत का रक्षा व्यापार बीते समय में काफी बढ़ा है। इसके चलते वह भारत पर प्रतिबंध लगाने से बचना चाहता था।

क्या है एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम?
एस-400 मिसाइल सिस्टम 400 किलोमीटर के दायरे में आने वाली मिसाइलों और पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को भी खत्म कर देगा। एस-400 डिफेंस सिस्टम एक तरह से मिसाइल शील्ड का काम करेगा, जो पाकिस्तान और चीन की एटमी क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइलों से भारत को सुरक्षा देगा। यह सिस्टम अमेरिका के सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट एफ-35 को भी गिरा सकता है। वहीं, 36 परमाणु क्षमता वाली मिसाइलों को एकसाथ नष्ट कर सकता है। भारत ने सिस्टम के लिए 5 अरब डॉलर में समझौता किया। इसमें से 80 करोड़ की पहली किश्त रूस को दी जा चुकी है।



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US on India-Russia relation: US said India shares historical relationship with Russia; we would like to work together without spoiling them.