Sunday, December 8, 2019

सना मरीन 34 की उम्र में देश की सबसे युवा प्रधानमंत्री चुनी गईं, कल शपथ ले सकती हैं December 09, 2019 at 11:46AM

हेलसिंकी. फिनलैंड की 34 साल की परिवहन मंत्री सना मारिन देश की सबसे युवा प्रधानमंत्री चुनी गईं हैं। प्रधानमंत्री एंटी रिने के इस्तीफे के बाद उनकी पार्टी सोशल डेमोक्रेटिक ने रविवार को उन्हें इस पद के लिए चुना। रिने ने मंगलवार को डाक हड़ताल से निपटने को लेकर गठबंधन सहयोगी पार्टी का विश्वास खोने के बाद इस्तीफा दे दिया था। नए प्रधानमंत्री के रूप में मरीन मंगलवार को शपथ ले सकती हैं।

उम्र को लेकर किए गए सवाल पर मरीन ने संवाददाताओं से कहा कि हमें फिर से लोगों का विश्वास जीतने के लिए काफी काम करना होगा। मैंने कभी अपनी उम्र और जेंडर के बारे में नहीं सोचा। मैं कुछ कारणों से राजनीति में आई और लोगों का विश्वास भी जीता।

मरीन के बाद यूक्रेन के प्रधानमंत्री सबसे युवा

34 साल की मरिन दुनिया की सबसे युवा प्रधानमंत्रियों में से एक बन गईं हैं। अब उनके बाद यूक्रेन के प्रधानमंत्री ओलेक्सी होन्चेरुक हैं, जिनकी उम्र 35 साल है। मरीन 27 साल की उम्र में अपने औद्योगिक गृहनगर टैम्पियर की नगर परिषद की प्रमुख बन गईं थीं।

पूर्व प्रधानमंत्री एंटी रिने जून से फिनलैंड की पांच सेंटर-लेफ्ट गठबंधन का नेतृत्व कर रहे थे। मरिन की नियुक्ति से सोशल डेमोक्रेट-नेतृत्व वाले प्रशासन द्वारा महत्वपूर्ण नीतिगत बदलावों की संभावना नहीं जताई जा रही है। इस पर मरीन ने कहा कि हमारे पास साझा सरकारी कार्यक्रम है, जिसे करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।

एंटी रिने के नेतृत्व में पार्टी ने अप्रैल में जीत हासिल की थी

फिनलैंड को मंदी से बाहर निकालने के वादे के साथ एंटी रिने के नेतृत्व में सोेशल डेमोक्रेटिक पार्टी ने अप्रैल में मामूली अंतर से जीत हासिल की थी। 700 डाक कर्मचारियों के मेहनताना में कटौती की योजना पर कई हफ्तों के राजनीतिक संकट के बाद रिने ने पद छोड़ दिया था।



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34 साल की सना मरीन फिनलैंड की सबसे युवा प्रधानमंत्री चुनी गईं।

पर्यटन स्थल व्हाइट आइलैंड के पास ज्वालामुखी फटा, 1 की मौत; 50 से ज्यादा लापता December 09, 2019 at 11:48AM

ऑकलैंड. न्यूजीलैंड के व्हाइट आइलैंड में सोमवार दोपहर अचानक ज्वालामुखी भड़क उठा। इसमें एक व्यक्ति की मौत हुई, जबकि 50 से ज्यादा लापता हैं। पुलिस का कहना है कि जब ज्वालामुखी फटा, तब उसके आसपास 100 से ज्यादा लोग इकट्ठा थे। न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न ने कहा कि इस घटना में कई लोगों के घायल होने की बात सामने आई है। उन्हें जल्द से जल्द नजदीकी शहर पहुंचाया जाएगा। प्रभावितों में ज्यादातर पर्यटक हैं।

आर्डर्न ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हो चुका है। हालांकि, न्यूजीलैंड पुलिस का कहना है कि ज्वालामुखी के आसपास हालात बिगड़े हैं, ऐसे में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करना काफी खतरनाक हो सकता है।



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Volcano Eruption: New Zealand Island Volcano Latest News Updates Volcano Erupts On New Zealand White Island

गीले रैंप पर गिरीं मिस फ्रांस, कहा- महिला के जीवन में गिरकर उठना ही अहम है December 09, 2019 at 11:16AM

अटलांटा. अमेरिका के अटलांटा में आयोजित मिस यूनिवर्स 2019 कंटेस्ट के स्विमसूट राउंड में कई कंटेस्टेंट्स बिकिनी में रैंप वॉक के दौरान गीले फर्श पर फिसल गईं। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। फ्रांस का प्रतिनिधित्व कर रही मिस माएवा कूच ने भी इंस्टाग्राम पर अपना वीडियो शेयर कर लिखा, ‘‘इससे मुझे ये सीख मिली कि गिरकर उठना ही एक महिला के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण है।’’फिसलकर गिरने वाली प्रतिभागियों में मिस फ्रांस भी थी। हालांकि गिरकर भी मिस फ्रांस का आत्मविश्वास कम नहीं हुआ। वे गिरने के बाद हंसती हुए उठीं और ताली बजाते हुए जज के सामने देखा, फिर लौट गईं।

68वें मिस यूनिवर्स समारोह का खिताब रविवार को दक्षिण अफ्रीका की जोजिबिनी टुन्जी ने जीता। प्यूर्टो रिको की मैडिसन एंडरसन फर्स्ट रनर-अप जबकि मेक्सिको की सोफिया अरागॉन सेकंड रनर-अप रहीं। कंटेस्ट में भारत का नेतृत्व कर रहीं 26 साल की वर्तिका सिंह टॉप 10 में भी जगह नहीं बना सकीं।

मिस यूनिवर्स 2019 के ताज के साथ दक्षिण अफ्रीका की जोजिबिनी टुन्जी।

कौन हैं वर्तिका
मिस यूनिवर्स के लिए भारत का प्रतिनिधित्व लखनऊ की 26 साल की वर्तिका सिंह ने किया। वे पब्लिक हेल्थ में मास्टर्स हैं और यूपी के राज्य पोषण मिशन की ब्रैंड ऐम्बैसडर हैं। विश्व बैंक में क्वालिटी एश्योरेंस के लिए तकनीकी सलाहकार के तौर काम कर चुकी हैं। वर्तिका ने 2015 में फेमिना मिस इंडिया में भी हिस्सा लिया था।

वर्तिका सिंह।
DBApp

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फ्रांस का प्रतिनिधित्व करने वाली मिस माएवा कूच।

पुलिस की हिंसा के खिलाफ फुटबॉल फैंस एकजुट हुए, मैचों के बीच में स्टेडियम खाली छोड़ कर जा रहे December 09, 2019 at 10:51AM

मॉस्कोे. रूस में पुलिस की हिंसा के खिलाफ फुटबाॅल फैंस साथ आ गए हैं। पूरे रूस में फर्स्ट डिविजन मैचों के दौरान फैंस 30वें मिनट में स्टेडियम छोड़ रहे हैं। पिछले हफ्ते स्पार्टक मॉस्को के समर्थकों ने मैच के बायकॉट का ऐलान किया। इसके बाद से ही रूस में क्लब मैचों में यह नजीर बन गया है।

किस घटना के विरोध में फुटबॉल फैंस?
पिछले हफ्ते सेंट पीटर्सबर्ग में जेनिट और स्पार्टक क्लब के बीच मैच के दौरान पुलिस ने 150 से 200 फुटबॉल फैंस को गिरफ्तार कर लिया था। उनकी गिरफ्तारी का कोई कारण नहीं दिया गया था। इसके बाद देश के फुटबॉल समर्थकों के संगठन ‘फ्रातारिया’ ने बयान जारी किया। संगठन ने कहा कि दोनों क्लब एक दूसरे से दुश्मनी के लिए जाने जाते हैं। अगर पुलिस ने मैच को फैंस के लिए जोखिम भरा माना था, तो अब तक उस मैच से किसी हिंसा की घटना सामने क्यों नहीं आई?

मैच के दौरान आम लोगों को भी गिरफ्तार किया गया

रूस की आर स्पोर्ट्स न्यूज एजेंसी ने एक गवाह के हवाले से दावा किया, “पुलिस ने मैच के दौरान समर्थकों को सड़कों और बार से उठा लिया। मॉस्को में रहने वाले लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें पुलिस स्टेशन ले जाया गया और उन पर उपद्रव और गुंडागर्दी करने के आरोप लगाए गए।” रिपोर्ट के मुताबिक, जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया, उनमें एक स्पार्टक फैन को फुटबॉलर अर्टेम ज्यूबा की बेइज्जती करने के लिए स्टेडियम से डेढ़ साल के लिए बैन कर दिया गया।

सरकार के आदेश पर हिंसा-मुक्त रहा था वर्ल्ड कप

रूस में फुटबॉल स्टेडियमों में 1990 के दौर में हिंसा शुरू हुई थी। तब से टीमों के बीच की लड़ाई मैदान से बाहर फैंस की लड़ाई में तब्दील होने लगी। इस तरह की लड़ाई का सबसे ताजा मामला तीन साल पहले देखा गया था, जब फ्रांस के मार्सेल में यूरो-2016 के दौरान रूस के फैंस ने उपद्रव मचाया था। इससे शहर को काफी नुकसान हुआ था।

रूसी सरकार ने इन घटनाओं को देखते हुए 2018 वर्ल्ड कप से पहले ही अपनी क्लीन स्टेडियम पॉलिसी शुरू की। सरकार की यह नीति बेहतरीन रही और रूस में बिना किसी हिंसक घटना के वर्ल्ड कप पूरा हुआ। इस वक्त रूस के क्लब मैचों में फैंस के बीच लड़ाई के छोटे-मोटे मामले सामने आ जाते हैं। लेकिन वर्ल्ड कप के बाद भी पुलिस का सख्त रवैया बरकरार है।

हमारी मैच छोड़ने की अपील कारगर: फ्रातारिया

फ्रातारिया के एक मैनेजर एंटन के मुताबिक, सेंट पीटर्सबर्ग में पुलिस ने फैंस के साथ जो किया वो गलत था। इसी साल जुलाई में पुलिस ने रोस्तोव में स्टेडियम से बाहर जा रहे स्पार्टक मॉस्को के कुछ फैंस के साथ मारपीट की थी। इस घटना की कुछ फोटोज बाहर आई थीं, जिससे रूस के फुटबॉल फैंस गुस्से में आ गए थे। फ्रातारिया की फैंस से 30वें मिनट में मैच छोड़ने की अपील काफी कारगर साबित हुई है। अब तक लगभग सभी फर्स्ट डिविजन मैचों में फैंस एक साथ स्टेडियम से बाहर निकल रहे हैं। इसे कई टीमों के कोचों का भी समर्थन मिला है।



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रूस में जेनिट और स्पार्टक क्लब के बीच मैचों में फैंस के बीच लड़ाई काफी सामान्य रही है। (फाइल)

Over 7,000 exit BTech in IIT in last 5 years December 09, 2019 at 10:31AM

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