Tuesday, June 16, 2020

पाकिस्तान की मंत्री ने कहा- यहां के लोग जाहिल, दुनिया में पाकिस्तान जितने अनपढ़ और किसी देश में नहीं होंगे June 16, 2020 at 08:16PM

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की स्वास्थ्य मंत्री यास्मीन राशिद के मुताबिक, पाकिस्तानी जाहिल होते हैं और उनसे ज्यादा अनपढ़ दुनिया के किसी और देश में नहीं हैं। राशिद ने अपने अवाम के लिए यह टिप्पणी महामारी पर उनकी लापरवाही से नाराज होकर की। यास्मीन इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की ही विधायक हैं।
आंकड़ों के लिहाज से देखें तो बुधवार सुबह तक पाकिस्तान में कुल 1 लाख 54 हजार 760 संक्रमित थे। 2975 की मौत हो चुकी है। सबसे ज्यादा मामले पंजाब प्रांत में ही हैं। यहां 58 हजार 239 मामले सामने आ चुके हैं।

सरकार की बात को गंभीरता से नहीं लेते
यास्मीन ने जियो टीवी को दिए इंटरव्यू में मुल्क के लोगों के बर्ताव पर सख्त नाखुशी जाहिर की। इस दौरान वो सही लफ्जों का चुनाव भी नहीं कर सकीं। राशिद के मुताबिक- सरकार ने संक्रमण रोकने के लिए कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं। लेकिन, लोग इनको मानने ही तैयार नहीं हैं। वो जाहिलों की तरह बर्ताव करते हैं। राशिद ने कहा कि पाकिस्तान से ज्यादा अनपढ़ किसी और देश में नहीं हो सकते।

लाहौरियों से ज्यादा नाराजगी
यास्मीन ने एक सवाल के जवाब में कहा, “लाहौर के लोग तो अजीब तरह के जानवर हैं। वो तो कोरोनावायरस के बारे में भी कोई बात नहीं सुनना चाहते। सोशल डिस्टेंसिंग भी नहीं रखते। इसलिए, मैं कह रही हूं कि हमसे ज्यादा अनपढ़ लोग और किसी मुल्क में नहीं होंगे। यहां के लोग सोचते हैं कि वायरस तो चला गया। बदकिस्मती से ईद की शॉपिंग के दौरान ज्यादातर लोग कोरोना की चपेट में आए।”

पंजाब प्रांत की मुश्किल
महामारी को लेकर पाकिस्तान के दो प्रांत मुश्किल में हैं। सिंध का आरोप है कि इमरान खान की केंद्र सरकार उन्हें महामारी से लड़ने के लिए जरूरी साज-ओ-सामान मुहैया नहीं करा रही है। यहां पिछले महीने डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन भी किया था। शुरुआत में पंजाब में मामले सिंध की तुलना में काफी कम थे। ईद के बाद ये तेजी से बढ़े। अब यहां सिंध से ज्यादा मामले हैं। राज्य सरकार लॉकडाउन की मांग कर रही है लेकिन, इमरान इसकी मंजूरी देने तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि इससे भुखमरी का खतरा पैदा हो जाएगा।



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इमरान खान से बातचीत करतीं पंजाब प्रांत की हेल्थ और प्राइमरी एजुकेशन मिनिस्टर यास्मीन राशिद (सिर ढंके हुए नीले सूट में)।- फाइल

Coronavirus cases in Pak cross 1,50,000-mark; death toll reaches 2,975 June 16, 2020 at 07:55PM

The coronavirus cases in Pakistan crossed the 1,50,000-mark, while 136 more people succumbed to the disease, taking the death toll to 2,975, the health ministry said on Wednesday.

भारत आज 8वीं बार सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य चुना जाएगा, पाकिस्तान ने कहा- यह खुशी की नहीं, चिंता की बात June 16, 2020 at 06:42PM

भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) का 8वीं बार अस्थाई सदस्य बनने के लिए तैयार है। पाकिस्तान ने इस पर गंभीर चिंता जताई है। उनका कहना है कि यह खुशी की नहीं, बल्कि चिंता की बात है। विदेश मंत्री शाह मोहम्मद कुरैशी ने कहा कि यूएनएससी का अस्थाई सदस्य बनने का भारत का इरादा पाकिस्तान के लिए चिंता का विषय है।

उन्होंने कहा कि भारत हमेशा इस मंच से उठाए जाने वाले प्रस्तावों को खारिज करता रहा है। खासकर कश्मीर जैसे मुद्दों को। इसके कारण कश्मीरियों को उनके अधिकारों से वंचित कर उनका दमन किया जाता रहा है। भारत के अस्थाई सदस्य बनने से कोई आसमान नहीं फट पड़ेगा। पाकिस्तान भी सात बार अस्थाई सदस्य रह चुका है।

नागरिकता कानून के जरिए अल्पसंख्यकों को टारगेट किया

कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान सुरक्षा परिषद के महासचिव को और इस्लामिक सहयोग संगठन को कश्मीरियों के गंभीर स्थिति को लेकर सूचित करते रहे हैं। कश्मीरियों ने 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 हटायाजाना स्वीकार नहीं किया। कोरोनावायरस के समय भी वहां अवैध तलाशी अभियान जारी है। इसके साथ ही नागरिकता कानून के जरिए अल्पसंख्यकों को टारगेट किया जा रहा है।

‘भारत पाकिस्तानी अधिकारियों को कश्मीर में आमंत्रित करे’

कुरैशी ने कहा कि भारत के विस्तारवादी एजेंडों के कारण पड़ोसी देश असुरक्षित हैं। उनकी हरकतों के चलते चीन, नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका सभी खतरे में हैं। कुरैशी ने कहा कि यह गलत धारणा है कि कश्मीरी उनके साथ हैं। अगर उन्हें ऐसा लगता है तो वे खुद मुजफ्फराबाद आएं और देख लें कि कितने कश्मीरी उनसे सहमत हैं। भारतीय मंत्री को भी पाकिस्तानी अधिकारियों को कश्मीर के हालातों को देखने के लिए वहां आमंत्रित करना चाहिए।

उधर, भारत के अस्थाई प्रतिनिधि टीएस त्रिमूर्ति ने उम्मीद जताई कि भारत के अस्थाई सदस्य बनने के साथ ही वसुधैव कुटुंबकम का मार्ग प्रशस्त होगा। 1 जनवरी से भारत का कार्यकाल शुरू होगा।

सुरक्षा परिषद में कुल 15 देश

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कुल 15 देश हैं। इनमें अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और चीन स्थाई सदस्य देश हैं। वहीं 10 देशों को अस्थाई सदस्यता दी गई है। इनमें बेल्जियम, कोट डी-आइवरी डोमिनिकन रिपब्लिक, गिनी, जर्मनी, इंडोनेशिया, कुवैत, पेरू, पोलैंड, दक्षिण अफ्रीका और भारत के नाम शामिल हैं।

अस्थाई सदस्यों का कार्यकाल दो साल का
अस्थाई सदस्यों का कार्यकाल दो साल के लिए होता है। इसके लिए यूएनएससी पांच स्थाई सदस्यों की सीटों को छोड़कर हर साल पांच अस्थाई सदस्यों के लिए चुनाव कराती है।

निर्विरोध चुना जाना तय
एशिया प्रशांत देशों में भारत एक मात्र ऐसा देश है जिसका निर्निरोध चुना जाना तय है। भारत को समर्थन देने वाले एशिया पैसिफिक देशों में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, चीन, इंडोनेशिया, ईरान, जापान, किर्गिस्तान, मलेशिया, मालदीव, म्यांमार, नेपाल, पाकिस्तान, कतर, सऊदी अरब, श्रीलंका, सीरिया, तुर्की, यूएई और वियतनाम शामिल हैं।



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भारतीय प्रतिनिधि ने कहा- अस्थाई सदस्य बनने के साथ ही वसुधैव कुटुंबकम का मार्ग प्रशस्त होगा। (फाइल फोटो)

गालवन घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प में भारत के 4 अन्य जवानों की हालत गंभीर, अब तक 20 शहीद; हिमाचल के 2 जिलों में अलर्ट June 16, 2020 at 06:40PM

चीन ने भारत को 45 साल बाद फिर धोखा दिया। सोमवार रात लद्दाख में बातचीत करने गएभारतीय जवानों परपरचीन की सेना ने हमला कर दिया। यह हमला पत्थरों, लाठियों और धारदार चीजों से किया गया। इसमें भारतके कमांडिंग ऑफिसरसमेत 20 सैनिक शहीद हो गए। न्यूज एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक,हमले में घायल 4 जवानों की हालत गंभीरहै।

तीन घंटे चली यहझड़पदुनिया की दो एटमी ताकतों के बीच लद्दाख में 14 हजार फीट ऊंची गालवन वैली में हुई। उसी गालवन वैली में, जहां 1962 की जंग में 33 भारतीयों की जान गई थी। भारत ने चीन की तरफ हुई बातचीत इंटरसेप्ट की है। इसके मुताबिक, चीन के 43 सैनिक हताहत होने की खबर है, लेकिन चीन ने यह कबूला नहीं है।

अपडेट्स...

  • चीन से जारी तनाव के बीच हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति और किन्नौर जिले में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। इन जिलों की सीमाएं चीन से लगती हैं। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, इस कवायद का मकसद स्थानीय लोगों को खतरे से बचाना और खुफिया जानकारी जुटाना है। पुलिस ने कहा कि लोगों की हिफाजत के लिए तमाम जरूरी कदम उठाए गए हैं।

सीमा पर तनाव, राजनीति भी शुरू

राहुल ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री कहां हैं? वे छिपे हुए क्यों हैं? अब बहुत हुआ। हम जानना चाहते हैं कि आखिर क्या हुआ। हमारे सैनिकों को मारने की चीन की हिम्मत कैसे हुई। वह हमारी जमीन पर कब्जा करने की हिम्मत कैसे कर सकता है?’’

दिग्विजय ने मोदी की विदेश यात्राओं पर साधा निशाना

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45 साल पहले चीन ने ऐसे ही धोखा दिया था
20 अक्टूबर 1975 को अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला में चीन ने असम राइफल की पैट्रोलिंग पार्टी पर धोखे से एम्बुश लगाकर हमला किया था। इसमें भारत के 4 जवान शहीद हुए थे। इसके 45 साल बाद चीन बॉर्डर पर हमारे सैनिकों की शहादत हुई है।

चीन रुक-रुककर सैनिकों के शव भेज रहा, कुछ सैनिक नदी में गिर गए थे
सेना के सूत्रों ने बताया कि 15 से 20 सैनिक लापता हैं। इनमें से कुछ चीन के कब्जे में हैं। चीन रुक-रुककर भारतीय सैनिकों के शव भेज रहा था। कुछ सैनिक नदी में गिर गए हैं, जिनके शव मिल रहे हैं।लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर चीन के हेलिकॉप्टरों का मूवमेंट बढ़ गया है।वह अपनी सेना के हताहतों को एयरलिफ्ट कर रहा है।

गोलीलगने से शहीद हुए तीन सैनिक

सूत्रों के मुताबिक, 20 में से 3 सैनिक गोलियां लगने से शहीद हुए हैं। 45 जवानों को बंधक बनाया गयाऔर इनमें से 25 को छोड़ दिया गया। 135 भारतीय जवान घायल हैं।इससे पहले सेना ने आधिकारिकबयान में कहा था कि दोनों सेनाएं अब पीछे हो चुकी हैं। लाइन ऑफ ड्यूटी के दौरान भारत के 17 सैनिक गंभीर रूप से घायल हुए थे। वे शून्य से भी कम तापमान में ऊंचाई वाले इलाकों में थे। इस वजह से उनकी जान चली गई।

जो शहीद हुए हैं, उनमें 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसरकर्नल संतोष बाबू शामिल हैं। दो अन्य नामों की पुष्टि हुई है। ये हैं- हवलदार पालानी और सिपाही कुंदन झा। बाकी नाम अभी सामने नहीं आए हैं।

दिल्ली से गालवन महज 1200 किमी दूर, फिर भी सूचनाओं मेंदेरी क्यों?

  • सोमवार रात 12 से 2 बजे के बीच: लद्दाख के गालवन में बड़ी घटना होती है। पर इसकी सूचना किसी को नहीं मिलती। दिल्ली के रास्ते देश को भी नहीं।
  • मंगलवार दोपहर करीब 12.45 बजे: खबर आती है कि सीओ, यानी कमांडिंग ऑफिसर समेत तीन सैनिक शहीद हो गए हैं।
  • दोपहर 1 बजे: घटना के करीब 11 घंटे बाद सेना बयान जारी कर कहती है कि हां, कर्नल समेत हमारे तीन जवान शहीद हुए हैं।
  • दोपहर 3 बजे: प्रधानमंत्री दिल्ली में बैठकर 20 राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत करते हैं। विषय होता है कोरोना। देश को बता रहे हैं कि मास्क पहनकर निकलिये।
  • रात 8 बजे: मुख्यमंत्रियों से बैठक के बाद रात 9 बजे के करीब प्रधानमंत्री के घर पर रक्षामंत्री, गृहमंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की बैठक होती है।
  • रात 10 बजे: इसी दौरान खबर आती है कि चीन की बॉर्डर पर 20 जवान शहीद हुए हैं, संख्या बढ़ सकती है। फिर खबर आती है कि चीन के भी 43 जवान या तो मारे गए हैं, या घायल हुए हैं।
  • मंगलवार रात 10.30 बजे: प्रधानमंत्री के घर पर जारी बैठक खत्म। लेकिन रात तक किसी का कोई बयान नहीं।

झड़प के बादचीन की बातचीत की पहल

सोमवार रात की घटना के बाद चीन डैमेज कंट्रोल की कोशिश में जुट गया। मंगलवार सुबह 7:30 बजे चीन की पहल पर ही गालवन वैली में मीटिंग बुलाई गई। इसमें दोनों देशों के बीच मेजर जनरल लेवल की बातचीत हुई।

भारत का चीन का जवाब- आपसी रजामंदी का ध्यान रखा होता तो ऐसा न होता
झड़प की बात सामने आने के करीब 8 घंटे बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों तरफ नुकसान हुआ है। अगर चीन की तरफ से हाई लेवल पर बनी आपसी सहमति का ध्यान रखा जाता तो दोनों तरफ हुए नुकसान को टाला जा सकता था। भारत ने हमेशा अपनीसीमा में रहकर ही मूवमेंट किया है। हम उम्मीद करते हैं कि चीन भी ऐसा ही करे।(पूरी खबर यहां पढ़ें)



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Skirmishes between two atomic forces up to midnight in the 14 thousand feet high Galvan valley; 4 other jawans in critical condition, alert in 2 districts of Himachal

भारत-चीन तनाव के बीच पाकिस्तान के आर्मी चीफ बाजवा आईएसआई हेडक्वॉर्टर पहुंचे, दावा- कश्मीर और एलओसी पर इंटेलिजेंस इनपुट लिए June 16, 2020 at 06:36PM

भारत और चीन के बीच लद्दाख में भारी तनाव है। दूसरी तरफ, पाकिस्तान में भी कुछ अलग तरह की हलचल होने लगी है। मंगलवार को आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा तमाम आला अफसरों के साथ खुफिया एजेंसी आईएसआई के हेडक्वॉर्टर पहुंचे। उन्होंने कश्मीर और एलओसी पर रिपोर्ट ली। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, बाजवा का आईएसआई हेडक्वॉर्टर जाना सामान्य नहीं, बल्कि चौंकाने वाला है। आमतौर पर आर्मी चीफ खुफिया एजेंसी के दफ्तर नहीं जाते और वो भी लाव-लश्कर के साथ।आईएसआई ही आर्मी हेडक्वॉर्टर में सेना प्रमुख को ब्रीफ करती है।

मंगलवार को ही लद्दाख में भारत-चीन सैनिकों की झड़प की खबर आई। भारत के 20 सैनिक शहीद हुए। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, चीन को भी काफी नुकसान हुआ। उसके 43 सैनिक या तो मारे गए या घायल हुए।

बाजवा के साथ और कौन था?
रेडियो पाकिस्तान के मुताबिक, आईएसआई हेडक्वॉर्टर में अहम मीटिंग हुई। इसमें बाजवा के अलावा ज्वॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ नदीम रजा, नेवी चीफ एडमिरल जफर महमूद अब्बासी और एयरफोर्स चीफ मुजाहिद अनवर खान भी मौजूद थे। आईएसआई चीफ लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद ने सभी को रिसीव किया। इसके बाद लंबी मीटिंग हुई।

आईएसआई हेडक्वॉर्टर में आर्मी चीफ : यह सामान्य नहीं
न्यूयॉर्क टाइम्स के पाकिस्तान ब्यूरो चीफ सलमान मसूद फौज के मुखिया का आईएसआई हेडक्वॉर्टर जाना सामान्य घटना नहीं मानते। वो भी तब, जबकि एयरफोर्स और नेवी चीफ उनके साथ हों। मसूद ने ट्विटर पर मीटिंग की फोटो शेयर करते हुए इस डेवलपमेंट को असामान्य और चौंकाने वाली घटना बताया। रेडियो पाकिस्तान के मुताबिक, मीटिंग में क्षेत्रीय सुरक्षा, एलओसी के हालात और कश्मीर पर लंबी बातचीत हुई। बाजवा ने आईएसआई के काम को सराहा।

ये तो बालाकोट के बाद भी नहीं हुआ था
सलमान मसूद ने लिखा- 2008 में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव हुआ। इसके बाद बालाकोट हुआ। तब भी तीनों सेनाओं के चीफ आईएसआई मुख्यालय नहीं गए। इस तरह की मीटिंग हमेशा आर्मी हेडक्वॉर्टर में होती हैं। लेकिन, मंगलवार की मीटिंग हैरान करती है।



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पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल बाजवा मंगलवार को आईएसआई हेडक्वॉर्टर पहुंचे। एयरफोर्स और नेवी चीफ भी साथ थे। यह फोटो न्यूयॉर्क टाइम्स के ब्यूरो चीफ सलमान मसूद ने ट्वीट की है।

Seven nations vying for five UN Security Council seats June 16, 2020 at 05:50PM

Kenya and Djibouti are facing off for one seat, while in the Western bloc, three nations -- Canada, Ireland and Norway -- are vying for two seats among them. In the Asia-Pacific, India -- which has been trying unsuccessfully to win a permanent seat in an expanded Security Council -- is assured of a seat as it is running unopposed, as is Mexico in the Latin America and Caribbean region.

Beijing cuts flights to curb potential spread of mounting coronavirus cases June 16, 2020 at 05:18PM

Officials cancelled scores of domestic flights in and out of Beijing on Wednesday as they ramped up attempts to contain a coronavirus outbreak in the Chinese capital over the past week that has sparked fears of renewed wider contagion.

Seven nations vying for five UN Security Council seats June 16, 2020 at 05:31PM

ब्राजील में 24 घंटे में लगभग 35 हजार मामले सामने आए और 1282 लोगों की जान गई; दुनिया में अब तक 82.56 लाख संक्रमित  June 16, 2020 at 04:34PM

दुनिया में कोरोनावायरस से अब तक 4 लाख 45 हजार 958 लोगों की मौत हो चुकी है। संक्रमितों का आंकड़ा 82 लाख 56 हजार 725 हो गया है। अब तक 43 लाख 6 हजार 426 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। उधर, दक्षिण अमेरिकी देश ब्राजील में संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। यहां 24 घंटे में 34 हजार 918 केस मिले हैं, जबकि 1282 लोगों की जान गई है। यहां मरीजों की संख्या 9.28 लाख से ज्यादा हो गया है। अमेरिका के बाद यह सबसे संक्रमित देश है।

10 देश जहां कोरोना का असर सबसे ज्यादा

देश

कितने संक्रमित कितनी मौतें कितने ठीक हुए
अमेरिका 22,08,400 1,19,132 9,03,041
ब्राजील 9,28,834 45,456 4,64,774
रूस 5,45,458 7,284 2,94,306
भारत 3,54,161 11,921 1,87,552
ब्रिटेन 2,98,136 41,969 उपलब्ध नहीं
स्पेन 2,91,408 27,136 उपलब्ध नहीं
इटली 2,37,500 34,405 1,78,526
पेरू 2,37,156 7,056 1,19,409
ईरान 1,92,439 9,065 1,52,675
जर्मनी 1,88,382 8,910 1,73,100

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अमेरिका: इलिनियोस के अटॉर्नी जनरल संक्रमित
इलिनियोस के अटॉर्नी जनरल क्वामे राउल ने कहा है कि वे कोरोनावायरस से संक्रमित हैं। स्थानीय मीडिया के मुताबिक, राउल पिछले कुछ दिनों से बीमार थे। उन्होंने सोमवार को कोरोना टेस्ट कराया था। उन्होंने खुद को अलग-थलग कर लिया है। राज्य में 1.33 लाख लोग संक्रमित हैं।

बीजिंग: 31 नए मरीज मिले
चीन में संक्रमण के 44 नए मामले सामने आए हैं। बीजिंग में संक्रमण के 31 नए मामले मिले हैं। यहां संक्रमण की दूसरी लहर सामने आने के बाद स्थानीय प्रशान ने सख्ती शुरू कर दी। शहर के कुछ हिस्सों में लॉकडाउन लगाया गया है। सभी इंडोर स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स, थिएटर और सिनेमा हॉल अगले आदेश तक बंद रहेंगे।

बीजिंग के एक स्टेडियम में कोरोना की जांच के लिए लोगों का सैंपल लेते स्वास्थ्यकर्मी।

स्पेन: ब्रिटिश यात्रियों को क्वारैंटाइन किया जा सकता है
स्पेन का कहना है कि वह अपने यहां आने वाले ब्रिटिश यात्रियों को क्वारैंटाइन कर सकता है। स्पेन में अगले हफ्ते से यूरोपीय देशों के लिए सीमा खोली जा रही है। यहां अब तक संक्रमण के 2.91 लाख मामले सामने आ चुके हैं, जबकि 27 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं।

स्पेन में काम करने के बेहतर माहौल और अपनी सुरक्षा को लेकर प्रदर्शन करते स्वास्थ्यकर्मी।

पुतिन से मिलने आने वालों को डिसइन्फेक्ट टनल से गुजरना होगा
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कोरोनावायरस से बचाने के लिए डिसइन्फेक्ट टनल बनाया गया है। उनसे मिलने आने वाले लोगों को इस टनल से गुजरना होगा। इसे रूसकी ही कंपनी ने बनाया है। अमेरिका और ब्राजील के बाद रूस सबसे संक्रमित देश है। यहां अब तक 5.45 लाख संक्रमित हैं, जबकि 7284 लोगों की मौत हो चुकी है।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को संक्रमण से बचाने के लिए रूस की कंपनी ने स्पेशल डिसइन्फेक्ट टनल बनाया है।

इजराइल: 258 नए मामले
इजराइल में मंगलवार को संक्रमण के 258 नए मामले सामने आए। यहां संक्रमितों की संख्या बढ़कर 19,495 हो गई है। इजरायल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी। यहां मरने वालों की संख्या 302 है। इससे पहले मंगलवार को इजराइल रोजगार सेवा ने आंकड़े जारी कर बताया था कि अप्रैल के अंत में देश में बेरोजगारी दर 27.5% से गिरकर मई के अंत में 23.5% हो गई है।



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यह फोटो ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया की है। यहां स्थानीय कलाकार कोरोनावायरस से जान गंवाने वाले लोगों के सम्मान में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।

Russia's Putin protected from coronavirus by disinfection tunnel June 16, 2020 at 04:14PM

The special tunnel, manufactured by a Russian company based in the town of Penza, has been installed at President Vladimir Putin's official Novo-Ogaryovo residence outside Moscow where he receives visitors.

एलएसी पर चीन से विवाद के 44 दिन; दोनों देशों में 4 मीटिंग हुईं; विदेश मंत्री जयशंकर ने 75 से ज्यादा ट्वीट किए, पर एक बार भी चीन का नाम नहीं लिया, प्रधानमंत्री भी चुप June 16, 2020 at 02:21PM

चीन के नामचीन जनरल सुन जू ने 'द आर्ट ऑफ वॉर' नाम की किताब में लिखा है कि, 'जंग की सबसे बेहतरीन कला है कि बिना लड़े हुए ही दुश्मन को पस्त कर दो।' चीनी सेना इस वक्त अपने जनरल की बातों जैसी ही हरकत कर रही है।

भारतीय सेना ने मंगलवार दोपहर को एलएसी पर अपने तीन सैनिकों के शहीद होने का बयान जारी किया। रात होते-होते 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने की खबर आ गई। भारतीय सेना के पहले बयान के घंटेभर के अंदर ही चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर डाली।

झाओ ने सीमा पर हुई दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प की सारी जिम्मेदारी भारत पर डाल दी। यही नहीं, इसे भारत की भड़काऊ हरकत भी करार दे दिया। धमकी भी दी- बोले कि, 'ना तो भारत को बॉर्डर लाइन पार करनी चाहिए और ना ही कोई ऐसा एकतरफा कदम उठाना चाहिए, जिससे हालात बिगड़ते हों।'

रात सवा आठ बजे,तकरीबन 8 घंटे बाद भारतीय विदेश मंत्रालय का बयान आया, कहा गया कि- हम भारत की संप्रभुता और अखंडता को लेकर प्रतिबद्ध हैं। सीमा विवाद को आपसी बातचीत के जरिए सुलझाया जा सकता है।

भारत-चीन सीमा पर इस साल पहली बार पांच मई को लद्दाख स्थिति पैंगोंग झील के पास दोनों देशों की सेनाओं के बीच विवाद की खबर आई थी। उसके बाद 9 मई को सिक्किम में भी दोनों देशों की सेनाओं के बीच झड़पे हुईं। फिर, 6 जून को सैन्य कमांडर स्तर की बातचीत शुरू हुई। तब से दोनों देशों के बीच कुल चार बैठकें हो चुकी हैं। नतीजे में हमारे 20 सैनिकों को शहादत मिली।

इस पूरे विवाद को 44 दिन हो गए हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार भी कुछ नहीं बोलेहैं। यही नहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर भी अब तक इस पूरे मुद्दे पर खामोश हैं। यहां तक उन्होंने पांच मई से अब तक ट्वीटर पर 75 से ज्यादा ट्वीट भी लिखे हैं, लेकिन एक बार भी चीन का जिक्र तक नहीं किया है। न ही टकराव पर सिंगल लाइन कुछ बोले हैं।

विदेश मामलों के जानकार हर्ष वी पंत कहते हैं कि यह पहली बार नहीं है। जब हमारे विदेश मंत्री कुछ न बोले हों। डोकलाम के बाद भी तत्कालीन विदेश सुषमा स्वाराज ने सीधे संसद में बयान दिया था।

भारत-चीनसीमा विवाद के बारे में वह सब-कुछ जो आप जानना चाहते हैं-

  • अगले दो दिन अहम, भारत को डिप्लोमेटिक स्टैंड बताना होगा-

विदेशी मामलों के जानकार हर्ष वी पंत कहते हैं कि चीन ने पूरी जिम्मेदारी हमारे ऊपर ही डाल दिया है। जिस तरह से चीन का रिएक्शन है, उससे नहीं लगता है किचीन डी-एस्केलेशन चाह रहा है। इससेदोनों देशों के बीच टेंपरेचर बढ़ रहा है।

अगले दो दिन सबसे अहम हैं, अब देखना है कि भारत का डिप्लोमेटिक स्टैंड क्या होता है? भारत किस तरह से कदम उठाता है? क्या भारत डी-एस्केलेशन के लिए कोई कदम उठाएगा? विदेश मंत्रालय को बताना चाहिए कि जब फायरिंग नहीं हुई, तो सैनिक कैसे शहीद हुए? उन्हें पत्थरों से मारा गया या फिरडंडे से मारा गया?

पंत कहते हैं कि चीन बार-बार सारी जिम्मेदारी भारत पर डाल रहा है, लेकिन भारतडेमोक्रेटिक देश है। इसलिएहमारे पॉलिसी मेकर्स को अपनी जनता को जवाब देना होगा कि हमने क्या किया? क्योंकि भारतीय जनता में चीन की हरकतों से बेहद नाराजगी है।

  • चीन के सैनिक भीमरे हैं, तो विदेश मंत्रालय को बताना चाहिए-

पंत कहते हैं कि यदि चीन के भी सैनिक मारे गएहैं, तो उसके बारे में हमारे विदेश मंत्रालय को आधिकारिक तौर पर कुछ बताना चाहिए। हालांकि, नहीं बताने के पीछे एक वजह यह भी हो सकतीहै कि बयानबाजी से माहौल खराब होता है। अब देखना है कि भारत इसे कैसे हैंडल करता है?लेकिन, चीन ने तो बयानबाजी करके माहौल खराब दिया है। हालांकि, चीन सरकार यह बात स्वीकार नहीं करेगी कि उसके सैनिक मारे गए हैं या घायल हुए हैं।

भारत-चीन सीमाविवाद के पीछे की तीन बड़ी वजह-

1- जम्मू-कश्मीर सेअनुच्छेद370 कोहटाना-

पंत कहते हैं कि सबसे बड़ी वजह, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना है। इससे चीन पूरी तरह से तिलमिलाया हुआ है, इसीलिए वह इस मुद्दे को यूएन सिक्युरिटी काउंसिल में भी ले गया था। चीन को लगता है कि यदि भारत का कंट्रोल कश्मीर और लद्दाख में बढ़ेगा तो उसके कंस्ट्रक्शनप्रोजेक्ट में दिक्कतें आएंगी।

खासकर, पाकिस्तान के साथ बन रहे स्पेशल इकोनॉमिक कॉरिडोर पर, जो पीओके से होकर गुजर रहा है। इसीलिए, चीन कश्मीर और लद्दाख में भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर बिल्डिंग पर आपत्ति जता रहा है। भारत ने जब से दौलत बेग ओल्डी में सड़क बनाई है, तब से चीन ज्यादा ही खफा है।

2- कोरोना को लेकरदुनिया का प्रेशर-

चीन के ऊपर कोरोनावायरस को लेकर दुनिया का बहुत प्रेशर है। इसलिए उसे लगता है कि भारत ऐसा देश है, जिसे वह रेडलाइन दिखा सकता है। उसे धमका सकता है, दुनिया का अटेंशन कोरोना से हटाकर सीमा विवाद पर डाल सकता है। वह भारत को अगाह भी करना चाहता है कि आपकी लिमिट है। भारत के पास कोई मुद्ददा भी नहीं है, जिसके जरिए वह चीन पर दबाव डाल सके। अभी सारे प्रेशर प्वाइंट चीन के पास हैं।

3- भारत की विदेश और आर्थिक नीतियां-

भारत की जो विदेश नीति रही है, उससे भी चीन को परेशानी हुई है। चाहे वह WTO का मामला हो, चाहे कोरोनावायरस को लेकर हो रही जांच की बात हो। इन मुद्दों पर भारत ने चीन के विरोध में अपनी सहमति दी है। या फिर चाहे, भारत का पश्चिम देशों के साथ जाना हो।

भारत ने पिछले महीनों में कड़े आर्थिक कदम भी उठाए हैं। भारत ने चीन के साथ एफडीआई को कम कर दिया, पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट में रिस्ट्रक्शन ले आया है। चीन की कंपनियों पर सरकार कड़ी नजर रख रही है। प्रधानमंत्री मोदीआत्मनिर्भरता की बात कर रहे हैं। इन बातों से भी चीन को लग रहा है कि भारत उससे आर्थिक निर्भरता को कम करना चाह रहा है।

भारत के पास अब आगे क्या रास्ते हैं?

  • ट्राइलेटरल मीटिंग रद्द करें-

22 जून को भारत-रूस-चीन के विदेश मंत्रियों की ट्राइलेटरल मीटिंग होनी है। ऐसे में अब यह देखना है कि क्या विदेश मंत्री एस जयशंकर उसमें हिस्सा लेंगे। फिलहाल की स्थिति के लिहाज से उन्हें इस मीटिंग में हिस्सा नहीं लेना चाहिए। यदि वह हिस्सा नहीं लेंगे, तो ही चीन को मैसेज जाएगा कि भारत झुकने को तैयार नहीं है। हालांकि इससे यह भी हो सकता है कि दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ जाए।

  • डी-एस्केलेट करें-

भारत सरकार चीन के साथ कूटनीतिक स्तर की नए सिरे से बातचीत शुरू कर सकता है। ताकि सीमा पर टेंशन कम हो। इससे भारत को ही फायदा होगा। क्योंकि जब आप किसी से कमजोर होते हैं तो यह सोचते हो कि ताकतवर आपको और ज्यादा परेशान न करे। यही वजह है कि 44 दिन बाद भी विदेश मंत्री की ओर से कोई बयान तक नहीं आया है। भारत अभी बहुतफूंक-फूंककर कदम उठा रहा है।

  • नेगोशिएशंस करें-

दोनों देशों के बीच मिलिट्री लेवल पर निगोशिएशंस चल रहे हैं, लेकिन अब डिप्लोमेटिक लेवल पर भी बातचीत की जरूरत है। ताकि विवाद को हल करने के लिए नए रास्ते निकाले जा सकें। विदेश मंत्रियों के बीच बातचीत हो। इसी काम के लिए पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच वुहान इनफॉर्मल समिट में स्ट्रैटजिक गाइडेंस पर सहमति बनी थी। इसके तहत दोनों देशों केटॉप लेवल अपने अधिकारियों को आपसी सहमति के लिए गाइड करेंगे।

चीन बॉर्डर विवाद के जरिए भारत को हमेशा मैसेज देना चाहता है

हर्ष वी पंत कहते हैं कि चीन हमेशा से सीमा विवाद का इस्तेमाल भारत पर दबाव बनाने के लिए करता रहा है। 2013 में उनके राष्ट्रपति भारत आने वाले थे, तब चीन ने सीमा पर तनाव पैदा किया था। 2014 में जब उसके प्रधानमंत्री भारत आने वाले थे, तब भी ऐसा ही किया था। शी-जिनपिंग आने के बाद डोकलाम किया। चीन को जब भारत को कोई कड़ा मैसेज देना होता है तो वह बॉर्डर पर देता है।

हमें यह समझना होगा कि पाकिस्तान से बड़ादुश्मन है चीन

पंत कहते हैं कि भारत में जो लोग बार-बार पाकिस्तान का नाम लेते रहते हैं, उन्हें यह सोचना चाहिए कि चीन भारत का पाकिस्तान से भीबड़ा दुश्मन है और हमेशा से ही रहा है। हमें अपनी सोच को बदलना होगा। पाकिस्तान के पीछे भी चीन की सोच है।

  • चीन ने 27 साल पुराना शांति समझौता भी तोड़ दिया-

1993 में भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति और स्थिरिता को बनाए रखने के लिए समझौता हुआ था। इस फॉर्मलसमझौते पर भारत के तत्कालीन विदेश राज्य मंत्री आएल भाटिया और चीन उप विदेश मंत्री तांग जिसुयान ने हस्ताक्षर किया था। इसमें 5 प्रिंसिपल्स शामिल किए गए थे।

चीन को समझौतों कीपरवाह नहीं होतीहै

पंत कहते हैं कि चीन को भारत के साथ किसी एग्रीमेंट की परवाह नहीं है। नहीं तो वह सिक्किम एग्रीमेंट को भी मानता, जिसे उसने बाद में तोड़ दिया।उसे समझौतों का कोईफर्क नहीं पड़ता। 1993 के शांति समझौते बस फंडामेंटल राइट्स बनकर रह गए हैं।



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India-China standoff | S Jaishankar News | India-China Border Tension Galwan Valley Ladakh Update; External Affairs Minister S Jaishankar Tweeted More Than 75 Times

मास्क के साथ सांस लेने का तरीका भी अहम, सिर्फ नाक से सांस लेने से ब्लड प्रेशर और ऑक्सीजन बेहतर होंगे June 16, 2020 at 01:58PM

दुनियाभर में कोरोना की शुरुआत लोगों में सांस लेने की दिक्कतों से शुरू हुई थी। संक्रमण रोकने के लिए हमें तब तक मास्क पहनना होगा, जब तक वैक्सीन नहीं बन जाता। लेकिन अब मास्क की वजह से भी सामान्य रूप से सांस लेने में दिक्कत हो रही है। लेकिन इससे चिंतित होने की कोई वजह नहीं है। इसका हल यह है कि हमें अपने स्वास्थ्य को भी बेहतर करना है और क्षमता भी बढ़ानी है।

मैं ब्रुकलिन में साइकिल चलाते हुए देखता हूं कि कई लोग मास्क तो लगाते हैं, लेकिन गले में। वे उसे तभी मुंह और नाक पर लगाते हैं, जबकि किसी दूसरे व्यक्ति के पास से गुजरते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या हम अपनी मांसपेशियों, दिमाग और अन्य अंगों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचा पा रहे हैं। कहीं मास्क इसमें रुकावट तो नहीं बन रहे। ऐसे में यह जानना बहुत जरूरी है कि सांस लेने की प्रक्रिया कितनी प्रभावी है।

सांसों के विशेषज्ञ कहते हैं कि ज्यादातर लोग गलत तरीके से सांस लेते हैं या पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं खींचते। वहीं एक नई किताब- ब्रेथ: द न्यू साइंस ऑफ ए लॉस्ट आर्ट के लेखक डॉ. जेम्स नेस्टर कहते हैं,"आप सांस कैसे लेते हैं यह मायने रखता है। ज्यादातर लोग मुंह से सांस लेते हैं, जिससे शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। जबकि नाक से सांस लेना चाहिए। इससे हार्मोन और नाइट्रिक एसिड ज्यादा निकलते हैं, जो हमें स्वस्थ बनाते हैं।'

हम दिन में करीब 25 हजारसांस लेते हैं, पर ज्यादातर लोग ठीक
हम एक दिन में औसतन 25 हजारसांस लेते हैं, पर ज्यादातर लोग गलती करते हैं। सही तरीके से श्वास शरीर में एसिड संतुलित रखती है और पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंचाती है। सांसों में तेज उतार-चढ़ाव से ऑक्सीजन सप्लाई रुकती है। इससे चिंता, चिड़चिड़ापन, थकान, एकाग्रता में कमी आ सकती हैं।



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सही तरीके से सांस शरीर में एसिड संतुलित रखती है और पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंचाती है।

कोरोना की दूसरी लहर से निपटने के लिए पीपीआई किट, वेंटिलेटर जैसे संसाधन जुटा रहा ताइवान, 2.4 करोड़ की आबादी वाले देश में सिर्फ 7 मौतें हुईं June 16, 2020 at 01:57PM

ताइवान दुनिया के ऐसेचुनिंदा देशों में शामिल है, जिन्होंने कोरोनावायरस के संक्रमण को बहुत हद तक रोकने में कामयाबी पाई। अब ऐसे समय जब कोरोना की दूसरी लहर आने की आशंका जताई जा रही है, ताइवान ने तैयारी के रूप में संसाधनजुटाना शुरू कर दिया है। इसमें खाद्य सामग्री, मेडिकल सामग्री जैसे सर्जिकल मास्क, पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट और वेंटिलेटर आदि शामिल हैं।

आर्थिक मामलों के उप मंत्री लिन चुआन-नेंग ने एक इंटरव्यू में बताया कि सरकार उपलब्ध सामग्री की समीक्षा करेगी और जरूरत के अनुसार कदम उठाएगी। वह कम उपलब्ध सामान के घरेलू उत्पादन में भी निवेश करेगा। लिन कहते हैं, "कोरोना महामारी से ताइवान ने एक सबक सीखा है। सरकार के पास इतनी पर्याप्त सामग्री होनी चाहिए कि आम लोगों को जरूरत की सामग्री की सप्लाई की जा सके। हमें आगे की तैयारी के लिए योजना बनाने की जरूरत है।

चीन के दबाव में डब्ल्यूएचओ से बाहर कर दिया गया

चीन के दबाव में ताइवान विश्व स्वास्थ्य संगठन और अन्य वैश्विक संस्थाओं से बाहर हो चुका है। ऐसे में उसे सारी तैयारी खुद ही करनी है। यह उन देशों के लिए मूल्यवान सबक है, जो इसी तरह के कदम उठाना चाहते हैं।

21 जनवरी को पहला कोरोना केस मिलने के बाद 2.4 करोड़ की आबादी वाले इस देश में संक्रमण के 500 से भी कम केस सामने आए और 7 मौतें हुईं। यही नहीं, यहां न अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाला कोई बंद किया गया, न ही स्कूलों में ताले डाले गए।

बीजिंग में 7 रिहायशी इलाकों में लॉकडाउन
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में ताइवान की सफलता इसलिए भी अहम है, क्योंकि यह चीन की सीमा से लगा है, जहां का वुहान शहर जनवरी में पूरी तरह से चपेट था। अधिकारी घरेलू हॉटस्पॉट खत्म करने में ही जुटे रहे हैं। चीनी सरकार ने बीजिंग में इसी हफ्ते 100 केस सामने आने के बाद 7 रिहायशी इलाकों को लॉकडाउन किया है।

जनवरी से ही मास्क बनाने लगे थे

ताइवान की सफलता का आधिकारिक श्रेय फेस मास्क का जल्द संग्रह और डिस्ट्रीब्यूशन है। जनवरी की शुरुआत में ही सरकार ने वहां बने मास्क जुटाना शुरू कर दिए थे और एक्सपोर्ट पर पाबंदी लगा दी थी। सैनिकों को प्रोडक्शन में लगाया गया और अतिरिक्त उपकरणों के लिए सरकार ने सहायता दी। चार महीने में ही कंपनियों का उत्पादन 20 लाख से बढ़कर 2 करोड़ यूनिट प्रतिदिन हो गया। इससे ताइवान में नियमित रूप से मास्क बांटना संभव हो सका।

ये समय कुछ करने का मौका भी लेकर आया है

लिन कहते हैं, "हम मास्क इकट्ठा करने के अनुभव का इस्तेमाल अन्य आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई चेन बनाने में करेंगे।' ऐसी व्यवस्था के चलते कुछ घरेलू कंपनियों के लिए महामारी अप्रत्याशित मुनाफे का मौक लेकर आई है।

वेंटिलेटर बनाने वाली कंपनी के शेयर 4 साल के उच्चतम स्तर पर

वेंटिलेटर बनाने वाली कंपनी के शेयर 4 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए। मास्क सप्लाई करने वाली कंपनी के शेयर जून में एक्सपोर्ट से प्रतिबंध हटने के बाद चढ़ गए। ताइवान का मानना है कि स्टोर्स में आटा, सोयाबीन तेल, कैन्ड फूड, इंस्टेंट नूडल्स और टॉयलेट पेपर का संग्रह बढ़ाने में एक से तीन महीने लगेंगे। वहीं फिलहाल 90 दिन का तेल का स्टॉक है।

प्रधानमंत्री साई इंग-वेन ने भी कहा था कि यह पहल ताइवान की छह आर्थिक प्राथमिकताओं में से एक है। अगले 4 साल में ताइवान रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इंडस्ट्री स्थापित करेगा, जो अहम चीजों की सतत सप्लाई सुनिश्चित करेंगी।



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चीन के दबाव में ताइवान विश्व स्वास्थ्य संगठन और अन्य वैश्विक संस्थाओं से बाहर हो चुका है। ऐसे में उसे कोरोना से निपटने के लिए सारी तैयारी खुद ही करनी है।

मौलवी का सरकार को प्रस्ताव- शादी न करने वालों से टैक्स वसूला जाए, लोग बोले- जिन्होंने कर ली उन्हें क्या फायदा? June 16, 2020 at 01:57PM

ईरान में घटती जन्मदर के बीच धर्मगुरु मोहम्मद इदरीसी ने संसद और प्रशासन को अनोखा प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा- ‘शादी नहीं करने वालों पर टैक्स लगाना चाहिए। जिनकी शादी 28 साल की उम्र तक नहीं होती है, उनसे एक दंपती की शादी पर होने वाले खर्च जितना टैक्स वसूला जाए। साथ ही अविवाहितों को उच्च प्रबंधकीय पदों या विश्वविद्यालयों में पढ़ाने जैसी महत्वपूर्ण भूमिका भी नहीं देनी चाहिए।’

उनके प्रस्ताव का मकसद सेना में जवानों की संख्या बढ़ाना है ताकि देश मजबूत हो। दरअसल, धर्मगुरु के इस प्रस्ताव ने ईरान के युवाओं को मजेदार बहस का मुद्दा दे दिया है। ट्विटर पर बाकायदा कंपलसरी मैरिज हैशटैग के साथ लोग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

यूजर्स ने किया ट्रोल

शादी के लिए 28 साल उम्र की अनिवार्यता के प्रस्ताव पर एक यूजर नेकहा- ‘अगर इसे लागू किया जाए ताे मैं सबसे पहले एक कार या एक घर के पुरस्कार की हकदार बनूंगी, क्याेंकि मैंने 18 साल में ही शादी कर ली है। क्या मुझे इसका कोई फायदा मिलेगा?’ एक अन्य यूजर ने कहा- ‘मैं शादी की उम्र काे लेकर नहीं, बल्कि इस बात पर चिंतित हूं कि संसद में अगला बिल यह पेश न कर दिया जाए कि 30 साल से पहले एक बच्चा भी अनिवार्य ताैर पर हाे।’ एक यूजर ने कहा- ‘मैं अब शादी से सिर्फ एक साल, एक माह व 12 दिन ही पीछे हूं।’

पुरुष अब 28.1 और महिलाएं 23.4 वर्ष में शादी कर रहे

ईरान में यूं तो लड़कियाें व लड़कों के लिए शादी की उम्र 18 और 20 साल है, लेकिन उन्हें 13 और 15 साल में भी शादी की इजाजत दे दी जाती है। बिगड़ते आर्थिक हालात व बेरोजगारी के कारण यहां शादी की औसत उम्र बढ़ गई है। देश में जहां पुरुष औसतन 28.1 वर्ष की उम्र में विवाह कर रहे हैं, वहीं महिलाएं औसतन 23.4 वर्ष में शादी कर रही हैं। यही नहीं, जन्मदर भी लगातार गिर रही है।

2020 में जन्मदर 2.97% और 2019 में 2.88% गिरी है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खमेनी चाहते हैं कि देश की आबादी 2050 तक 8.18 करोड़ से दोगुनी हो जाए। इसके लिए सरकार ने कुंआरों के लिए मेट्रिमोनियल साइट शुरू करने जैसे कई कदम उठाए हैं। फिर भी लोग शादी से कतरा रहे हैं।

युवाओं को नौकरी से निकालने की धमकी, बाल-विवाह भी बढ़ रहे

ईरान में शादी और बच्चे पैदा करने को लेकर सरकार भी सख्ती दिखा रही है। 28 साल के होने के बावजूद शादी नहीं करने पर नौकरी से निकाले जाने की धमकी दी जा रही है। बड़े पैमाने पर बाल-विवाह करवाए जा रहे हैं। 14 साल उम्र होते ही लड़कियों पर शादी का दबाव बनाया जाना शुरू कर दिया जाता है। 2019 में बाल विवाह रोकने संबंधी एक बिल विधेयक संसद में रुकवा दिया गया था।



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Get married or pay tax: Iranian Cleric faces backlash for suggesting marriage should be compulsory