Tuesday, September 1, 2020

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मॉस्को रवाना; समिट में चीन के डिफेंस मिनिस्टर भी रहेंगे, राजनाथ से उनकी मुलाकात की संभावना नहीं September 01, 2020 at 08:13PM

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बुधवार को तीन दिन की रूस यात्रा पर रवाना हो गए। यहां वे एससीओ समिट में हिस्सा लेंगे। इस मीटिंग में चीन के रक्षा मंत्री भी शिरकत करेंगे। लेकिन, राजनाथ के शेड्यूल में चीनी रक्षा मंत्री से मुलाकात का जिक्र नहीं है। दोनों देशों के बीच लद्दाख में तनाव चल रहा है।

रूस के रक्षा मंत्री से मिलेंगे राजनाथ
कार्यक्रम के मुताबिक, 4 सितंबर को भारतीय रक्षा मंत्री रूस के डिफेंस मिनिस्टर सर्गेई शोईजू से मिलेंगे। इस मीटिंग के बाद रूसी सेना के आला अफसरों से भी उनकी मीटिंग होगी। इस दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा उपकरणों के सौदों पर बातचीत होगी। राजनाथ का रूस दौरे से कुछ वक्त पहले भारत ने रूस, चीन और पाकिस्तान के साथ होने वाली मिलिट्री एक्सरसाइज में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया था।

तनाव, लेकिन बातचीत नहीं
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंग्हे भी बुधवार को ही मॉस्को पहुंचेंगे। सूत्रों के मुताबिक, राजनाथ और वेई की मुलाकात शेड्यूल में नहीं है। लद्दाख में दोनों देशों के बीच तनाव को हल करने के लिए कई दौर की डिप्लोमैटिक और मिलिट्री लेवल बातचीत हो चुकी है। हालांकि, इसका अब तक कोई पुख्ता नतीजा सामने नहीं आया, क्योंकि तनाव बरकरार है। रूस ने कहा है कि दोनों देशों को बातचीत के जरिए विवाद सुलझाना चाहिए। सिंह जून में भी मॉस्को गए थे। 10 सितंबर को एससीओ के विदेश मंत्रियों की मीटिंग होनी है। रूस ने इसके लिए भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर को न्योता भेजा है।

इन दो रक्षा सौदों पर बातचीत होगी
राजनाथ के रूस दौरे में एके-203 रायफल के भारत में निर्माण पर अंतिम फैसला हो सकता है। इसके अलावा भारत रूस से कहेगा कि एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम तय वक्त पर सौंपा जाए। करार के मुताबिक, इस डिफेंस सिस्टम का पहला बैच भारत को 2021 के आखिर तक मिलना है। 2018 में भारत ने रूस से एस-400 की पांच यूनिट खरीदने की डील की थी।



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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बुधवार को रूस के लिए रवाना हुए। राजनाथ ने ट्विटर पर रूसी डिफेंस मिनिस्टर से प्रस्तावित मुलाकात की जानकारी तो दी, लेकिन चीन के रक्षा मंत्री से बातचीत पर कुछ नहीं कहा।

अमेरिकी राष्ट्रपति व्यापारियों से मिलने गए, बर्बाद हुई दुकानों का दौरा किया; नाराज दुकानदार ने फोटो लेने से मना किया September 01, 2020 at 08:00PM

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार दोपहर दंगा प्रभावित विस्कांसिन के केनोसा का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने कानून व्यवस्था से जुड़े अधिकारियों और प्रदर्शन से प्रभावित व्यापारियों से मुलाकात की। केनोसा में पुलिस ने अश्वेत जैकब ब्लेक को सात गोलियां मार थीं। इसके बाद ही शहर में दंगे शुरू हुए हैं। कई लोगों की दुकानें और वाहनों को तोड़ दिया गया और आग लगा दी गई। ट्रम्प ने बर्बाद हुई दुकानों को देखा औन उनके साथ मुलाकात की। ट्रम्प के दौरे में एक नाराज दुकानदार ने साथ फोटो लेने से मना कर दिया।

अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने केनोसा में दंगा प्रभावित व्यापारियों से मुलाकात की।

दुकानदार के मना करने पर पुराने मालिक से मिले
केनोसा के एक दुकानदार टाम ग्राम ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रम्प के दौरे पर व्हाइट हाउस की तरफ से उन्हें फोन आया था कि उन्हें साथ में मौजूद रहना होगा। इस दौरान कई न्यूज रिपोर्टर भी मौजूद रहेंगे। टाम के मुताबिक उन्होंने साथ में फोटो लेने और दौरे में शामिल होने से मना कर दिया, जिसके बाद ट्रम्प ने दुकान के सामने पुराने मालिक के साथ मुलाकात की और फोटो खिंचाई।


टाम ग्राम की करीब 100 साल पुरानी कैमरा की दुकान प्रदर्शन के दौरान जला दी गई थी। ग्राम ने यह दुकान आठ साल पहले खरीदी थी।

जैकब ब्लेक के परिजनों से नहीं मिले ट्रम्प
अपने दौरे के दौरान ट्रम्प बर्बाद हुए घरों और गलियों में घूमे, लेकिन जैकब ब्लेक के परिजनों से नहीं मिले। इस दौरान ट्रम्प के समर्थक और प्रदर्शनकारियों का आमना-सामना हो गया। वे एक-दूसरे पर चिल्ला रहे थे। हालांकि, कोई बड़ी घटना नहीं हुई। पिछले हफ्ते पोर्टलैंड में इसी तरह की घटना में एक ट्रम्प समर्थक की मौत हो गई थी।

जो बिडेन ने पर्यूषण पर्व की बधाई दी, ट्वीट में श्लोक लिखा
डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बिडेन और उनकी पत्नी जिल ने मंगलवार को जैन धर्म के लोगों को पर्यूषण पर्व और दश लक्षण त्योहार की बधाई दी। बिडेन ने ट्वीट किया कि जैन धर्म के लोगों को पवित्र पर्यूषण और दस लक्षण पर्व के पूरे होने पर शुभकामनाएं।

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उन्होंने अपने ट्वीट में एक ट्वीट किया, "मिक्षामि दुक्कदम"। पर्यूषण पर्व, जैन समाज का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है, जबकि लोगों की आत्मा की शुद्धि के लिए दस लक्षण त्योहार मनाया जाता है।

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अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प केनोसा में क्षतिग्रस्त दुकानों को देखते हुए।

Five things to know about Japan's World War II surrender September 01, 2020 at 07:34PM

World War II ended 75 years ago, but not all countries commemorate it on the same day. Wednesday is the anniversary of the formal Sept. 2, 1945, surrender of Japan to the United States, when documents were signed officially ending years of bloody fighting in a ceremony aboard the USS Missouri in Tokyo Bay. It's known as V-J Day (Victory over Japan Day) in some countries.

China took 'naive' US for a ride, America now learning who are its real friends: Haley September 01, 2020 at 07:21PM

China has taken a "naive" US and its leaders for a ride over the past several decades, according to former top Indian-American diplomat Nikki Haley, who said the Trump administration through its robust Indo-Pacific strategy is now learning who its real friends are. Haley said US knows that Indians are not a threat and it is time for Indians to share their success story.

चेकबुक डिप्लोमैसी खत्म करेगा सऊदी अरब, अब पाकिस्तान समेत कई देशों को नहीं मिलेगी आर्थिक मदद September 01, 2020 at 07:11PM

सऊदी अरब दशकों से चले आ रहे कूटनीति मंत्र में बदलाव करने जा रहा है। प्रिंस सलमान की अगुआई वाली सऊदी सरकार अब चेकबुक डिप्लोमैसी खत्म कर रही है। इसका खामियाजा पाकिस्तान समेत कई देशों पर पड़ना तय है। सऊदी अरब अब तक दुश्मन का दुश्मन दोस्त और उसको आर्थिक मदद की नीति पर चलता आया है। महामारी से आई मंदी ने उसे इसमें बदलाव पर मजबूर कर दिया है।

मुस्लिम वर्ल्ड का पावरहाउस
न्यूज एजेंसी ने सऊदी अरब की बदलती डिप्लोमैसी या कहें विदेश नीति पर एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें कहा गया है कि सऊदी सरकार और प्रिंस सलमान अब मुस्लिम वर्ल्ड में पावरहाउस बने रहने के लिए खजाना खाली नहीं करेंगे।

पैसे देने का फायदा नहीं हुआ
मिडिल-ईस्ट मामलों की एक्सपर्ट यास्मिन फारुख के मुताबिक- महामारी के दौरान ऑयल डिमांड कम हुई। भाव भी तेजी से गिरे। इसका गंभीर असर सऊदी अरब की अर्थ व्यवस्था पर पड़ा। इतना ही नहीं ईरान, तुर्की और कतर जैसे देश उसे आंखें दिखाने लगे। यह सऊदी अरब के दबदबे पर सवालिया निशान भी है। जॉर्डन, मिस्र, फिलिस्तीन और पाकिस्तान जैसे देशों ने सऊदी से लाखों पेट्रो डॉलर लिए। लेकिन, सऊदी अरब को लगता है कि बदले में उसका ज्यादा फायदा नहीं हुआ।

सऊदी अब एटीएम नहीं रहेगा
यास्मिन ने आगे कहा- महामारी और तेल के गिरते भाव ने सऊदी अरब को डिप्लोमैसी में बदलाव के लिए मजबूर कर दिया। अब ये देश एटीएम नहीं रहेगा। प्रिंस सलमान देश की यह पहचान खत्म करने जा रहे हैं। सऊदी लेखक खालिद अल सुलेमान ने कहा- लेबनान को फिर खड़ा करने के लिए सऊदी अरब ने लाखों डॉलर दिए। लेकिन, उसने हिजबुल्लाह का साथ नहीं करता। यह संगठन सऊदी के दुश्मन ईरान से मिल गया। लेबनान को अब अपने खर्चे खुद उठाने होंगे। सऊदी अरब ने साफ कर दिया है कि पैसा आसमान से नहीं आता और न ही रेगिस्तान में पैदा होता है

पाकिस्तान की ब्लैकमेलिंग भी खत्म
सऊदी अरब के ही एक और कॉलमनिस्ट अल शिहाबी ने कहा- पाकिस्तान ने सऊदी अरब से अलग-अलग वक्त पर लाखों डॉलर लिए। बेहद नर्म शर्तों पर ऑयल इम्पोर्ट किया। जब कश्मीर पर सऊदी ने उसका साथ नहीं दिया तो वो हमें धमकाने लगा। दूसरा मुस्लिम संगठन बनाने की बात कहने लगा। ये धमकियां अब नहीं चलेंगी। यही वजह है कि सऊदी ने पाकिस्तान से 3 अरब डॉलर का कर्ज चुकाने को कह दिया। ऑयल क्रेडिट फेसेलिटी भी खत्म कर दी। पाकिस्तान हमें हल्के में ले रहा था। अब पार्टी खत्म हो गई है। मुफ्त में कुछ नहीं मिलेगा। रिश्ते एकतरफा नहीं हो सकते।

पाकिस्तान-इजिप्ट ने धोखा दिया
शिहाबी ने कहा- यमन के हूती विद्रोही सऊदी के लिए खतरा बन गए हैं। पाकिस्तान, मिस्र और ईरान इन्हें समर्थन दे रहे हैं। सऊदी यह सहन नहीं कर सकता। यह तो हमारे देश के साथ धोखा है। 2015 में इजिप्ट के राष्ट्रपति ने सऊदी का मजाक उड़ाया था। सऊदी को यह अहसास हो चुका है कि मुस्लिम जगत अब बदल चुका है और उसके दबदबे को चुनौती मिल रही है। जिन देशों की उसने मदद की। वही आज दूसरा रास्ता अख्तियार कर रहे हैं। लिहाजा, सऊदी अरब भी बदलाव कर रहा है।



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सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस सलमान विदेश नीति में बदलाव कर रहे हैं। इससे पाकिस्तान और इजिप्ट जैसे देशों को सबसे ज्यादा दिक्कत होगी। (फाइल)

Is France turning its back on blasphemy? September 01, 2020 at 06:28PM

As many as two million people and 40 world leaders marched in Paris after the massacre in January 2015, in a fierce defence of freedom of expression eternalised by the rallying cry: "I am Charlie".

फेसबुक और ट्विटर ने कहा- रूस फिर अमेरिकियों तक गलत सूचनाएं पहुंचा रहा, फेक अकाउंट्स और वेबसाइट्स का नेटवर्क बनाया September 01, 2020 at 05:58PM

2016 के बाद 2020 में भी रूस अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है। फेसबुक और ट्विटर ने मंगलवार को यह जानकारी दी। रूस ने फेक अकाउंट्स और वेबसाइट्स का एक नेटवर्क बनाया है। ये लेफ्ट-विंग (वामपंथी) समर्थक न्यूज वेबसाइट की तरह दिखते हैं।

रूस से गलत सूचनाएं फैलाने का एक कैम्पेन चलाया जा रहा है। इस कैम्पेन को इंटरनेट रिसर्च एजेंसी के रूप में जाना जाता है। यह एजेंसी डेमोक्रेटिक पार्टी से वोटरों को दूर करने की कोशिश कर रही है। यही काम इसने चार साल पहले भी किया था। अफसरों के मुताबिक- फेसबुक और ट्विट पर इसकी एक्टिविटी अचानक बढ़ी है, इसका आसानी से पता लगाया जा सकता है।

फेक साइट्स की 2016 जितनी पहुंच नहीं
इंटरनेट रिसर्च एजेंसी 2016 में काफी एक्टिव थी। फेक नेटवर्क और साइट की मौजूदा समय तक उतने लोगों तक पहुंच नहीं है, जितनी 2016 के चुनावों में थी। रूस ने इन वेबसाइटों के लिए लिखने के लिए अमेरिकी नागरिकों को ही रखा है। एक रूसी साइट का नाम पीसडाटा है। यह किसी न्यूज ऑर्गनाइजेशन की तरह दिखता है। इस वेबसाइट पर एडिटर्स के नाम और फोटो भी हैं, लेकिन ये सब फर्जी है। फोटो कंप्यूटर के जरिए बनाई गई हैं।

अक्टूबर से शुरू हुई पीसडाटा
फेसबुक ने कहा- फेक न्यूज साइट पीसडाटा एक दूसरी साइट के जरिए विज्ञापन देता है। पीसडाटा को प्रमोट करने के लिए 13 फेक अकाउंट्स और दो पेज भी बनाए गए हैं। इन पेज को 14 हजार लोग फॉलो करते हैं। यह साइट अक्टूबर 2019 को सबसे पहले एक्टिव हुई। मार्च 2020 में अपने खुद के आर्टिकल पब्लिश करने शुरू किए। साइट में तीन एडिटर्स की फोटो है। जांच में ये फर्जी पाए गए।

फेसबुक ने फेक वेबसाइट पीसडाटा का एक उदाहरण भी दिया है कि किस तरह यह साइट दुनिया की और भी न्यूज कवर करके खुद को एक वैध साइट साबित करती है।

अमेरिकी लेखकों का सहारा
रूसी फेक वेबसाइट्स विज्ञापन निकालकर अमेरिकी लेखकों से आर्टिकल लिखवा रही है। नाम न छापने की शर्त पर एक लेखक ने बताया कि उसने भी रूसी वेबसाइट पीसडाटा के लिए लिखा है। उसने विज्ञापन में देखा था। पहले लेख में उसने डेमोक्रटिक पार्टी पर सवाल उठाए थे। उसका आर्टिकल ज्यों का त्यों चला था और 75 डॉलर (साढ़े पांच हजार रुपए) मिले थे।

खुफिया एजेंसियों ने चेताया था
अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने कई महीनों पहले चेताया था कि रूस और दूसरे देश नवंबर में होने वाले चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश कर सकते हैं। उन्होंने कहा था कि रूसी खुफिया एजेंसियां अमेरिकियों को सोशल मीडिया के जरिए गलत सूचनाएं देकर बहकाने की साजिश कर रही हैं। अब फेसबुक और ट्विटर ने रूसी दखल के सबूत भी दिए हैं।
फेसबुक के साथ फेक साइट के बारे जानकारी जुटा रही नेटवर्क एनालिसिस कंपनी ग्राफिका के बेन निम्मो ने कहा, "रूस अपनी साइटों को मजबूत बना रहा है। वो कई झूठ फैला रहा है और इसके लिए कई उपाय कर रहा है। लेकिन, हम फिर भी उन्हें पकड़ ले रहे हैं।"

2016 में फेसबुक और ट्विटर की हुई थी आलोचना
फेसबुक और ट्विटर दोनों सोशल मीडिया प्लेटफार्म ने 2016 के चुनावों में गलत सूचनाओं पर बहुत ज्यादा एक्शन नहीं लिया था, जिसके चलते दोनों की आलोचना हुई थी। उनके कर्मचारियों ने भी कंपनी की आलोचना की थी। इसके बाद एफबीआई (फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन) ने रूसी दखल पर दोनों कंपनियों को चेतावनी दी थी।

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फेसबुक और ट्विटर ने कहा है कि उन्होंने रूसी फेक वेबसाइट्स की पहचान की है और उनकी कोशिशों पर लगाम लगाया है। (प्रतीकात्मक)

End of a dynasty? Joe Kennedy defeated in US Senate bid September 01, 2020 at 06:20PM

Incumbent Senator Ed Markey, a political veteran who recast himself as the fiery liberal in the race, harnessed the state's progressive energy to handily turn back a challenge from Joseph Kennedy III, the grandnephew of assassinated president John F Kennedy.

भारत ने कहा- सोशल मीडिया पर झूठ फैला रहा है पाकिस्तान; फेसबुक ने पाकिस्तान के 103 पेज और 78 ग्रुप्स हटाए September 01, 2020 at 05:24PM

पाकिस्तान से भारत के खिलाफ सोशल मीडिया पर झूठ फैलाया जा रहा है। भारत की छवि खराब करने के लिए प्रोपेगंडा चलाया जा रहा है। स्टेनफोर्ड इंटरनेट ऑब्जरवेट्री (एसआईओ) की रिपोर्ट से इसकी पुष्टि हुई है। यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने एक ट्वीट में इस रिपोर्ट को शेयर किया है। ट्वीट में कहा गया- पाकिस्तान से भारत की छवि खराब करने के लिए प्रोपेगंडा चलाया जा रहा है। गलत जानकारी और खबरें चलाई जा रही हैं।
फेसबुक ने भी पाकिस्तान से हो रही इन हरकतों पर सख्त रुख अपनाया। वहां के कई अकाउंट और ग्रुप्स के साथ पेज भी हटा दिए गए हैं।

भारत ने क्या कहा?
यूएन में भारत के परमानेंट मिशन के ट्विटर हैंडल पर कहा गया- भारत की छवि खराब करने के लिए प्रोपेगंडा चला जा रहा है। यहां फेक न्यूज और गलत जानकारियां हैं। एसआईओ की यह रिपोर्ट पढ़नी चाहिए कि किस तरह जानबूझकर ये गलत प्रचार किया जा रहा है। दुनिया के सामने सच्चाई आ चुकी है।

एसआईओ की रिपोर्ट में क्या?
एसआईओ ने एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें बताया गया है कि पाकिस्तान से फेसबुक और इंस्टाग्राम पर किस तरह की गलत जानकारियां दी जा रही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक- 31 अगस्त 2020 को फेसबुक ने पाकिस्तान से ऑपरेट हो रहे 103 पेज, 78 ग्रुप्स और 453 अकाउंट्स को सस्पेंड कर दिया। फेसबुक ने एसआईओ को 28 अगस्त को इस बारे में कुछ जानकारी दी थी। इसके बाद एसआईओ ने इसकी जांच की।

सच्चाई सामने आई
रिपोर्ट में बताया कि पाकिस्तान से कैसे भारत विरोधी नेटवर्क काम कर रहा है। भारत सरकार को बदनाम करने की साजिश की जा रही है। इतना ही नहीं, पाकिस्तानी सेना और सरकार का विरोध करने वाले लोगों को भी निशाना बनाया जाता है। कई पेज और ग्रुप्स ऐसे हैं जो आईएसआई, सेना और सत्तारूढ़ पार्टी पीटीआई की तारीफ करने के लिए ही क्रिएट किए गए हैं। अप्रैल 2019 में भी फेसबुक ने इस तरह के कई अकाउंट सस्पेंड किए थे। इनका संबंध आईएसआई से पाया गया था। पाकिस्तान के कुछ नेता भी इन ग्रुप्स से जुड़े हुए हैं।



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स्टेनफोर्ड इंटरनेट ऑब्जरवेट्री की रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान से फेसबुक और इंस्टाग्राम पर गलत जानकारियां दी जा रही हैं।- प्रतीकात्मक

Spurned by allies, Saudi Arabia rethinks chequebook diplomacy September 01, 2020 at 05:13PM

For decades, the wealthy kingdom funnelled billions in aid to its allies -- and to its enemies' enemies -- in a bid to bolster its position as an Arab powerhouse and leader of the Muslim world.

अमेरिका ने कहा- दक्षिण चीन सागर से हिमालय तक आक्रामक रुख दिखा रहा चीन, भारत के साथ उसके सीमा विवाद पर हमारी नजर September 01, 2020 at 04:23PM

अमेरिका ने कहा है कि भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद और तनाव पर उसकी नजर है। इसके साथ ही उसने चीन पर फिर आरोप लगाया कि वो अपने पड़ोसियों को धमकाने की कोशिश कर रहा है। अमेरिकी विदेश विभाग ने बुधवार को कहा- ताइवान स्ट्रेट से लेकर शिनजियांग, साउथ चाइना सी से लेकर हिमालय और सायबरस्पेस से लेकर इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन तक, चीन अपने नागरिकों और पड़ोसियों को धमका रहा है।

अमेरिकी विदेश विभाग ने इस बयान के साथ यह भी साफ कर दिया कि इस तरह के मामलों से निपटने का सबसे बेहतर तरीका है कि चीन के खिलाफ खड़ा हुआ जाए।

हालात पर करीबी नजर
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद और तनाव पर चर्चा की। कहा- हम हालात पर करीबी नजर रख रहे हैं। उम्मीद करते हैं कि यह मामला शांति से निपट जाएगा। विदेश मंत्री माइक पोम्पियो कई बार कह चुके हैं कि चीन घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर आक्रामक रवैया अपना रहा है। यह उसका पैटर्न बन गया है।

दमन पर उतारू कम्युनिस्ट पार्टी
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता के मुताबिक, चीन एक साथ कई जगह दबाव और दमन की रणनीति इस्तेमाल कर रहा है। प्रवक्ता ने कहा- ताइवान स्ट्रेट से शिनजियांग, दक्षिण चीन सागर से हिमालय और सायबरस्पेस से लेकर इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन्स तक, हम चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की हरकतें देख रहे हैं। वो अपने लोगों और पड़ोसियों को धमका रहा है। इस तरह की भड़काऊ चीजों से निपटने का एक ही तरीका है कि चीन को जवाब दिया जाए, उसके खिलाफ आवाज उठाई जाए।



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भारत और चीन के बीच लद्दाख में बढ़ते तनाव के मद्देनजर भारतीय सेना ने यहां तैनाती बढ़ा दी है। फोटो सोमवार को लेह हाइवे पर भारतीय सेना के ट्रक की है। ऐसे कई ट्रक लेह से लद्दाख की तरफ जाते देखे गए।

इटली के वैज्ञानिकों ने कहा- पॉजिटिव आने के एक महीने बाद ही दूसरा टेस्ट हो, वायरस दूर करने में इतना समय लगता है; दुनिया में 2.58 करोड़ केस September 01, 2020 at 03:49PM

दुनिया में कोरोनावायरस के अब तक 2 करोड़ 58 लाख 89 हजार 824 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 1 करोड़ 81 लाख 72 हजार 671 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 8 लाख 60 हजार 270 लोगों की मौत हो चुकी है। अभी 68 लाख 56 हजार 883 मरीज ऐसे हैं, जिनका इलाज चल रहा है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं।

इटली के वैज्ञानिकों ने कहा कि कोरोना संक्रमित मरीज को वायरस को दूर करने में कम से कम एक महीना लगता है। इसलिए पॉजिटिव आने के एक महीने बाद ही दोबारा टेस्ट कराना चाहिए। उन्होंने बताया कि पांच निगेटिव टेस्ट रिजल्ट में एक गलत होता है।

इटली के मोडेना एंड रेजियो एमिलिया यूनिवर्सिटी के डॉ. फ्रांसिस्को वेंतुरेली और उनके साथियों ने 1162 मरीजों पर अध्ययन किया है। इसमें कोरोना मरीजों की दूसरी बार टेस्टिंग 15 दिन बाद, तीसरी बार 14 दिन बाद और चौथी बार नौ दिन बाद की गई। इसमें पता चला कि पहले जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आई वे फिर से पॉजिटिव पाए गए। औसतन पांच लोगों के निगेटिव टेस्ट में एक का रिजल्ट गलत था।
अध्ययन के मुताबिक 50 साल तक के लोगों को 35 दिन और 80 साल से ज्यादा की उम्र वालों को ठीक होने में 38 दिन लगते हैं।

इन 10 देशों में कोरोना का असर सबसे ज्यादा

देश

संक्रमित मौतें ठीक हुए
अमेरिका 62,57,548 1,88,900 34,96,898
ब्राजील 39,52,790 1,22,681 31,59,096
भारत 37,66,108 66,460 28,98,087
रूस 10,00,048 17,299 8,15,705
पेरू 6,57,129 28,068 4,71,599
साउथ अफ्रीका 6,28,259 14,263 5,49,993
कोलंबिया 6,24,069 20,052 4,69,557
मैक्सिको 5,99,560 64,414 4,16,738
स्पेन 4,70,973 29,152 उपलब्ध नहीं
अर्जेंटीना 4,28,239 8,919 3,08,376

कोलंबिया: लॉकडाउन खत्म
कोलंबिया में कोरोना के चलते लगे लॉकडाउन में ढील दी गई है। यहां अब हवाई यात्रा, इंटरसिटी ट्रांसपोर्ट और गैर-जरूरी कामों के लिए भी लोग निकल सकते हैं। देश में 24 घंटे में 8901 मामले आए और 389 लोगों की मौत हुई। यहां अभी तक 6.24 लाख से ज्यादा संक्रमित हो चुके हैं और 20 हजार से ज्यादा की जान चा चुकी है। कोलंबिया लैटिन अमेरिका में सबसे ज्यादा प्रभावित तीसरा देश है। इससे आगे सिर्फ ब्राजील और पेरू हैं।

कोलंबिया के शिया में एक रेस्टोरेंट में कस्टमर और वेटर फेस शील्ड और मास्क पहने नजर आए। देश में हाल ही में लॉकडाउन में ढील दी गई है।

नेपाल: कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू
नेपाल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि राजधानी काठमांडू समेत 12 जिलों मे कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो गया है। इन 12 जिलों में 73% एक्टिव केस हैं। ये जिले मोरांग, सुनसरी, धनुसा, महोतरी, परसा, बारा, रौतहत, सरलही, काठमांडू, ललितपुर, चितव और रूपनदेहि हैं। ये सभी हॉटस्पाट बन चुके हैं। नेपाल में अब तक 40 हजार 529 लोग संक्रमित हो चुके हैं और 239 लोगों की मौत हो चुकी है।

लोगों को जागरूक करने के लिए काठमांडू में एक मेडिकल स्टोर के बाहर पुतले को पीपीई किट पहनाई गई।- फाइल फोटो

इजराइल: 1942 नए मामले आए
इजराइल में मंगलवार को कोरोना के 1942 नए मामले आए और 18 की जान गई। देश में अब तक 1 लाख 18 हजार 538 लोग संक्रमित हो चुके हैं और 957 लोगों की जान जा चुकी है। देश में गंभीर मरीजों की संख्या 414 बची है और 860 लोग अस्पतालों में भर्ती हैं।



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इटली के वेनिस शहर में एक वॉटर-बस में लोग प्रोटेक्टिव मास्क पहने नजर आए। कोरोना महामारी आने के बाद यहां पर दुनिया के पहले फिल्म फेस्टिवल की तैयारी चल रही है।

हांगकांग में कोरोना टेस्टिंग के बहाने कर रहा डीएनए टेस्ट, यहां लोकतंत्र समर्थकों ने टेस्टिंग का बहिष्कार किया September 01, 2020 at 02:50PM

हांगकांग में मंगलवार से कोरोना की बड़े पैमाने पर टेस्टिंग शुरू कर दी गई। यह चीन सरकार की एक बड़ी योजना है। हालांकि, कई लोकतंत्र समर्थक नेताओं का कहना है कि चीन इसके जरिए हांगकांग के लोगों का डीएनए जमा कर रहा है। इन नेताओं ने इस टेस्टिंग का बहिष्कार कर दिया है।

एक नेता जोशुआ वॉन्ग ने कहा कि सरकार साजिश कर हमारा डीएनए टेस्ट कर रही है। एक अन्य ने कहा कि सरकार यह नहीं बता रही है कि किस तरह वह लोगों का डेटा जमा करेगी। जबकि चीन सरकार इसे स्वैच्छिक टेस्टिंग बता रही है।

उसका कहना है कि हम किसी का निजी डेटा नहीं हासिल कर रहे हैं। हांगकांग के बजाय चीन के अन्य क्षेत्रों के मेडिकल स्टाफ को इस योजना में लगाया गया है। शनिवार को इस टेस्ट के रजिस्ट्रेशन की शुरुआत हुई थी। अब तक 5.53 लाख से अधिक लोगों का इसके लिए रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है। हांगकांग की आबादी 75 लाख है।



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हांगकांग में 100 टेस्टिंग सेंटर बनाए गए हैं। 500 वॉलंटियर तैनात हैं।

राष्ट्रपति बनने के लिए 270 इलेक्टोरल वोट जरूरी, बिडेन को 218 और डोनाल्ड ट्रम्प को 125 साफ मिलते दिख रहे September 01, 2020 at 02:50PM

रिपब्लिकन के डोनाल्ड ट्रम्प और डेमोक्रेटिक के जो बिडेन अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में आमने-सामने हैं। राष्ट्रपति बनने के लिए 538 इलेक्टोरल वोट में से 270 जीतने की जरूरत है। 2016 के चुनाव में ट्रम्प को 304 में जीत मिली थी। इस बार 218 इलेक्टोरल वोट पर बिडेन का पलड़ा भारी लग रहा है।

इसमें ज्यादातर वो राज्य हैं, जहां पिछली बार उनकी पार्टी की हिलेरी क्लिंटन को जीत मिली थी। इस बार बिडेन की जीत पक्की दिख रही है। सबसे ज्यादा 55 इलेक्टोरल कैलिफोर्निया में हैं। 30% से ज्यादा वोट पाकर क्लिंटन जीतीं थी। दूसरी तरफ सिर्फ 125 इलेक्टोरल में ही ट्रम्प की जीत पक्की दिखाई दे रही है। वहीं अन्य जगह उनकी स्थिति खराब हुई है।

टेक्सस से ट्रम्प को सबसे ज्यादा 36 इलेक्टोरल वोटर मिले थे

टेक्सस से ट्रम्प को सबसे ज्यादा 36 इलेक्टोरल वोट मिले थे। यहां हिस्पैनिक, एशियन-अमेरिकन और अश्वेत समुदाय की संख्या बढ़ी है। ब्लैक लाइव्स मैटर मूवमेंट की वजह से यहां उन्हें नुकसान हो सकता है। 20 इलोक्टोरल वाले पेंसिल्वेनिया में 0.71% ज्यादा वोट पाकर ट्रम्प को जीत मिली थी।

यहां भी इस बार उनके लिए स्थिति खराब दिख रही है। डोनाल्ड ट्रम्प को दोबारा राष्ट्रपति बनने के लिए उन राज्यों में जीत हासिल करने पड़ेगी, जहां अभी बिडेन का पलड़ा भारी है। 2016 में 30 राज्यों में जीत हासिल कर वह राष्ट्रपति बने थे। इस बार उनमें कुछ राज्यों की हार के बावजूद वह दोबारा राष्ट्रपति बन सकते हैं। लेकिन इसके लिए ज्यादा वोट वालों राज्यों में जीत हासिल करना जरूरी है।



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डोनाल्ड ट्रम्प को दोबारा राष्ट्रपति बनने के लिए उन राज्यों में जीत हासिल करने पड़ेगी, जहां अभी बिडेन का पलड़ा भारी है।

टिंडर समेत पांच डेटिंग ऐप पर प्रतिबंध, चेतावनी के बाद भी अश्लील कंटेट नहीं हटाया था September 01, 2020 at 09:40AM

पाकिस्तान के टेलीकम्युनिकेशन अथॉरिटी (पीटीए) ने मंगलवार को टिंडर समेत पांच डेटिंग ऐप और लाइव स्ट्रीमिंग ऐप पर बैन लगा दिए। आरोप है कि इन प्लेटफॉर्म पर अश्लील कंटेट दिखाया जा रहा था।

पीटीए ने एक बयान में कहा कि अनुचित कंटेट को हटाने में विफल रहने के बाद टिंडर, टैग्ड, स्काउट, ग्रांइडर और से हाय के खिलाफ कार्रवाई की गई। ऐप्स को ‘डेटिंग सर्विस’ और लाइव स्ट्रीमिंग कंटेट को पाकिस्तान के स्थानीय कानूनों के अनुसार हटाने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने चेतावनी को नजरअंदाज कर दिया।

पीटीए ने कहा- चूंकि प्लेटफॉर्म ने तय समय के भीतर नोटिसों का जवाब नहीं दिया। इसलिए ऐप्स को ब्लॉक करने के आदेश जारी किए गए। हालांकि, पीटीए ने कहा कि अगर कंपनियां देश के कानूनों का पालन करती हैं और अश्लील कंटेट को हटा लेती हैं तो बैन पर फिर से विचार किया जाएगा।

टिक टॉक को भी चेतावनी

पीटीए नियमित रूप से अश्लील कंटेट दिखाने के लिए साइटों के खिलाफ कार्रवाई करता है। यह ऐप और वेबसाइटों के खिलाफ जनता द्वारा की जाने वाली शिकायतों पर भी कार्रवाई करता है। दो महीने पहले ही लाइव स्ट्रीमिंग एप्लिकेशन बिगो पर प्रतिबंध लगाया गया था। वहीं अश्लील कंटेट को लेकर पर वीडियो-शेयरिंग सर्विस टिक-टॉक को भी अंतिम चेतावनी दी गई।

पबजी पर भी बैन लगाया गया था

1 जून को पबजी गेम को भी बैन कर दिया गया था। कहा गया था कि स्टूडेंट्स इसे खेलने में बहुत समय बर्बाद कर रहे हैं। लेकिन जुलाई में बैन हटा लिया गया। कंपनी ने कानूनों का पालन करने की बात कही। साथ ही कहा था कि माता-पिता की चिंताओं को भी दूर किया जाएगा।



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पीटीए ने कहा कि अगर कंपनियां देश के कानूनों का पालन करती हैं और अश्लील कंटेट को हटा लेती हैं तो बैन पर फिर से विचार किया जाएगा।

ग्लोबल टाइम्स ने लिखा- भारत का चीन से कोई मुकाबला नहीं, अमेरिका की मदद से भी युद्ध नहीं जीत सकता September 01, 2020 at 06:07AM

भारतीय सेना ने एक दिन पहले ही लद्दाख के पैगॉन्ग इलाके में चीनी सेना की आक्रामकता का मुंहतोड़ जवाब दिया। इससे भड़का चीन अपने देश की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स के जरिए भारत को युद्ध की धमकी दे रहा है। चीनी मीडिया का कहना है कि अगर भारत चीन से युद्ध करता है तो अमेरिका भी उसकी कोई मदद नहीं करेगा।

ग्लोबल टाइम्स में सोमवार को प्रकाशित एडिटोरियल में चीन ने दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को लेकर भारत पर आक्रामक रुख अपनाने का आरोप लगाया। इसमें कहा गया है कि भारत ने अपने देश के मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए चीन के पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के खिलाफ कार्रवाई की है। साथ ही चीन की सेना का हौसला बढ़ाते हुए भारत की हरकत को ‘गुंडे का व्यवहार’ बताया।

भारत मजबूत चीन का सामना कर रहा
आर्टिकल में लिखा कि भारत अभी मजबूत चीन का सामना कर रहा है। चीनी सेना के पास देश की हर इंच की सुरक्षा के लिए पर्याप्त बल है। चीनी लोगों ने भी यहां की सरकार को समर्थन दिखाया है। भारत को चीन के क्षेत्र में अतिक्रमण करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

ग्लोबल टाइम्स ने चीन की सेना को ताकतवर बताते हुए लिखा कि अगर भारत प्रतिस्पर्धा में शामिल होना चाहता है तो चीन के पास उसकी तुलना में ज्यादा हथियार और सैन्य क्षमता है। यदि भारत सैन्य प्रदर्शन करता है तो चीनी सेना भारत को 1962 में हुए नुकसान की तुलना में ज्यादा नुकसान पहुंचाने के लिए बाध्य होगी।

चीन की ओर से भी सैन्य कार्रवाई की जाए

ग्लोबल टाइम्स ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से अनुरोध किया है कि चीन की ओर से भी सैन्य कार्रवाई की जाए। मौजूदा वक्त में जब भारत लगातार चीन के बॉर्डर के निचले इलाके में चुनौती दे रहा है तब चीन को भी नरम रवैया नहीं अपनाना चाहिए। इसे जरूरी सैन्य कार्रवाई करने के साथ तय करना चाहिए कि जीत चीन की हो। चीन भारत से कई गुना ताकतवर है। भारत का चीन से कोई मुकाबला नहीं है। हमें किसी भी भारतीय के भ्रम को तोड़ना चाहिए जो चीन से अमेरिका जैसी अन्य शक्तियों के साथ मिलकर निपट सकता है।

इसके साथ ही ग्लोबल टाइम्स ने चीन के खिलाफ भारत और अमेरिका के बीच सैन्य सहयोग की संभावनाओं के बारे में भी चेतावनी दी। उसने दावा किया कि अमेरिका के समर्थन से भी भारत चीन को नहीं हरा सकता।

ग्लोबल टाइम्स के एडिटर की जवाबी कार्रवाई की धमकी

ग्लोबल टाइम्स के एडिटर हू जिजिन ने भी भारतीय सेना के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की धमकी दी। चीनी आक्रामकता के खिलाफ भारत की प्रतिक्रिया को उन्होंने ‘स्टंट’ बताया। हू ने ट्वीट किया- भारत को हमेशा लगता है कि चीन सारी स्थिति को ध्यान में रखते हुए उकसावे पर समझौता करेगा। स्थिति को अब और गलत न समझा जाए। यदि पैंगॉन्ग झील में संघर्ष होता है, तो इसका अंत केवल भारतीय सेना की हार से होगा।

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सेना के सूत्रों के मुताबिक, दक्षिणी पैंगॉन्ग के विवादित इलाके में पूरी तरह से भारत का कब्जा है। यहां की कई चोटियों पर आर्मी मौजूद है।

China offers no details on detention of Australian journalist September 01, 2020 at 02:34AM

Cheng Lei, an anchor for CGTN, China's English-language state broadcaster, has been held since at least August 14 but Australian diplomats say Beijing has given no reason for her detention. A foreign ministry spokeswoman in Beijing batted away questions over the fate of the China-born journalist, who enjoyed a high profile as a business news presenter on CGTN.​

Facing coronavirus crisis, Israel calls in army August 31, 2020 at 11:13PM

Over a three-decade military career, Israeli Major General Ori Gordin has led commando raids, fought in wars and even earned a degree at Harvard. But he has never seen anything quite like his latest mission.

Iran's supreme leader denounces UAE's recognition of Israel August 31, 2020 at 11:05PM

US vetoes UN resolution over Islamic State fighters' return August 31, 2020 at 10:34PM

The United States vetoed a UN resolution on Monday calling for the prosecution, rehabilitation and reintegration of all those engaged in terrorism-related activities. US ambassador Kelly Craft said the resolution, "supposedly designed to reinforce international action on counter-terrorism, was worse than no resolution at all" and dismissed it as "willfully oblivious farce."

अमेरिका, भारत-ऑस्ट्रेलिया और जापान को मिलाकर नाटो जैसा संगठन बनाना चाहता है, दिल्ली में मिल सकते हैं चारो देश August 31, 2020 at 09:59PM

चीन को घेरने के लिए अमेरिका इंडो-पैसिफिक रीजन के अपने साथियों- भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया को साथ लाना चाहता है। चीन पर लगाम कसने के लिए वह नार्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन (नाटो) जैसा एक गठबंधन बना सकता है। अमेरिका के उप विदेश मंत्री स्टीफेन बिगन ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि चारों देशों की बैठक दिल्ली में होने की उम्मीद है।

इंडो-पैसिफिक रीजन में मजबूत स्ट्रक्चर की कमी
बिगन कहा कि अमेरिका का लक्ष्य इन चार देशों के साथ दूसरे देशों को मिलाकर चीन की चुनौती का सामना करना है। बिगन ने यह बात यूएस-इंडिया स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप फोरम में कही। वह भारत में अमेरिका के पूर्व राजदूत रहे रिचर्ड वर्मा के साथ ऑनलाइन चर्चा में भाग ले रहे थे। उन्होंने कहा, "इंडो-पैसिफिक रीजन में मजबूत स्ट्रक्चर की कमी है। उनके पास नाटो या यूरोपीय यूनियन (ईयू) जैसा कोई मजबूत संगठन नहीं है। याद करें कि जब नाटो की शुरुआत हुई थी तो बहुत मामूली उपेक्षाएं थीं। शुरू में कई देशों ने नाटो की सदस्यता लेने के बजाय तटस्थ रहना चुना था।"

मालाबार नेवल एक्सरसाइज में शामिल हो सकता अमेरिका
हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि इस तरह का गठबंधन तभी होगा जब दूसरे देश अमेरिका के जितने ही प्रतिबद्ध होंगे। बिगन ने कहा कि मालाबार नेवल एक्सरसाइज में ऑस्ट्रेलिया का भाग लेना डिफेंस ब्लॉक बनाने की इस दिशा में एक कदम है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक भारत स्पष्ट रूप से मालाबार नेवल एक्सरसाइज में ऑस्ट्रेलिया के शामिल होने का संकेत दे रहा है।

1992 से चल रही है मालाबार नेवल एक्सरसाइज
मालाबार नेवल एक्सरसाइज 1992 से अमेरिका और भारत के बीच हो रही है। यह अधिकतर बंगाल की खाड़ी में होती है। 2015 से इसमें जापान भी शामिल है। 2007 में एक बार ऑस्ट्रेलिया ने इसमें हिस्सा लिया था। लेकिन, चीन की व्यापार कम करने की धमकी पर अगले साल से हट गया था। 2007 में सिंगापुर ने भी इसमें हिस्सा लिया था। ऑस्ट्रेलिया ने इस साल इस एक्सरसाइज में शामिल होने की फिर से इच्छा जताई है।

क्वाड में शामिल हों वियतनाम, साउथ कोरिया और न्यूजीलैंड
बिगन ने यह भी कहा है कि क्वड्रीलेटरल सिक्टोरिटी डायलॉग (क्वाड) देशों में वियतनाम, साउथ कोरिया और न्यूजीलैंड को भी शामिल किया जाए। अभी इसमें भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका शामिल हैं, इसका मकसद इंडो-पैसिफिक रीजन में शांति बनाए रखना है।

1949 में बना था नाटो
नार्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन (नाटो) कई देशों का रक्षा सहयोग संगठन है। 4 अप्रैल 1949 को इसे बनाया गया था। बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में इसका हेडक्वार्टर है। पहले इसके मेंबरों की संख्या 12 थी जो अब 29 हो गई है।

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अमेरिका के उप विदेश मंत्री स्टीफेन बिगन ने कहा कि पैसिफिक नाटो तभी बनेगा जब सभी देश अमेरिका के जितने ही प्रतिबद्ध होंगे।- फाइल फोटो

Hamas and Israel strike deal to end Gaza escalation August 31, 2020 at 09:06PM

Gaza's Islamist rulers Hamas said Monday they had reached a Qatari-mediated deal with Israel to end more than three weeks of cross-border attacks.