Wednesday, October 14, 2020

विपक्षी पार्टी नेपाली कांग्रेस का आरोप- चीन ने हुमला जिले के कई हिस्सों पर कब्जा किया, ओली सरकार सच छिपाकर देश को धोखा दे रही है October 14, 2020 at 07:20PM

नेपाल की जमीन पर चीन के कब्जे का मामला एक बार फिर तूल पकड़ रहा है। विपक्षी पार्टी नेपाली कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि चीन ने नेपाल के हुमला जिले में बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया है और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार इस मामले पर चुप है। नेपाली कांग्रेस ने एक बयान में कहा- ओली की अगुआई वाली कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार सच छिपाकर देश को धोखा दे रही है। पिछले महीने नेपाली मीडिया की खबरों में कहा गया था कि चीन ने हुमला जिले में 11 इमारतें बनाई हैं।

नेपाली कांग्रेस ने क्या कहा
बुधवार को जारी बयान में नेपाली कांग्रेस ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। इसमें कहा गया- हुमला जिले में चीन के कब्जे से पहले तो सरकार ने इनकार किया। इसके बाद चुप हो गई। यह साफ तौर पर देशद्रोह का मामला है। सरकार अब सच पर पर्दा डालकर देश को धोखा दे रही है। जबकि, कब्जे के सबूत मौजूद हैं।

दो किलोमीटर अंदर आ गई चीन की फौज
पिछले महीने जब हुमला में चीन के कब्जे की खबर वहां के स्थानीय प्रशासन ने दी तो नेपाल की होम मिनिस्ट्री ने वहां एक टीम भेजी। इसकी रिपोर्ट अब तक सार्वजनिक नहीं की गई है। हालांकि, हिमालय टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि चीन की सेना इस इलाके में दो किलोमीटर अंदर आ चुकी है। बताया जाता है कि चीन ने नामखा नगरपालिका क्षेत्र के लिमि एरिया पर कब्जा किया है। हुमला जिला प्रशासन ने भी इस बारे में रिपोर्ट दी थी। लेकिन, नेपाल का विदेश मंत्रालय कुछ बोलने तैयार नहीं। अब नेपाली कांग्रेस इस पर सवाल उठा रही है।

नेपाली कांग्रेस ने कहा- ओली सरकार देश की संप्रभुता से समझौता कर रही है और यह दुखद है। हम सरकार के रवैये की निंदा करते हैं। चीन उत्तर या दक्षिण में मौजूद नेपाल के किसी हिस्से पर कब्जा नहीं कर सकता। सरकार की चुप्पी देश के साथ धोखा है। नेपाल सरकार को एक डिप्लोमैटिक नोट के जरिए चीन से विरोध जताना चाहिए।

विवाद की वजह क्या
नेपाल के अखबार ‘काठमांडू पोस्ट’ में पिछले महीने एक रिपोर्ट पब्लिश हुई। इसके मुताबिक, हुमला जिले में चीन ने 11 बिल्डिंग्स बनाई हैं। स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत अफसरों से की। इसके बाद गृह मंत्रालय की एक टीम यहां पहुंची। वहां चीनी सैनिक मौजूद थे। स्थानीय लोगों को चीनी सैनिक यहां आने भी नहीं देते। बताया जाता है कि नेपाल की जमीन पर कब्जा करने के लिए चीनी सैनिकों ने यहां लगे कई पिलर गायब कर दिए।

इसके बाद काठमांडू में चीन की एम्बेसी के बाहर सैकड़ों लोगों ने हाथ में बैनर और पोस्टर लेकर जिनपिंग सरकार की विस्तारवादी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया।

दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है चीन
नेपाल के अफसरों की टीम यहां मुआयना करने पहुंची तो चीनी सेना ने वहां अपने ट्रक, टैंकर और जीप भेज दीं। इन सभी में सैनिक मौजूद थे। चीनी सैनिकों ने नक्शा दिखाते हुए दावा किया कि यह क्षेत्र उनकी सीमा में आता है। चीन की एम्बेसी के प्रवक्ता झेंग सी ने कहा था- इस बारे में पहले भारतीय मीडिया ने खबरें फैलाईं थीं। अब नेपाली मीडिया भी यही कर रहा है। यह हमारा इलाका है और इसीलिए वहां बिल्डिंग्स बनाई गई हैं।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
फोटो पिछले महीने की है। तब नेपाल सरकार और सेना की एक टीम ने हुमला जिले के उन हिस्सों का दौरा किया था, जिन पर चीन ने कब्जा किया है। तब चीन ने इस टीम को अपनी इमारतों में जाने से रोक दिया था।

A popular Ardern poised to win 2nd term in New Zealand vote October 14, 2020 at 06:46PM

Hundreds of students are crammed into a common area at the Victoria University of Wellington to hear her speak, and her message of hope is being punctuated by thunderous applause. One student volunteer looks on the verge of tears while others are shrieking or singing.

China fires 2 health officials following new virus outbreak October 14, 2020 at 06:30PM

बलूच एक्टिविस्ट ने यूएन में कहा- पाकिस्तान के स्कूलों में हिंदुओं और यहूदियों के खिलाफ नफरत का पाठ पढ़ाया जाता है, दुनिया इस पर ध्यान दे October 14, 2020 at 06:23PM

संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में एक बलूच एक्टिविस्ट ने पाकिस्तान के एजूकेशन सिस्टम पर गंभीर आरोप लगाए। बलूच वॉयस एसोसिएशन के प्रेसिडेंट मुनीर मेंगल ने यूएन में कहा- पाकिस्तान के स्कूलों में हिंदुओं और यहूदियों के खिलाफ नफरत का पाठ पढ़ाया जाता है। मैं एक सरकारी आर्मी स्कूल में पढ़ने जाता था। यह एक हाई स्टैंडर्ड स्कूल था। इसे कैडेट कॉलेज कहते थे। हमें पहली बात सिखाई गई कि हिंदू काफिर होते हैं। यहूदी इस्लाम के दुश्मन है। इन वजहों से ये दुनिया में रहने के हकदार नहीं हैं। इन्हें मार दिया जाना चाहिए। इन बातों पर दुनिया को ध्यान देना चाहिए।

नफरत का पाठ पढ़ाते हैं पाक के आर्मी टीचर्स

आगे कहा- आर्मी टीचर्स का पहला और अहम पाठ यही होता है कि हमें गोलियों और बमों का सम्मान करना चाहिए। हमें इन्हें हिंदु मांओं के खिलाफ खिलाफ इस्तेमाल करना है। उनका कत्ल करना है नहीं तो वे एक हिंदु बच्चे को जन्म देंगी। आज भी पाकिस्तानी स्कूलों और मदरसों में हर लेवल पर यही बात सिखाई जाती है। यह उनके सेलेबस का सबसे शुरुआती हिस्सा है। उन्होंने जेनेवा में डर्बन डिक्लेरेशन और प्लान ऑफ एक्शन पर यूएन के वर्किंग ग्रुप्स पर चर्चा के दौरान ये बातें कहीं।

ईशनिंदा कानून का दुरुपयोग कर रहा पाकिस्तान

मुनीर ने कहा कि पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून का दुरुपयोग हो रहा है। इसके जरिए खास तौर पर धार्मिक अल्पसंख्यकों को सजा दी जाती है। पिछड़ी जातियों के लोगों को ऐसे मामलों में फंसाया जा रहा है। यह भेदभाव का बड़ा हथियार बन गया है। किसी पर ईशनिंदा का आरोप लगाना उसकी पूरी कम्युनिटी को सजा देने जैसा है। यह आरोपी व्यक्ति के एक्स्ट्रा ज्युडिशियल किलिंग की तरह है। ईशनिंदा के खिलाफ बोलने वालों की हत्या करने वालों को पाकिस्तान में हीरो की तरह देखा जाता है।

‘आतंकी संगठन पाकिस्तान की रणनीतिक संपत्ति’

मुनीर ने कहा- बलूचिस्तान में पाक सरकार और आर्मी मिलकर लोगों पर जुल्म कर रही है। अपने हक की मांग करने वाले लोगों को चुप कराया जा रहा है। पाकिस्तान में धार्मिक कट्टर समूहों और आतंकी संगठनों को देश की रणनीतिक संपत्ति घोषित किया गया है। इन बातों पर दुनिया को ध्यान देना चाहिए। जब तक इस तरह के संगठनों और ग्रुप्स को सरकारों की शह मिलनी नहीं बंद होगी। हम इंसानों से होने वाली किसी भी तरह के भेदभाव को खत्म नहीं कर सकते।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
संयुक्त का 75 वां सेशन इस साल 15 सितंबर को शुरू हुआ था। इस बार ज्यादातार देशों के प्रमुखों ने इसमें ऑनलाइन हिस्सा लिया। -फाइल फोटो

ट्रम्प ने कहा- कोरोनावायरस चीन की वजह से फैला, वो चाहता तो इसे अपने देश में रोक सकता था, आज इससे पूरी दुनिया परेशान October 14, 2020 at 06:07PM

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर कोरोनावायरस के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया। ट्रम्प ने पिछले हफ्ते हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने के बाद तीसरी चुनावी रैली की। आयोवा पहुंचे ट्रम्प ने कहा- महामारी के लिए सीधे तौर पर सिर्फ चीन जिम्मेदार है। चीन चाहता तो कोरोनावायरस को देश के बाहर नहीं जाने देता। लेकिन, अब इससे अमेरिका, यूरोप और पूरी दुनिया परेशान हो रही है।

ट्रम्प ने क्या कहा
आयोवा में हजारों समर्थकों को संबोधित करते हुए ट्रम्प ने कहा- हम एक प्लेग यानी कोविड-19 का सामना कर रहे हैं। इसका मिलकर मुकाबला भी कर रहे हैं। लेकिन, इसे रोका जा सकता था। चीन चाहता तो इसे अपनी सीमाओं यानी अपने देश में रोक सकता था। लेकिन, उसने ऐसा नहीं किया। पहले ये यूरोप पहुंचा और फिर अमेरिका। इसके बाद यह पूरी दुनिया में फैल गया। अगले साल तक इस पर पूरी तरह काबू पा लिया जाएगा।

बाइडेन पर तंज
ट्रम्प ने इस दौरान डेमोक्रेट कैंडिडेट जो बाइडेन पर तंज कसा। कहा- जब वे उप राष्ट्रपति थे, तब उन्होंने वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन में चीन की एंट्री कराई। यह हमारे देश के लिए घातक साबित हुआ। चीन के वायरस के बावजूद हम देश में जॉब क्रिएट कर पाए। बेरोजगारी दर आधी कर दी। नौकरियों की बात करें तो यह ओबामा-बाइडेन के दौर से 23 गुना ज्यादा है।

किसानों का जिक्र
खेती के लिहाज से आयोवा अमेरिका के मुख्य राज्यों में गिना जाता है। ट्रम्प ने यहां किसानों की परेशानियों के लिए डेमोक्रेट्स को दोषी ठहराया और खुद को इस मामले में चैम्पियन करार दिया। इसके बाद अपराध का जिक्र किया। कहा- जो लोग अपराधों में शामिल हैं, उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। आयोवा को ट्रम्प के मजबूत गढ़ के तौर पर देखा जाता रहा है। लेकिन, रिपब्लिकन्स को लगता है कि इस चुनाव में बाइडेन ने यहां काफी फोकस किया है और उन्हें इसका फायदा मिल सकता है। ट्रम्प ने दावा किया कि सिर्फ आयोवा ही नहीं बल्कि देश के किसान भी उनके काम से बहुत खुश हैं।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
बुधवार रात आयोवा में एक रैली को संबोधित करते डोनाल्ड ट्रम्प। आयोवा में ज्यादातर लोग खेती पर निर्भर हैं। ट्रम्प ने कहा- किसान मेरी सरकार से बहुत खुश हैं।

US destroyer crosses Taiwan Strait, risking Chinese anger October 14, 2020 at 04:39PM

A US battleship crossed the Taiwan Strait on Wednesday, the US Navy said, risking angering China, which claims sovereignty over the maritime thoroughfare. The guided-missile destroyer USS Barry conducted a "routine Taiwan Strait transit October 14 (local time) in accordance with international law," Seventh Fleet spokeswoman Reann Mommsen said in a statement.

'Last party' for Dutch as new virus lockdown starts October 14, 2020 at 05:23PM

Many of the revellers who flocked to terrace cafes in a main square in The Hague said that they backed the measures, which took effect at 10:00 pm (2000 GMT), but that they wanted to party first.

Paris goes under curfew as Europe ramps up virus restrictions October 14, 2020 at 05:28PM

"We have to act. We need to put a brake on the spread of the virus," President Emmanuel Macron told public television, announcing a shutdown between 9:00 pm and 6:00 am that will remain in force for as long as six weeks.

Mexican school owner sentenced to 31 yrs over quake deaths October 14, 2020 at 05:35PM

The court also ordered her to pay a total of 11.5 million pesos ($540,000) in damages to the victims' families, a judicial source told AFP on condition of anonymity.

यूएई और बहरीन के बाद अब इजराइल और सऊदी में शांति समझौता कराने की कोशिश में जुटा अमेरिका; ईरान पर दबाव बनाने की रणनीति October 14, 2020 at 05:10PM

अमेरिका खाड़ी देशों और इजराइल के बीच अमन बहाली की कोशिशों के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। यूएई और बहरीन के बाद अब सऊदी अरब भी इजराइल के साथ शांति समझौता कर सकता है। अमेरिका इसमें मध्यस्थता कर रहा है। सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल इन दिनों अमेरिका के दौरे पर हैं। बुधवार रात उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो से मुलाकात की। इसके बाद दोनों नेता मीडिया से रूबरू हुए।

पोम्पियो की सीधी बात
अमेरिका और सऊदी के बीच इजराइल को लेकर बातचीत चल रही है। इस मसले को पोम्पियो ने साफ तौर पर माना। कहा- हम चाहते हैं कि यूएई और बहरीन की तरह सऊदी अरब भी इजराइल के साथ कूटनीतिक रिश्ते कायम करे। हमें पूरी उम्मीद है कि सऊदी सरकार इस बारे में गंभीरता से विचार कर रही है। हम यह उम्मीद भी करते हैं कि सऊदी अरब फिलिस्तीनी नेताओं को इजराइल से बातचीत के लिए तैयार करेगा।

ट्रम्प की कोशिश
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प खाड़ी देशों और इजराइल के बीच कूटनीतिक रिश्ते कायम कराने की कोशिशों में जुटे हैं। यूएई, बहरीन और कतर ऐसा कर चुके हैं। लेकिन, सऊदी अरब के बिना यह कोशिश अधूरी है। ट्रम्प इसे अब्राहम अकॉर्ड कहते हैं। इसका मकसद मध्य-पूर्व यानी मिडल ईस्ट में अमन बहाली है। इजराइल ने भी अपना रुख नर्म किया है। यूएई से समझौते के बाद इजराइल की नेतन्याहू सरकार ने वेस्ट बैंक में यहूदी को बसाने का मिशन कुछ वक्त के लिए टाल दिया।

ईरान पर दबाव बनाने की रणनीति
एक तरफ चीन है जो ईरान को अपने पाले में करने की कोशिश कर रहा है। ईरान यमन के विद्रोहियों की मदद कर रहा है। ये सऊदी अरब की सीमा से लगे इलाकों में हमले कर रहे हैं। अब अमेरिका इजराइल और सऊदी अरब को साथ लाकर ईरान पर दबाव बनाना चाहता है। उसने परमाणु हथियार कार्यक्रम को लेकर ईरान पर नए प्रतिबंध भी लगाए हैं। दूसरी तरफ, सऊदी अरब से नया हथियार समझौता भी करने जा रहा है। इजराइल और सऊदी अरब के बीच समझौता होता है तो ईरान के साथ ही चीन पर भी दबाव बढ़ेगा।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
बुधवार को वॉशिंगटन में सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल के साथ अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो। पोम्पियो ने साफ कर दिया कि अमेरिका चाहता है कि इजराइल और सऊदी अरब भी अब कूटनीतिक रिश्ते बहाल करें।

China allowed Covid to spread around world: Trump October 14, 2020 at 05:11PM

Terming the Covid-19 outbreak as a 'horrible situation', President Donald Trump hit out at China for allowing Covid-19 to spread outside Beijing while preventing the spread in its own country.

Barack Obama laments inability to eliminate racial bias October 14, 2020 at 05:16PM

China says US undermines Taiwan Strait's stability October 14, 2020 at 04:53PM

China said on Thursday the United States was seriously undermining peace and stability in the Taiwan Strait after a US Navy destroyer sailed through the waters amid escalating tensions between Beijing and Taipei.

Trump blasts FB, Twitter for blocking story critical of Biden October 14, 2020 at 04:46PM

US President Donald Trump rebuked Facebook and Twitter Wednesday for blocking links to a New York Post article purporting to expose corrupt dealings by election rival Joe Biden and his son in Ukraine.

Thailand govt announces emergency decree over protests October 14, 2020 at 04:13PM

Protesters have called for the ousting of Prime Minister Prayuth Chan-ocha, a former junta leader, and a new constitution. They have also called for reforms to the monarchy of King Maha Vajiralongkorn.

ट्रम्प का शुक्रिया; उनके दौर में चीन बेहतर होता गया, अमेरिका कमजोर होता चला गया October 14, 2020 at 03:40PM

मैंने डोनाल्ड ट्रम्प और डेमोक्रेट कैंडिडेट जो बाइडेन के बीच पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट देखी। इस दौरान एक कल्पना मेरी आंखों के आगे सामने आ गई। मेरी तरह चीन के पोलितब्यूरो के सदस्य भी यह डिबेट देखने जुटे होंगे। जब भी ट्रम्प ने कोई मूर्खतापूर्ण बात कही होगी या तर्क रखा होगा तो चीनी पोलितब्यूरो के सदस्य भी मुस्कराए होंगे। अपने तरीके से इसका लुत्फ उठाया होगा। सिर्फ आधे घंटे में पोलितब्यूरो के 25 मेंबर नशे में चूर हो गए होंगे।
ये पहले तो नहीं देखा होगा
और अगर वे नशे में चूर हुए तो क्या गलत है? होना भी चाहिए। क्योंकि, ये सब उन्होंने पहले नहीं देखा होगा। एक अमेरिकी राष्ट्रपति जिसका खुद पर कोई काबू नहीं है। एक ऐसा ‌व्यक्ति जो प्रेसिडेंट बने रहने के लिए कुछ भी करने को तैयार है। क्योंकि, अगर वो इस काम में नाकाम रहता है तो उसे कानूनी मसलों और बेइज्जती का सामना करना पड़ेगा।
चीन को दोष देना सही
चीन को दोष क्यों नहीं दिया जाए। कोरोनावायरस उसके ही शहर वुहान से शुरू हुआ। और फिलहाल वहां इस पर काबू पाया जा चुका है। लेकिन, हमारे देश अमेरिका में यह इकोनॉमी और नागरिकों को बर्बाद कर रहा है। इसके बावजूद हम कुछ भी कर पाने में कामयाब होते नजर नहीं आते।
कोरोना को मैं चीन के चेर्नोबिल की तरह देखता हूं। या इसकी तुलना पश्चिम के वॉटरलू से कर लीजिए। इसका जिक्र जॉन मिकेलवेट और एड्रियन वुड्रिग ने अपनी किताब ‘द वेकअप कॉल’ में किया है। इसमें बताया गया है कि कोरोना ने कैसे पश्चिमी देशों की कमजोरियों को उजागर किया है और इस पर कैसे काबू पाया जा सकता है।
आंकड़ों की बात
जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के कोरोना ट्रैकर की मानें तो अमेरिका में हर एक लाख पर 65.74 लोगों की मौत हुई। कुल मिलाकर 2 लाख 16 हजार लोग महामारी के चलते जान गंवा चुके हैं। चीन में हर एक लाख पर यह आंकड़ा महज 0.34 है। वहां अब तक कुल 4750 लोगों की मौत हुई है। चलिए, मान लेते हैं कि चीन के आंकड़ों में झोल है, कुछ गड़बड़ है। इसलिए इसे चार गुना मान लेते हैं। इसके बावजूद यह मानना पड़ेगा कि चीन ने अपने नागरिकों की रक्षा महामारी के दौरान अमेरिका से ज्यादा बेहतर तरीके से की है।
चीन और अमेरिका के हालात में फर्क
इस महीने की शुरुआत ने ट्रम्प ने व्हाइट हाउस में एक प्रोग्राम किया। ये सुपरस्प्रेडर इवेंट साबित हुआ। लाखों अमेरिकी बच्चों को स्कूल भेजने में डर रहे हैं। दूसरी तरफ, चीन में लोकल ट्रांसमिशन के मामले लगभग खत्म हो चुके हैं। वहां बस और ट्रेन स्टेशन्स और एयरपोर्ट्स के देख लीजिए। लाखों लोग सफर कर रहे हैं। नेशनल हॉलीडे मनाए जा रहे हैं। 1 अक्टूबर को ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में बताया गया कि बारह साल में पहली बार चीन की करंसी ने किसी तिमाही में सबसे अच्छी रेटिंग पाई। सितंबर में इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट दोनों बेहतर हुए।
वो हमारे जैसे हो चुके हैं
हम चीन की तुलना पश्चिमी देशों से करते हैं। 1960 की दशक की बात की जाती है। कहा जाता है कि अमेरिका ने जब पहला आदमी चांद पर भेजा था, तब चीन में लाखों लोग भूख से मर रहे थे। ब्लूमबर्ग के एडिटर इन चीफ मिकेलवेट ने मुझे बताया- यह वो वक्त था जब 75 फीसदी अमेरिकी अपनी सरकार का समर्थन करते थे। लेकिन, द इकोनॉमिस्ट के पॉलिटिकल एडिटर वुलड्रिज कहते हैं- पांच सौ साल का इतिहास अब बदल गया है। चीन अब आगे है। हम पुरानी चीजों को भूल गए। चीन नहीं भूला। अगर हम अब भी नहीं जागे तो क्या होगा।
फिर क्या किया जाए
अमेरिका को वापसी करनी जरूरी है। कोविड-19 से निपटने के लिए चीन जैसा नेशनल प्लान बनाना होगा। वायरस को कंट्रोल करने के लिए कदम उठाने होंगे और इसके लिए राजनीतिक तौर पर एकराय कायम करनी होगी। चीन के फेशियल रिकग्निेशन तकनीक बहुत अच्छी है। मास्क उतारने की भी जरूरत नहीं होती। आंखें और नाक का ऊपरी हिस्सा ही संक्रमण की जानकारी दे देता है। अमेरिका में चीन जैसी सरकार और प्रशासन संभव नहीं है। हम तानाशाही चाहते भी नहीं। लेकिन, ये भी सही है कि हम लोकतांत्रिक तरीके से यह काम नहीं कर पाए। जापान और जर्मनी ने सेकंड वर्ल्ड वॉर और नॉर्थ कोरिया के अलावा रूस ने कोल्ड वॉर के दौरान यही किया। अमेरिका इसलिए आगे रहा क्योंकि उसने इसके लिए तैयारी की थी।
ये देश तो कामयाब रहे
28 मार्च को ट्रम्प ने कहा था- हम एक ऐसे दुश्मन से जंग लड़ रहे हैं जो दिखाई नहीं देता। सबको साथ मिलकर इससे लड़ना होगा। साउथ कोरिया, जापान, ताइवान और न्यूजीलैंड ने दिखा दिया कि लोकतंत्र होते हुए भी महामारी जैसी चुनौतियों का कामयाबी से मुकाबला किया जा सकता है। वहां राज्य और केंद्र सरकारों के बीच तालमेल है। हमारे यहां भरोसे और सच्चाई की कमी है। सबसे बड़ी बात ये है कि हमारे पास एक ऐसा राष्ट्रपति है जो दोबारा चुनाव जीतने के लिए हमें बांट रहा है। मास्क जरूरी है, लेकिन ट्रम्प इसका मजाक उड़ाते हैं। हमारे बीच भरोसे की कमी हो गई है।
बाइडेन से उम्मीद
मुझे लगता है कि बाइडेन के पास चुनाव जीतने का सही मौका है। क्योंकि, अमेरिकी यह मानने लगे हैं कि बाइडेन ही हमें बंटवारे से फिर एकजुट या एकता की ओर ले जा सकते हैं। लेकिन, सिर्फ बाइडेन की जीत ही पर्याप्त नहीं। लेकिन, यह जरूरी तो बिल्कुल है। फिलहाल, चीन और रूस से यह अपील है कि हमारे मामले में दखल न दें। क्योंकि, हम फिलहाल वैसे नहीं हैं, जैसे हुआ करते थे।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Donald Trump Vs China Coronavirus; Here's Latest US Election 2020 Opinion From The New York Times (NYT)

जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने कहा- देश में हालात चिंताजनक, फ्रांस में हेल्थ इमरजेंसी- पेरिस में कर्फ्यू लगा; दुनिया में 3.87 करोड़ केस October 14, 2020 at 03:36PM

दुनिया में संक्रमितों का आंकड़ा 3.87 करोड़ से ज्यादा हो गया है। ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 2 करोड़ 91 लाख 49 हजार 291 से ज्यादा हो चुकी है। मरने वालों का आंकड़ा 10.96 लाख के पार हो चुका है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने बुधवार को माना कि देश में संक्रमण की वजह से हालात गंभीर हो चुके हैं। सरकार सख्त कदम उठाने की तैयारी कर रही है। दूसरी तरफ, पेरिस में कर्फ्यू लगा दिया गया है। फ्रांस सरकार ने इस बारे में पहले ही आगाह कर दिया था।

जर्मनी : स्थिति गंभीर
जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने बुधवार रात साफ कर दिया कि देश में संक्रमण की दूसरी लहर की वजह से स्थिति गंभीर हो गई है। मर्केल ने एक बयान में कहा- इसमें कोई दो राय नहीं कि हम महामारी के दौर में है और स्थिति अब गंभीर हो चुकी है। हम चाहते हैं कि संक्रमितों का पता लगाकर उनका इलाज किया जा सके। देश के सभी संबंधित हेल्थ ऑर्गनाइजेशन इस काम में साथ दे रहे हैं। हर रोज मामले बढ़ रहे हैं। इकोनॉमी की फिक्र है, इसलिए दूसरा लॉकडाउन नहीं लगा सकते, जैसा दूसरे यूरोपीय देश कर रहे हैं।

बुधवार रात जर्मनी के बर्लिन शहर की एक सूनी सड़क से गुजरती लड़की। जर्मनी में बुधवार को 5,132 नए मामले सामने आए। चांसलर एंजेला मर्केल ने कहा- इकोनॉंमी तबाह न हो, इसलिए हम यूरोप के दूसरे देशों की तरह लॉकडाउन नहीं कर सकते।

फ्रांस : पेरिस समेत 8 शहरों में कर्फ्यू
फ्रांस सरकार ने देश में फिर से हेल्थ इमरजेंसी का ऐलान कर दिया है। बुधवार को यहां 22 हजार 950 नए मामले सामने आए। इसके बाद प्रधानमंत्री एमैनुएल मैक्रों सामने आए। उन्होंने कहा- हम फिर से हेल्थ इमरजेंसी लगा रहे हैं।

पेरिस समेत देश के 9 शहरों में रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू रहेगा यानी लोग घर से बाहर नहीं निकल सकेंगे। मैक्रों ने साफ कर दिया कि सरकार विरोध की परवाह किए बिना सख्त कदम उठाएगी। माना जा रहा है कि कर्फ्यू करीब चार हफ्ते रहेगा। मार्सले शहर के मेयर ने कहा- हालात फिक्रमंद करने वाले हैं, लेकिन काबू से बाहर नहीं हैं।
फ्रांस की हेल्थ मिनिस्ट्री के मुताबिक, तीन हफ्ते में यहां तीन लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। देश के 32% आईसीयू बेड्स इस वक्त फुल हैं। इन सभी में कोविड-19 के मरीज हैं।

अमेरिका: राष्ट्रपति ट्रम्प के बेटे बेरॉन भी संक्रमित हुए थे

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के 14 साल के बेटे बेरॉन ट्रम्प को भी कोरोना हुआ था, लेकिन अब वे ठीक है। बेरॉन अपनी मां और पिता के पॉजिटिव पाए जाने के बाद संक्रमित मिले थे। हालांकि उनमें इसके कोई लक्षण नहीं आए थे। बाद में अपनी मां के साथ दोबारा टेस्ट कराने पर उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई।

ट्रम्प की पत्नी मेलानिया ट्रम्प ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा- वह एक मजबूत टीन एजर है, उसमें कोई लक्षण सामने नहीं आए। वहीं, ट्रम्प ने आयोवा के रैली में इसका जिक्र किया। अमेरिका में अब तक 81 लाख 50 हजार 43 मामले सामने आए हैं और 2.21 लाख से ज्यादा मौतें हुईं हैं।

ब्राजील : तीसरे चरण का ट्रायल रद्द
अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन ने ब्राजील में भी अपना वैक्सीन ट्रायल फिलहाल रोक दिया है। ब्राजीलियन हेल्थ एजेंसी ने मंगलवार रात जारी एक बयान में कहा- इस बारे में ज्यादा जानकारी फिलहाल नहीं दी जा सकती। लेकिन, फिलहाल वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल रोके जा रहे हैं। कुछ खबरों में कहा गया है कि अमेरिका में एक वॉलेंटियर के वैक्सीन ट्रायल के बाद गंभीर रूप से बीमार होने के बाद यह ट्रायल रोके गए हैं। ब्राजील में दो कंपनियों के वैक्सीन ट्रायल किए जा रहे हैं। जॉनसन एंड जॉनसन उनमें से एक है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
बुधवार रात पेरिस के एक रेस्टोरेंट में मौजूद महिला टीवी पर प्रधानमंत्री एमैनुएल मैक्रों का भाषण सुनती हुई। फ्रांस सरकार ने देश में हेल्थ इमरजेंसी का ऐलान कर दिया है। पेरिस समेत कुल 9 शहरों में रात 9 से सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू रहेगा।

शी जिनपिंग ने चीन की सेना से कहा- युद्ध के लिए दिलो-दिमाग से तैयार रहें; हाई अलर्ट लेवल की तैयारियां रखने का आदेश October 14, 2020 at 03:35PM

पूर्वी लद्दाख में भारत के साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) को युद्ध के लिए तैयार रहने का आदेश दिया है। एक मिलिट्री बेस के दौरे पर जिनपिंग ने कहा कि चीनी सैनिकों को खुद काे युद्ध के लिए दिलो-दिमाग से तैयार कर लेना चाहिए।

जिनपिंग मंगलवार को गुआंगडोंग प्रांत के मिलिट्री बेस के दौरे पर पहुंचे थे। छाओझू सिटी में पीएलए मरीन कॉर्प्स का दौरा करते हुए चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि वे देश के प्रति एकनिष्ठ, शुद्ध और भरोसेमंद बनें। जिनपिंग ने सैनिकों को आदेश दिया कि वे युद्ध के लिए हाई अलर्ट लेवल की तैयारियां बनाए रखें और अपने दिल-दिमाग को भी उसके लिए तैयार करें।

शी जिनपिंग गुआंगडोंग प्रांत में बने शेनझेन स्पेशल इकोनॉमिक जोन की 40वें स्थापना दिवस के अवसर पर उसका दौरा करने के लिए पहुंचे थे। इससे पहले मंगलवार को चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि ऐसी खबरें आ रही हैं कि अमेरिकी कांग्रेस ताइवान को अत्याधुनिक हथियार देने के तीन डील की समीक्षा कर रही है। उन्‍होंने कहा कि चीन इसका करारा जवाब देगा।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
शी जिनपिंग गुआंगडोंग प्रांत में बने शेनझेन स्पेशल इकोनॉमिक जोन की 40वें स्थापना दिवस के अवसर पर उसका दौरा करने के लिए पहुंचे थे। (फाइल फोटो)

अमेरिका में 1.3 करोड़ वोट पड़ चुके हैं, 2016 के औसत से 10 गुना ज्यादा; ट्रेंड में बाइडेन आगे October 14, 2020 at 03:34PM

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में अब तक 1.3 करोड़ लोग अपना वोट डाल चुके हैं। 3 नवंबर को वोटिंग का आखिरी दिन है। फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी के पॉलिटिकल साइंटिस्ट माइकल मैक्डोनल्ड ने विभिन्न राज्यों के डेटा का एनालिसिस कर अध्ययन किया यह डेटा जारी किया है। उनके मुताबिक बुधवार तक 1,30,15,675 लोग वोट डाल चुके हैं। इनमें से करीब 60 लाख लोगों ने मेल के जरिए वोट डाला। बाकी ने बैलेट के जरिए वोटिंग की है।

5 राज्यों में 2016 की तुलना में 20% ज्यादा वोटिंग

इस अविधि तक 2016 तक महज 14 लाख लोगों ने ही वोट डाला था। यानी इस बार पिछली चुनाव की तुलना में अब तक 10 गुना वोट पड़ चुके हैं। 5 राज्यों मिनिसोटा, साउथ डकोटा, वर्मांट, वर्जीनिया और विस्कॉन्सिन में 2016 की तुलना में 20% ज्यादा वोट पड़े हैं। फाइनल वोटिंग से पहले बढ़ती वोटिंग की वजह कोरोना है, जिसने लोगों को सुरक्षित वोटिंग करने के लिए प्रेरित किया है।

अमेरिका में मतदाता मेल और केंद्रीय बूथ पर जाकर बैलेट के जरिए फाइनल वोटिंग से दो महीने पहले वोट डाल सकते हैं। सामान्य तौर पर बुजुर्ग, सैन्य कर्मचारी और विदेशों में रह रहे अमेरिकी ही मेल से वोटिंग की सुविधा का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए राज्यों ने इस नियम को लचीला किया है।

34 राज्यों के लोग उचित कारण बताए बिना मेल से वोटिंग कर सकते हैं। सात राज्यों में मेल से वोटिंग करने के लिए वाजिब वजह बतानी होगी। नौ राज्यों और वॉशिंगटन डीसी का प्रशासन सभी वोटर को मेल बैलेट भेज रहा है। यानी यहां के वोटर को मेल से वोटिंग करने के लिए आवेदन भी नहीं करना पड़ेगा।

मेल से पड़े 60 लाख वोट

शुरुआती रुझान के मुताबिक मेल से पड़े 60 लाख वोटों में 34 लाख वोट ट्रम्प के विरोधी बाइडेन को जाते दिख रहे हैं। लेकिन स्टडी के मुताबिक बहुत संभव है ट्रम्प समर्थक बूथ पर ताकत दिखाएंगे।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
मेल से पड़े 60 लाख वोटों में 34 लाख वोट ट्रम्प के विरोधी बाइडेन को जाते दिख रहे हैं। (फाइल फोटो)

ट्रम्प के ननिहाल स्काॅटलैंड के लोग चाहते हैं कि वे चुनाव हार जाएं, कहते हैं- जिसने अपनों को ही ठगा, वो किसका सगा October 14, 2020 at 03:34PM

(एबरडिन शायर) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के ननिहाल स्काॅटलैंड के लोग नहीं चाहते कि ट्रम्प दोबारा सत्ता संभालें। स्कॉटलैंड के एबरडिन शायर में बाल्मेडी नाम का गांव है। इसे मेनी भी कहा जाता है। यहां रहने वाली सुजैन केली कहती हैं- ‘हम तो उनके अपने थे। हमें तक नहीं बक्शा। बर्बाद करके रख दिया।’

12 साल पुराने गोल्फकोर्स रिसाॅर्ट बनाने के मामले में ट्रम्प ने गांव वालों की बिजली-पानी की लाइन तक कटवा दी थी। इसलिए अब वे चाहते हैं कि ट्रम्प के फाइनेंस और टैक्स चोरी की जांच हो और उन पर कानूनी कार्रवाई की जाए।

2006 में ट्रम्प ने खरीदी थी 1400 एकड़ जमीन

दरअसल, साल 2006 में ट्रम्प ने मेनी गांव में 1400 एकड़ जमीन खरीदी थी। यहां विश्वस्तरीय गोल्फकोर्स रिसॉर्ट बनाने के नाम पर उन्होंने 10 हजार करोड़ रुपए निवेश का भरोसा दिलाया। यह भी कहा कि इससे 6 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा और अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। 2008 में जब गोल्फकोर्स बनाना शुरू किया, तब लोगों को पता चला कि उन्हें जबरन मकान से बेदखल किया जा रहा है। ट्रम्प नहीं चाहते थे कि उनकी प्रॉपर्टी से गरीब और उनके मकान दिखाई पड़ें।

लोगों पर दबाव डालने के लिए उनके घरों के पानी-बिजली का कनेक्शन कटवा दिया। आसपास के सैकड़ों पेड़ उखड़वाकर उनकी जमीन पर इतना मलबा डाल दिया कि वहां आसपास के घर दिखने ही बंद हो गए। इन घरों से जो समुद्र दिखता था, उसकी जगह सिर्फ मलबा दिखने लगा। पुलिस से लेकर आला अफसरों तक शिकायत की गई पर कोई सुनवाई नहीं हुई। उल्टे यहांं की रॉबर्ट गार्डन यूनिवर्सिटी ने ट्रम्प को बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मानद डिग्री दे दी।

इसके खिलाफ उसी यूनिवर्सिटी के भूतपूर्व प्रिंसिपल ने अपनी डिग्री लौटाकर विरोध भी दर्ज करवाया था। ट्रम्प की इसी डिग्री के खिलाफ सुजैन ने अभियान शुरू किया। इसमें करीब 6 लाख लोगों ने दस्तखत कर मांग की कि यह डिग्री निरस्त होनी चाहिए। इस अभियान के बाद ब्रिटेन के वेस्टमिंस्टर में सांसदों ने बहस की कि क्यों न ट्रम्प के यूके आने पर पाबंदी लगा दी जाए।

ट्रम्प ने विवाद पर बनी फिल्म ‘यू हैव बिन ट्रम्प्ड’ पर पाबंदी लगा दी थी

एंथनी बैक्सटर एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता हैं। इन्होंने 2011 में ‘यू हैव बिन ट्रम्प्ड’ नाम की फिल्म बनाई। इस फिल्म को ट्रम्प ने ब्रिटेन-अमेरिका सहित कहीं भी रिलीज नहीं होने दिया। 2016 के चुनाव से पहले बैक्सटर ने घोषणा की उन्होंने इस फिल्म का भाग-2 भी बनाया है। इसमें तब 92 वर्षीय मौली को नदी से पानी भरकर अपने टॉयलेट में डालते हुए दिखाया गया है। फिल्म के रिलीज पर केस चलता रहा और जुलाई 2020 में इन फिल्मों की रिलीज की अनुमति मिली। ट्रम्प के लिए चिंता का विषय यह है कि यूरोप ही नहीं, अमेरिका में भी सोशल मीडिया पर ये दोनों फिल्में जंगल में आग की तरह फैल रही हैं।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
गांव के लोग चाहते हैं कि ट्रम्प के फाइनेंस और टैक्स चोरी की जांच हो और उन पर कानूनी कार्रवाई की जाए। (फाइल फोटो )

ढाका में इस बार बड़े पंडाल नहीं; सिर्फ अनुष्ठान पूरे किए जा रहे, पर राजधानी के बाहर पहले जैसी रौनक दिखेगी, 6 हजार पंडाल लगेंगे October 14, 2020 at 02:07PM

(प्रियंका चौधरी) बांग्लादेश में नवरात्रि उत्सव 22 अक्टूबर से 26 अक्टूबर तक होगा। कोरोना के चलते इस बार राजधानी ढाका में दुर्गा पंडाल और पूजा का स्वरूप छोटा हो गया है। ढाका में बड़े पंडाल नहीं दिखेंगे। छोटी-छोटी मूर्तियां या घट स्थापना करके अनुष्ठान पूरे किए जाएंगे। यहां सरकार ने कोविड के बढ़ते मामले को देखते हुए बड़े पंडाल, शोभायात्रा और मूर्ति विसर्जन के जुलूस को इजाजत नहीं दी है। यहां भारत और नेपाल के बाद सर्वाधिक हिंदू आबादी है।

बांग्लादेश हिंदू बौद्धिस्ट क्रिश्चियन परिषद के महासचिव मनिंद्र कुमार नाथ कहते हैं कि कोविड की पाबंदी के बीच बहरहाल यहां नवरात्र उत्सव मनाया जाएगा, लेकिन बिल्कुल ही अलग रंग में। हम सभी गाइडलाइन फॉलो करेंगे। हम बड़े पंडाल की जगह छोटे और खुले हुए पंडाल बना रहे हैं। लोगों की भीड़ रोकने के लिए विशेष आरती का लाइव प्रसारण करेंगे। देवी मां की मूर्ति बनाने में अपना जीवन समर्पित कर चुके हरीपदा पाल कहते हैं कि हमें अपने आसपास के लोगों को सुरक्षित रखने का पूरा प्रयास करना चाहिए। लेकिन पूजा को रोका नहीं जा सकता।

गणेश जी मूर्ति को अंतिम रूप दे रहे नारायण पाल बताते हैं कि इस बार उन्हें 8 ऑर्डर मिले हैं, जिसे वे पूरा करने में लगे। बीते साल 13 ऑर्डर मिले थे। वे बताते हैं, मुझे कोई शिकायत नहीं है। कम से कम अपना जीवन यापन तो कर पा रहा हूं। यहां ढाका में सबसे बड़ा और भव्य पंडाल कालाबागान पूजा मंडप दशकों से लगाता रहा है। पूजा समिति ने बताया कि इस बार उन्हें पंडाल लगाने के लिए अनुमति नहीं मिली है। हम नगर निगम से बातचीत कर रहे हैं। समिति के सदस्य कूंडु कहते है कि हम कम से कम पंचमी पर एक घाट पूजन करना चाहते हैं। ताकि अपने परंपराओं को पूरा कर सकें।

यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम, भव्य सजावट और उम्दा फूड पार्क के लिए प्रसिद्ध ढाका का डीओएचएस पूजा मंडप में नवरात्र की तैयारियां चल रही हैं। समिति के महासचिव अनुप कुमार कहते हैं कि इस बार हमारा फोकस सिर्फ अनुष्ठान पूरे करने का है। हमने सभी कल्चरल कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। सामाजिक दायित्व निभाते हुए हम जरूरतमंदों को मास्क दे रहे हैं। कोरोना के दौरा में यही सबसे बड़ी पूजा है। हालांकि इस बार कल्चरल कार्यक्रमों को ऑनलाइन एक्टीविटीज में बदलने की तैयारी चल रही है। हालांकि ढाका के बाहर पाबंदियों में ढील दी गई है। ढाका के बाहर बरिशल में 617 पंडाल और रंगपुर में 939 दुर्गा पंडाल लगाए जा रहे हैं।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में माता की मूर्ति तैयार करता एक मूर्तिकार। (फोटोः तौकीर अहमद तनवी)

Thousands flee Taliban onslaught in southern Afghanistan October 13, 2020 at 11:14PM

Taliban militants launched a series of attacks on the city of Lashkar Gah in restive Helmand province on Sunday night, prompting the US to call in air strikes to defend Afghan forces. The fighting triggered an exodus by local residents who crammed onto motorcycles, taxis and buses.

Parliament backs new Kyrgyz PM as crisis solution sought October 13, 2020 at 10:57PM

Kyrgyzstan's parliament on Wednesday gave its blessing to populist Sadyr Japarov as prime minister, with the Central Asian state seeking a path out of crisis following an annulled election.​

Russia reports new daily record high of 14,231 virus cases October 13, 2020 at 10:36PM

The country's coronavirus taskforce said that 239 people had died in the last 24 hours, bringing the death toll to 23,205.

Australia 'deeply concerned' as writer faces China spying trial October 13, 2020 at 10:48PM

प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न ने स्टूडेंट्स के साथ बिना मास्क लगाए सेल्फी ली, कोरोना को काबू में करने का सियासी फायदा उठाना चाहती हैं जेसिंडा October 13, 2020 at 09:25PM

न्यूजीलैंड में संसदीय चुनाव 17 अक्टूबर को होगा। चुनाव से पहले देश में कोरोना से जुड़ी सभी पाबंदियां हटा ली गई हैं। प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डन की न्यूजीलैंड लेबर पार्टी को चुनाव में जीत मिलने की उम्मीद है। मंगलवार को जेसिंडा की आखिरी चुनावी रैली हुई। करीब एक हजार यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स ने उनका शानदार स्वागत किया। इस रैली में जेसिंडा और उनके सभी समर्थक बिना मास्क के नजर आए। जेसिंडा स्टूडेंट्स के साथ सेल्फी के लिए पोज देतीं नजर आईं।
दुनिया के किसी दूसरे देश में अगर कोई नेता समर्थकों के साथ बिना मास्क मिले, सेल्फी के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करे तो विवाद होगा। हालांकि, न्यूजीलैंड में ऐसा नहीं है। यहां पर संक्रमण कम होने के बाद सारी पाबंदियां हटा ली गई हैं। जेसिंडा इसे चुनाव में अपनी उपलब्धि के तौर पर गिना रही हैं।

ओपिनियन पोल्स में आगे चल रही जेसिंडा की पार्टी
देश में हुए ओपिनियन पोल्स में जेसिंडा विपक्षी पार्टियों से आगे नजर आ रही हैं। देश के 52 वें संसदीय चुनाव में जेसिंडा की लेबर पार्टी के अलावा चार और पार्टियां अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारेंगी। इनमें एक्ट पार्टी, ग्रीन पार्टी, नेशनल पार्टी और न्यूजीलैंड फर्स्ट पार्टी शामिल हैं। हालांकि, मुकाबला लेबर पार्टी और नेशनल पार्टी के बीच रहेगा। नेशनल पार्टी ने जेसिंडा से मुकाबले के लिए इसी साल जुलाई में जुडित कॉलिन्स को अपना लीडर चुना है। जुडित चार बार सांसद रह चुके हैं। वे देश के पुलिस मिनिस्टर के तौर पर भी सेवाएं दे चुके हैं।

डिबेट में जेसिंडा ने महामारी का मुद्दा उठाया था
जुडित के साथ 1 अक्टूबर को हुए डिबेट में जेसिंडा ने महामारी का मुद्दा उठाया था। उन्होंने जुडित से पूछा था- न्यूजीलैंड को सुरक्षित रहने और संक्रमितों की रिकवरी को ट्रैक पर लाने में कौन बेहतर है। वहीं, जुडित ने बच्चों में गरीबी दूर करने और किफायती हाउसिंग प्रोजेक्ट्स का वादा पूरा नहीं करने के लिए जेसिंडा को घेरने की कोशिश की थी। उन्होंने ऑकलैंड में दोबारा संक्रमण फैलने का मुद्दा भी उठाया। जुडित पहले के डिबेट्स में अच्छा परफॉर्म करते रहे हैं। हालांकि, इस बार वे अपने कैंपेन के लिए उतने मददगार साबित नहीं हुए।

30.4 लाख वोटर्स मतदान करेंगे, अर्ली वोटिंग शुरू
देश में करीब 30.4 लाख लोग इस इलेक्शन में वोट करने के लिए रजिस्टर्ड हैं। अर्ली वोटिंग 3 अक्टूबर शुरू हो चुकी है। न्यूजीलैंड के इलेक्टोरल कमीशन के मुताबिक, 11 अक्टूबर तक 10 लाख से ज्यादा लोगों ने अर्ली वोटिंग की है। यह पिछले चुनाव में हुई अर्ली वोटिंग से ज्यादा है। 2017 में अर्ली वोटिंग शुरू होने के नौ दिन बाद 6.70 लाख लोगों ने ही वोट डाला था। अर्ली वोटिंग के लिए कमीशन की ओर से सावधानी बरती जा रही है। वोटर्स के लिए सेंटर्स पर सेंटेड हैंड सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है। वोटर्स के साइन के लिए 20 लाख डिस्पोजेबल पेन खरीदे गए हैं।

जेसिंडा ने महामारी रोकने में अच्छा काम किया है
जेसिंडा ने महामारी को रोकने में अच्छा किया है। 50 लाख की आबादी वाले इस देश में संक्रमण से सिर्फ 25 मौतें हुई हैं। जून में ही इसने कोरोना पर काबू पाने का पहली बार दावा किया। हालांकि, सितंबर में ऑकलैंड में नए मामले सामने आ गए। इसके बाद ऑकलैंड में दोबारा लॉकडाउन लगाया गया। इसी हफ्ते ऑकलैंड में भी सभी संक्रमित मरीज ठीक हो गए। इसके बाद देश में को दोबारा कोरोना फ्री घोषित किया गया है। डब्ल्यूएचओ समेत कई ग्लोबल ऑर्गनाइजेशन ने महामारी रोकने के लिए न्यूजीलैंड के कामों की तारीफ की है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न मंगलवार को पाल्मर्स्टन नॉर्थ स्थित मासे यूनिवर्सिटी में कैंपेन के दौरान स्टूडें‌ट्स के साथ सेल्फी लेतीं हुईं।

पाकिस्तान में टिकटॉक पर बैन के खिलाफ सिंध हाईकोर्ट में याचिका दायर, सरकार और कंपनी के बीच बातचीत भी शुरू October 13, 2020 at 08:54PM

पाकिस्तान में टिकटॉक पर बैन का विरोध शुरू हो गया है। तीन दिन पहले टिकटॉक को अश्लीलता फैलाने के आरोप में बैन किया गया था। लेकिन, अब इस बैन के खिलाफ सिंध हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि यह बैन अभिव्यक्ति की आजादी के खिलाफ है। दूसरी तरफ, सरकार और चीनी कंपनी टिकटॉक के बीच सुलह के लिए बातचीत शुरू हो गई है।

पिटीशन में क्या कहा गया
वीडियो शेयरिंग ऐप टिकटॉक पर बैन के खिलाफ दायर याचिका में सरकार के फैसले का विरोध किया गया है। इसमें कहा गया है- पाकिस्तान में टिकटॉक के 2 करोड़ यूजर्स हैं। इसको बैन किया जाना संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है। इसके तहत सभी को अपनी बात कहने का अधिकार है। टिकटॉक की वजह से देश या मजहब को खतरा नहीं है। न ही यह किसी अदालत के आदेश का उल्लंघन करता है। अगर कोई इसका गलत इस्तेमाल करता है तो उसकी आईडी ब्लॉक की जा सकती या उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है। याचिका पर हाईकोर्ट कल यानी गुरुवार को सुनवाई करेगा।

कंपनी से बातचीत भी शुरू
टिकटॉक को बैन करने वाली पाकिस्तान टेलिकॉम अथॉरिटी (पीटीए) और कंपनी के बीच बातचीत भी शुरू हो चुकी है। खास बात ये है कि पीटीए ने पिछले महीने कई बार टिकटॉक से अश्लील और आपत्तिजनक कंटेंट हटाने को कहा था। लेकिन, चीनी कंपनी ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। अब कंपनी ने कहा है कि वो पीटीए से बातचीत के जरिए कोई रास्ता निकालने की कोशिश कर रही है। दूसरी तरफ, पीटीए ने कहा है कि टिकटॉक को एक तारीख बतानी होगी कि वो कब आपत्तिजनक कंटेंट हटाएगी।

खतरे में पड़ गई थी सरकार
कुछ महीने पहले पाकिस्तान की दो टिकटॉक स्टार हरीम शाह और संदल खटक के वीडियो वायरल हुए थे। इनमें वो प्रधानमंत्री इमरान और कुछ मंत्रियों के साथ नजर आईं थीं। तब इन मंत्रियों का काफी विरोध हुआ था। मीडिया में कई दिनों तक मुद्दा छाया रहा था। आरोप है कि मामले को ठंडा करने के लिए इन लड़कियों को कनाडा भेज दिया गया। इसके बाद कई संगठनों ने टिकटॉक को बैन करने की मांग की थी।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
पाकिस्तान के कराची शहर में मोबाइल फोन पर व्यस्त लड़का। पाकिस्तान टेलिकॉम अथॉरिटी यानी पीटीए ने 9 अक्टूबर को गुपचुप तरीके से वीडियो शेयरिंग ऐप टिकटॉक को बैन कर दिया था। पाकिस्तान में टिकटॉक के 2 करोड़ यूजर्स हैं। (फाइल)

China and Russia win seats on UN rights council, Saudi loses October 13, 2020 at 08:27PM

China, Russia and Cuba won seats on the UN's premier human rights body Tuesday despite opposition from activist groups over their abysmal human rights records, but another target, Saudi Arabia, lost. In secret-ballot voting in the 193-member UNGA, Pakistan received 169 votes, Uzbekistan 164, Nepal 150, China 139 and Saudi just 90 votes. In 2016, Saudis won a seat with 152 votes.