Wednesday, January 15, 2020

मोदी अमेजन के फाउंडर जेफ बेजोस से नहीं मिलेंगे; बेजोस के अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने सरकार की निंदा की थी January 15, 2020 at 09:46PM

नई दिल्ली. दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति और अमेजन के फाउंडर-सीईओ जेफ बेजोस के भारत दौरे का आज आखिरी दिन है। न्यूज एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेजोस से नहीं मिलेंगे। इसके पीछे दो वजह हो सकती हैं। एक वजह यह कि कॉम्पिटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) अमेजन के खिलाफ जांच कर रहा है। दूसरी और अहम वजह यह कि बेजोस के अखबार वॉशिंगटन पोस्ट का रुख मोदी सरकार के प्रति आलोचनात्मक रहा है।

वॉशिंगटन पोस्ट ने मोदी को ग्लोबल गोलकीपर अवॉर्ड मिलने की निंदा की थी

बेजोस ने मोदी से मिलने का वक्त मांगा था। बेजोस ने बुधवार को भारत की तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी भारत की सदी होगी। उन्होंने 7,100 करोड़ रुपए के नए निवेश और 71 हजार करोड़ रुपए के मेक इन इंडिया प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट करने का ऐलान भी किया। लेकिन, प्रधानमंत्री से मीटिंग फिक्स होने के संकेत नहीं मिले। बेजोस का अखबार वॉशिंगटन पोस्ट अब तक मोदी सरकार की कई नीतियों की निंदा कर चुका है। धारा 370 हटाने के फैसले के बाद अखबार ने खबरों और विचारों पर आधारित आर्टिकल की सीरीज प्रकाशित की थी। इनमें मोदी को बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन की ओर से ग्लोबल गोलकीपर अवॉर्ड मिलने की भी निंदा की गई थी।

सीएए पर भी आलोचनात्मक लेख प्रकाशित किया था

न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक वॉशिंगटन पोस्ट ने हाल ही में भारतीय पत्रकारों- बरखा दत्त और राणा अय्यूब के विचारों को भी प्रकाशित किया था। अखबार ने 13 दिसंबर को एक आर्टिकल प्रकाशित किया, जिसका शीर्षक था- भारत का नया कानून लाखों मुस्लिमों की नागरिकता छीन सकता है। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के संदर्भ में छपे इस लेख पर सरकार से जुड़े कई लोगों ने कहा था कि यह भ्रम फैलाने वाला है और गलत मंशा से प्रकाशित किया गया।

भाजपा नेता ने कहा- दुनिया को शर्तें माननी पड़ेंगी

बेजोस दौरे के आखिरी दिन आज मुंबई में कारोबारी जगत के लोगों से मिल सकते हैं। शाम को बॉलीवुड के इवेंट में शामिल हो सकते हैं। ऐसे में मोदी से मुलाकात होने की गुंजाइश भी नहीं दिख रही। न्यूज एजेंसी ने बताया कि भाजपा के एक महासचिव सेमोदी के बेजोस से नहीं मिलने की वजह पूछी गई तो वे टाल गए। लेकिन, कहा कि दूसरे कार्यकाल में सरकार का रुख पहले कार्यकाल जैसा नहीं है, दुनिया को शर्तें माननी पड़ेंगी।



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जेफ बेजोस (बाएं) और नरेंद्र मोदी।

स्पीकर पेलोसी ने सीनेट को ट्रम्प के खिलाफ महाभियोग के दस्तावेज सौंपे, इस पर साइन करने के लिए सांसदों को पेन बांटे January 15, 2020 at 06:54PM

वॉशिंगटन. अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने गुरुवार को सीनेट को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ महाभियोग के दो दस्तावेज सौंप दिए। उन्होंने इन दस्तावेजों पर कई पेनों से खुद साइन करने के बाद वहां मौजूद सांसदों को पेन बांटे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह देश के लिए दुखद है कि राष्ट्रपति ने अपने पद की गोपनीयता का उल्लंघन किया और राष्ट्रीय सुरक्षा को नजरअंदाज कर चुनावी प्रक्रिया को खतरे में डाला।

दस्तावेज सौंपने के बाद महाभियोग की सुनवाई के लिए चुने गए हाउस मैनेजर ने सीनेट के चेम्बर में सभी सदस्यों को ट्रम्प पर लगाए गए आरोपों को पढ़कर सुनाया। पहले दस्तावेज में ट्रम्प पर सत्ता के दुरुपयोग का आरोप है। दूसरे प्रस्ताव में उनके खिलाफ महाभियोग सुनवाई के दौरान संसद के काम में अड़चन डालने का आरोप लगाया गया है।

सीनेट जाएंगे चीफ जस्टिस
सीनेट के नेता मिच मैक्कॉनेल ने सभी सदस्यों को आगे की कार्रवाई के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स शपथ लेने पहुंचेंगे और चीफ जस्टिस सभी सांसदों की ओर से शपथ लेंगे। अमेरिका के इतिहास में ऐसा महज तीसरी बार होगा जब सीनेट को कोर्ट में बदला जाएगा। उन्होंने कहा कि महाभियोग की सुनवाई मंगलवार तक शुरू होगी। इसके बाद व्हाइट हाउस को सुनवाई लंबित होने की जानकारी दी जाएगी और सीनेट राष्ट्रपति को लंबित आरोपों पर जवाब देने या अपना वकील भेजने के लिए राष्ट्रपति को सम्मन भेजेगा।

दिसंबर 2019 को सदन में प्रस्ताव पास हुए थे
पेलोसी ने पहली बार सितंबर 2019 में ट्रम्प पर देश को धोखा देने का आरोप लगाया था। 19 दिसंबर 2019 को उनके खिलाफ महाभियोग के लिए सदन में दो प्रस्ताव पेश किए गए थे।प्रस्तावों पर वोटिंग के दौरान डेमोक्रेट्स ने ट्रम्प के खिलाफ और रिपब्लिकन ने ट्रम्प के पक्ष में वोटिंग की। दोनों प्रस्ताव के पक्ष में 230 और विपक्ष में 197 वोट पड़े थे।उन्होंने दो डेमोक्रेट्स और अपने प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन के खिलाफ जांच शुरू करने के लिए यूक्रेन पर दबाव डाला था। निजी और सियासी फायदे के लिए अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए 2020 राष्‍ट्रपति चुनाव के लिए अपने पक्ष में यूक्रेन से विदेशी मदद मांगी थी।

अमेरिका में राष्ट्रपति के खिलाफ अभियोग के मामले:

  • 1868 मेंअमेरिकी राष्ट्रपति एंड्रयूजॉनसन के खिलाफ अपराध और दुराचार के आरोपों पर हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में महाभियोग प्रस्ताव पास हुआ। उनके खिलाफ संसद में आरोपों के 11 आर्टिकल्स पेश किए गए। हालांकि, सीनेट में वोटिंग के दौरान जॉनसन के पक्ष में वोटिंग हुई और वे राष्ट्रपति पद से हटने से बच गए।
  • 1998 मेंबिल क्लिंटन के खिलाफ भी महाभियोग लाया गया था। उन पर व्हाइट हाउस में इंटर्न रही मोनिका लेवेंस्की ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। उन्हें पद से हटाने के लिए हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में मंजूरी मिल गई थी, लेकिन सीनेट में बहुमत नहीं मिल पाया।
  • वॉटरगेट स्कैंडल में पूर्व राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन (1969-74) के खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई होने वाली थी, लेकिन उन्होंने पहले ही इस्तीफा दे दिया। उन पर अपने एक विरोधी की जासूसी का आरोप लगा था।


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ट्रम्प के खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई शुरू करवाने में स्पीकर नैंसी पेलोसी की भूमिक अहम।

US resumes joint military operations in Iraq: Report January 15, 2020 at 06:53PM

Pakistan sponsoring terror, should do more to take non-reversible action against it: UK January 15, 2020 at 08:01PM

"All the evidence against Pakistan has been put on the table. Pakistan has taken some action...there has been some progress. Pakistan has to do a lot more and take non-reversible action," Gareth Bayley, UK foreign and commonwealth office director for south asia, said at an interactive session at Raisina Dialogue 2020 here.

कश्मीर पर चीन-पाकिस्तान को फिर नाकामी मिली, भारत बोला- अच्छे रिश्तों के लिए सही मुद्दे उठाएं January 15, 2020 at 06:06PM

न्यूयॉर्क. जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर चीन-पाकिस्तान को बुधवार को संयुक्त राष्ट्र मेंएक बार फिर नाकामी हाथ लगी। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में चीन-पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे पर समर्थन जुटाने में असफल रहे। भारत ने कहा कि हमारे साथ संबंध बेहतर करने के लिए पाकिस्तान के लिए जरूरी है कि वह सही मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करे। यूएनएससी के कई सदस्यों ने कहा कि कश्मीर, भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मुद्दा है। लिहाजा, इसे दोनों देशों के बीच बातचीत से ही हल होना चाहिए।

बुधवार को चीन के दबाव में कश्मीर पर यूएनएससी की बैठक बुलाई गई। इस ‘क्लोज्ड डोर मीटिंग’ में सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों के अलावा किसी को शामिल नहीं किया जाएगा।

‘एक बार फिर उनकी हार हुई’
यूएन में भारत के प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, ‘‘हमने एक बार फिर देखा कि एक सदस्य देश की कोशिशों की हार हुई। ये हमारे लिए खुशी की बात है कि पाकिस्तान के प्रतिनिधि द्वारा कश्मीर में खतरे की स्थिति को नकार दिया गया। पाकिस्तान कश्मीर को लेकर लगातार आधारहीन आरोप लगाता रहा है। कई देशों का कहना है कि कश्मीर मुद्दे को द्विपक्षीय तरीके से ही हल किया जाना चाहिए।’’

पिछली बैठक में पाकिस्तान को निराशा हाथ लगी
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान के सहयोगी चीन ने इस बैठक के लिए दबाव बनाया। अगस्त में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटे जाने के बाद भी चीन ने इस मुद्दे पर यूएनएससी की बैठक बुलाई थी। हालांकि, तब चीन और पाकिस्तान को इससे कुछ भी हासिल नहीं हुआ, क्योंकि सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने इसे भारत का आंतरिक मुद्दा करार देते हुए कार्रवाई से इनकार कर दिया था। इसके बाद दिसंबर में भी चीन ने कश्मीर पर चर्चा कराने के लिए बैठक का आग्रह किया था, लेकिन तब बैठक नहीं हुई।

चीन के अलावा सभी सदस्य भारत के साथ
यूएनएससी में 5 स्थायी सदस्य देश हैं, जबकि 10 निर्वाचित सदस्यों का निश्चित कार्यकाल होता है। अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन इसके स्थायी सदस्य हैं। चीन के अलावा बाकी 4 सदस्य देश कश्मीर मुद्दे पर दखल देने से इनकार करते रहे हैं। भारत सरकार के रुख का समर्थन करते हुए इन देशों ने सभी विवाद भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय बातचीत से सुलझाने को कहा है।



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यूएन में चीन के अलावा बाकी 4 स्थायी सदस्य देश कश्मीर मुद्दे पर दखल देने से इनकार करते रहे हैं। -फाइल फोटो

Employees at this UK firm get 4 extra days off if they don’t smoke January 15, 2020 at 05:12PM

Managing director Don Bryden, who is a smoker himself, introduced the policy in the hope that it would inspire employees to quit, and force other businesses to follow suit. Inspire Creative Media’s James Hackett, who is representing Bryden, said the company was inspired to introduce the policy after reading about businesses doing the same in Japan. “Reading that got Don thinking,” Hackett said. “It’s an awful lot of time for smokers to take out smoking.”

US House sends Trump impeachment charges to Senate for trial January 15, 2020 at 04:37PM

Lawmakers voted 228 to 193 to give the Senate, controlled by Trump's fellow Republicans, the task of putting him on trial on charges of abuse of power for asking Ukraine to investigate political rival Joe Biden and obstruction of Congress for blocking testimony and documents sought by Democratic lawmakers.

Dems scrap over whether female candidate can beat Trump January 15, 2020 at 05:57AM

Bernie Sanders and Elizabeth Warren, two progressive Democratic candidates among those running for the White House, clashed on Tuesday night in a Presidential debate over the issue of whether a woman will ever be elected President of the United States and whether a female candidate can beat President Trump.

प्रधानमंत्री दिमित्री मेदवेदेव ने इस्तीफा दिया,राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने सेवाओं के लिए धन्यवाद कहा January 15, 2020 at 04:30AM

मॉस्को. रुस के प्रधानमंत्री दिमित्री मेदवेदेव ने बुधवार को राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन को अपना इस्तीफा सौंप दिया। मेदवेदेव 2012 से प्रधानमंत्री का पदभार संभाल रहे थे। इससे पहले वे 2008-12 के बीच देश के राष्ट्रपति के तौर पर भी सेवा दे चुके थे। पुतिन ने मेदवेदेव को उनकी सेवाओं के लिए धन्यवाद दिया। हालांकि उन्होंने कहा कि उनका मंत्रीमंडल निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने में विफल रहा। पुतिन ने मेदवेदेव के सभी सहयोगियों को नए मंत्रीमंडल गठित होने तक काम करते रहने के लिए कहा है।

मेदवेदेव को लंबे समय से राष्ट्रपति पुतिन का करीबी माना जाता है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, पुतिन अब उन्हें डिप्टी ऑफ प्रेसेडेंशियल सेक्युरिटी काउंसिल के तौर पर नामित कर सकते हैं।

पुतिन के भाषण के कुछ देर बादही मेदवेदेव ने इस्तीफा दिया

मेदवेदेव ने राष्ट्र के नाम राष्ट्रपति के सालाना संबोधनके कुछ ही घंटे बाद अपना इस्तीफा सौंप दिया। अपने भाषण में पुतिन ने प्रधानमंत्री और मंत्रीमंडल सदस्यों के अधिकारों को बढ़ाने के लिए संविधान में संशोधन की बात कही। ऐसा माना जा रहा है कि पुतिन 2024 में अपना मौजूदा कार्यकाल समाप्त होने के बाद संविधान में संशोधन कर सकते हैं।



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रुस के प्रधानमंत्री दिमित्री मेदवेदेव ने राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के राष्ट्र के नाम संबोधन के कुछ ही घंटाें बाद इस्तीफा सौंप दिया।

चीन ने कश्मीर पर सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई, फ्रांस ने कहा- यह भारत का अंदरूनी मामला January 15, 2020 at 02:55AM

न्यूयॉर्क. चीन के दबाव में कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक बुलाई गई है। यह बैठक बुधवार की रात को होगी। यूएनएससी की इस 'क्लोज्ड डोर मीटिंग' में सुरक्षा परिषद के स्थााई सदस्यों के अलावा किसी को शामिल नहीं किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, फ्रांस ने बैठक से पहले ही इस मुद्दे पर अपना रुख साफ कर दिया। उसने कश्मीर मुद्दा द्विपक्षीय बातचीत से ही सुलझाने पर जोर दिया।

फ्रांसने कहा- हमें जानकारी मिली है कि यूएनएससी के एक सदस्य की तरफ से दोबारा कश्मीर मुद्दे पर चर्चा कराने का प्रस्ताव लाया गया है। इस मामले में फ्रांस का रुख स्पष्ट है। हम पहले भी कई बार कह चुके हैं कि कश्मीर का मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय बातचीत से सुलझाया जाना चाहिए। हम यूएनएससी में शामिल सदस्यों से यही बात दोबारा कहेंगे।

यह सुरक्षा परिषद की अनौपचारिक बैठक

यूएनएससी की इस बैठक में भारत और पाकिस्तान शामिल नहीं हो सकेंगे, क्योंकि क्लोज्ड डोर मीटिंग में केवल स्थाई सदस्यों को ही शामिल होने की इजाजत होती है। अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन यूएनएसी के स्थाई सदस्य हैं। इस बैठक के बाद कोई बयान जारी नहीं किया जाएगा, क्योंकि इस तरह की बैठकें अनौपचारिक मानी जाती हैं।

पिछली बैठक में पाकिस्तान को निराशा हाथ लगी

सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान के सहयोगी चीन ने इस बैठक के लिए दवाब बनाया। अगस्त में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटे जाने के बाद भी चीन ने इस मुद्दे पर यूएनएससी की बैठक बुलाई थी। हालांकि तब चीन और पाकिस्तान को इससे कुछ भी हासिल नहीं हुआ, क्योंकि सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने इसे भारत का आंतरिक मुद्दा करार देते हुए कार्रवाई से इनकार कर दिया था। इसके बाद दिसंबर में भी चीन ने कश्मीर पर चर्चा कराने के लिए बैठक का आग्रह किया था, लेकिन तब बैठक नहीं हुई।

चीन के अलावा सभी सदस्य भारत के साथ

यूएनएससी में 5 स्थाई सदस्य देश हैं, जबकि 10 निर्वाचित सदस्यों का निश्चित कार्यकाल होता है। अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन इसके स्थाई सदस्य हैं। चीन के अलावा बाकी 4 सदस्य देश कश्मीर मुद्दे पर दखल देने से इनकार करते रहे हैं। भारत सरकार के रुख का समर्थन करते हुए इन देशों ने सभी विवाद भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय बातचीत से सुलझाने को कहा है।

मोदी की मुस्लिम विरोधी मुहिम से चिंतित: यूएनएचआर

इस बीच, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के कार्यकारी निदेशक केनेथ रोथ ने कहा है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुस्लिम विरोधी मुहिम से चिंतित हैं। मंगलवार को रोथ ने कहा, “हम कश्मीर में मोदी सरकार की मुस्लिम विरोधी नीति से बेहद चिंतित हैं। असम में उनकी कार्रवाई और हाल ही में मुस्लिमों से भेदभाव करने वाले नागरिकता कानून को लागू किए जाने से हमारी चिंता और बढ़ गई है।” रोथ ने कहा कि भारत में मोदी सरकार लगातार इस तरह की नीतियां लागू कर रही है, जो मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हैं।



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यूएनएससी की क्लोज्ड डोर मीटिंग स्थाई सदस्यों की अनौपचारिक बैठक होती है।

Germany investigates three over 'spying for China' January 15, 2020 at 02:45AM

German prosecutors on Wednesday said they were investigating three people who allegedly spied for China, with media reporting that a German former EU diplomat was among the suspects.

फूड चैन बर्गर किंग ने प्रिंस हैरी को 'पार्ट टाइम' का ऑफर दिया, यूजर ने कहा- यह बर्बरता है January 15, 2020 at 01:17AM

लंदन.ब्रिटेन के राजपरिवार का वरिष्ठ पद छोड़ने का ऐलान कर चुके प्रिंस हैरी और उनकी पत्नी मेगन मर्केल को यूएस बेस्ड मल्टीनेशनल चेन बर्गर किंग ने ट्वीट कर पार्ट टाइम जॉब का ऑफर दिया। एक यूजर ने बर्गर किंग के आइडिया को बर्बर बताया तो दूसरे ने कहा कि फूड चेन ने लोगों का दिल जीत लिया है।

पिछले दिनों हैरी और मेगन ने कहा था कि वे कनाडा और अमेरिका में रहकर राजपरिवार की सेवा करेंगे। दोनों ने यह भी इच्छा जताई है कि वे पब्लिक फंड्स के खर्च पर नया जीवन नहीं गुजारेंगे और वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर भी बनेंगे।

बर्गर किंग ने लिखा- शाही परिवार पार्ट टाइम जॉब देता है
फूड चेन ने बर्गर किंग ने मंगलवार को ट्वीट कर लिखा कि हैरी यह शाही परिवार पार्ट टाइम जॉब देता है। यहां शाही परिवार का मतलब बर्गर किंग से है। इस ट्वीट को करीब 6.5 हजार लोगों ने लाइक किया। वहीं, डेढ़ हजार लोगों ने रिट्वीट किया।

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अर्जेंटीना की बर्गर किंग ब्रांच ने भी एक ट्वीट किया था
बर्गर किंग की अर्जेंटीना ब्रांच ने भी एक ऐसा ही ट्वीट किया था। इसमें लिखा था, "ड्यूक आप अपनी पहली नौकरी बिना अपने क्राउन के खोज सकते हैं।"

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Food Chain Burger King Offers Prince Harry 'Part Time', User Says It's Vandalism

Iran rejects idea of a new 'Trump deal' in nuclear row January 15, 2020 at 12:50AM

British Prime Minister Boris Johnson, who has praised Trump as a great dealmaker, called on Tuesday for the president to replace Iran's 2015 nuclear deal with major powers with his own new pact to ensure Tehran does not get an atomic weapon.

Iran social media posts call for more protests after plane disaster January 15, 2020 at 12:46AM

Iranians called on social media on Wednesday for fresh demonstrations a week after the shooting down of a passenger plane, seeking to turn the aftermath of the crash into a sustained campaign against Iran's leadership.

25 साल में 3.6 अरब परमाणु बमों की ऊष्मा समुद्रों में घुली, इसकी दर हर सेकंड 5 परमाणु बम जितनी January 15, 2020 at 12:35AM

बीजिंग. एडवांसेज इन एटमॉस्फेरिक साइंसेज जर्नल में सोमवार को प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, पिछले 25 साल में 3.6 अरब परमाणु बम से उत्पन्न हीट जितनी ऊष्मा (गर्मी) महासागरों में घुल गई है। पानी में हर सेकंड 5 (हिरोशिमा पर गिराए गए) परमाणु बम गिराए जाने जितनी ऊष्मा घुल रही है। इस ऊष्मा से समुद्र गर्म हो रहे हैं। 14 वैज्ञानिकों की एक टीम 1950 के दशक से समुद्रों के तापमान का अध्ययन कर रही है। टीम ने 2000 मीटर की गहराई तक तापमान की बढ़ोतरी का अध्ययन किया है।

शोध के मुताबिक, 2019 में समुद्रों ने 90% ऐसी ऊष्मा को अवशोषित किया जो कि ग्रीन हाउस गैसों, पेट्रोलियम पदार्थों के जलने और जंगल में लगी आग से निकली थी। इससे समुद्रों का तापमान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। शोध में बीते 10 सालों को गर्म साल माना गया। इनमें 5 साल समुद्रों के अब तक के सबसे गर्म सालों में दर्ज किए गए। यह ऊष्मा धरती के प्रत्येक व्यक्ति द्वारा दिन-रात 100 माइक्रोवेव अवन के चलाने जितनी भी कही जा सकती है।

1987 से लेकर 2019 के बीच तापमान की बढ़ोतरी पिछली के दशकों के मुकाबले 450% से अधिक देखी गई।

इतनी ऊष्मा समुद्रों में घुली
चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज में इंटरनेशनल सेंटर फॉर क्लाइमेट एंड एन्वॉयर्मेंट साइंसेस के प्रमुख लेखक प्रोफेसर लीजिंग चेंग ने कहा, ‘‘1981 से 2010 के बीच महासागर का तापमान 0.075 डिग्री सेल्सियस था। हीरोशिमा पर एटम बम के गिरने से 63,000,000,000,000 (63 ट्रिलियन) जूल्स एनर्जी उत्पन्न हुई थी। अब तक समुद्रों में 228,000,000,000,000,000,000,000(228 सेक्स्टिलियन) जूल्स ऊष्मा घुल चुकी है।

तापमान में बढ़ोतरी की दर 450% अधिक
नेशनल सेंटर फॉर एटमॉस्फेरिक रिसर्च की जलवायु परिवर्ततन एनालिसिस सेक्शन की वैज्ञानिक केविन ट्रेनबर्थ ने कहा, समुद्रों के तापमान में हो रही बढ़ोतरी का कारण मानव के क्रिया-कलाप हैं। रिसर्च के मुताबिक, 1955 से 1986 के बीच समुद्री तापमान की धीरे-धीरे बढ़ोतरी हुई। बाद के दशक में ऊष्मा की यह गर्माहट बढ़ती गई। 1987 से लेकर 2019 के बीच तापमान की बढ़ोतरी पिछली के दशकों के मुकाबले 450% से अधिक देखी गई।

समुद्रों के गर्म होने से यह होता है
रिसर्च के मुताबिक, गर्म हो रहे समुद्र बड़े तुफानों को तैयार करते हैं। इससे जल चक्र भी प्रभावित होता है। इसका असर धरती पर सूखा, बाढ़ और जंगलों की आग के रूप में दिखता है। इस सबके अलावा, यह समुद्री जीवन के लिए भी घातक है।



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बीते 5 साल समुद्रों के अब तक के सबसे गर्म सालों के रूप में दर्ज किए गए।

राष्ट्रपति साइ इंग-विन की चीन को चेतावनी- हम आजाद मुल्क, कोई भी हमला बीजिंग को महंगा पड़ेगा January 14, 2020 at 10:17PM

ताइपेई. ताइवान की राष्ट्रपति साईइंग-विन ने चेतावनी दी है कि अगर चीन हम पर हमला करता है तो उसे महंगा पड़ेगा। साईके राष्ट्रपति बनने के बाद चीन ने कहा था कि अगर ताइवान आजादी की घोषणा करता है तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। साईने इसपर कहा कि ताइवान पहले से ही आजाद देश है और इसे अपनी आजादी की घोषणा करने की कोई जरूरत नहीं है।

साइ ने दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद बीबीसी से पहली बार बात करते हुए कहा कि हम अपने आप को रिपब्लिक ऑफ चीन, ताइवान कहते हैं। एक आजाद देश होने के नाते हम चीन से सम्मान की उम्मीद करते हैं। मॉडर्न ताइवान पिछले 70 साल से मेनलैंड चीन से अलग है और स्वतंत्र तौर पर काम कर रहा है।

‘उम्मीद करती हूं कि चीन हमारे जनादेश का सम्मान करेगा’

चीन की नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने कहा कि मैं उम्मीद करती हूं कि ताइवान के लोगों के विचारों का चीन सम्मान करेगा। राष्ट्रपति चुनाव में दिए गए लोगों के जनादेश को गहराई से समझेगा। चीन इस पर गौर करते हुए अपनी कुछ मौजूदा नीतियों में भी बदलाव करेगा। उन्होंने कहा कि मुझ पर आजादी से जुड़े मुद्दों को मजबूती से रखने का दबाव है। ताइवान अपनी स्वतंत्र पहचान से किसी प्रकार का समझौता बर्दाश्त नहीं करेगा।

ताइवान मेनलैंड चीन का हिस्सा होने में विश्वास नहीं करता: साई

साई ने कहा कि 1949 में चीन के नागरिक युद्ध में कम्युनिस्ट से हार के बाद ताइवान दशकों तक नेशनलिस्ट चियांग काई-शेक की तनाशाही में रहा। 1980 के बाद यह एशिया के सबसे प्रगतिशील लोकतंत्र के तौर पर उभरा है। हालांकि, इसे दुनिया के काफी कम देशों से मान्यता मिली है लेकिन इस चुनाव का परिणाम बताता है कि ताइवान के लोग मेनलैंड चीन का हिस्सा होने की थ्योरी में विश्वास नहीं रखते।



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ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-विन ने अपने देश को चीन का हिस्सा मानने से इंकार किया।

Iranians want 'diversity', Hassan Rouhani says ahead of February election January 14, 2020 at 10:53PM

सांसद ने विदेश मंत्री पोम्पियो को पत्र लिखकर नागरिकता कानून का मुद्दा उठाया, कहा- भारत से इसे तुरंत वापस लेने के लिए कहें January 14, 2020 at 09:58PM

वॉशिंगटन.अमेरिकी सांसद बॉब मेनेंडेज ने भारत में नागरिकता कानून लाने और प्रस्तावित नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) पर चिंता प्रकट की है। उन्होंने विदेश मंत्री माइक पोम्पियो को पत्र लिखकर कहा है कि वे भारत पर इन दोनों कानूनों को तत्काल वापस लेने का दबाव बनाएं। मेनेंडेज अमेरिका उच्च सदन में न्यू जर्सी का प्रतिनिधित्व करते हैं और देश की फॉरेन रिलेशन्स कमेटी के सदस्य हैं।

मेनेंडेज ने कहा है कि कि अमेरिका को लोकतांत्रिक मूल्यों, आजादी और मानवाधिकार की रक्षा केलिए आगे आना चाहिए। मैं प्रशासन से अनुरोध करता हूं कि वह उच्च स्तर पर भारत सरकार से इन मुद्दों पर बात करे।

धर्म आधारित नागरिकता भारतीय संविधान के खिलाफ: मेनेंडेज

मेनेंडेजे ने अपनी चिट्‌ठी में लिखा है, ‘‘सीएए के मुताबिक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना से तंग आकर 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और इसाई धर्म के लोगों को भारतीय नागरिकता मिल जाएगी। भारत सरकार का दावा है कि नागरिकता विधेयक धार्मिक अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए है। लेकिन, इसमें पाकिस्तान के अहमदिया और बर्मा के रोहिंग्या मुसलमानों के लिए कोई प्रावधान नहीं है। इससे यह एक मुसलिम विरोधी कानून लग रहा है। धर्म के आधार पर नागरिकता देना भारत के अंदरूनी कानूनी बाध्यताओं और संविधान के खिलाफ है। ’’

‘सिटिजन रजिस्ट्री से भारतीय मुसलमान प्रभावित’

मेनेंडेज ने कहा है कि नेशनल सिटिजन रजिस्टर (एनआरसी)से भारत के मुसलमान प्रभावित हैं। यह भारत के सेकुलर और लोकतांत्रिक इतिहास पर खतरा है। भारत सरकार ने असम में इसे लागू किया है। इसके कारण करीब 10.9 लाख बंगाली भाषी मुसलिम स्टेटलेस हो गए हैं। सरकार अब इसे पूरे देश में लागू करना चाह रही है। मेनेंडेज ने कहा है कि पिछले साल अक्टूबर में मैंने भारत का दौरा किया था। इस दौरान सिविल सोसाइटी एक्टिविस्ट ने मुझसेएनआरसी से भविष्य में भारत के लोकतंत्र पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव के बारे में बताया था।



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बॉब मेनेंडेज अमेरिका के उच्च सदन में न्यू जर्सी का प्रतिनिधित्व करते हैं।