Thursday, May 7, 2020

सैन्य सहयोगी के कोरोना पॉजिटिव आने पर राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा- अब हर दिन जांच की जाएगी May 07, 2020 at 07:21PM

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने एक सैन्य सहयोगी के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद गुरुवार को कहा कि अब हर दिन उनकी जांच की जाएगी। हालांकि, राष्ट्रपति ने कहा कि उनका अधिकारी से संपर्क बेहद कम था। मैं उन्हें अच्छी तरह जानता हूं। वे एक अच्छे इंसान हैं।

ट्रम्प ने कहा कि मेरी और उपराष्ट्रपति माइक पेंस की जांच की गई है। दोनों की टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि व्हाइट हाउस में सभी स्टाफ, मेरी और उपराष्ट्रपति की हर दिन जांच की जाएगी। इससे पहले सप्ताह में एक बार जांच होती थी।

ट्रम्प की पुतिन से बातचीत
राष्ट्रपति ट्रम्प और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच गुरुवार को फोन पर बातचीत हुई। इस दौरान दोनों ने एक दूसरे को द्वितीय विश्वयुद्ध की जीत की 75वीं वर्षगांठ पर बधाई दी। ट्रम्प ने कहा कि मैंने रूस को वेंटिलेटर भेजने की पेशकश की है। मैंने कहा कि अगर उन्हें जरूरत है, तो हमारे पास काफी वेंटलेटर्स है। सही समय आने पर हम उन्हें भेजेंगे। रूस ने भी इस बात की पुष्टि की है।

कई देशों को वेंटिलेटर्स भेजने की योजना

अमेरिका ने ब्रिटेन, स्पेन, इटली, नाइजीरिया, अल साल्वाडोर, इक्वाडोर और मैक्सिको समेत कई अन्य देशों में वेंटिलेटर भेजने की योजना बनाई है। पिछले महीने ट्रम्प ने कहा था कि अमेरिकी सरकार ने लगभग 10 हजार वेंटिलेटर का स्टॉक किया है। व्हाइट हाउस के मुताबिक, दोनों नेताओं के बीच कोरोना के अलावा आतंकवाद और हथियारों के नियंत्रण जैसे मुद्दों पर भी बात हुई।



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व्हाइट हाउस में फर्स्ट लेडी मेलानिया और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प। राष्ट्रपति की कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है।

US coronavirus deaths exceed 75,000: Reuters tally May 07, 2020 at 05:30PM

The death toll is higher than any fatalities from the seasonal flu going back to 1967 and represents more US deaths than during the first 10 years of the AIDS epidemic, from 1981 to 1991.

अब तक 39.16 लाख संक्रमित और 2.70 लाख जान गई: अमेरिका में 76 हजार मौतें; इटली में करीब 30 हजार लोगों ने दम तोड़ा May 07, 2020 at 05:08PM

दुनिया में कोरोनावायरस से अब तक 39 लाख 16 हजार 338 लोग संक्रमित हैं। दो लाख 70 हजार 711 की मौत हो चुकी है, जबकि 13 लाख 43 हजार 54 ठीक हो चुके हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका में अब तक 76 हजार 928 लोगों की जान जा चुकी है। यहां एक दिन में 2448 लोगों ने दम तोड़ा है। उधर, इटली में 24 घंटे में 274 जान गई है। यहां मौतों का आंकड़ा 30 हजार के करीब पहुंच गया है।

अमेरिका: 12 लाख से ज्यादा संक्रमित
दुनिया में सबसे ज्यादा 12 लाख 92 हजार 623 मरीज अमेरिका में हैं। यहां दो लाख 17 हजार 250 लोग अब तक ठीक हो चुके हैं। उधर, अपने सैन्य सहयोगी के कोरोना पॉजिटिव मिलने पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार को कहा कि हर दिन उनका कोरोना जांच किया जाता है। संक्रमित अफसर मेरे संपर्क में बहुत कम था।

पुतिन और ट्रम्प ने फोन पर बातचीत की
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और राष्ट्रपति ट्रम्प ने महामारी को लेकर गुरुवार को फोन पर बातचीत की। इस दौरान दोनों ने एक दूसरे को द्वितीय विश्व युद्ध की जीत की 75वीं वर्षगांठ पर बधाई दी। क्रेमलिन ने बयान में कहा, "वायरस के कारण बनी स्थिति को लेकर की गई चर्चा में द्विपक्षीय सहयोग के सकरात्मक संकेत दिखे। अमेरिका ने रूस को मदद के रूप में चिकित्सक उपकरण भेजने का भी प्रस्ताव दिया है।"

पाकिस्तान: 9 मई को लॉकडाउन हटाएगा
पाकिस्तान ने गुरुवार को घोषणा की कि देश में लगा लॉकडाउन 9 मई से धीरे-धीरे हटाया जाएगा। पीएम इमरान खान ने कहा कि लॉकडाउन के चलते मजदूर, छोटे व्यापारी और जनता को काफी नुकसान हो रहा है। हालांकि, यहां अभी केस बढ़ते जा रहे हैं। अब तक 26 हजार 644 केस मिल चुके हैं, जबकि 593 मौतें हो चुकी हैं।

ब्राजील: 1.35 लाख मरीज
ब्राजील में संक्रमितों की संख्या 1 लाख 35 हजार 106 हो गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि देश में मरने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। अब यह आंकड़ा 9146 पर पहुंच गया है। देश में 10,503 नए केस मिले हैं। एक दिन पहले 615 लोगों की मौत हुई थी।



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न्यूयॉर्क से सटे रिकर्स आईलैंड में नर्स और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों ने पीपीई की कमी और अन्य सुविधाओं की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।

US Justice Department drops case against ex-Trump aide Michael Flynn May 07, 2020 at 05:18PM

The US Justice Department withdrew its case against former White House national security advisor Michael Flynn Thursday, handing President Donald Trump a major political victory.

Trump valet has coronavirus; president again tests negative May 07, 2020 at 04:36PM

UK PM Johnson's divorce with Indian-origin wife finalised May 07, 2020 at 04:45PM

London, May 7 () Boris Johnson has become the first British Prime Minister to divorce while in office in 250 years as papers filed by his Indian-origin ex-wife Marina Wheeler earlier this year were granted recently.

UK economy forecast to shrink by most since 1706 May 07, 2020 at 04:29PM

Unemployment is projected to more than double to around 9%, but that figure does not include the 6 million workers who have been retained by firms as part of a scheme that sees the government pay up to 80% of salaries.

किम जोंग उन ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को वर्बल मैसेज भेजा, कोरोनावायरस से जीत हासिल करने पर बधाई दी May 07, 2020 at 04:20PM

उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन ने चीन के राष्ट्रपति शीजीनपिंग को वर्बल मैसेज भेजा है। इसमें उन्होंने कोरोनावायरस रोकने में सफल होने पर चीन की सराहना की। योनहाप न्यूज एजेंसी ने यह जानकारी दी है। हालांकि, एजेंसी ने यह स्पष्ट नहीं किया कि वर्बल मैसेज का क्या मतलब है और किम ने यह जिनपिंग तक कैसे पहुंचाया।

एजेंसी के मुताबिक, मैसेज में किम ने जिनपिंग को बधाई दी है और कहा कि चीन युद्ध जैसी महामारी को रोकने में सफलता हासिल कर रहा है। साथ ही उन्होंने राष्ट्रपतिके अच्छे स्वास्थ्य की कामना की है। किम ने कहा कि चीन की पार्टी और लोग इस सफलता को बनाए रखेंगे औरजिनपिंग के मार्गदर्शन में जीत हासिल करेंगे।

यह दूसरी बार है जब इस साल कोरोना को लेकर किम ने चीनी राष्ट्रपति को मैसेज भेजा है। जनवरी में उन्होंने वायरस के खिलाफ लड़ाई में चीन को अपना समर्थन जताया था।

किम के गायब रहने पर उनके खराब स्वास्थ की अटकले लग रही थीं

उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन (36) 20 दिन के बाद 1 मई को पहली बार फर्टिलाइजर कंपनी के उद्घाटन समारोह में सबके सामने आए। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, किम 11 अप्रैल को पार्टी पोलितब्यूरो की मीटिंग के बाद से पब्लिक प्लेस पर नजर नहीं आए थे। वे 15 अप्रैल को अपने दादा किम इल सुंग की याद में होने वाले सालाना कार्यक्रम में भी शामिल नहीं हुए थे। ऐसा पहली बार हुआ था। इसके बाद से ही उनको लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं। अब साफ हो गया है कि किम स्वस्थ हैं।



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पिछले साल जून में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग उत्तर कोरिया के ऐतिहासिक दौरे पर पहुंचे थे। (फाइल फोटो)

Israel president tasks Benjamin Netanyahu with forming govt May 07, 2020 at 03:48PM

यूरोप में हवा साफ होने से एक महीने में 11 हजार लोग असमय मौत से बच गए, बच्चों में अस्थमा के मामले भी घटे May 07, 2020 at 02:37PM

कोरोनासंकट की वजह से दुनियाभर में लॉकडाउन का असर पर्यावरण पर भी पड़ा है। कई जगहों पर बिजली, कोयला और अन्य प्रदूषण फैलाने वाले प्लांट बंद हैं। महामारी से निपटने के लिए अपनाए गए उपायों से पर्यावरण में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड का प्रदूषण औसतन 40% घटगया। इससे पिछले 30 दिनों में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) प्रदूषण के औसत स्तर में 10% की कमी आई। यही वजह रही है कि यूरोप में हवा साफ हो गई।

इसका नतीजा यह रहा कि एक ही महीने में करीब 11 हजार लोगों को असमय मौत से बचाया जा सका है। सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर की रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान सबसे ज्यादा असर बच्चों के स्वास्थ्य पर हुआ। पिछले एक महीने में यूरोप में बच्चों में अस्थमा के करीब 6 हजारमामले कम आए। इसके अलावा प्रीमैच्योर जन्म के मामलों में भी 600 से ज्यादा की गिरावट रही। इनके अलावा करीब 1900 बच्चों को इमरजेंसी इलाज से बचाया जा सका है।

कोयले और बिजली के 37% प्लांट बंद, हवा साफ

रिपोर्ट में कहा गया है कि लॉकडाउन के दौरान कोयले और बिजली के 37% प्लांट बंद रहे, जबकि एक तिहाई ऑयल प्लांट बंद रहे। इनकी वजह से नाइट्रोजन ऑक्साइड का उत्सर्जन भी कम हुआ, जो विशेष रूप से अस्थमा के मरीजों के लिए ज्यादा नुकसानदायक है। जिन बीमारियों या कारणों से लोगों की जान बची है, उनमें ज्यादातर सांस और फेफड़ों के संक्रमण से जुड़े हैं, जिन्हें कोरोना का भी खतरा ज्यादा था। साफ हवा से उनके स्वास्थ्य पर भी बेहतर असर पड़ा है।

जर्मनी में यूरोप के दूसरे देशों की तुलना में ज्यादा जानें बचीं

यूरोप 21 देशों में सबसे ज्यादा फायदा जर्मनी को हुआ। वहां मौतों की संख्या 2083 घटी।स्वीडन, नॉर्वे, पुर्तगाल समेत 10 देशों में यह आंकड़ा 120 से 770 के बीच रहा।

देश जानें बचीं
जर्मनी 2083
ब्रिटेन 1752
इटली 1490
फ्रांस 1230
स्पेन 1081


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यूरोप में हवा साफ होने से बच्चों के साथ बड़ों के स्वास्थ्य पर भी बेहतर असर देखने को मिला। (फाइल)

अमेरिका में 97% महिलाएं बच्चों की पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान दे रहीं, 66% ने माना कि पतियों से कोई सहयोग नहीं मिलता है- सर्वे May 07, 2020 at 02:37PM

अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स के ताजा सर्वे के मुताबिक लॉकडाउन में 97% महिलाओं ने कहा कि वे घरेलू कामकाज के साथ अपने बच्चों की पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान दे रही हैं जबकि सिर्फ 3% ने माना कि उनके पति भी इस ओर ध्यान दे रहे हैं। हालांकि, पुरुष इस बात से साफ इनकार कर रहे हैं।

सर्वे में 20% पतियों ने तर्क दिया कि घरेलू कामकाज या बच्चों की देखरेख की जिम्मेदारी पत्नियों की ही है। अप्रैल में लॉकडाउन के बाद 2200 परिवारों से बातचीत कर यह सर्वे किया गया। 70% महिलाओं का कहना है कि लॉकडाउन के बाद से बच्चों की देखभाल समेत वे ही हर तरह के घरेलू काम में जुटी हुई हैं जबकि 66% महिलाओं ने कहा कि उन्हें इस मामले में पतियों की ओर से कोई सहयोग नहीं मिला।

67% महिलाएं बच्चों को पढ़ा भी रही हैं जबकि पुरुषों की संख्या 29%

ऐसे दंपती, जो लॉकडाउन में संयुक्त रूप से वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं, उनमें यह अंतर कम देखा गया। ऐसे दंपतियों में 67% महिलाएं बच्चों को पढ़ा भी रही हैं जबकि पुरुषों की संख्या 29% है। अमेरिका में एक पुरानी रिसर्च के मुताबिक ‘पुरुष जितना काम करते हैं, उससे ज्यादा आकलन करते हैं जबकि महिलाएं ज्यादा काम करती ही हैं।’ इस तथ्य को लॉकडाउन के पैमाने पर जांचने के लिए यह सर्वे किया गया था।

कोरोना की ज्यादा चिंता से हार्ट और इम्यून सिस्टम को खतरा, खुशी देने वाले काम करें
जेन ई ब्रॉडी:कोरोना के कारण लोगों में खौफ का माहौल पैदा हो गया है। ऐसे में तनाव लंबे समय तक बना रहा तो यह सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। डॉक्टर सलाह दे रहे हैं कि एक हद तक चिंता करना वाजिब है लेकिन इसके बारे में लगातार पढ़ते रहने से शारीरिक व मानसिक तौर पर बुरा असर पड़ता है। चिंता और घबराहट हार्ट डिसीज, पाचन, कमजोर इम्यून सिस्टम के जोखिम को बढ़ाती है।

हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के डेविड रोपिक बताते हैं कि इतिहास में ऐसा मौका नहीं आया, जब हर कोई एक ही चीज को लेकर चिंता कर रहा है। ऐसा कोई खतरा नहीं आया, जो 780 करोड़ लोगों की दुनिया में इतनी तेजी से फैला हो। विशेषज्ञ मरीजों को कोविड 19 की चर्चा के बजाए पॉजिटिव सोच लाने के लिए पेंडिंग काम पूरा करने, घर में साफ-सफाई की सलाह दे रहे हैं।



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70% महिलाओं का कहना है कि लॉकडाउन के बाद से बच्चों की देखभाल समेत वे ही हर तरह के घरेलू काम में जुटी हुई हैं।

काेराेना काल में ठीक ढंग से घर की साफ-सफाई जरूरी, विशेषज्ञ बता रहे हैं कैसे करें रोगाणु रहित सफाई May 07, 2020 at 02:37PM

काेराेनावायरस जबसे खतरा बना है, लाेग घर के भीतर हर चीज काे ज्यादास्प्रे करकेऔरपाेंछने लगे हैं। कई लाेग सतह पर स्प्रे कर एक-दाे बार पाेंछ देते हैं, लेकिन इससे किसी भी प्राेडक्ट काे काम करने का पर्याप्त वक्त नहीं मिलपाता। अलग-अलग स्प्रे क्लीनर और डिसइंफेक्टेंट पर 30 सेकंड से 4 मिनट तक समय लिखा हाेता है। ऐसे में सफाई का सही तरीका क्या है? बता रहे हैं इंफेक्शियस डिसीज साइंटिस्ट...

1. डिसइंफेक्टेंटकितनी देर तक सतह पर लगा रहने दें कि राेगाणु मर जाएं?

इंफेक्शियस डिसीजेस के इंस्ट्रक्टर डाॅ. एंड्रयू जानाेवस्की कहते हैं, ‘यह जितनी अधिक देर सतह पर लगा रहे, उतना बेहतर है। प्राॅडक्ट का अनुशंसित समय जानने के लिए उसका लेबल पढ़ें। यह 30 सेकंड से कुछ मिनट हाे सकता है। कुछ प्राेडक्ट सैनिटाइज करने का दावा करते हैं, यानी वे बैक्टीरिया के स्तर काे कम करते हैं। डिसइंफेक्टेंट के दावे का अर्थ है प्राेडक्ट बैक्टीरिया और वायरस दाेनाें काे खत्म या निष्क्रिय कर देता है।

2. डिसइंफेक्टेंट के प्रयोग से पहले सतह साफ करने को कहा जाता है, दाे बार सफाई जरूरी है?

यदि सतह पर भाेजन के अवशेष या मैल है ताे डिसइंफेक्टेंट के इस्तेमाल से पहले कूड़ा-करकट हटाना जरूरी है। गंदगी की परत रहेगी ताे बैक्टीरिया बचे रहेंगे।

3. चार मिनट तक पाेंछना जरूरी है?

माइक्राेबायाेलाॅजिस्ट हैली ऑलिवर बताती हैं पाेंछे (वाइप) काे लैब में टेस्ट किया जाता है ताे उसमें शुरुआती पाेंछे से सतह के सूखने तक का समय शामिल हाेता है। उद्देश्य सतह सूखने तक पाेंछना हाेता है। सतह जल्द सूखे ताे पहले भी राेक सकते हैं।

4. काेराेना से बचने के लिए बेहतर क्लीनर?

प्राेडक्ट के लेबल से यह जान सकते हैं कि काैन सा क्लीनर कैसे वायरस काे मारता है। काेरानावायरस चूंकि नया है इसलिए इससे जुड़े प्राेडक्ट आने में समय लग सकता है। तब तक अन्य वायरस खत्म करने वाले प्राेडक्ट इस्तेमाल कर सकते हैं। इंफेक्शियस डिसीज विशेषज्ञ डाॅ. डेनियल कुरिट्ज्केस कहते हैं ये अनुशंसाएं व्यापक हैं, जाे काेराेना से दुष्कर स्टैफ और स्ट्रेप जैसे बैक्टीरिया काे मारने में लगने वाले समय पर आधारित हैं।



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डिसइंफेक्टेंट के दावे का अर्थ है प्राेडक्ट बैक्टीरिया और वायरस दाेनाें काे खत्म या निष्क्रिय कर देता है। -प्रतीकात्मक फोटो

Bangladesh lifts curbs on mosque prayers as lockdown eases May 07, 2020 at 02:46AM

UK studies find greater virus risk for ethnic minorities May 07, 2020 at 02:04AM

Spain daily virus death toll trends downward May 07, 2020 at 01:42AM

Poland's President says he hopes for election as soon as possible May 07, 2020 at 12:31AM

ISI spy in Ukraine exposed after sexual misconduct May 07, 2020 at 12:21AM

कोरोनावायरस पर महत्वपूर्ण खोज के करीब पहुंचे चीन के रिसर्चर की गोली मारकर हत्या  May 06, 2020 at 07:28AM

अमेरिका के पेनसिल्वेनिया में चीन के एक मेडिकल रिसर्चर की बीते गोली मारकर हत्या कर दी गई। वह कोरोनावायरस पर शोध कर रहे थे और एक महत्वपूर्ण खोज के करीब पहुंच चुके थे।
यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग के प्रोफेसर बिंग लियु (37) बीते शनिवार को रॉस टाउनशिप में अपने घर पर मृत मिले थे। उनके सिर, गले और सीने में गोलियां मारी गई थीं। उनके घर के बाहर कार में 46 साल के हाओगु का शव मिला था। पुलिस का मानना है कि हाओगु ने पहले प्रोफेसर बिंग लियुकी हत्या की और बाद में खुद को भी गोली मारकर जान दे दी। पुलिस का मानना है कि वे दोनों एक-दूसरे को जानते थे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस बात की कोई संभावना नहीं है कि लियु को चीनी होने की वजह से मारा गया है।
कोरोनावायरस पर महत्वपूर्ण खोज के करीब थे लियु
यूनिवर्सिटी के ‘कम्प्यूटेशनल एंड सिस्टम बायोलॉजी डिपार्टमेंट’ के उनके साथियों ने एक न्यूज एजेंसी से बताया कि बिंग कोरोनावायरस पर महत्वपूर्ण खोज के करीब थे। वह कोविड-19 संक्रमण के कोशिकीय तंत्र और सेलुलर आधार को समझ रहे थे। उनके डिपार्टमेंट के हेड इवेट बहर ने कहा कि वह बेहद प्रतिभाशाली, बुद्धिमान और मेहनती थे।

पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी ने जताया शोक
यूनिवर्सटी ऑफ पिट्सबर्ग ने बयान जारी कर बिंग लियु की मौत पर शोक जताया है। यूनिवर्सिटी की ओर से कहा गया, ‘‘शोधकर्ता बिंग लियू की मौत से गहरा दुख हुआ है। इस कठिन समय में लियू के परिवार, दोस्तों, और सहयोगियों के प्रति हमारी गहरी सहानुभूति है।’’ लियू ने नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर से कम्प्यूटेशन साइंस में पीएचडी किया था। इसके बाद उन्होंने कर्नेगी मेलान यूनिवर्सिटी में पोस्टडॉक्टरल फेलो के तौर पर काम किया था।



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अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग के प्रोफेसर बिंग लियु (37) कोरोनावायरस पर शोध कर रहे थे। वह कोविड-19 संक्रमण के कोशिकीय तंत्र को समझ रहे थे।

Taxis, bikes & sushi robots keep New Yorkers fed, protected May 06, 2020 at 10:16PM

पूर्व खुफिया प्रमुख मुस्तफा अल-काधेमी प्रधानमंत्री बने; देश में 5 महीने से चल रहा नेतृव संकट खत्म May 06, 2020 at 10:19PM

इराक के पूर्व खुफिया एजेंसी के प्रमुख मुस्तफा अल-काधेमी ने गुरुवार को देश के अगले प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। इसके साथ ही देश में पांच महीने से चल रहा राजनीतिक संकट खत्म हुआ। पूर्व खुफिया प्रमुख मुस्तफा अल-कधेमी2003 के बाद देश के छठे प्रधानमंत्री बने हैं। इस समय इराक कोरोनोवायरस महामारी के चलते गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।

उन्होंने ऐसे समय में प्रधानमंत्री का पद संभाला है, जब देश तेल राजस्व में गिरावट के बीच अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहा है। महामारी की वजह से तेल की कीमतों में गिरावट हुई है, जिससे आर्थिक दबाव बढ़ गया है। सांसदों को संबोधित करते हुए काधेमी ने कहा कि यह सरकार सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक संकट से देश को निकालने आई है। यह सरकार समस्याओं का समाधान करेगी न कि और संकट बढ़ाएगी।

संसद सत्र में 255 सांसद शामिल हुए। उन्होंने प्रधानमंत्री पद के लिए मुस्तफा अल-काधेमी के नाम के प्रस्ताव पर मंजूरी दी। काधेमी को जब प्रधानमंत्री पद के लिए नामित किया गया था तो उन्होंने खुफिया विभाग के प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया था।

भ्रष्टाचार और बेरोजगारी जैसी समस्याओं को लेकर प्रदर्शन चल रहे थे

वे दिसंबर में अदेल अब्देल माहदी के प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद सरकार बनाने की कोशिश करने वाले तीसरे उम्मीदवार थे। भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और सुविधाओं की कमी जैसी शिकायतों को लेकर देश में कई महीनों से प्रदर्शन चल रहे थे। पिछले साल 1 अक्टूबर से दिसंबर महीने तक प्रदर्शन में करीब 400 लोग मारे गए थे।

अमेरिकी विदेश मंत्री ने नई सरकार का स्वागतकिया

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने अल-कधेमी के साथ फोन पर बात की। उन्होंने नई सरकार का स्वागत किया और सुधारों को लागू करने और भ्रष्टाचार से लड़ने के प्रयासों पर चर्चा की।



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इराक के नवनियुक्त प्रधानमंत्री मुस्तफा अल-काधेमी संसद को संबोधित करते हुए। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक संकट से देश को निकालेगी।

कंपनी ने 27 देशों के सदस्यों के साथ कंटेट ओवरसाइट बोर्ड बनाया, भारत के सुधीर कृष्णास्वामी भी मेम्बर ;आपत्त्तीजनक पोस्ट्स पर नजर रखेंगे May 06, 2020 at 09:59PM

फेसबुक ने एक 'ओवरसाइट बोर्ड' बनाया है। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री, नॉबेल शांति पुरस्कार विजेता, कानून विशेषज्ञों, प्रोफेसर और पत्रकार समेत 27 देशों के 20 सदस्य होंगे। बोर्ड में भारत के सुधीर कृष्णास्वामी भी शामिल किए गए हैं। वे बेंगलूर स्थित नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया के कुलपति हैं।कंपनी ने बुधवार को बताया कि यह एक स्वतंत्र बोर्ड है।
इसके सदस्य फेसबुक और इंस्टाग्राम पर पोस्ट किए जाने वाले आपत्तीजनक कंटेट पर नजर रखेंगे। यह मुख्य तौर पर नफरत भरे भाषणों, प्रताड़ना और लोगों की सुरक्षा से जुड़े पोस्ट्स पर फैसला करेगा। ऐसे मामलों में यह कंपनी के सीईओ मार्क जुकरबर्ग के फैसलों को भी पलट सकेगा।

कौन-कौनहैं बोर्ड के प्रमुख सदस्य

फेसबुक को अपने प्लेटफॉर्म्स पर पोस्ट किए जाने वाले कंटेट को लेकर कई बार आलोचना का सामना करना पड़ा है। इसे देखते हुए कंपनी ने यह बोर्ड बनाया है। बोर्ड मेम्बर्स में डेनमार्क के पूर्व प्रधानमंत्री हेले थॉर्निंग श्मिट, नॉबेल शांति पुरस्कार विजेता तवाकूल कामरान, पत्रकार एलेन रूसब्रिजर, पाकिस्तान के डिजिटल अधिकारों के वकील निगत डैड, अमेरिका के फेडरल सर्किट के पूर्व जज और धार्मिक आजादी के विशेष माइकल मैककॉनेल, संवैधानिक कानून विशेषज्ञ जैमल ग्रीन और कोलंबिया के अटॉर्नी कैटलिना बोटेरे-मैरिनो प्रमुख हैं।

बोर्ड की नीतियों को कंपनी 90 दिन में लागू करेगी

बोर्ड के सदस्यों की संख्या आने वाले दिनों में बढ़ा कर 40 तक की जा सकती है। ।यह कंपनी को नीतियों के बारे में भी सुझाव देगा। बोर्ड के ऐसे फैसलों को कंपनी 90 दिन में लागू करना होगा। हालांकि कुछ मामलों में कंपनी समीक्षा के लिए 30 दिन मांग सकेगी। शुरुआत में यह ऐसे मामलों को देखेगा जिनमें कंटेट हटाए गए हैं। कंपनी विज्ञापन और फेसबुक ग्रुप से जुड़े कुछ अहम फैसले का अधिकार भी बोर्ड को दे सकता है। कंटेट से जुड़े किसी भी मामले पर यह बोर्ड सार्वजनिक तौर पर जवाब देगा। बोर्ड के 6 साल के काम के लिएफेसबुक ने 130 मिलियन डॉलर (987.61 करोड़ रु.) का फंड बनाया है



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फेसबुक ने एक कंटेट ओवरसाइट बोर्ड बनाया है। यह बोर्ड आपत्तीजनक कंटेट के मामलों में संस्थापक मार्क जुकरबर्ग के फैसले भी पलट सकेगा।

80,000 Covid-19 cases reported daily in April: WHO May 06, 2020 at 08:03PM

An average of 80,000 Covid-19 cases were reported each day in April to WHO said, noting that South Asian nations like India and Bangladesh are seeing a spike in the infections while the numbers are declining in regions such as Western Europe. More than 3.5 million cases of Covid-19 and almost 250,000 deaths have now been reported.