Friday, March 6, 2020

23 साल बाद पेशावर में मस्जिद के दरवाजे महिलाओं के लिए खोले गए, 1996 में आतंकवाद बढ़ने के बाद रोक लगी थी March 06, 2020 at 07:39PM

पेशावर. यहां की ऐतिहासिक सुनहरी मस्जिद के दरवाजे 23 साल बाद महिला उपासकों के लिए खोले गए। शनिवार को यह जानकारी पाकिस्तान के अखबार द डॉन ने दी। इसकी रिपोर्ट के मुताबिक, 1996 के बाद पहली बार शुक्रवार को 15-20 महिलाओं ने नमाज पढ़ी। यह मस्जिद सदर रोड स्थित केंटोनमेंट एरिया में मौजूद है। मस्जिद प्रशासन का कहना है कि ईद की नमाज के लिए भी महिलाओं को अनुमति दी जाएगी।


मस्जिद के इमाम मुहम्मद इस्माइल ने बताया कि यह फैसला अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मद्देनजर सदर और अन्य क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं की राहआसान करने के मकसद से लिया गया है। दरअसल,1996 से पहले तक महिलाओं को शुक्रवार की नमाज के दौरान मस्जिद के ऊपरी हिस्से में मौजूद रहने की इजाजत थी। बाद में आतंकवाद के बढ़ने के चलतेमहिलाओं का मस्जिद में नमाज पढ़ना बंद करवा दिया गया।

महिला-पुरुष साथ सुन सकेंगे उपदेश

इस्माइल ने बताया किअब हमारे पास एक खुला हिस्सा है, जहां महिलाएं नमाज पढ़ सकती हैं। उसके पास ही एक अलग हिस्सा पुरुषोंके लिए भी मौजूद है। इसके अलावा महिलाएं और पुरुष शुक्रवार को होने वाले उपदेश भी सहजता से सुन सकते हैं।इसी बीच, नमाज पढ़ने के बाद निकलीमहिला ने कहा- मैं बहुत खुश हूं। यह एक अच्छा फैसला है। ऐसी ही सुविधा हर दिन के लिए दी जानी चाहिए।



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पेशावर स्थित ऐतिहासिक सुनहरी मस्जिद। -फाइल

शाही परिवार के तीन सदस्य को हिरासत में लिया, इन पर सत्ता के लिए षड़यंत्र रचने का आरोप March 06, 2020 at 07:00PM

रियाद. सऊदी अरब में शाही परिवार के तीन सदस्यों को शुक्रवार सुबह हिरासत में लिया गया है। इनमें किंग सुल्तान के भाई प्रिंस अहमद बिन अब्दुलअजीज अल सौद और भतीजे प्रिंस मोहम्मद बिन नाएफ शामिल हैं। अमेरिकी मीडिया ऑर्गनाइजेशन वॉल स्ट्रीट जनरल ने सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में हिरासत में रखे जाने का दावा किया है। रॉयल गार्ड ने तीनों की गिरफ्तारी उनके घर से की है। इस कदम के बाद माना जा रहा है। सऊदी क्राउन प्रिंस सत्ता के लिए अभी और सख्त कदम उठा सकते हैं।

गिरफ्तारी की जानकारी न्यूयॉर्क टाइम्स ने भी दी है। टाइम्स ने प्रिंस के बेटे नाएफ बिन नाएफ के नाम का भी दावा किया है। मीडिया की ओर से पूछे गए सवालों पर सऊदी शाही परिवार की ओर को कोई भी कमेंट फिलहाल नहीं किया गया है। गिरफ्तारी की कार्रवाई सुल्तान के बेटेशासक क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान द्वारा की गई है। उन्होंने सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत करने के इरादे से यह कदम उठाया है। सुल्तान ने उन्हें 2016 में सत्ता का उत्तराधिकारी बनाया था।

क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (बाएं) और मोहम्मद बिना नाएफ (दाएं)। फोटो फाइल।


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क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान 2016 के बाद सत्ता के उत्तराधिकारी हैं।

क्लिंटन का खुलासा- राष्ट्रपति पद का तनाव कम करने के लिए मोनिका लेविंस्की से संबंध बनाए थे, देश का ख्याल नहीं रखा March 06, 2020 at 06:54PM

वॉशिंगटन. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने करीब 25 साल बाद स्वीकार किया है कि व्हाइट हाउस में रहते मोनिका लेविंस्की से उनके प्रेम संबंध बन गए थे। इससे उन्हें राष्ट्रपति पद का तनाव दूर करने में मदद मिली थी।क्लिंटन ने कई अंतरंगबातों का जिक्र डॉक्यूमेंट्री ‘हिलेरी’ में किया है। इसे शुक्रवार को रिलीज किया गया।

यह पहली बार है, जब वे स्कैंडल पर खुलकर बोले। उनसे पूछा गया कि परिवार, शादी और देश को लेकर इतना बड़ा जोखिम क्यों लिया। इस पर बोले- तब मैंने इन सबके बारे में नहीं सोचा। व्हाइट हाउस के काम के दबाव में राह से भटक गया। क्लिंटन ने पहली बार मोनिका से माफी मांगी और कहा कि इसके बाद उसकी जिंदगी को इस अफेयर से आंका जाता रहा।

18 साल की बेटी के सामने अफेयर स्वीकारना ज्यादा तकलीफदेह था
बिल क्लिंटन के मुताबिक, जब व्हाइट हाउस की इंटर्न मोनिका लेविंस्की से पहली मुलाकात हुई, तब उन पर काम का अत्यधिक दबाव था। उन्हें उस वक्त लगा था कि यही वह शख्स है, जो उनके दिलो-दिमाग को कुछ पल के लिए राहत दे सकती है। मोनिका की बदौलत उन्हें दबाव से जूझने में मदद मिली। कई बार आप महसूस करते हैं कि आप चारों तरफ से घिर गए हैं। आप 15 राउंड प्राइज की फाइट लड़ रहे थे, जिसे बढ़ाकर 30 राउंड कर दिया गया है। उस वक्त काम के दबाव में मेरी हालत ऐसी होती थी जैसे कोई मुक्केबाज 30 राउंड खेलकर पस्त हो चुका हो। ऐसे में मोनिका में मुझे राहत की किरण नजर आती थी। मैंने हिलेरी को स्कैंडल के बारे में सब कुछ बता दिया था। सबसे शर्मिंदा करने वाला पल वो था, जब मैंने अफेयर की बात 18 साल की बेटी चेल्सिया को बताई। वह हिलेरी के सामने सच स्वीकारने से ज्यादा तकलीफदेह था।

महाभियोग से बचे, दोबारा अमेरिकी राष्ट्रपति बने
हिलेरी अपने पति के पक्ष में महाभियोग का सामना करने का मन बना चुकी थी। स्कैंडल के चलते 1998 में बिल को महाभियोग का सामना करना पड़ा। लेकिन वे बच गए और उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में दूसरा कार्यकाल भी पूरा किया। बिल ने इससे पहले मोनिका लेविंस्की के साथ संबंधों को लेकर 2018 में अपनी बात रखी थी। उस वक्त उन्होंने लेविंस्की से माफी मांगने से इनकार कर दिया था।

हिलेरी ने माना- शादी टूटने की कगार पर पहुंच गई थी
बिल की पत्नी हिलेरी ने भी इंटरव्यू में माना कि इस स्कैंडल के बाद मैं पूरी तरह बर्बाद हो गई थी। हमारी शादी टूटने की कगार पर थी। मैरिज काउंसलर के पास जाना पड़ा था। हिलेरी ने कहा- वे इस डॉक्यूमेंट्री के लिए इसलिए राजी हुईं, क्योंकि वे किसी चीज से भागना नहीं चाहती थीं। स्कैंडल का खुलासा होने के बाद परिवार छुट्टियों पर चला गया था।



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पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और मोनिका लेविंस्की। (फाइल फोटो)

Overall risk to the American public from coronavirus remains low: Donald Trump March 06, 2020 at 06:01PM

काबुल में आतंकी हमले में 29 की मौत, 61 घायल आईएसआईएस ने ली जिम्मेदारी March 06, 2020 at 04:10PM

काबुल. अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में शुक्रवार को हुए आतंकी हमले में 29 की मौत हो गई, जबकि 61 लोग घायल हो गए। हमला उस वक्त हुआ जब लोग हिज्ब-ए-वहदत के नेता अब्दुल अली माजारी की मौत के एक साल बाद जनसभा का आयोजन चल रहा था, तभी दो बंदूकधारी आतंकवादियों ने गोलीबारी कर दी। बाद में सुरक्षाकर्मियों ने दोनों हमलावरों में को मार गिराया। आतंकी संगठन आईएसआईएस ने हमले की जिम्मेदारी ली है। हाल में तालीबान और अमेरिका के बीच हुए शांति समझोते के बाद यह सबसे बड़ा आतंकी हमला है।


अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने हमले की निंदा की है। उन्होंने ट्वीट कहा कि यह हमला अफगानिस्तान की राष्ट्रीय एकता और मानवता पर प्रहार है।


भारत ने हमले की कड़ी निंदा की
भारत ने काबुल में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है। भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए एकजुट होना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी हमले की कड़ी निंदा की है।



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29 killed in terrorist attack in Kabul, 61 injured

Dozens killed as gunmen attack Afghan political rally March 06, 2020 at 12:35PM

Dozens of people were killed when gunmen opened fire at a political rally in Kabul on Friday, the deadliest assault in Afghanistan since the US signed a withdrawal deal with the Taliban. The attack, claimed by the Islamic State group, highlights a glaring lack of security in the Afghan capital just 14 months ahead of the scheduled withdrawal of all foreign forces.

एक साल में तीसरी बार चुनाव, लेकिन बहुमत से तीन सीट दूर रह गए बेंजामिन नेतन्याहू March 06, 2020 at 06:12AM

यरूशलम.इजराइल मेंएक बार फिर बेंजामिन नेतन्याहू बहुमत हासिल करने से चूक गए। इस बार चुनाव मेंउनको तीन सीटें कम मिली हैं।सप्ताह की शुरुआत में ही देश में संसदीय चुनाव हुए थे। परिणामों के मुताबिक, देश के दोनों मुख्य राजनीतिक संगठन कोगठबंधन सरकार बनाने के लिए पर्याप्त वोट नहीं मिले।

केंद्रीय चुनाव कमेटी द्वारा जारी किए गए अंतिम परिणाम में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की लिकुड पार्टी को 36 सीटें और उसकी (लिकुड पार्टी) अगुआई वाले राइट विंग संगठन को58 सीटें मिली हैं। मुख्य विपक्षी बेनी गांत्ज की ब्लू एंड व्हाइट पार्टीको 33 सीटें और उसकी (ब्लू एंड व्हाइट)अगुआई वाले वामपंथी गुट को 55 सीटें मिली हैं।

120 सीट वाली इजराइल की संसद में बहुमत के लिए 61 सीटों की जरूरत होती है। चुनाव में इन मुख्य पार्टियों के अलावा अन्य छोटी पार्टियों ने 15 सीटें हासिल की हैं, लेकिन वे काफी बंटी हुई हैं। उनके किसी भी संगठनके साथ आने की संभावना बेहद कम मानी जा रही है। इजराइल के राष्ट्रपति रियूवेन रिवलिन के सामने 10 मार्च को चुनाव परिणाम पेश होंगे। इसके बाद सात दिन में वे पार्टियों से चर्चा के बाद अगली सरकार बनाने का आमंत्रण देंगे।

भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसे हैं नेतन्याहू
70 साल के नेतन्याहू इजराइल के सबसे लंबे समय तक रहने वाले प्रधानमंत्री हैं। उनके खिलाफ 17 मार्च से भ्रष्टाचार का मुकदमा शुरू हो रहा है। उन पर धोखाधड़ी, रिश्वत लेने और विश्वासघात के आरोप हैं। अगर वह सरकार बनाते हैं तो इजराइल के इतिहास में वे पहले ऐसे प्रधानमंत्री होंगे, जोभ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सरकार बनाने में कामयाब हुए। वहीं, 60 साल के गांत्ज ने अपना राजनितिक करियर दिसंबर 2018 में शुरूकिया था। इससे पहले वह 2011-15 के बीच इजराइल की मिलिट्री के चीफ रहे थे।

चुनावी इतिहास का सबसे बड़ा डेडलॉक
इजराइल में पिछले एक साल में तीन बार चुनाव हो चुके हैं। पिछले साल अप्रैल और सितंबर में हुए चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था। इसे देश के चुनावी इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा डेडलॉक माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि इस डेडलॉक की वजह से देश का पॉलिटिकल सिस्टम पैरालाइज्ड हो गया है।



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इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (फाइल)

Trump says Taliban could 'possibly' seize power after US leaves March 06, 2020 at 05:01AM

President Donald Trump on Friday said the Taliban could "possibly" overrun the Afghan government after the United States withdraws from the country. Asked if the Taliban could eventually seize power, Trump said it's "not supposed to happen that way but it possibly will."

प्राइमरी चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद तुलसी गबार्ड ने कहा, नेताओं ने फैलाया ‘हिंदूफोबिया’ March 06, 2020 at 01:34AM

नई दिल्ली, अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की दौड़ में शामिलतुलसी गबार्ड ने नेताओं द्वारा ‘हिंदूफोबिया’ फैलाने का आरोप लगाया है। उन्होंने इससे जुड़ा एक पोस्ट भी शेयर किया, जहां एक उबर ड्राइवर एक यात्री को इसलिए उतार देता है क्योंकिवह हिंदू था। इस पोस्ट के साथ उन्होंने लिखा, ‘‘दुर्भाग्य से हिंदूफोबिया बहुत वास्तविक है। मैनें इसका अपने सभी कैंपेन में अनुभव किया है।यह केवल एक उदाहरण है कि इस देश में हिंदूरोज क्या सहते हैं। दुखद यह है कि हमारे नेता और मीडिया न केवल इसको होने देते हैं बल्कि इसे उकसाते भी हैं।’’

पोस्ट के अनुसार कैब ड्राइवर यात्री पर दिल्ली में मुस्लिमों के खिलाफ दंगा करने का आरोप लगाते हुए हमला करता है और उसे कैब से उतर जाने के लिए कहता है। जब यात्री पुलिस को बुलाने की चेतावनी देता है तब वह शांत होता है।

हाल ही में डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए हुए प्राइमरी चुनाव में तुलसी गबार्ड को एक भी सीट नहीं हासिल हुई है। पूर्व उपराष्ट्रपति जो बिडेन और बर्नी सैंडर्स दौड़ में सबसे आगे हैं।

तुलसी गबार्डहाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव की पहली हिंदू सदस्य हैं, मौजूदा समय में चारहैं

तुलसी गबार्ड अमेरिका में हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव की पहली हिंदू सदस्य हैं। वह डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर सेहवाई राज्य का प्रतिनिधित्व करती हैं। गीता में हाथ रखकर सदस्य पद की शपथ लेने के बाद वह खासाचर्चा में आई थीं। गबार्ड ने 16 साल तक अमेरिकीसेना में भी नौकरी की है। वर्तमान मेंहाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में गबार्ड को मिलाकर चार हिंदू सदस्य हैं। इसमें वाशिंगटन से प्रमिला जयपाल, कैलिफोर्निया से रो खन्ना और इलिनॉइस से राजा कृष्णमूर्ति हैं।



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तुलसी गबार्ड (फाइल)

'Left to the dogs': migrants at Turkey-Greece border lose hope March 06, 2020 at 01:53AM

Thousand of migrants from Syria, Afghanistan, Iran, Pakistan and Africa are camped out along a stretch of the border between Turkey and Greece, two NATO allies whose relations - never easy - have been further strained by the migrant crisis.

At least 27 killed in attack on Afghan political rally: Officials March 06, 2020 at 01:07AM

Gunmen killed at least 27 people and wounded 29 more in Afghanistan's capital on Friday at a remembrance ceremony for a minority Shiite leader, officials said.

Vatican reports its first coronavirus case March 06, 2020 at 12:12AM

The Vatican on Friday reported its first coronavirus case, saying it had suspended outpatient services at its health clinic after a patient tested positive for COVID-19.

अमेरिका कोरोना को रोकने के लिए सेना को उतार सकता है, संसद ने इससे निपटने के लिए 61.15 हजार करोड़ रुपए का इमरजेंसी बिल पास किया March 05, 2020 at 11:01PM

वॉशिंगटन.अमेरिका में कोरोनावायरस से 14 लोगों की जान गई है। यह वायरस देश के 19 राज्यों में फैल चुका है, 228 लोग इसकी चपेट में हैं। इसके बाद ट्रम्प सरकार अब इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए सेना को बुलाने पर विचार कर रही है।वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना के गर्मी से ज्यादा सर्दी के मौसम में फैलने की गुंजाइश है और अमेरिका में सर्दी का मौसम आने वाला है, इसलिए इसे रोकने के लिए और बड़े कदम उठाए जाने चाहिए। इसे लेकर पेंटागन में वैज्ञानिकों और सेना की बैठक भी हुई। साउथ कैरोलिना के मिलेट्री बेस पर कोरोनावायरस से निपटने के लिए तैयारी भी शुरू कर दी गई है।


57.46 हजार करोड़ रुपए स्थानीय स्वास्थ्य विभागों को दिया जाएगा
अमेरिकी संसद कांग्रेस ने कोरोनावायरस से लड़ाई के लिए 61.15 हजार करोड़ रुपए के इमरजेंसी बिल को पास कर दिया है। इसे हस्ताक्षर के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को भेजा गया है। दरअसल, कई अमेरिकी राज्यों से कहा गया था कि कोरोनावायरस से लड़ाई के लिए उनके पास ट्रेनिंग और उपकरणों की कमी है। इस रकम से 57.46 हजार करोड़ रुपए वायरस से निपटने में खर्च किया जाएगा। ताकि स्थानीय स्वास्थ्य विभाग शुरुआती समय में ही इससे निपट सकें। इसके अलावा 3.68 हजार करोड़ टेलीहेल्थ सर्विस के लिए खत्म होगा। ताकि बुजुर्गों का घर भी ही इलाज हो सके।


चीन, दक्षिण कोरिया, ईरान पहले से ही सेना की मदद ले रहे हैं
इससे पहले चीन, दक्षिण कोरिया, ईरान, हांगकांग जैसे देश भी कोरोनावायरस से लड़ाई के लिए आर्मी की मदद ले रहे हैं। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने करीब 10 हजार से ज्यादा जवानों को कोरोना से लड़ाई में लगा रखा है। ये डॉक्टर सैनिटाइजेशन, ट्रैफिक कंट्रोल और इलाज में मदद कर रहे हैं। ब्रिटेन और इटली ने अपनी आर्मी को स्टैंडबाई मोड पर रखा है।


जेम्स बॉन्ड की फिल्म की रिलीजिंग डेट 7 महीने के लिए आगे बढ़ाई गई
कोरोना के चलते जेम्स बॉन्ड की नई फिल्म 'नो टाइम टू डाइ' की रिलीजिंग डेट को 7 महीने के लिए आगे बढ़ा दिया गया है। न्यूयॉर्क प्रशासन ने 15 लाख मास्क बंटवाए हैं। 3 लाख की और व्यवस्था की है, कोरोना मरीजों के लिए अलग से अस्पतालों में 1200 से बेड की व्यवस्था की गई है। कैलिफोर्निया में स्टेट इमरजेंसी लगा दी गई है। अमेजन ने अमेरिका में अपने कर्मचारियों से वर्क फ्रॉम होम करने के लिए कहा है। वॉशिंगटन के एक जिले में सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया है।



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फाइल फोटो। अमेरिका के कैरोलिना मिलेट्री बेस पर सेना ने कोरोनावायरस से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है।
पेंटागन में वैज्ञानिकों और सेना की एक बैठक भी हुई।
तस्वीर चीन के शंघाई एयरपोर्ट की है। यहां यात्री नहीं होने से सन्नाटा पसरा हुआ है।

Migrants, police clash again on Greek-Turkish border March 05, 2020 at 09:02PM

Clashes erupted on the Greek-Turkish border on Friday morning, with Greek authorities using tear gas and a water cannon to repulse an attempt by migrants to push through the frontier into Greece, while Turkish authorities fired volleys of tear gas onto the Greek side of the border.