Tuesday, July 14, 2020

ताइवान ने दक्षिण चीन सागर में पांच दिन की मिलिट्री ड्रिल शुरू की, चीन की मिसाइलों को मार गिराने पर फोकस July 14, 2020 at 08:15PM

दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती दखलअंदाजी के बीच ताइवान ने पांच दिन की मिलिट्री ड्रिल ‘हान कुआंग’शुरू की। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक, इसमें चीन की मिसाइलों को मार गिराने पर फोकस किया जाएगा। ताइवान के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ हुआंग शु-कुआंग ने सोमवार को ताइपेई स्थित कमांड सेंटर से ड्रिलशुरू करने के आदेश जारी किए थे।

ताइवान के मिलिट्री सूत्रों के मुताबिक, पहले दिन ताइवान के कमांड सेंटर्स, एयरपोर्ट और मिलिट्री बेस को चीनी सेना कीमिसाइलों से बचाने का अभ्यास किया गया। एक सैन्य अधिकारी ने बताया कि हम चीन के हमले से निपटने की अपनी तैयारियां परख रहे हैं।

सबमरीन और वॉरशिप भी तैनात

ताइवान ने अपने दो पोतों और एक पनडुब्बी को भी दक्षिण चीन सागर में तैनात किया है। अमेरिका से मिले स्पाय और अटैक हेलिकॉप्टर्सकी मदद से भी चीनी सेना हर हरकत पर नजर रखी जा रही है। साउथ चाइना सी के बाद ताइवान अपने पूर्वी तट पर हुआलिन में मौजूद चियाशान एयरबेस पर भी मिलिट्रीड्रिल करने जा रहा है। यहां मिराज 2000, एफ-16 फाइटर जेट और पी-3 सी एंटी सबमरीन फाइटर जेट तैनात किए जा चुके हैं।

ताइवान की सेना के मुताबिक, इन फाइटर जेट्स को यहां तब तक रखा जाएगा, जब तक चीन के हमले का खतरा है।इस बेस पर सी-130 ट्रांसपोर्ट प्लेन की मदद से जरूरी हथियार और सैनिक भी भेजे गए हैं। अमेरिका और ताइवान को आशंका है कि चीन साउथ चाइना सी से ध्यान हटाने के लिए इस इलाके में हमला कर सकता है।

चीन ताइवान पर हमले की धमकी देता रहा है
चीन ताइवान को अपना हिस्सा बताता है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ताइवान पर हमले की धमकी देती रही है। चीन के विरोध के कारण ही ताइवान कभी वर्ल्ड हेल्थ असेंबली और डब्ल्यूएचओ का हिस्सा नहीं बन पाया। चीन की शर्त थी कि असेंबली में जाने के लिए ताइवान को वन चाइना पॉलिसी को मानना होगा, लेकिन ताइवान ने शर्त ठुकरा दी थी। ताइवान में जबसे डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी सत्ता में आई है तबसे चीन से रिश्ते ज्यादाखराब हुए।चीन ने दक्षिण चीन सागर में अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। अपने कई वॉरशिप तैनात किए हैं।



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ताइवान के सैनिक इसी हफ्ते ताइचुंग में हुए मिलिट्री ड्रिल के दौरान 155 एमएम हॉवित्जर तोप चलाते हुए। ताइवान ने दक्षिण चीन सागर में किसी भी हमले से निपटने की तैयारियां शुरू कर दी है।-फाइल फोटो

Trump confident of winning November election July 14, 2020 at 07:51PM

US President Donald Trump on Tuesday exuded confidence of winning the November polls, asserting that he will turn around the country's economy for the second time.

अब बलूचिस्तान में पाकिस्तान की सेना पर हमला, 8 सैनिक मारे गए, कई घायल; पिछले हफ्ते नॉर्थ वजीरिस्तान में 4 फौजी मारे गए थे July 14, 2020 at 07:28PM

मंगलवार शाम बलूचिस्तान में पाकिस्तानी फौज के काफिले पर हुए हमले में 8 सैनिकों की मौत की खबर है। हालांकि, पाकिस्तानी मीडिया ने तीन सैनिकों के मारे जाने की बात ही कही है। इस हमले में 9 सैनिक गंभीर रूप से घायल बताए गए हैं। बताया जाता है कि यह हमला बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने किया। रविवार को नॉर्थ वजीरिस्तान में फौजियों पर हमला किया गया था। इसमें चार सैनिक मारे गए थे।
पंजगुर के रास्ते पर हमला
‘अल जजीरा’ टीवी चैनल की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि मंगलवार शाम को पाकिस्तानी सेना का काफिला पंजगुर इलाके से गुजर रहा था। यह काफिला यहां एक तलाशी अभियान खत्म करके लौट रहा था। इसी दौरान कुछ हथियारबंद लोगों ने काफिले पर फायरिंग शुरू कर दी। इससे पहले की सैनिक पोजीशन ले पाते, नुकसान हो चुका था। हमले में 8 सैनिकों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। 9 सैनिकों को अस्पताल ले जाया गया। इनकी हालत गंभीर बताई गई है।
सेना ने छिपाई हकीकत
बलूचिस्तान के जिस इलाके में पाकिस्तानी फौज पर हमला हुआ, वह राजधानी क्वेटा से 400 किलोमीटर दूर है। यहां बलूचिस्तान आर्मी का कब्जा है। दुर्गम इलाका होने के वजह से यहां पाकिस्तानी फौज आए दिन हवाई हमले करती रहती है। यही वजह है कि यहां के लोग फौज के खिलाफ कई बार विद्रोह कर चुके हैं। मंगलवार को भी फौज के खिलाफ पहले नारेबाजी और प्रदर्शन हुए थे। इसके बाद हमला हुआ। हालांकि, इसकी जिम्मेदारी किसी गुट ने नहीं ली है। पाकिस्तान की फौज और मीडिया ने सिर्फ तीन सैनिकों के मारे जाने की जानकारी दी है।
सीपैक का विरोध
बलूचिस्तान में चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाया जा रहा है। यहां के लोग इसका विरोध कर रहे हैं। बताया जाता है कि इस कॉरिडोर पर 60 करोड़ डॉलर खर्च होंगे। इसका 80 फीसदी चीन देगा। 29 जून को कराची स्टॉक एक्सचेंज पर हमले में भी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी का ही हाथ बताया जाता है। इस हमले में 9 लोग मारे गए थे।



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यह फोटो बलूचिस्तान में गश्त पर निकली पाकिस्तानी सैनिकों की है। यहां मंगलवार को आतंकियों ने फौज के काफिले पर हमला कर दिया था।-फाइल फोटो

Covid-19: Man blamed for nearly half Sri Lanka virus cases speaks out July 14, 2020 at 06:47PM

Prasad Dinesh, who has been linked by Sri Lankan authorities to nearly half of the country's more than 2,600 coronavirus cases, is trying to clear his name, and shed some of the stigma of a heroin addiction at the root of his ordeal.

अमेरिका के एनएसए ने कहा- टिकटॉक जैसे चाईनीज ऐप को बैन कर भारत ने सही किया, हम भी इस पर गंभीरता से विचार कर रहे July 14, 2020 at 06:36PM

अमेरिका के एनएसए रॉबर्ट ओ ब्रायन ने चाईनीज ऐप को बैन करने के भारत के फैसले की तारीफ की। ब्रायन नेकहा, ‘‘भारत पहले ही चीनी ऐप पर बैन लगा चुका है। अब चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) की निगरानी और जासूसी में मदद करने वाला एक बड़ा हथियार छिन गया है। अमेरिका भी टिकटॉक, वीचैट और चीन के कुछ दूसरे ऐपको बैन करने पर गंभीरता से विचार कर रहा है।’’

ब्रायन ने कहा कि जो बच्चे टिकटॉक का इस्तेमाल कर रहे हैं उनके लिए यह मजेदार है। इसके बदले वे दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। यह ऐप उनके फेशियल रिकनिगशन से जुड़ी जानकारी जुटा रहा है।

चीन के सुपर कंप्यूटर्स तक पहुंच रही निजी जानकारी

उन्होंने कहा- चाइनीज ऐप यूजर्स के सभी पर्सनलडेटा जुटा रहा है। उन्हें पता चल जाता है कि यूजर्सके माता-पिता और दोस्त कौन हैं। वे सभी रिश्तों पर नजर रख रहे हैं। ये सभी जानकारी चीन में क्लाउट नेटवर्क से जुड़े सुपर कंप्यूटर्स तक पहुंच रही है। ऐसे में चीन यूजर्सके बारे में सब जान जाता है। यहां तक कि यूजर्स के बायोमेट्रिक्स के बारे में भी उसे पता चल जाता है। ऐसी कोई भी जानकारी ऐप्स पर देने में काफी सतर्क रहने की जरूरत है।

‘अमेरिका के कई संस्थानों की जानकारियां चुराई गईं’

ब्रायन ने कहा-चीन हमारे पर्सनल डेटा का खरीददार है। वह इसे पाने के लिए वीचैट और टिकटॉक जैसे ऐप्स का इस्तेमाल कर रहा है। ऐसे करने में नाकाम रहने पर वह ये जानकारियांचुरा भी सकता है। चीन ने मैरियट होटल की वेबसाइट हैक कर ली। लाखों लोगों के पासपोर्ट नंबर समेत उनकी निजी जानकारियां चुरा लीं। इसके साथ ही उन्होंने एक्सपेरियन और दूसरी क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों को हैक कर क्रेडिट की जानकारी हासिल की। इसने एंथेम हेल्थेयर को हैक कर मेडिकल डिटेल्स चुराए।

चीन ले रहा एआई और सुपर कंप्यूटिंग की मदद

एनएसए ने कहा कि चीनी ऐपएडवर्टाइजर नहीं है, जो मनमुताबिक चीजें ढूंढ़ने में मदद करे। इसके पीछे एक देश है जो लोगों कीसारी निजी जानकारी जुटाना चाहता है। चीन में कम्युनिस्ट पार्टी के नियमों का पालन करने वालों को क्रेडिट स्कोर दिया जाता है। चीन अपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और सुपर कंप्यूटिंग की काबिलियत बढ़ा रहा है। वह जल्द ही ऐसी स्थिति में पहुंच जाएगा जब वह अमेरिका समेत दुनिया भर के लोगों का सोशल क्रेडिट स्कोर जुटा लेगा। हम इसे किसी भी कीमत पर रोकेंगे।



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अमेरिका के एनएसए रॉबर्ट ओ ब्रायन ने मंगलवार को कहा कि टिकटॉक जैसे चाईनीज ऐप अमेरिका के लोगों की निजी जानकारियां जुटा रहा है। हम इसे बैन करने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं।- प्रतीकात्मक फोटो

ट्रम्प ने कहा- चीन के राष्ट्रपति से न तो बातचीत की और न अभी इसका कोई प्लान है, इसमें कोई दो राय नहीं कि वायरस चीन की वजह से ही फैला July 14, 2020 at 06:26PM

अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक बार फिर कोविड-19 को लेकर चीन पर निशाना साधा। मंगलवार रात मीडिया से बातचीत में ट्रम्प ने यहां तक कह दिया कि वे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बातचीत को लेकर उत्सुक नहीं हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा- जिनपिंग के मैंने अब तक बातचीत नहीं की। फिलहाल, ऐसा कोई प्लान भी नहीं है।
अमेरिका और ट्रम्प कई बार कोरोनावायरस के लिए चीन को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं। ट्रम्प के मुताबिक, वायरस चीन की वुहान लैब से निकला।

जिनपिंग से बातचीत का कोई प्लान नहीं
चीन को लेकर अमेरिका का रवैया सख्त होता जा रहा है। पहले ट्रेड एग्रीमेंट, फिर कोरोनावायरस और अब दक्षिण चीन सागर के मुद्दे पर दोनों देश आमने-सामने हैं। ट्रम्प से जब यह पूछा गया कि क्या वो जिनपिंग से बातचीत करेंगे, इस पर उन्होंने कहा, “नहीं, मैंने उनसे कोई बातचीत नहीं की है। और जिनपिंग से बातचीत का कोई प्लान भी नहीं है।”

कोविड-19 के लिए चीन ही जिम्मेदार
महामारी के लिए कई बार चीन को जिम्मेदार ठहरा चुके ट्रम्प ने यही बात फिर दोहराई। कहा- हमने कोई गलती नहीं की। इसके लिए चीन ही जिम्मेदार है। उसने पूरी दुनिया को मुश्किल में डाला। चीन इसे रोक सकता था और उसे रोकना भी चाहिए था। इससे ज्यादा मैं फिलहाल और कुछ नहीं कहूंगा। क्योंकि, जो कुछ हुआ वह सबके सामने आ चुका है।

डब्ल्यूएचओ चीन की कठपुतली
अमेरिका डब्ल्यूएचओ की मेंबरशिप छोड़ चुका है। इस संगठन के बारे में पूछे गए सवाल पर ट्रम्प नाराज हो गए। उन्होंने कहा, “डब्ल्यूएचओ हकीकत में चीन की कठपुतली से ज्यादा कुछ नहीं है। जोए बिडेन इसको लेकर नर्म रवैया क्यों अपना रहे हैं। हमने चीन से आने वालों पर रोक लगाई। तेजी से कार्रवाई की। हम अपने लोगों को महफूज रखना चाहते हैं। वैक्सीन भी अमेरिका रिकॉर्ड टाइम में तैयार कर लेगा।”



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फोटो इसी साल जनवरी की है। तब डोनाल्ड ट्रम्प चीन गए थे। यहां उन्होंने जिनपिंग से मुलाकात की थी। इस दौरे के बाद ही अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड एग्रीमेंट पर विवाद शुरू हो गया था।

साओ पाउलाे में अश्वेत महिला की गर्दन पर खड़ा हो गया अफसर, हड्डी टूट गई और 16 टांके आए July 14, 2020 at 05:48PM

ब्राजील के साओ पाउलाे में 51 साल की अश्वेत महिला की गर्दन पर खड़े दिखे पुलिसकर्मी का वीडियो सामने आया है।इससे महिला की गर्दन की हड्डी टूट गई औरउसे 16 टांके आए।यह घटना 30 मई की बताई जा रही है।पीड़ित महिला 5 बच्चों की मां है। 25 मई में अमेरिका में पुलिस के टॉर्चर सेअश्वेत जॉर्ज फ्लाॅयड की माैत हो गई थी।

दो पुलिसकर्मीसस्पेंड

घटना का वीडियो वायरल होने के बाद साओ पाउलो के गवर्नर जोआओ डोरिया ने दो पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। गवर्नर ने शहर के 2 हजार पुलिसकर्मियों को बॉडी पर कैमरा लगाने के आदेश भी दिए।

फ्लॉयड को8 मिनट घुटने के नीचे दबाए रहा अफसर
अमेरिका की मिनेपोलिस शहर की पुलिस ने 25 मई को जार्ज फ्लाॅयड को अफ्रीकन-अमेरिकन की ग्रॉसरी स्टोर में धोखाधड़ी के आरोप में पकड़ा था। इस दौरान पुलिस अधिकारी डेरेक चॉवेन ने जॉर्ज फ्लाॅयड को हथकड़ी पहनाई। उसे जमीन पर लिटाकर उसकी गर्दन को 8 मिनट 46 सेकंड तक अपने घुटनों से दबाए रखा। इससे जॉर्ज की सांसें रुक गईं और उसकी मौत हो गई। इस घटना का वीडियो वायरल होते ही दुनियाभर में प्रदर्शन हुए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को भी इसको लेकर आलोचना झेलनी पड़ी।



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साओ पाउलो की यह घटना 30 मई की बताई जा रही है। एक व्यक्ति ने इसका वीडियाे बना लिया था। पीड़ित महिला 5 बच्चों की मां है। 

US calls China the new East India Company at sea July 14, 2020 at 05:31PM

Assistant secretary of state David Stilwell on Tuesday likened China's state enterprises to Britain's colonizing East India Company as Washington takes a tougher stance against Beijing in the dispute-rife South China Sea. "In all our societies, citizens deserve to know the differences between commercial enterprises and instruments of foreign state power," he said.

फ्रांस में सभी सार्वजनिक स्थानों पर मास्क लगाना जरूरी, ब्राजील में एक ही दिन में 40 हजार से ज्यादा संक्रमित मिले; दुनिया में अब तक 1.33 करोड़ केस July 14, 2020 at 05:01PM

दुनिया में कोरोनावायरस से अब तक 1 करोड़ 33 लाख 36 हजार 616लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 77लाख 82 हजार 643 ठीक हो चुके हैं। वहीं,5 लाख 77हजार 861 की जान गई है।फ्रांस में सभी सार्वजनिक स्थानों पर अगले कुछ हफ्तों तक मास्क लगाना जरूरी कर दिया गया है। राष्ट्रपति इम्मैनुअल मैक्रों ने मंगलवार को इसकी घोषणा की। यहां अब तक 1 लाख 72 हजार 377 मामले सामने आए हैं और 30 हजार से ज्यादा मौतें हुईं हैं।

वेनेजुएला की राजधानी कारकस और इसके पड़ोसी राज्य मिरांडा में बुधवार से लॉकडाउन लागू कर दिया गया। उपराष्ट्रपति डेल्सी रोड्रिग्यूज ने मंगलवार को कहा कि देश के लोगों की सुरक्षाके लिए यह फैसला किया गया है। यहां अब तक 9 हजार 707 मामले सामने आए हैं और 93 मौतें हुई हैं।

10 देश जहां कोरोना का असर सबसे ज्यादा

देश

कितने संक्रमित कितनी मौतें कितने ठीक हुए
अमेरिका 35,45,077 1,39,143 16,00,195
ब्राजील 19,31,204 74,262 12,13,512
भारत 9,37,487 24,315 5,93,080
रूस 7,39,947 11,614 5,12,825
पेरू 3,33,867 12,229 2,23,261
चिली 3,19,493 7,069 2,86,220
मैक्सिको 3,11,486 36,327 1,93,976
स्पेन 3,03,699 28,409 उपलब्ध नहीं
द.अफ्रीका 2,98,292 4,346 1,46,279
ब्रिटेन 2,91,373 44,968 उपलब्ध नहीं

ऑस्ट्रेलिया: पीएम मॉरिसन ने कहा- दूसरी लहर में देश बंद नहीं होगा
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा है कि संक्रमण की दूसरी लहर में देश बंद नहीं होगा। उन्होंने मंगलवार को कहा,‘‘दूसरी लहर में देश को बंद किया गया तो बेरोजगारी और बढ़ेगी। ऐसा करना ठीक नहीं होगा। जब तक ऑस्ट्रेलिया में दूसरे देशों से मेडिकल सप्लाइ और फ्रेट नहीं पहुंचता तब तक संक्रमण को खत्म करना संभव नहीं है।’’

ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में बीते शनिवार को क्रॉसरोड होटल से बाहर निकलती एक सफाईकर्मी। होटल में कुछ संक्रमित मिलने के बाद इसे लॉकडाउन किया गया है।

हॉन्गकॉन्ग: डिजनीलैंड फिर से बंद किया गया

हॉन्गकॉन्ग ने अपने यहां यात्रा प्रतिबंध और सोशल डिस्टेंसिंग के नियम सख्त कर दिए हैं। यहां तीसरी लहर की आशंका है। ऐसे में डिजनीलैंड को दोबारा बंद कर दिया गया। एक महीनेपहले ही इसे खोलने की इजाजत दी गई थी। बीते एक हफ्ते मेंयहां 236 नए केस सामने आचुके हैं। सोमवार को केवल 52 नए मामलों की पुष्टि हुई, जिनमें 41 लोकलकेस हैं और बाकि 11 मामले बाहर से आए हैं।]

यह फोटो 18 जुलाई की है जब हॉन्कॉन्ग डिजनीलैंड को लॉकडाउन के बाद दोबारा खोला गया था। अब इसे फिर से बंद कर दिया गया है।

ईयू: सर्बिया और मोंटेनग्रो सुरक्षित देशों की लिस्ट से बाहर

यूरोपियन यूनियन(ईयू) ने सर्बिया और मोंटेनग्रो को अपने सुरक्षित देशों की लिस्ट से बाहर कर दिया है। अब ईयू के लोग इन दोनों देशों में बिना किसी जरूरी काम के यात्रा नहीं कर सकेंगे। जर्मनी ने बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इन दोनों देशों को सुरक्षित देशों की सूची से बाहर करने का प्रस्ताव रखा था, जिसे मंगलवार को मंजूरी दे दी गई। सर्बिया में लोग संक्रमण रोकने के सरकार से तरीके से नाराज हो



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फ्रांस की राजधानी पेरिस में मंगलवार को प्रोटेक्टिव गीयर्स पहनकर प्रदर्शन में शामिल होती एक स्वास्थ्यकर्मी। यहां स्वास्थ्यकर्मियों की ओर से वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर देश भर में प्रदर्शन हुए।

Trump: China responsible for concealing coronavirus, no plans to speak to Xi July 14, 2020 at 04:22PM

"Make no mistake, we hold China fully responsible for concealing the virus and unleashing it upon the world. Could have stopped it, they should have stopped," Trump said as he also lashed out at the World Health Organization (WHO) for siding with China on this issue.

विदेशी छात्रों के वीजा रद्द करने का फैसला ट्रम्प प्रशासन ने वापस लिया, कोर्ट में सुनवाई के दौरान इस आदेश की जानकारी दी July 14, 2020 at 10:36AM

अमेरिका में रहकर ऑनलाइन एजुकेशन हासिल कर रहे विदेशी छात्रों का वीजा रद्द करने के फैसले को ट्रम्पप्रशासन ने वापस ले लिया है। यह जानकारी मंगलवार को यूएस इमीग्रेशन और कस्टम विभाग की तरफ से कोर्ट में दी गई। ट्रम्प प्रशासन के इस नए फैसले से बड़ी संख्या में छात्रों को राहत मिली है।

बता दें कि ट्रम्प प्रशासन ने पिछले हफ्ते ही आदेश दिया था कि जो विदेशी छात्र अमेरिकन यूनिवर्सिटीज सेऑनलाइन एजुकेशन हासिल कर रहे हैं, उन्हें वापस उनके देश जाना होगा। ऐसे सभी छात्रों का वीजा रद्द करने का आदेश दिया गया था। ट्रम्प के इस फैसले के खिलाफ जॉन हॉप्किन्स यूनिवर्सिटी, हार्वर्ड, एमआईटी (मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) यूनिवर्सिटीज ने बीते बुधवार को कोर्ट में याचिका दायर कर दी थी।

सुनवाई के दौरान कोर्ट में जानकारी दी
अमेरिका के एक कोर्ट में जारी सुनवाई के दौरानट्रम्प प्रशासन ने अपने इस फैसले की जानकारी दी। जस्टिस एलीसन बरोज ने सुनवाई में कहा, "सरकार ने अपना पुराना फैसला रद्द कर दिया है। साथ ही पुराने फैसले पर चल रही कार्रवाई को तुरंत रोकने पर भी सहमति दे दी है।"

कई शिक्षण संस्थानों ने किया था विरोध
हार्वर्ड के प्रेसिडेंट लॉरेंस एस बैकॉ ने यूनिवर्सिटी कम्युनिटी को दिए मैसेज में कहा था कि, "ट्रम्प प्रशासन ने यह आदेश बिना किसी सूचना के दिया। ऐसा लगता है कि कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज पर क्लासरूम खोलने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। प्रशासन को स्टूडेंट, इंस्ट्रक्टर और अन्य लोगों के स्वास्थ्य और सुरक्षा की कोई चिंता नहीं है।"

10 लाख छात्रों पर पड़ने वाला था असर
अमेरिका में रहने वाले विदेशी छात्रों के लिएअमेरिकी सरकार ने कहा था कि जिन स्टूडेंट्स की सभी क्लासेस ऑनलाइन शिफ्ट हो गईं हैं, उन्हें देश लौटना होगा। इस फैसले से कुल 10 लाख स्टूडेंट्स पर असर पड़ने वाला था। अमेरिका में इस वक्त 2 लाख से ज्यादा भारतीय छात्र हैं।

यहां सबसे ज्यादा स्टूडेंट्स चीन से आते हैं। इसके बाद भारतीयों का नंबर है। ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन वाले स्टूडेंट्स के लिए एफ-1 और एम-1 कैटेगरी के वीजा जारी किए जाते हैं। इसलिए सरकार के इस फैसले का असर भी भारतीय छात्रों पर ही पड़ता।

तीन साल में अमेरिका गए भारतीय स्टूडेंट्स

2019 में 2 लाख 2 हजार 14 भारतीय छात्र अमेरिका गए थे। 2018 में 1 लाख 96 हजार 271 और 2017 में 1 लाख 86 हजार 267 छात्र अमेरिका पढ़ने गए थे। लगातार 6 साल से अमेरिका में इंडियन स्टूडेंट्स बढ़ रहे हैं। 2018 के मुकाबले 2019 में 2.9% ज्यादा भारतीय छात्र अमेरिका पहुंचे।

यूनेस्को की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के कुल 3 लाख 32 हजार 033 स्टूडेंट्स विदेश में पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा अमेरिका में हैं। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ब्रिटेन और जर्मनी का नंबर आता है। अमेरिका के न्यूयॉर्क, कैलिफोर्निया, टेक्सास, मेसाचुसेट्स और इलिनॉय में भारतीय छात्रों की संख्या ज्यादा है।

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1.हार्वर्ड-एमआईटी ने ट्रम्प प्रशासन के खिलाफ केस किया, कहा- फैसला सियासी, इससे यूनिवर्सिटी दोबारा खोलने का दबाव बढ़ेगा

2.नई वीजा नीति के विरोध में उतरीं गूगल, फेसबुक, माइक्रोसॉफ्ट समेत 10 से ज्यादा टेक कंपनियां, ट्रम्प प्रशासन के खिलाफ केस



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ट्रम्प के इस फैसले के खिलाफ हार्वर्ड और एमआईटी यूनिवर्सिटीज ने बीते बुधवार को कोर्ट में याचिका दायर कर दी थी। -फाइल फोटो

Chinese university sacks professor who criticised President Xi, friends say July 14, 2020 at 02:26AM

A Beijing law professor who has been an outspoken critic of China's President Xi Jinping and the ruling Communist Party was fired by his university after being released from a nearly week-long detention, his friends said.

फ्रांस के एक पिघलते ग्लेशियर से 1966 के इंडियन न्यूजपेपर मिले; यहीं पर एयर इंडिया का प्लेन क्रैश हुआ था July 13, 2020 at 11:46PM

फ्रांस में एक पिघलते ग्लेशियर से 1966 के इंडियन न्यूजपेपरों की कई कॉपी मिली हैं। पश्चिमी यूरोप के मॉन्ट ब्लैंक माउंटेन रेंज बोसोन्स ग्लेशियर से इन्हें बरामद किया गया है। यहां पर 54 साल पहले एयर इंडिया का एक प्लेन क्रैश हो गया था।

अखबारों में इंदिरा गांधी की जीत की खबर
अखबारों में इंदिरा गांधी की चुनावी जीत का जिक्र है। हेडिंग लगी है- 'इंडियाज फर्स्ट वुमन प्राइम मिनिस्टर'। इन अखबारोंको ग्लेशियर के पास ही कैफै चलाने वाले टिमूथी मॉटिन ने खोजा है। ब्रिटेन के द गार्जियन न्यूज पेपर के मुताबिक 33 साल के मॉटिन ने बताया कि वह अखबारों को सुखा रहे हैं। वे बहुत अच्छी स्थिति में हैं। मॉटिन ने बताया कि जब भी वे दोस्तों के साथ ग्लेशियर पर जाते हैं उन्हें दुर्घटना के कुछ न कुछ अवशेष मिलते रहते हैं।

हादसे में 177 लोगों की जान गई थी
24 जनवरी 1966 को एयर इंडिया का बोइंग 707 प्लेन मॉन्ट ब्लैंक माउंटेन रेंज में क्रैश हो गया था। हादसे में क्रू सहित 177 यात्रियों की मौत हो गई थी। हादसा की वजह मिसकम्युनिकेशन बताई गई थी।यहां इससे पहले 1950 को भी एक भारतीय विमान मालाबार प्रिंसेस क्रैश हो गया था।
मॉटिन को मिले अखबारों में'नेशनल हेराल्ड' और 'इकोनॉमिक टाइम्स' भी शामिलहैं। मॉटिन के कैफे से बोसोन्स ग्लेशियर तक पैदल जाने में 45 मिनट लगते हैं।

2012 के बाद से कई अवशेष मिल चुके
2012 के बाद से ग्लेशियर पिघलने पर प्लेन क्रैश से जुड़े कई अवशेष मिले हैं। 2012 में यहां डिप्लोमैटिक मेल का एक बैग मिला था, इस पर इंडियन गर्वनमेंट के विदेश मंत्रालय का स्टैम्प लगा था। एक साल बाद एक फ्रेंच क्लाइंबर को एक मेटल बॉक्स मिला था, इसमें एयर इंडिया का लोगो था। बॉक्स में पन्ना, नीलम और मणिक मिले थे।
2017 में इस क्षेत्र में मानव अवशेष भी पाए गए थे। माना जाता है कि यह भी 1966 के प्लेन क्रैश के होंगे।



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ग्लेशियर में मिले इंडियन न्यूजपेपर नेशनल हेराल्ड की कॉपी। 24 जनवरी 1966 को एयर इंडिया का बोइंग 707 क्रैश हो गया था।

भगवान राम को नेपाल का बताने पर पूर्व प्रधानमंत्री का तंज- यह आदि कवि ओली द्वारा रचित कलयुग की नई रामायण July 13, 2020 at 10:33PM

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने सोमवार को दावा किया कि अयोध्या भारत में नहीं, बल्कि बीरगंज में स्थित एक छोटा सा गांव है। साथ ही भगवान राम को नेपाली बताया। इस बयान के बाद ओली अपने ही देश में घिरते दिख रहे हैं। नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री बाबू राम भट्टाराई ने ट्वीट किया- आदि-कवि ओली द्वारा रचित कलयुग की नई रामायण सुनिए, सीधे बैकुंठ धाम का यात्रा करिए।

ओली के पूर्व मीडिया सलाहकार और प्रोफेसर कुंदन आर्यल ने ट्वीट किया- ओली ने ये क्या कह दिया? क्या वे भारत के न्यूज चैनल से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।

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वहीं, नेपाल के वरिष्ठ पत्रकार अमित ढकाल ने तंज कसते हुए कहा- श्रीलंका का द्वीप नेपाल के कोशी में है। इसके पास ही हनुमान नगर भी है, जिसका निर्माण वानर सेना ने पुल बनाने के समय किया होगा।

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उधर, नेपाल के पूर्व उपप्रधानमंत्री कमल थापा ने ट्वीट किया- किसी भी प्रधानमंत्री को इस तरह का आधारहीन और अप्रमाणित बयान नहीं देना चाहिए। ऐसा लग रहा है कि ओली भारत और नेपाल के संबंध और खराब करना चाहते हैं, जबकि उन्हें तनाव को खत्म करने के लिए काम करना चाहिए।

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भारत में भी खिंचाई
वहीं, ओली के इस बयान पर अयोध्या के संत भड़क गए। उन्होंने कहा कि नेपाली पीएम ने चीन के दबाव में ऐसा बयान दिया है। राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य महंत दीनेंद्र दास ने बताया कि भगवान राम का जन्म अयोध्या में सरयू नदी के किनारे हुआ था। हां, यह सही है कि सीता जी नेपाल की थीं, लेकिन यह दावा करना कि भगवान राम नेपाली हैं, यह बिल्कुल गलत है।

ओली मानसिक संतुलन खो चुके हैं: अभिषेक मनु सिंघवी
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट किया- नेपाली पीएम ओली अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं। वे कठपुतली हैं, जो चीन की लाइनें बोल रहे हैं। पहली बार उन्होंने ऐसा दावा किया है।

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ट्विटर यूजर्स ने भी मजाक उड़ाए

एक यूजर ने लिखा- ओली एक दिन यह ट्वीट करेंगे कि न्यूयॉर्क अमेरिका नहीं, नेपाल में स्थित है। असली ऑस्ट्रेलिया भी नेपाल में ही है। असली पेरिस, टोक्यो, लंदन, बर्लिन, लॉस वेगस, इस्लामाबाद सब नेपाल में ही है।

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ओली ने राम को नेपाली बताया था

ओली अपने निवास पर भानु जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि भगवान राम भारतीय नहीं, नेपाली थे। उन्होंने यह भी कहा कि असली अयोध्या भारत में नहीं, नेपाल के बीरगंज में है। उन्होंने भारत पर सांस्कृतिक दमन का आरोप भी लगाया। ओली ने कहा कि विज्ञान के लिए नेपाल के योगदान को हमेशा नजरंदाज किया गया।

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केपी शर्मा ओली ने कहा- भगवान राम नेपाली थे, असली अयोध्या भी भारत में नहीं थी, यह काठमांडू के करीब छोटा सा गांव था



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नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने सोमवार को कहा कि भगवान राम भारतीय नहीं, नेपाली थे।

अपनी गलती छिपाने के लिए चीन गलवान घाटी में मारे गए अपने सैनिकों के परिजन को अंतिम संस्कार करने से रोक रहा July 13, 2020 at 08:49PM

ऐसा लग रहा है कि चीन गलवान घाटी में मारे गए अपने सैनिकों को पहचानने के लिए भी तैयार नहीं है। अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, चीनी सरकार सैनिकों के परिवारों पर उन्हें दफनाने और अंतिम संस्कार समारोह का आयोजन नहीं करने का दबाव बना रही है।अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, वह ऐसा इसलिए कर रहाहै ताकि वह अपनी एक बड़ी भूल को छुपा सके।

चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच 15 जून को गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई थी। इसमेंदोनों देशों के सैनिक मारे गए थे। भारत ने बिना किसी हिचकिचाहट के स्वीकार कर लिया था कि उसके 20 सैनिक शहीद हुए। साथ ही शहीदों को सम्मानपूर्वक अंतिम विदाई भी दी गई। जबकि चीन लगातार अपने सैनिकों की मौत से इनकार करता रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 जून को रेडियो कार्यक्रम मन की बात में शहीद हुए जवानों के परिवारों के प्रति संवेदना जताई थी और कहा था कि इन परिवारों का बलिदान पूजनीय है। हालांकि, घटना के एक महीने बाद भी चीन ने अभी तक यह खुलासा नहीं किया है कि उसके कितने सैनिक मारे गए थे।

पूर्वी लद्दाख में चीन ने एकतरफा कार्रवाई की कोशिश की

पूर्वी लद्दाख में चीन को मौजूदा स्थिति के बदलने के एकतरफा प्रयास करने के दौरान हिंसक झड़प का सामना करना पड़ा। भारत ने कहा कि अगर चीन की ओर से उच्च स्तरीय समझौते का पालन किया जाता है तो स्थिति को टाला जा सकता है। अमेरिकी खुफिया विभाग का मानना है कि प्रदर्शन में 35 चीनी सैनिक मारे गए थे।

मामले से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि चीनी नागरिक मामलों के मंत्रालय ने झड़प में मारे गए सैनिकों के परिवारों से कहा है कि उन्हें पारंपरिक दफन समारोह और सैनिकों के अवशेषों का अंतिम संस्कार नहीं करना चाहिए। कोई भी अंतिम संस्कार किसी एकांत जगह पर होनी चाहिए। सरकार ने इसका कारण कोरोनावायरस बताया है। सरकार झड़प में मारे गए सैनिकों के बारे में किसी भी तरह के याद को मिटाने की कोशिश कर रही है।

मारे गए सैनिकों के परिजन चीनी सरकार से नाराज

अमेरिका की ब्रेइटबार्ट न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के इस फैसले से मारे गए सैनिकों के परिवार में नाराजगी है। सरकार के इस फैसले के खिलाफ परिजन वीबो और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं।

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चीन गलवान घाटी में अपने सैनिकों के मारे जाने से इनकार करता रहा है। (फाइल फोटो)

US rejects China's attempts to treat South China Sea as its 'maritime empire' July 13, 2020 at 08:54PM

France celebrates virus heroes on redesigned Bastille Day July 13, 2020 at 08:56PM

Ambulance drivers, supermarket cashiers, postal workers. Medics who died fighting COVID-19. France is honoring them all on its biggest national holiday Tuesday, recalibrating Bastille Day's usual grandiose military parade to celebrate heroes of the coronavirus pandemic instead.