Tuesday, July 7, 2020

डब्ल्यूएचओ ने माना- कोरोनावायरस के हवा से फैलने के सबूत हैं; दो दिन पहले 32 देशों के 239 वैज्ञानिकों ने ऐसा ही दावा किया था July 07, 2020 at 08:22PM

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने हवा से कोरोनावायरस फैलने की बात स्वीकार कर ली है। डब्लूएचओ कीटेक्निकल लीडमारिया वान केरखोव ने कहा कि हम एयरबोर्न ट्रांसमिशन और एयरोसोल ट्रांसमिशन की संभावना से इनकार नहीं कर सकते हैं।

डब्ल्यूएचओ ने पहले कहा था कि यह संक्रमण नाक और मुंह से फैलता है। इसके अलावा, संक्रमित सतह को छूने से भी यह ट्रांसमिट होता है। डब्ल्यूएचओकी अफसरबेनेडेटा अल्लेग्रांजी ने कहा कि कोरोना के हवा के माध्यम से फैलने के सबूत तो मिल रहे हैं, लेकिन अभी हमें रिजल्ट तक पहुंचने में वक्त लगेगा।उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जगहों में हवा से कोरोना संक्रमण फैलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। खासकर ऐसी जगहों पर जहां काफी भीड़ हो या फिर कोई जगह बंद हो। या ऐसा स्थान जहां हवा ठीक से ना आ-जारही हो।

32 देशों के 239 वैज्ञानिकों ने कहा था- कोरोना हवा से भी फैल सकता है

  • पिछले दिनों 32 देशों के 239 वैज्ञानिकों ने दावा किया था कि कोरोना हवा से फैल सकता है। इन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) को पत्र लिखकर इन दावों पर गौर करने और दिशा-निर्देशों में बदलाव करने की गुजारिश की थी।
  • इन वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च के हवाले से बताया है कि नोवेल कोरोनावायरस यानी Sars COV-2 के छोटे-छोटे कण हवा में कई घंटों तक बने रहते हैं और वे भी लोगों को संक्रमित कर सकते हैं।
  • इस पूरे मामले में लोग जहां विश्व स्वास्थ्य संगठन को आड़े हाथ ले रहे हैं वहीं, इस शीर्ष संगठन का कहना है कि कोरोनावायरस हवा से नहीं बल्कि एयरोसोल और 5 माइक्रोन से छोटी ड्रापलेट्स से फैल सकता है। (एक माइक्रॉन एक मीटर के दस लाखवें हिस्से के बराबर होता है।)

हवा न भी चले तो भी कोरोना के कण 13 फीट तक फैलते हैं
दुनियाभर के एक्सपर्ट सोशल डिस्टेंसिंग के लिए 6 फीट का दायरा मेंटेन करने की सलाह दे रहे हैं।भारतीय और अमेरिकी शोधकर्ताओं की टीम का कहना है कि कोरोना के कण बिना हवा चले भी 8 से 13 फीट तक की दूरी तय कर सकते हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक, 50 फीसदी नमी और 29 डिग्री तापमान पर कोरोना के कण हवा में घुल भी सकते हैं।

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1. हवा में है कोरोना / NYT की रिपोर्ट के बाद लोग कह रहे- 'WHO ठीक से काम नहीं कर रहा, हालात गंभीर हैं और चेतावनी नहीं दी जा रही'

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3.हवा से फैलता कोरोना / 239 वैज्ञानिकों के खुले पत्र पर WHO ने कहा- हमें अभी इस बात का पक्का यकीन नहीं, रिव्यू करने के बाद बताएंगे



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डब्ल्यूएचओ ने कहा- वायरस के हवा के माध्यम से फैलने के सबूत तो मिल रहे हैं, लेकिन जांच के बाद हम किसी फैसले पर पहुंचेंगे। - फाइल फोटो

Japan battered by more heavy rain, floods, nearly 60 dead July 07, 2020 at 07:59PM

Pounding rain that already caused deadly floods in southern Japan was moving northeast Wednesday, battering large areas of Japan's main island, swelling more rivers, triggering mudslides and destroying houses and roads. At least 58 people have died in several days of flooding. By Wednesday morning, parts of Nagano and Gifu in central Japan were flooded by massive downpours.

Trump pushes state, local leaders to reopen schools in fall July 07, 2020 at 07:22PM

The White House's round-table gathered health and education leaders from across the nation who said schools and colleges are ready to open this fall and can do so safely. They argued that the risks of keeping students at home outweigh any risks tied to the coronavirus.

अमेरिका ने चीन के अफसरों पर वीजा प्रतिबंध लगाए; तिब्बत में विदेशियों की एंट्री रोकने के बाद यह कदम उठाया July 07, 2020 at 07:16PM

अमेरिका ने चीन के कुछ अफसरों पर वीजा प्रतिबंध लगाए हैं।विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने यह जानकारी दी। पोम्पिओ ने कहा- हमने तिब्बत के लिए विशेष अमेरिकी कानून के तहत यह प्रतिबंध लगाए हैं। उन्होंने ट्वीट किया, 'आज मैंने पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी) के अफसरों के वीजा पर प्रतिबंध का ऐलान किया। ये अफसर दूसरे देशों के लोगों को तिब्बत पहुंचने से रोकने में शामिल थे।"

पोम्पियो ने कहा- चीन अमेरिकी डिप्लोमैट्स, अफसरों, पत्रकारों और टूरिस्ट्स को तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र (टीएआर) और वहां के दूसरे इलाकों तक नहीं जाने दे रहा। हमारे देश में चीन के लोगों औरअफसरों पर को कहीं भी जाने की छूट है।

अमन बहाली के लिए तिब्बत जरूरी

उन्होंने कहा- चीनी अफसर तिब्बत में दूसरे देशों के लोगों के पहुंचने की नीतियां बनाते हैं और इन्हें लागू करते हैं। तिब्बत में वहां पहुंचना अहम है।क्योंकि वहां मानवाधिकारों का हनन होता है।

तिब्बती लोगों के मानवाधिकारों का सम्मान

पोम्पियो ने कहा- अमेरिका तिब्बत के लोगों के मानवाधिकारों का सम्मान करता है। वहां उनका ही शासन होना चाहिए। वहां की धार्मिक, सांस्कृतिक और भाषा की पहचान बचाई जानी चाहिए। यह तय किया जाएगा कि अमेरिकी लोग तिब्बत और चीन के सभी हिस्सों में जा सकें।



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अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने मंगलवर को कहा है कि चीन तिब्बत के लोगों के मानवाधिकारों का हनन कर रहा है। वह दूसरे देशों के लोगों को वहां जाने से रोक रहा है।(फाइल फोटो)

चीन में उइगर मुसलमानों के नरसंहार का मामला अब इंटरनेशनल कोर्ट में, आरोपियों में राष्ट्रपति जिनपिंग भी; हो सकती है पूछताछ July 07, 2020 at 06:48PM

चीन में उइगर मुसलमानों के खिलाफ नरसंहार, मानवाधिकार उल्लंघन और शोषण का मामला अब इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट पहुंच गया है। उइगर समुदाय से जुड़ी पूर्वी तुर्किस्तान की निर्वासित सरकार और जागरूकता आंदोलन चलाने वाली संस्था ने संयुक्त रूप से यह मामला दर्ज कराया है। पूर्वी तुर्किस्तान काे चीन में शिनजियांग क्षेत्र का नाम दिया गया है।

उइगर समुदाय के लोग सालों से इस क्षेत्र की आजादी की मांग कर रहे हैं। ये पहला मामला है, जब चीन से अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत उइगरों पर जारी अत्याचार से संबंधित पूछताछ की जा सकती है। लंदन के वकीलों के एक समूह ने चीन में उइगर समुदाय पर जारी अत्याचार और हजारों उइगरों को कानून का उल्लंघन कर कंबोडिया और ताजिकिस्तान डिपोर्ट किए जाने के संबंध में शिकायत दर्ज कराई है। इस केस में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग समेत कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार से जुड़े 80 लोगों पर उइगरों के नरसंहार का आरोप लगाया गया है।

शी जिनपिंग के सत्ता में आने के बाद बढ़ा जुर्म
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सत्ता में आते ही उइगर मुसलमानों के साथ साम,दाम, दंड, भेद की नीति अपनाते हुए उन पर अपने धर्म को त्यागने और चीन की हुकूमत को स्वीकारने का दबाव बढ़ा दिया है। इस क्षेत्र में सरकार उइगरों से गलियाें और सड़कों की सफाई करवा रही है। युवाओं से जबरन बड़ी फैक्ट्रियों में ले जाकर काम करवाया जा रहा है।

जबरन नसबंदी करवा रही सरकार

एसोसिएटेड प्रेस और जर्मन शोधकर्ता एड्रियन जेंस ने जांच में इस बात का भी पता लगाया कि सरकार यहां अल्पसंख्यकों में जबरन जन्मदर कम करने के लिए नसबंदी और गर्भपात का बड़े पैमाने पर अभियान चला रही है। यहां सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को नजरबंद कर दिया जाता है।

इसके लिए क्षेत्र में कई कैम्प बनाए गए हैं। पिछले साल कैंम्प में 58 लोगों को मार दिया गया था। शिकायतकर्ता के वकील रॉडनी डिक्सन का कहना है कि जांचकर्ताओं को सबसे पहले नरसंहार की जांच करनी चाहिए, क्योंकि यहां एक पूरे समुदाय के अस्तित्व को मिटा देने की साजिश रची जा रही है।

शिनजियांग में पिछले 3 सालों में 18 लाख से ज्यादा उइगर लापता हैं

पूर्वी तुर्किस्तान यानी शिनजियांग में पिछले 3 सालों में 18 लाख से ज्यादा उइगर और अन्य अल्पसंख्यक या तो कैद किए गए हैं या तो मारे जा चुके हैं। इसी दौरान यहां की जनसंख्या बढ़ने के क्रम में भी 84% की कमी आई है। वकील रॉडनी डिक्सन ने कहा कि ये बेहद अहम केस होगा, क्योंकि चीन को पहली बार जवाबदेही का सामना करना पड़ेगा।



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जर्मन शोधकर्ता एड्रियन जेंस ने जांच में इस बात का भी पता लगाया कि चीनी सरकार यहां अल्पसंख्यकों में जबरन जन्मदर कम करने के लिए नसबंदी और गर्भपात का बड़े पैमाने पर अभियान चला रही है।

Trump: Kanye West's White House bid 'interesting' July 07, 2020 at 06:50PM

US President Donald Trump said Tuesday that rapper Kanye West's declaration that he is running for president was "very interesting." "If he did it, he would have to view this as a trial run for what's going to happen in four years," said Trump.

Trump shaped by 'bullying' father, niece says in new book July 07, 2020 at 05:18PM

Mary Trump describes the US president as a lying narcissist who was shaped by his domineering father, according to excerpts of her memoir published on Tuesday. Mary is the daughter of Fred Trump Jr, Trump's older brother. The White House immediately hit back, describing the memoir as "a book of falsehoods."

राष्ट्रपति पद के डेमोक्रेट कैंडिडेट जो बिडेन ने कहा- अमेरिका का डब्ल्यूएचओ से हटना गलत, सत्ता में आए तो फिर इसके मेंबर बनेंगे; दुनिया में 1.19 करोड़ केस July 07, 2020 at 05:32PM

दुनिया में कोरोनावायरस से अब तक 1 करोड़ 19 लाख 48 हजार 244 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 68 लाख 49 हजार 76 लोग ठीक हो चुके हैं। वहीं, 5 लाख 46 हजार 547 की मौत हो चुकी है। अमेरिका ने मंगलवार को आधिकारिक तौर पर खुद को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से अलग कर लिया। राष्ट्रपति पद के डेमोक्रेट कैंडिडेट जो बिडेन ने इस फैसले को गलत बताया है।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘जब तक अमेरिका ग्लोबल हेल्थ सिस्टम को मजबूत करता रहेगा अमेरिकी लोग सुरक्षित रहेंगे। मैं राष्ट्रपति बनने पर पहले ही दिन अमेरिका को डब्ल्यूएचओ में शामिल कराउंगा। मैं वर्ल्ड स्टेज पर अमेरिका की लीडरशिप दोबारा बहाल करेंगे।’’

10 देश जहां कोरोना का असर सबसे ज्यादा

देश

कितने संक्रमित कितनी मौतें कितने ठीक हुए
अमेरिका 30,97,084 1,33,972 13,54,863
ब्राजील 16,74,655 66,868 10,72,229
भारत 7,43,481 20,653 4,57,058
रूस 6,94,230 10,494 4,63,880
पेरू 3,09,278 10,952 2,00,938
स्पेन 2,99,210 28,392 उपलब्ध नहीं
चिली 2,98,557 6,384 2,64,371
ब्रिटेन 2,86,349 44,391 उपलब्ध नहीं
मैक्सिको 2,68,008 32,014 1,63,646
इटली 2,41,956 34,899 1,92,815

न्यूजीलैंड: कोरोना की जानकारी देने वाले सांसद का इस्तीफा

कोरोना की जानकारी लीक करने वाले न्यूजीलैंड के सांसद हैमिश वॉकर ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया। वॉकर सेंटर राइट नेशनल पार्टी के सदस्य हैं। उन्होंने कुछ दिन पहले कुछ कोरोना संक्रमितों की व्यक्तिगत जानकारी बताई थी। इस पर उनकी पार्टी की आलोचना हुई थी। वॉकर नेअपना इस्तीफा सौंपने के बाद कहा कि मैं अपने बयान पर अफसोस जाहिर करता हूं। मैं आगे कभी भी इस तरह की टिप्पणी नहीं करूंगा। न्यूजीलैंड में सितंबर में राष्ट्रपति चुनाव होने वाला है।

न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में मंगलवार को एक व्यक्ति का स्वैब सैंपल लेती एक स्वास्थ्यकर्मी

ब्रिटेन: इकोनॉमिक रिकवरी के लिएसरकार मिनी बजट लाएगी

ब्रिटेन सरकार ने कोरोना से हुए नुकसान के बाद इकोनॉमिक रिकवरी के लिए एक मिनी बजट लाएगी। प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने इसका ऐलान किया। उन्होंने कहा कि स्कूल, हाउसिंग, सड़क रखरखाव,पब्लिक ट्रांसपोर्ट और मेडिकलसुविधाएं बेहतर बनाने में यह मददगार होगा। वित्त मंत्री ऋषि सुनाक बताएंगे किस तरह से बजट की रकम खर्च की जाएगी। ब्रिटेन में अब तक 44 हजार से ज्यादा मौतें हुई हैं। यह यूरोप में सबसे ज्यादा है।

ब्रिटेन के वाटरलू रेलवे स्टेशन पर मंगलवार को मास्क लगाकर पहुंचे यात्री। सरकार ने यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की शर्त पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफर करने को मंजूरी दी गई है।


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अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित एक अस्पताल के बाहर फेस मास्क एडजस्ट करता एक स्वास्थ्यकर्मी। यहां एक बार फिर से नए मामले बढ़ रहे हैं।(फाइल फोटो)

कुर्सी बचाने के लिए आज लगातार पांचवें दिन मुख्य विरोधी प्रचंड से मिलेंगे पीएम ओली, स्टैंडिंग कमेटी की मीटिंग भी होगी July 07, 2020 at 05:07PM

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे पर सस्पेंस बना हुआ है। आज लगातार पांचवे दिन वो पार्टी में अपने मुख्य विरोधी पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड से मुलाकात करेंगे। आज ही स्टैंडिंग कमेटी की मीटिंग भी होने वाली है। इसे सोमवार को दो दिन के ऐन वक्त पर टाल दिया गया था। सूत्रों के मुताबिक, प्रचंड और ओली पर पार्टी के अंदर और बाहर से समझौते का दबाव है। हालांकि, प्रचंड झुकने को तैयार नहीं हैं।

हर कोशिश बेनतीजा
ओली और प्रचंड के बीच बातचीत के चार दौर हो चुके हैं। लेकिन, अब तक न तो सरकार बचाने पर समझौता हुआ और न ही ये साफ हो सका है कि ओली इस्तीफा देंगे। लिहाजा, असमंजस की स्थिती है। आज जब प्रचंड और ओली मिलेंगे तो किसी फैसले की उम्मीद रहेगी। ओली की मुश्किल यह है कि विरोधी खेमा इस्तीफे की मांग से पीछे हटने तैयार नहीं है।

स्टैंडिग कमेटी की मीटिंग बढ़ाएगी ओली की मुश्किल
स्टैंडिंग कमेटी सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) की सबसे अहम कमेटी है। पार्टी से जुड़े सभी जरूरी फैसले यही कमेटी लेती है। ओली न सिर्फ प्रधानमंत्री हैं बल्कि पार्टी अध्यक्ष भी हैं। पार्टी में इसको लेकर शुरू से नाराजगी रही है। सोमवार को ऐन वक्त पर इस कमेटी की बैठक टाल दी गई। आज यह बैठक हो पाएगी, यह तय नहीं है। लेकिन, पार्टी सूत्र बता रहे हैं कि मीटिंग होगी।

पार्टी में टूट का भी खतरा
माना जा रहा कि अगर ओली ने इस्तीफे से इनकार किया तो पार्टी टूट जाएगी। एक गुट ओली और दूसरा प्रचंड के साथ चला जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, रविवार को प्रचंड ने ओली से पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ने को कहा ताकि सरकार बचाई जा सके।

ओली पर नाकामी के आरोप
पार्टी नेता कई मुद्दों पर ओली से नाराज हैं। प्रधानमंत्री कोविड-19 से निपटने में नाकाम साबित हुए। भष्टाचार के आरोपों पर कार्रवाई नहीं की। एक बेहद अहम मुद्दा भारत से जुड़ा है। पार्टी नेता मानते हैं कि सीमा विवाद पर उन्होंने भारत से बातचीत नहीं की। वैसे भी ओली पार्टी के तीनों प्लेफॉर्म्स पर कमजोर हैं। सेक्रेटेरिएट, स्टैंडिंग कमेटी और सेंट्रल कमेटी में उनको समर्थन नहीं हैं। पार्टी के नियमों के मुताबिक, अगर इन तीन प्लेटफॉर्म पर नेता कमजोर होता है तो उसका जाना तय है।

नेपाल की सियासत से जुड़ी ये खबरें भी आप पढ़ सकतें हैं...

1.नेपाल में प्रधानमंत्री के इस्तीफे पर सस्पेंस /प्रधानमंत्री ओली और विरोधी गुट के नेता प्रचंड के बीच बातचीत खत्म, स्टैंडिंग कमेटी की मीटिंग बुधवार तक टली

2.नेपाल की राजनीति में फैसले का वक्त /प्रधानमंत्री ओली ने कैबिनेट की बैठक में मंत्रियों से पूछा- साफ बताओ, किसकी तरफ हो, देश और पार्टी मुश्किल में है

3.नेपाल के पीएम पर इस्तीफे का दबाव /राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी से मिले प्रधानमंत्री ओली, इमरजेंसी कैबिनेट मीटिंग भी बुलाई गई

4.नेपाल के पीएम को दो दिन राहत /अब सोमवार को होगा प्रधानमंत्री ओली की किस्मत का फैसला, आज होने वाली स्टैंडिंग कमेटी की बैठक टली

5.नेपाल के पीएम पर भारी पड़ता भारत विरोध /कुर्सी बचाने के लिए नाराज नेताओं के घर पहुंचे प्रधानमंत्री ओली; इस्तीफे पर आज हो सकता है फैसला

6.नेपाल के पीएम को भारत विरोध भारी पड़ा /इस्तीफे की मांग के बीच ओली थोड़ी देर में देश को संबोधित करेंगे, राष्ट्रपति से मुलाकात की; बजट सत्र भी स्थगित

7.नेपाल के पीएम के साथ पाकिस्तान /इमरान ने ओली से फोन पर बातचीत का वक्त मांगा, ओली ने भारत पर सरकार गिराने की साजिश का आरोप लगाया था



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नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (दाएं) की कुर्सी पर खतरा टला नहीं है। आज वे लगातार पांचवे दिन अपने मुख्य विरोधी पुष्प कमल दहल प्रचंड (बाएं) से मुलाकात करेंगे। (फाइल)

FBI director: China is 'greatest threat' to US July 07, 2020 at 05:00PM

"The stakes could not be higher," FBI director Christopher Wray said, adding: "China is engaged in a whole-of-state effort to become the world's only superpower by any means necessary," he added.

US to leave WHO in July 2021: UN July 07, 2020 at 04:46PM

The United States will leave the World Health Organization (WHO) on July 6, 2021, the United Nations said on Tuesday, after receiving notification of the decision by President Donald Trump, who has accused the agency of becoming a puppet for China during the coronavirus pandemic.

China opens new Hong Kong security agency headquarters July 07, 2020 at 04:44PM

The new base is the Metropark Hotel, a skyscraper overlooking Hong Kong's Victoria Park. A plaque bearing the security agency's name was unveiled early Wednesday in front of Hong Kong government and police officials

US announces visa restrictions for Chinese officials under Reciprocal Access to Tibet Act July 07, 2020 at 02:23PM

कुवैत की जनसंख्या 48 लाख, इनमें 10 लाख भारतीय हैं; सरकार कानून बनाकर 40 फीसदी प्रवासियों को बाहर करना चाह रही July 06, 2020 at 11:39PM

चारु कार्तिकेय.कुवैत सरकार देश में काम करने वाले प्रवासी नागरिकों की संख्या कम करना चाह रही है, इसके लिए एक कानून का मसौदा तैयार किया गया है। इस कानून का सबसे बड़ा असर भारतीय नागरिकों पर हो सकता है। कुवैत में अभीकरीब 10 लाख भारतीय नागरिक रहते हैं।
हालांकि, इस कानून का असर कुवैत में काम करने वाले सभी देशों के नागरिकों पर होगा, लेकिन सबसे ज्यादा भारतीय नागरिक प्रभावित होंगे,क्योंकि प्रवासियों में सबसे बड़ी संख्या भारतीयों की ही है। अगर यह कानून पारित हो गया तो संभावना है कि तीन से चार लाख प्रवासी भारतीयों को देश छोड़ना पड़ सकता है।

  • कुवैत की समस्या

देश की कुल आबादी में 70 फीसदी प्रवासी हैं

  • धीरे-धीरे बड़ी संख्या में प्रवासियों को अपनी तरफ आकर्षित करते करते कुवैत एक प्रवासी-बहुल देश बन गया है। देश की कुल 48 लाख आबादी में सिर्फ 30% कुवैती और 70% प्रवासी हैं। लेकिन आर्थिक चुनौतियों की वजह से अब वहां प्रवासी-विरोधी भावनाएं गहरा रही हैं, जिसकी वजह से सरकार को इस समस्या पर ध्यान देना पड़ा।
  • कुवैत सरकार ने लक्ष्य बनाया है कि आबादी में प्रवासियों की संख्या को 70% से कम कर के 30% पर लाना है। मीडिया में आई खबरों के अनुसार प्रस्तावित कानून में देश की आबादी में प्रवासी भारतीयों की संख्या घटाकर आबादी का 15% करने की बात की गई है।
  • अगर यह कानून लागू हो गया तो सिर्फ लगभग सात लाख प्रवासी भारतीयों को ही कुवैत में रहने की अनुमति मिल पाएगी और कम से कम तीन से चार लाख भारतीयों को कुवैत छोड़ना पड़ेगा।
  • स्थानीय मीडिया में कहा जा रहा है कि करीब आठ लाख भारतीयों को देश छोड़ना पड़ सकता है। इस कानून को अभी तक कुवैती संसद की दो महत्वपूर्ण समितियों से स्वीकृति मिल चुकी है और एक और समिति से स्वीकृति मिलना बाकी है।

2018 में कुवैत से भारतीयों ने 4 अरब 80 करोड़ रुपए स्वदेश भेजा था

  • जानकार इसे भारत के लिए एक गंभीर चिंता का विषय मान रहे हैं। लाखों भारतीय कुवैत में काम तो करते ही हैं, वे हर साल भारत में अपनी परिवारों के लिए पैसे भी भेजते हैं, जो भारत की ही अर्थव्यवस्था के काम आता है।
  • एक अनुमान के अनुसार 2018 में कुवैत से भारत वापस भेजी हुई यही रकम 4 अरब 80 करोड़ रुपए के आसपास थी। मध्य-एशिया के मामलों के जानकार डॉक्टर जाकिर हुसैन कहते हैं कि सिर्फ पैसों की बात नहीं है, बल्कि लोगों की आजीविका और दोनों देशों के बीच रिश्तों का सवाल है।
  • हुसैन कहते हैं कि 90 के दशक में भी इसी तरह कुवैत से प्रवासियों को निकाला गया था, लेकिन उस समय कई दूसरे देशों के नागरिकों को निकाल कर भारतीयों को उनका स्थान दिया गया था।इसमें खाड़ी के देशों की बदलती राजनीति की भी झलक है।
  • हुसैन के मुताबिक, जहां बीते कुछ सालों में खाड़ी के देशों के साथ भारत के संबंध काफी मजबूत हो गए थे। वहीं, अब उन रिश्तों में गिरावट देखने को मिल रही है, नहीं तो क्या वजह है कि भारत-चीन सीमा पर चीनी सेना की कार्रवाई के खिलाफ अभी तक खाड़ी के किसी भी देश ने भारत के साथ एकजुटता नहीं जताई?
  • जानकारों का मानना है कि अभी भी अगर भारत कूटनीतिक स्तर पर कुवैत सरकार से बात करे तो लाखों भारतीयों पर आने वाला संकट टल सकता है, लेकिन भारत सरकार ने इस विषय पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।


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कुवैत सरकार ने लक्ष्य बनाया है कि देश की आबादी में प्रवासियों की संख्या को 70% से कम कर के 30% पर लाना है।

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा- इमरान सरकार धार्मिक कट्टरता फौरन छोड़े, मंदिर निर्माण को मंजूरी दे July 06, 2020 at 11:15PM

मंदिर निर्माण का वादा करना और फिर उसे रोकना पाकिस्तान सरकार के लिए परेशानी का सबब बन गया है। इमरान खान सरकार ने निर्माण की मंजूरी दी। फंड भी जारी किया। लेकिन, कट्टरपंथियों के दबाव में मंदिर का काम रोकना पड़ा। अब एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इमरान सरकार को धार्मिक कट्टरता छोड़ने और मंदिर निर्माण शुरू कराने को कहा है।

पिछले हफ्ते काम शुरू हुआ था। बाउंड्री वॉल बनाई जा रही थी। इस्लामाबाद की लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने इसे रुकवा दिया। कुछ लोगों ने बाउंड्री वॉल तोड़ दी। अब सरकार कह रही है कि सभी पक्षों से बातचीत की जाएगी।

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने क्या कहा?
मंगलवार को एमनेस्ट इंटरनेशनल ने इस्लामाबाद में मंदिर निर्माण रुकने पर नाराजगी जाहिर करते हुए पाकिस्तान को नसीहत दी। संगठन ने ट्वीट में कहा- सभी को धार्मिक स्वतंत्रता है। पाकिस्तान के संविधान में इसकी इजाजत दी गई है। यह अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारी भी है। मंदिर निर्माण रोका जाना गलत कदम और कट्टरता है। पाकिस्तान को फौरन अपना फैसला बदलना चाहिए।

अब तक क्या हुआ?
दुनिया में अपनी लिबरल इमेज बनाने के लिए इमरान खान ने पिछले महीने इस्लामाबाद में पहले मंदिर निर्माण की मंजूरी दी। 10 करोड़ रुपए का बजट भी जारी किया। बाउंड्री वॉल और फाउंडेशन का काम शुरू हुआ तो लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने गुरुवार को इसे रुकवा दिया। कहा कि मंदिर का नक्शा और प्लान होना जरूरी है।

अगले दिन रात में कुछ लोगों ने बाउंड्री वॉल तोड़ दी। अब धार्मिक मामलों का मंत्रालय कह रहा है कि वो सभी पक्षों से बात करेगा। इस्लामाबाद हाईकोर्ट में निर्माण रोकने की याचिका पर सुनवाई जारी है।

इस्लामाबाद में मंदिर निर्माण से जुड़ी ये खबरें भी आप पढ़ सकते हैं...

1. इमरान ने मंदिर बनाने के लिए 10 करोड़ दिए थे, धार्मिक संस्था का सवाल- जनता के पैसे से गैर-मुस्लिमों के लिए मंदिर क्यों?
2. इमरान की मंजूरी के बाद भी लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने मंदिर का काम रोका, कट्टरपंथी गुट ने नींव का ऊपरी हिस्सा तोड़ा



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फोटो 23 जून का है। तब इस्लामाबाद के पहले मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। पिछले हफ्ते इसे रोक दिया गया। मंदिर निर्माण के खिलाफ यहां फतवा भी जारी किया गया था। (फाइल)

New at Saudi hajj: Bottled holy water, sterilized pebbles July 06, 2020 at 11:10PM

audi Arabia has issued guidelines for the 1,000 or so pilgrims that will be allowed to perform the hajj pilgrimage in Mecca later this month, an experience that will be unlike any before because of the coronavirus pandemic.

UK PM Johnson under fire for reigniting care home deaths blame game July 06, 2020 at 10:56PM

British Prime Minister Boris Johnson faced a growing storm on Tuesday after saying some care homes didn't follow procedures to stem the spread of Covid-19 deaths, sparking an accusation that he was trying to rewrite history.

व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ ने कहा- चीन से विवाद होने पर भारत के साथ रहेंगे; ताकत दिखाने के लिए दक्षिण चीन सागर में युद्धपोत तैनात किए July 06, 2020 at 10:25PM

चीन के साथ विवाद में अमेरिका भारत के साथ रहेगा। व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ मार्क मिडोस ने फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में यह बात कही। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा संदेश स्पष्ट है। चाहे भारत और चीन के बीच विवाद हो या और कोई मामला, हमारी सेना मजबूती से खड़ी रहेगी। अमेरिकी सेना ताकतवर है और ऐसी ही बनी रहेगी। कोई भी देश सबसे ताकतवर बनने की कोशिश करेगा तो हम बेकार नहीं बैठेंगे। चाहे यह दक्षिण चीन सागर में हो या यहांअमेरिका में।’’

दक्षिण चीन सागर में अमेरिका ने अपने दो वॉरशिप रोनाल्ड रीगन और निमिट्ज की तैनाती की है। इसके बारे में उन्होंने कहा कि इन पोतों को तैनात करने का हमारा मकसद दुनिया को यह दिखाना है कि हमारे पास अब भी दुनिया की बेहतरीन फोर्स है। राष्ट्रपति ट्रम्प ने सेना को मजबूत करने के लिए काफी निवेश किया। न सिर्फ हथियार बल्कि जान देने के लिए तैयार रहने वाली सैन्य बल तैयार की है। वे ऐसा करते रहेंगे।

डोनाल्ड ट्रम्प चीन के खिलाफ कुछ एक्सक्यूटिव आर्डर साइन कर सकते हैं
मीडोस ने कहा कि अमेरिका चीन की विस्तारवादी नीतियों से निपटने की कोशिश में है। अमेरिकी राष्ट्रपति आने वाले दिनों में चीन से जुड़े एक्सक्यूटिव आर्डर साइन कर सकते हैं। हम कई मुद्दों पर गौर कर रहे हैं। इनमें चीनी नागरिकों के इमिग्रेशन, हमारे स्वास्थ्यकर्मियों को मेडिकल इक्विपमेंट्स दिलाने और दवाओं की कीमत कम करने से जुड़े मुद्दे शामिल हैं।

अमेरिकी सांसद ने कहा- चीन के पड़ोस में कोई भी देश सुरक्षित नहीं
अमेरिकी सांसद टॉम कॉटन ने कहा कि ताइवान या दूसरे किसी देश पर चीन के हमले को अमेरिका नाकाम करेगा। इसके लिए ही इसने अपने दो पोत दक्षिण चीन सागर में भेजे हैं। चीन की दबंगई से इसके पड़ोस का कोई भी देश सुरक्षित नहीं है। ये सभी देश अमेरिका के साथ अच्छे संबंध बनाना चाहते हैं। चीन ने जरूर बीते कुछ हफ्तों में भारत पर चढ़ाई की है और उसके सैनिकों की हत्या की है।



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यह फोटो अमेरिकी पोत निमिट्ज की है। अमेरिका ने निमिट्ज समेत दो युद्धपोतों को दक्षिण चीन सागर में तैनात किया है। अमेरिका ने कहा है कि इनकी तैनाती इस क्षेत्र में चीन के हमले से दूसरे देशों से बचाने के लिए की गई है।(फाइल फोटो)

घर के अंदर भीड़ से 20 गुना बढ़ जाता है कोरोनावायरस का खतरा, कोशिश करें पार्टी में कम से कम मेहमान शामिल हों July 06, 2020 at 09:33PM

तारा पार्कर पोप.कोरोनावायरस के केस लगातार बढ़ रहे हैं। सरकारलोगों से लगातार सावधानी बरतने की अपील कर रही है।अमेरिका में बढ़ रहे कोरोना के मामलों का कारण घर के बाहर होने वाले समारोह को माना जा रहा है। हालांकि एक्सपर्ट्स के मुताबिक, विज्ञान बदला नहीं है, आपके कोरोनावायरस की चपेट में आने का जोखिम बाहर के मुकाबले घर में ज्यादा है। अगर आप अपने दोस्तों के साथ वक्त बिताना चाहते हैं तो बाहर पार्टी करना कोविड 19 के जोखिम को कम करता है।

कॉम्पेयरेटिव इम्युनोलॉजिस्ट और यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाचुसेट्स में बायोलॉजी प्रोफेसर एरिन ब्रोमेज कहते हैं कहते हैं कि बाहर रहना सुरक्षित है, लेकिन यह जरूरी है कि आप बाहर किस तरह का संपर्क रख रहे हैं।

  • स्टडी के मुताबिक-

बाहर के मुकाबले घर के अंदरज्यादा जोखिम
कोरोनावायरस के100 मामलों को लेकर हुई एक जापानी स्टडी बताती है कि बाहर की तुलना में घर के अंदर कोरोनावायरस की चपेट में आने का जोखिम 20 गुना ज्यादा होता है। बाहर होने वाले कार्यक्रमों में जोखिम इसलिए कम होता है, क्योंकि हवा बूंदों को हटा देती है और सूरज की रोशनी वायरस को मार सकती है।

यूनिवर्सिटी ऑफ लीसेस्टर में वायरोलॉजिस्ट डॉक्टर जूलियन डब्ल्यु तांग कहते हैं कि खुली जगहें वायरस को बनने और सांस के जरिए अंदर जाने से रोकती हैं। जबकि यह बंद जगह पर मुमकिन है, जहां संक्रमित लोग सांस लेते हैं।

गेस्ट लिस्ट, कोरोना मामलों के दर का रखें ध्यान
अगर आप बाहर इकट्ठे हो रहे हैं तो यह याद रखें कि मेहमानों की लिस्ट छोटी हो। यह पक्का कर लें कि आपके इलाके में कोविड 19 की दर कम हो और गिर रही हो। अगर पॉजिटिविटी रेट 5 फीसदीहै तो इकट्ठे होना सुरक्षित है।

घर के अंदर संक्रमित होने वाले मामले

  • हाल ही में सामने आए मामलों के तार घर में हुए कार्यक्रम से जुड़े हैं, जहां लोगों ने नियम तोड़े थे। एक अनुमान के बाद रॉकलैंड काउंटी न्यूयॉर्क में हुए एक पार्टी में 100 लोग शामिल हुए थे, जिसमें 9 लोग संक्रमित थे।
  • वॉशिंगटन डीसी में जून 18 को हुए एक फंड रेजर कार्यक्रम में करीब 2 दर्जन लोग शामिल हुए थे। बाद में इस कार्यक्रम के होस्ट और कुछ मेहमान कोविड 19 से ग्रस्त पाए गए थे। 30 मई को टेक्सास में हुई एक सरप्राइज पार्टी में परिवार के 18 सदस्य संक्रमित हो गए थे।
  • इंफेक्शियस डिसीज एपिडेमियोलॉजिस्ट और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के डिपार्टमेंट ऑफ पॉपुलेशन मेडिसिन में असिस्टेंट प्रोफेसर जूलिया मार्कस के मुताबिक, बाहर रहना ही हमें बचाएगा। यह मैसेज क्यों नहीं हो सकता कि हम जानते हैं कि आप दोस्तों से मिलना चाहते हैं। इसे सुरक्षित तरीके से भी किया जा सकता है। हम केवल उनसे इकट्ठा नहीं होने के लिए कह रहे हैं।

बाहर मिल रहे हैं तो मास्क जरूर पहनें

  • चीन में हुए 7000 मामलों की समीक्षा में एक ही मामला सामने आया था, जहां संक्रमण बाहर रहने के कारण फैला था। हालांकि यह दो दोस्तों के बीच हुई लंबी बातचीत का परिणाम था। दोनों में से एक दोस्त चीन के वुहान से लौटा था।
  • अगर आप किसी कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं और किसी से नजदीक जाकर बातचीत कर रहे हैं तो मास्क जरूर पहनें। इस दौरान म्यूजिक को भी कम रखें, ताकि लोगों को तेज आवाज में बात न करनी पड़े। बर्तन और खाना शेयर न करें।
  • वर्जीनिया टेक में एयरोसोल साइंटिस्ट और इंजीनियर प्रोफेसर लिंसे मार कहती हैं कि मुझे लगता है कि लोगों ने सुना है यह बाहर है और वे सोचते हैं कि सब ठीक है, लेकिन बाहर भी सोशल डिस्टेंसिंग होनी चाहिए। अगर आप बाहर हो रहे किसी कार्यक्रम में हैं, जहां काफी लोग आपके नजदीक बात कर रहे हैं तो काफी शोर होगा और आप तेज आवाज में बात करोगे।

पार्टी में कम लोगों का होना फायदेमंद

  • हार्वर्ड टीएच चेन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ और ब्रिघम एंड वुमन्स हॉस्पिटल में एड्रियाड्ने लैब्स में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉक्टर असर बिटन के मुताबिक, पार्टी में कम लोगों के शामिल होना न केवल संक्रमण के जोखिम को कम करता है, बल्कि फिजिकल डिस्टेंस और ट्रैक करने में भी आसानी होती है।
  • डॉक्टर बिटन ने नोट किया कि जब ग्रुप बड़ा हो जाता है तो यह हमारी जागरूकता को प्रभावित कर सकता है। इसके बाद शराब हमारी दूरी को कम कर देती है। यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा के सेंटर फॉर इंफेक्शियस डिसीज रिसर्च एंड पॉलिसी डायरेक्टर डॉक्टर माइकल ऑस्टरहोम इस बात पर सहमति जताते हैं कि लोगों को फिजिकल डिस्टेंस पर शराब के असर के बारे में जागरूक होना चाहिए।
  • डॉक्टर तांग के अनुसार, भले ही बाहर इकट्ठे होना सुरक्षित है पर लोगों को जागरूक और चौकन्ने रहना चाहिए। जबकि अनजान लोगों से दूरी बनाना आसान होता है, लेकिन जिन लोगों को आप जानते हो उनसे 6 फीट की दूरी बनाना मुश्किल होता है।


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एक्सपर्ट्स के मुताबिक- बाहर रहना सुरक्षित है, लेकिन यह जरूरी है कि आप किस तरह का संपर्क रख रहे हैं। 

Thermometers in hand, Dubai opens for tourists amid pandemic July 06, 2020 at 08:49PM

Dubai wants to begin coaxing people back to its beaches and its cavernous shopping malls. By instilling the idea that Dubai is safe, authorities likely hope to fuel interest in the sheikhdom ahead of its crucial winter months for tourism.