Friday, July 3, 2020

अब सोमवार को होगा प्रधानमंत्री ओली की किस्मत का फैसला, आज होने वाली स्टैंडिंग कमेटी की बैठक टली July 03, 2020 at 08:43PM

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे पर फैसला अब सोमवार को हो सकता है। शनिवार को होने वाली स्टैंडिंग कमेटी की मीटिंग ऐन वक्त पर टल गई। ओली के मुख्य विरोधी और सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड के बीच लगातार दूसरे दिन बातचीत होगी। इस बातचीत पर सभी निगाहें हैं। इस बातचीत से यह संकेत मिल सकते हैं कि सोमवार को क्या फैसला होगा।
सूत्रों के मुताबिक, दोनों ही नेताओं पर यह दबाव है कि वो पार्टी में किसी तरह की टूट न होने दें। पार्टी के कई सीनियर लीडर चाहते हैं कि इस मसले का हल आपसी सहमति से निकाला जाए।

कुर्सी बचाने की हर कोशिश
एनसीपी के कुछ दूसरी यूनिट नेपाल में प्रभावशाली मानी जाती हैं। काठमांडू पोस्ट अखबार के मुताबिक, ओली ने इन यूनिट के बड़े नेताओं से मुलाकात की और सहयोग मांगा। इनमें से कुछ नेताओं के तो वे ऑफिस या घर तक पहुंच गए। पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रचंड से 3 घंटे अपने घर बातचीत की।

आज स्थायी समिति की बैठक
एनसीपी की स्थायी समिति की आज बैठक होगी। इसमें ओली के भाग्य का फैसला हो सकता है। प्रचंड और ओली की तीन घंटे की मुलाकात में क्या बात हुई, यह जानकारी तो नहीं दी गई, लेकिन मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि दोनों नेताओं में विश्वास बहाली को लेकर चर्चा हुई। प्रचंड ने राष्ट्रपति विद्यादेवी भंडारी से भी मुलाकात की।

ओली कीराह मुश्किल
बुधवार को प्रचंड की अध्यक्षता में पार्टी की स्थाई समिति की बैठक में 44 में से 33 सदस्यों ने ओली के इस्तीफे की मांग की थी। इसके बाद गुरुवार को ओली के इस्तीफे पर सहमति नहीं होने पर समिति की बैठक टाल दी गई थी। अब पार्टी के टूटने का खतरा भी मंडरा रहा है। खास बात ये है कि ओली स्टैंडिंग कमेटी की 7 दिन चली मीटिंग में से सिर्फ 2 में ही शामिल हुए। वे पार्टी नेताओं के सवालों का जवाब देने से बचते रहे।

नई पार्टी बना सकते हैं
ओली के नई पार्टी बनाने की चर्चा है। बताया जा रहा है कि उन्होंने नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी-यूएमएल के नाम से पार्टी का रजिस्ट्रेशन भी कराया है। संकट के बीच काठमांडू में चीन की राजदूत होउ यानकी को राष्ट्रपति विद्यादेवी भंडारी ने डिनर पर बुलाया किया। नेपाल में सबसे ताकतवर राजदूत के रूप में पहचान बनाने वाली यानकी राजनीतिक संकट सुलझाने में भी सक्रिय हैं। प्रधानमंत्री ओली, पूर्व प्रधानमंत्री व नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड से भी इस दौरान उन्होंने मुलाकात की है।

नेपाल में जारी सियासी घमासान से जुड़ी ये खबरें भी आप पढ़ सकते हैं...

1. नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं ने कहा- भारत पर प्रधानमंत्री ओली के आरोप बेबुनियाद, उन्हें फौरन इस्तीफा देना चाहिए
2. इस्तीफे की मांग के बीच ओली थोड़ी देर में देश को संबोधित करेंगे, राष्ट्रपति से मुलाकात की; बजट सत्र भी स्थगित
3. इमरान ने ओली से फोन पर बातचीत का वक्त मांगा, ओली ने भारत पर सरकार गिराने की साजिश का आरोप लगाया था



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नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (दाएं) के साथ सीनियर लीडर और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड। माना जा रहा है कि अगर ओली इस्तीफा देते हैं तो प्रचंड का कुर्सी पर दावा सबसे मजबूत होगा। (फाइल)

न्यूयॉर्क में भारतीय, ताइवानी और तिब्बती अमेरिकियों ने चीन के खिलाफ प्रर्दशन किया, बायकॉट चीन के नारे लगाए July 03, 2020 at 06:57PM

भारतीय मूल के नागरिकों ने शुक्रवार रात न्यूयॉर्क के टाइम्स स्कवायर में चीन के खिलाफ प्रदर्शन किया। खास बात ये है कि इसमें ताइवान और तिब्बती मूल के अमेरिकी नागरिक भी शामिल हुए। इन सभी ने चीन विरोधी बैनर और पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया। साथ ही बायकॉट चीन के नारे लगाए।
15 जून की रात गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। चीन के भी 43 सैनिक और अफसर मारे गए थे। हालांकि, चीन ने इसे अब तक इसे कबूल नहीं किया।

संक्रमण का डर भी नहीं
चीन के खिलाफ इन लोगों में गुस्से का आलम यह था कि इन्होंने संक्रमण संबंधी चेतावनी के बावजूद चीन विरोधी प्रदर्शन किया। हाल के कुछ दिनों में अमेरिका के कई दूसरे शहरों में भी चीन विरोधी प्रदर्शन देखने मिले हैं। इस दौरान लोगों के हाथों में भारत, ताइवान और तिब्बत के झंडे भी थे। यहां कुछ लोगों ने चीन के प्रोडक्ट्स का बायकॉट भी शुरू कर दिया है।

चीन के कारोबार को चोट पहुंचाना जरूरी
टाइम्स स्कवायर पर हुए प्रदर्शन में शामिल कई लोगों ने कहा कि चीन में बनी चीजों का बायकॉट किया जाना जरूरी है। इन लोगों के मुताबिक, अगर चीन से निपटना है तो सबसे पहले उसके आर्थिक हितों पर लगाम लगानी होगी। भारतीयों के संगठन अमेरिकन इंडिया पब्लिक अफेयर्स कमेटी के प्रेसिडेंट जगदीश शेवानी ने कहा- चीन ने भारतीय सैनिकों पर हमला करके अपना असली चेहरा दिखा दिया है। सिर्फ भारत ही नहीं वो कई देशों को परेशान कर रहा है।

चीन में मुस्लिम भी परेशान
जगदीश ने कहा- चीन खुद अपने देश के नागरिकों के लिए भी मुसीबत बनता जा रहा है। वहां के शिनजियांग प्रांत में उईगर मुस्लिमों के अधिकार छीन लिए गए हैं। प्रदर्शन में शामिल तिब्बती नागरिकों ने कहा कि चीन की वजह से उनकी संस्कृति खतरे में पड़ गई है। हजारों लोगों को जेल रखा गया है। तिब्बती नेता दोर्जी तेस्तेन ने कहा- हम भारत और अमेरिका से अपील करते हैं कि वो चीन का मुकाबला करें। चीन पर वक्त रहते काबू पाना जरूरी है।

भारत-चीन सीमा विवाद पर आप ये भी खबरें पढ़ सकते हैं...
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2.चीन के साथ विवाद की पूरी कहानी: 58 साल में चौथी बार एलएसी पर भारतीय जवान शहीद हुए, 70 साल में बतौर पीएम मोदी सबसे ज्यादा 5 बार चीन गए
3.गलवान के 20 शहीदों के नाम: हिंसक झड़प में शहीद हुए 20 सैनिक 6 अलग-अलग रेजिमेंट के, सबसे ज्यादा 13 शहीद बिहार रेजिमेंट के

4.शहीद बताया जवान जिंदा निकला: भारतीय जवान की कल शहादत की खबर मिली थी, उसने आज खुद पत्नी को फोन कर बताया- जिंदा हूं
5.भारत-चीन झड़प की आंखों देखी: दोपहर 4 बजे से रात 12 बजे तक एक-दूसरे का पीछा कर हमला करते रहे; भारत के 17 सैनिक नदी में गिरे



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न्यूयॉर्क के टाइम्स स्कवायर में हुए चीन विरोधी प्रदर्शन में भारत के अलावा ताईवान और तिब्बत के नागरिक भी शामिल हुए। इन लोगों ने बायकॉट चीन के नारे लगाए।

Global coronavirus cases rise to more than 11 million July 03, 2020 at 06:27PM

Latin America, where Brazil has 1.5 million cases, makes up 23% of the global total of people infected. India has become the new epicenter in Asia, rising to 625,000 cases.

At Mount Rushmore, Trump says protesters seek to 'defame' heroes July 03, 2020 at 05:53PM

Speaking to a largely maskless crowd at Mount Rushmore, President Donald Trump said Friday that protesters have waged "a merciless campaign to wipe out our history" amid demonstrations against racial injustice and police brutality.

2 US aircraft carriers conduct exercises in South China Sea July 03, 2020 at 05:33PM

"I can confirm that the USS Nimitz (CVN 68) and USS Ronald Reagan (CVN 76) are conducting dual-carrier operations and exercises in the South China Sea to support a free and open Indo-Pacific. High-end integrated exercises build unmatched flexibility, endurance, manoeuvrability and firepower in an all-domain war-fighting environment," Lt Cmdr. Sean Brophy, APR+M, Public Affairs Officer for the Ronald Reagan Carrier Strike Group, told ANI.

Man who crashed gate where Canada Justin Trudeau lives facing 22 charges July 03, 2020 at 05:40PM

A man who allegedly crashed his truck through a gate on the grounds where Prime Minister Justin Trudeau lives was charged with 22 crimes on Friday, including weapons offenses and uttering threats. Royal Canadian Mounted Police Deputy Commissioner Mike Duheme said Corey Hurren had several weapons when he was arrested Thursday.

कुर्सी बचाने के लिए नाराज नेताओं के घर पहुंचे प्रधानमंत्री ओली; इस्तीफे पर आज हो सकता है फैसला July 03, 2020 at 05:20PM

नेपाल की सियासत के लिहाज से शनिवार अहम साबित हो सकता है। आज प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे पर फैसला हो सकता है। सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) की स्टैडिंग कमेटी के 40 में से 33 नेता ओली के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ओली नाराज नेताओं में से कुछ मनाने उनके घर तक जा रहे हैं। हालांकि, मुख्य विरोधी पुष्प कमल दहल प्रचंड से उन्होंने अपने घर ही तीन घंटे मुलाकात की। एनसीपी की दूसरी विंग के नेताओं से भी प्रचंड ने बातचीत की।

कोविड-19 पर काबू पाने के मामले में ओली पहले ही निशाने पर थे। भारत और चीन के विवाद में जब उन्होंने भारत पर सरकार गिराने की साजिश रचने के आरोप लगाए तो मामला ज्यादा बिगड़ गया। अब उनसे इस्तीफा मांगा जा रहा है।

कुर्सी बचाने की हर कोशिश
एनसीपी के कुछ दूसरी यूनिट नेपाल में प्रभावशाली मानी जाती हैं। काठमांडू पोस्ट अखबार के मुताबिक, ओली ने इन यूनिट के बड़े नेताओं से मुलाकात की और सहयोग मांगा। इनमें से कुछ नेताओं के तो वे ऑफिस या घर तक पहुंच गए। पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रचंड से 3 घंटे अपने घर बातचीत की।

आज स्थायी समिति की बैठक
एनसीपी की स्थायी समिति की आज बैठक होगी। इसमें ओली के भाग्य का फैसला हो सकता है। प्रचंड और ओली की तीन घंटे की मुलाकात में क्या बात हुई, यह जानकारी तो नहीं दी गई, लेकिन मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि दोनों नेताओं में विश्वास बहाली को लेकर चर्चा हुई। प्रचंड ने राष्ट्रपति विद्यादेवी भंडारी से भी मुलाकात की।

ओली का राह मुश्किल
बुधवार को प्रचंड की अध्यक्षता में पार्टी की स्थाई समिति की बैठक में 44 में से 33 सदस्यों ने ओली के इस्तीफे की मांग की थी। इसके बाद गुरुवार को ओली के इस्तीफे पर सहमति नहीं होने पर समिति की बैठक टाल दी गई थी। अब पार्टी के टूटने का खतरा भी मंडरा रहा है। खास बात ये है कि ओली स्टैंडिंग कमेटी की 7 दिन चली मीटिंग में से सिर्फ 2 में ही शामिल हुए। वे पार्टी नेताओं के सवालों का जवाब देने से बचते रहे।

नई पार्टी बना सकते हैं
ओली के नई पार्टी बनाने की चर्चा है। बताया जा रहा है कि उन्होंने नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी-यूएमएल के नाम से पार्टी का रजिस्ट्रेशन भी कराया है। संकट के बीच काठमांडू में चीन की राजदूत होउ यानकी को राष्ट्रपति विद्यादेवी भंडारी ने डिनर पर बुलाया किया। नेपाल में सबसे ताकतवर राजदूत के रूप में पहचान बनाने वाली यानकी राजनीतिक संकट सुलझाने में भी सक्रिय हैं। प्रधानमंत्री ओली, पूर्व प्रधानमंत्री व नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड से भी इस दौरान उन्होंने मुलाकात की है।

नेपाल में जारी सियासी घमासान से जुड़ी ये खबरें भी आप पढ़ सकते हैं...

1. नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं ने कहा- भारत पर प्रधानमंत्री ओली के आरोप बेबुनियाद, उन्हें फौरन इस्तीफा देना चाहिए
2. इस्तीफे की मांग के बीच ओली थोड़ी देर में देश को संबोधित करेंगे, राष्ट्रपति से मुलाकात की; बजट सत्र भी स्थगित
3. इमरान ने ओली से फोन पर बातचीत का वक्त मांगा, ओली ने भारत पर सरकार गिराने की साजिश का आरोप लगाया था



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नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (दाएं) के साथ सीनियर लीडर और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड। माना जा रहा है कि अगर ओली इस्तीफा देते हैं तो प्रचंड का कुर्सी पर दावा सबसे मजबूत होगा। (फाइल)

Pakistani foreign minister tests positive for Covid-19 July 03, 2020 at 04:21PM

Pakistani foreign minister Shah Mehmood Qureshi said on Friday he had tested positive for Covid-19, days after holding high-profile meetings including one with US special representative on Afghanistan Zalmay Khalilzad in Islamabad. In the last few days, Qureshi has had contact with Pakistani PM Khan in parliament and in a cabinet meeting on Wednesday.

पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी संक्रमित, ब्राजील में मामले 15 लाख से ज्यादा हुए; दुनिया में अब 1.19 करोड़ केस July 03, 2020 at 04:27PM

दुनियाभर में कोरोनावावायरस से अब तक 1 करोड़ 19 लाख 09 हजार 678 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 62 लाख 97 हजार 610 मरीज ठीक हो चुके हैं। 5 लाख 29 हजार 113 लोगों की मौत हो गई है। एक अहम खबर पाकिस्तान से आ रही है। यहां विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी पॉजिटिव पाए गए हैं। कुरैशी ने खुद इसकी जानकारी दी। ब्राजील में मामले 15 लाख से ज्यादा हो गए हैं।

10 देश जहां कोरोना का असर सबसे ज्यादा

देश

कितने संक्रमित कितनी मौतें कितने ठीक हुए
अमेरिका 28,90,588 1,32,101 12,35,488
ब्राजील 15, 43,341 63,254 9,45,915
रूस 6,67,883 9,859 4,37,893
भारत 6,49,889 18,669 3,94,319
स्पेन 2,97,625 28,385 उपलब्ध नहीं
पेरू 2,95,599 10,226 1,85,852
चिली 2,88,089 6,051 2,53,343
ब्रिटेन 2,84,276 44,131 उपलब्ध नहीं
इटली 2,41,184 34,833 1,91,467
मैक्सिको 2,35,429 11,260 1,96,446

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पाकिस्तान : कुरैशी पॉजिटिव
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद शुक्रवार रात कोरोना पॉजिटिव पाए गए। कुरैशी ने खुद ट्विटर पर इसकी जानकारी दी। कहा- मैं हल्का बुखार महसूस हुआ था। मैंने खुद को क्वारैंटाइन कर लिया। अब टेस्ट रिजल्ट पॉजिटिव आया है। मैं अपना काम घर से करूंगा। मेरे लिए दुआएं कीजिए। दो पूर्व प्रधानमंत्रियों के अलावा रेलवे मिनिस्टर शेख रशीद और कुछ दूसरे नेता संक्रमित हो चुके हैं। पाकिस्तान में 2 लाख 23 हजार से ज्यादा संक्रमित हैं। 4 हजार 595 की मौत हो चुकी है।

ब्रिटेन : अमेरिकी नागरिकों के लिए शर्त
ब्रिटेन सरकार ने शुक्रवार रात 59 देशों के नागरिकों को राहत दी। अब इन देशों से आने वाले नागरिकों को क्वारैंटाइन नहीं रहना होगा। हालांकि, यह उनकी जांच पर निर्भर करेगा। खास बात यह है कि इस लिस्ट में अमेरिका शामिल नहीं है। वहां से आने वाले लोगों को क्वारैंटाइन पीरिएड पूरा करना होगा। यह लिस्ट 10 जुलाई से लागू होगी। हेल्थ डिपार्टमेंट ने कहा- हम पहले भी साफ कर चुके हैं कि कोरोना को लेकर तैयारियों में किसी तरह की ढील नहीं दी जा सकती।

लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर मौजूद स्टाफ। ब्रिटेन ने 59 देशों से आने वाले पैसेंजर्स के क्वारैंटाइन की शर्त हटा ली है। हालांकि, अमेरिकी नागरिकों को फिलहाल इस मामले में राहत नहीं मिलेगी।

ब्राजील : संक्रमितों की संख्या 15 लाख के पार
ब्राजील में पिछले 24 घंटे के दौरान 42 हजार 223 नए मामले दर्ज किए जाने के कारण इससे प्रभावित होने वाले लोगों की संख्या 15 लाख के पार पहुंच गई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में अब तक 15 लाख 39 हजार 081 लोग संक्रमित हुए हैं। इससे एक दिन पूर्व यानी गुरुवार को यहां कोरोना के 48 हजार 105 नए मामले दर्ज किए गए थे। ब्राजील कोरोनावायरस से अमेरिका के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है।

ब्राजील के रियो डि जेनेरियो में शुक्रवार को समुद्र की लहरों को देखती महिला। ब्राजील में अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा संक्रमित हैं। यह आंकड़ा 15 लाख से ज्यादा हो चुका है।

अमेरिका : जॉर्जिया में कुत्ता पॉजिटिव
अमेरिका के जॉर्जिया राज्य में एक कुत्ते का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया है। अमेरिका में किसी जानवर के पॉजिटिव पाए जाने का यह दूसरा मामला है। हेल्थ डिपार्टमेंट की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि इस कुत्ते के मालिक को कुछ दिन पहले पॉजिटिव पाया गया था। मेडिकल एक्सपर्ट्स की एक टीम इस मामले पर नजर रख रही है।

शुक्रवार को कोलंबिया के बोगोटा में फेस मास्क लगाए महिला एक स्टोर के सामने से गुजरती हुई। यहां ग्राहकों को लुभाने और कारोबार को पटरी पर लाने के लिए सेल्स टैक्स में राहत दी गई है।


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पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी शुक्रवार को कोरोना पॉजिटिव पाए गए। उन्होंने कहा- मुझे हल्का बुखार है। देश के रेल मंत्री शेख रशीद भी पिछले दिनों पॉजिटिव पाए गए थे। (फाइल)

डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बिडेन की लोकप्रियता सभी वर्गों के बीच बढ़ी, सर्वे में ट्रम्प की जीत के आसार केवल 10% July 03, 2020 at 02:49PM

नवंबर में होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बिडेन का पलड़ा फिलहाल भारी नजर आता है। कोविड-19 का प्रकोप होने से पहले अर्थव्यवस्था की तेज गति से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दोबारा चुने जाने की बहुत संभावना थी।

ऐसे हालात में लगभग सभी सत्तारूढ़ राष्ट्रपति जीतते रहे हैं। लेकिन, इकोनॉमिस्ट के चुनाव मॉडल ने इस समय ट्रम्प के जीतने की संभावना केवल दस प्रतिशत बताई है। ट्रम्प राष्ट्रीय जनमत सर्वे में अपने प्रतिद्वंद्वी से केवल कुछ अंक पीछे थे। अब राष्ट्रपति बहुत मुश्किल में हैं। जो बिडेन ने नौ अंकों की बढ़त हासिल कर ली है। कुछ सर्वे में तो बढ़त और ज्यादा है।

फ्लोरिडा, मिशीगन और विस्कांसिन में कड़े मुकाबले
फ्लोरिडा, मिशीगन और विस्कांसिन जैसे कड़े मुकाबले के राज्यों में जो बिडेन की स्थिति बेहतर है। बुजुर्ग वोटरों के बीच भी उन्हेें काफी समर्थन मिल रहा है। आश्चर्य की बात है कि कॉलेज न जाने वाले श्वेत वोटर भी उनके साथ जुड़े हैं। वायरस ने बड़ी संख्या में वोटरों को अहसास कराया है कि 74 साल के ट्रम्प राष्ट्रपति पद के काबिल नहीं हैं।

नवंबर के लिए अभी लंबा समय है। यदि कोरोना वायरस ठंडा पड़ता है। अर्थव्यवस्था सुधरती है तो आने वाले दिनों में ट्रम्प के आसार सुधर सकते हैं। अगर वायरस का भीषण प्रकोप जारी रहा। डाक से वोटिंग के पर्याप्त इंतजाम नहीं हुए तब कम वोटिंग के कारण मुकाबला अप्रत्याशित हो जाएगा। कैसी भी स्थिति हो ट्रम्प पहले की तरह विभाजनकारी तौर तरीकों से फायदा उठाने की कोशिश करेंगे।

अनुभव और नरम रुख जो बिडेन के काम आएगा

  • जो बिडेन 77 वर्ष के हैं लेकिन ट्रम्प की अधिक आयु के कारण यह मुद्दा उनके खिलाफ नहीं जाएगा। वे उपराष्ट्रपति रह चुके हैं। 1972 में 30 साल से कम आयु में पहली बार सीनेटर बने थे।
  • सर्वे में डेमोक्रेटिक प्रभाव के राज्यों मिशीगन, पेनसिल्वानिया,विस्कांसिन में बाइडेन बहुत आगे हैं। एरिजोना, जार्जिया और टैक्सास जैसे रिपब्लिकन प्रभाव वाले राज्यों में भी वे कड़े मुकाबले में हैं।
  • अनुभव, विनम्रता और मध्य मार्गी झुकाव जो बिडेन की स्थिति को मजबूत बनाता है। लोगों को यह भी लगता है कि वे अमेरिका की पुरानी स्थिति बहाल कर सकते हैं।

बिना कुछ किए अच्छी स्थिति में पहुंचे जो बिडेन
बिडेन बहुत कुछ किए बिना अच्छी स्थिति में पहुंच गए हैं। ट्रम्प की कमजोरी से डेमोक्रेटिक पार्टी को सीनेट में बहुमत मिला है। कोविड-19 और अश्वेत जार्ज फ्लॉयड की मौत से भड़की सामाजिक अशांति से पहले जो बिडेन अमेरिका और दुनिया को 2016 के पहले की स्थिति में ले जाने की बात कर रहे थे। ट्रम्प इसे खतरा बता रहे हैं। वे वोटर को डरा रहे हैं कि उनका प्रतिद्वंद्वी बुढ़ापे के कारण डगमगाता हुआ मूर्ख है।

उन्हें पुलिस को खत्म करने और हर किसी की गन जब्त करने का इरादा रखने वाले खतरनाक उग्र सुधारवादी बंधक बना लेंगे। कुछ डेमोक्रेट्स जो बिडेन के बारे में इससे उलटा सोचते हैं। उन्हें एक बुजुर्ग के अपने मध्यमार्गी तरीकों में उलझे रहने की आशंका है। वैसे, जो बिडेन ने रंगभेद, धर्म और अन्य महत्वपूर्ण मसलों पर अपने विचारों में बदलाव किया है। गर्भपात के अधिकारों, स्कूलों में श्वेतों, अश्वेतों को अलग करने जैसे मुद्दों पर ढुलमुल रुख के कारण वामपंथी उन्हें संदेह की निगाह से देखते हैं।

2016 में ट्रम्प की जीत में उनकी बड़ी भूमिका नहीं थी। वह ध्वस्त हो रहे सिस्टम के खिलाफ वंचित लोगों की नाराजगी का इजहार था। लगातार पांच साल से बढ़ रही बेरोजगारी से लोग असंतुष्ट थे। यह अलग समय है, कोरोना वायरस से एक लाख 30 हजार से अधिक अमेरिकियों की मौत हो चुकी है। बेरोजगारी आसमान छू रही है। शालीनता और मर्यादा से जुड़े मध्यमार्गी मूल्य, अनुभव और योग्य लोगों की सलाह पर काम करने की इच्छा जैसे गुण लोगों को आकर्षित कर सकते हैं। जो बिडेन इन मूल्यों की झलक दिखाते हैं।



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फ्लोरिडा, मिशीगन और विस्कांसिन जैसे कड़े मुकाबले के राज्यों में जो बिडेन की स्थिति बेहतर है। (फाइल)

After HK, US & China spar over PLA drills in South China Sea July 03, 2020 at 02:11PM

केंद्र की सुप्रीम कोर्ट में अपील- इटली के नौसैनिकों के खिलाफ केस बंद हो; इंटरनेशनल कोर्ट ने इसे भारतीय कानून से बाहर बताया है July 03, 2020 at 06:14AM

सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इटली के दौ नैसैनिकों के खिलाफ चल रहे मामले को बंद करने के लिए अर्जी दाखिल की है। 2012 में केरल में समुद्री तट पर दोनों नौसैनिकों ने दो भारतीय मछुआरों की हत्या कर दी थी। एक दिन पहले इस मामले में इंटरनेशनल कोर्ट ने फैसला दिया है।
इंटरनेशनल कोर्ट ने कहा था कि यह मामला भारतीय कानून के दायरे से बाहर है। वहीं, इस मामले में इटली से नुकसान की भरपाई करने के लिए भी कहा है। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कोर्ट से कहा कि भारत ने इंटरनेशनल कोर्ट के फैसले को मानने का फैसला किया है।

क्या है मामला?
15 फरवरी 2012 को इटली के नौसैनिक सैलवाटोर गिरोन और मैसीमिलानो लैटोरे ने केरल के पास समुद्र में दो भारतीय मछुआरों को गोली मारकर हत्या कर दी थी। भारत ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया था। इटली का कहना था कि यह घटना भारतीय समुद्री सीमा से बाहर हुई इसलिए भारत कार्रवाई नहीं कर सकता। भारत का कहना था कि मारे गए मछुआरे भारतीय हैं तो कार्रवाई भी भारत करेगा।

2015 में भारत ने इटली भेज दिए नौसैनिक
भारत ने इटली के दोनों नौसैनिकों को 2015 में जमानत में ढील देते हुए वोटिंग में शामिल होने के लिए इटली भेजा था। बाद में इटली ने इन सैनिकों को वापस नहीं भेजा। इस पर दोनों देशों के रिश्तों में काफी खटाश आ गई थी।



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भारत ने इटली के दोनों नौसैनिकों को 2015 में जमानl में ढील देते हुए वोटिंग में शामिल होने के लिए इटली भेज दिया था।- फाइल फोटो

अपने गलत अनुमानों की वजह से जोखिम का सही आकलन नहीं कर पाता इंसान, एक्सपर्ट्स ने बताए पांच जरूरी वजहें July 03, 2020 at 02:55AM

एसी शिल्टन. कोरोनावायरस से बचने के लिए दुनियाभर में लोग करीब 4 महीनों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। हालांकि, कई जगहों पर अनलॉक के शुरू होते ही बाहर निकलने के रास्ते खुल गए हैं। ऐसे में कई इस गणित में व्यस्त हैं कि इस दौरान हमें कितना सावधान रहना है। डिकिन्सन कॉलेज में प्रोफेसर मरी हेलवेग-लार्सन के मुताबिक, यहां केवल एक दिक्कत है वो यह कि इंसान जोखिम का आकलन करने में बहुत अच्छा नहीं है। खासतौर से अपने खुद के जोखिम के मामले में। हालांकि, इंसान के मनोविज्ञान में ऐसी कई चीजें हैं, जो जोखिम की समझ को बदल सकती हैं।

खुद के प्रति ज्यादा आशावादी होना

  • डॉक्टर हेलवेग लार्सन के मुताबिक, यह सोशल साइकोलॉजी की सबसे बुनियादी चीज है, जिसमें लोगों को यह लगता है कि उनका जोखिम दूसरों से कम है। उन्होंने बताया कि इस तरह की घटनाएं दुनियाभर की कई संस्कृतियों में देखी जाती हैं। हालांकि, व्यक्तिवादी समाज (इंडीविजुअलिस्टिक सोसाइटी) में रहने वाले लोग इसका ज्यादा प्रदर्शन करते हैं।

नियंत्रण का गलत एहसास

  • डॉक्टर हेलवेग लार्सन ने कहा "लोगों को जितना ज्यादा नियंत्रण खुद पर होता है, आमतौर पर वे उतने कम चिंतित होते हैं।" इसलिए कई लोग हवाई जहाज के मुकाबले कार से जाने के ज्यादा सुरक्षित मानते हैं। जबकि, आंकड़े देखें तो कार ज्यादा खतरनाक है।"
  • नेशनल ट्रांसपोर्ट सेफ्टी बोर्ड के मुताबिक, 2018 में अमेरिका में हुए सड़क हादसों में 36560 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। हवाई यात्रा के दौरान 381 मौत हुई थीं। ऐसे में जब मास्क लगाना और बार-बार हाथ धोना कोरोनावायरस के जोखिम को कम करने के तरीके हैं, सोशल डिस्टेंसिंग अभी भी कोविड-19 से बचने का जरूरी उपाय है।

संकेत स्पष्ट नहीं होना

  • डॉक्टर हेलवेग लार्सन के मुताबिक, हमें कई बार खतरों के बारे में एक ही बात का पता कई जगहों से चलता है। उदाहरण के लिए हमें यह तब ही पता लग गया था, जब हम बच्चे थे कि स्मोकिंग से कैंसर होता है। हो सकता है कि हमें इसके बारे में पैरेंट्स से पता लगा हो या स्कूल से।
  • कोविड 19 के खतरों को लेकर भी कई बातेंस्पष्ट नहीं हैं। इसके साथ ही कई बार स्वास्थ्य अधिकारियों और एक्सपर्ट्स में भी सुरक्षा के मामले में एक-दूसरे को लेकर असहमति देखी गई। ऐसे में हमारे पास इतने संकेत हैं और यह पता लगाने में हमें मुश्किल हो रही है कि हमें किस संकेत को मानना है।

तसल्ली

  • अगर आप यह सोच रहे हैं कि क्या दोस्तों के साथ बाहर खाना सुरक्षित है या नहीं, तो हो सकता है आप सर्च करें "क्या कोरोनावायरस के दौरान बाहर खाना खाना सुरक्षित है?"। डॉक्टर हेलवेग लार्सन बताती हैं कि इसे सर्च करने पर संभावित रूप से ऐसे आर्टिकल आएंगे, जिसमें लिखा होगा कि ऐसे वक्त में बाहर खाना क्यों सुरक्षित है।
  • हेलवेग कहते हैं कि "ज्यादातर लोग एक पुख्ता सबूत तलाशते हैं।" उन्होंने बताया कि इसे "कंफर्मिंग बायस" कहा जाता है। अगर आप सच में बाहर भोजन करने को लेकर जानकारी चाहते हैं तो आपको सर्च करना चाहिए "कोरोनावायरस के दौरान बाहर जाकर खाने से क्या खतरे हो सकते हैं।"

एक्स्पोजर थैरेपी

  • हम में से कई महामारी में रहने के आदी हो रहे हैं। इससे हमारे बचाव की ताकत भी कम हो रही है। ह्यूस्टन स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के ट्रॉमा एंड रेसिलिएंस सेंटर के डायरेक्टर और मैकगवर्न मेडिकल स्कूल में साइकेट्री के प्रोफेसर रॉन एसिएर्नो के अनुसार, चिंता और घबराहट से संबंधित फोबिया के शिकार मरीजों का इलाज एक्सपोजर थेरेपी या डर का सामना करा कर किया जाता है। उन्होंने कहा "अगर आप कुत्तों से डरते हैं और आपको पपी स्टोर में काम करना पड़े तो आप उसके आदी हो जाएंगे।"
  • कोरोनावायरस के दौर में रहना भी एक तरह की पेंडेमिक एक्स्पोजर थैरेपी है। किसी दुकान तक पहली बार जाने में आप घबरा सकते हैं, लेकिन अगर आप बीमार नहीं हुए तो दूसरी बार आप कम डर के साथ जाएंगे। इसके बाद हो सकता है आप कुछ गैरजरूरी कामों के बारे में भी सोचें।
  • मुझे यह मानना होगा कि 4 महीने पहले की तुलना में अब कम घबराहट महसूस कर रहा हूं। जबकि अब मेरे ग्रामीण इलाके में कोविड 19 संक्रमण का खतरा ज्यादा है। इसके अलावा हम एक और चीज जो सोच रहे हैं वो है आम जीवन में वापस लौटने की इच्छा।
  • डॉक्टर हेलवेग लार्सन कहती हैं कि यह जानना असामान्य नहीं है कि आप जो करने वाले हैं वो जोखिम भरा है, लेकिन आप यह भी जानते हैं कि इसके बाद जो ईनाम मिलेगा वो जोखिम से बड़ा होगा। हालांकि, वे सभी से इस बारे में दो बार सोचने की अपील करती हैं कि मिलने वाला ईनाम क्या वाकई में इतना बड़ा है। खासकर इस वक्त में।

हमारा दिमाग कभी-कभी आशावादी हो सकता है।हमेशा यह बुरा नहीं हो सकता है। इस तरह के हालात में आपका दिमाग आपको गैरजरूरी जोखिम में डाल सकता है।



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Human beings could not assess the risk correctly due to their miscalculations

Philippines warns China of 'severest response' over drills July 03, 2020 at 02:13AM

UK to allow quarantine-free travel to some low-risk countries July 03, 2020 at 01:48AM

While the complete list of the estimated 50 low-risk countries is yet to be released, European countries of Germany, France, Spain and Italy have been confirmed as being within the green zone. Under the Covid-19 lockdown rules most travellers from any part of the world coming into UK currently have to self-isolate.

Boris Johnson calls for 'safe and sensible' behaviour as bars, pubs set to reopen in UK July 03, 2020 at 02:01AM

UK Prime Minister Boris Johnson on Friday urged people to act "safely and sensibly" as the coronavirus lockdown restrictions are set to further ease up in England to allow bars, pubs and restaurants to reopen from Saturday. UK Prime Minister Boris Johnson on Friday urged people to act "safely and sensibly" as the coronavirus lockdown restrictions are set to further ease up in England to allow bars, pubs and restaurants to reopen from Saturday.

Macron names senior French official Jean Castex new PM: presidency July 03, 2020 at 01:14AM

President Emmanuel Macron on Friday named senior French civil servant Jean Castex, who drew up the policy for easing the coronavirus lockdown, as his new prime minister as part of a government reshuffle. "The president of the Republic has named Jean Castex as prime minister and mandated him to form a government

China exercises will 'further destabilize' South China Sea: US July 03, 2020 at 12:47AM

The Pentagon said it was "concerned" about Chinese military exercises around a disputed archipelago in the South China Sea, warning that the maneuvers will "further destabilize" the region. China's expanding military presence in the contested waters has worried several of its neighbors, and Washington rejects Beijing's territorial claims to much of the region

कराची के पास बस-ट्रेन की टक्कर में 19 सिख श्रद्धालुओं की जान गई, बिना फाटक वाली रेलवे क्रॉसिंग की वजह से हादसा July 03, 2020 at 12:41AM

पाकिस्तान में शुक्रवार दोपहर एक ट्रेन हादसे में 19 सिख श्रद्धालुओं की मौत हो गई। सिख श्रद्धालुओं को ले जा रही एक बस लाहौर से कराची जा रही शाह हुसैन एक्सप्रेस से टकरा गई। यह टक्कर फारूकाबाद स्टेशन के पासहुई। पाकिस्तान के न्यूज वेबसाइट‘द डॉन न्यूज’ के मुताबिक, 15 श्रद्धालुओं की मौके पर ही मौत हो गई।

इमरान ने शोक व्यक्त किया
रेलवे अधिकारियों ने कहा कि एक्सीडेंट की वजह बिना गेट वालीरेलवे क्रॉसिंग है। यहां तेज रफ्तार शाह हुसैन एक्सप्रेस निकल रही थी। इसी दौरान बस के ड्राइवर ने भी गेट क्रॉस करने की कोशिश की। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्रधानमंत्री इमरान खान ने घटना पर शोक जताया।

रेल मंत्री शेख रशीद ने जांच के आदेश दिए हैं। बताया जाता है कि सभी सिख श्रद्धालु ननकाना साहिब से मत्था टेककर लौट रहे थे।

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पिछले साल दो हादसों में 100 लोग मारे गए थे
पाकिस्तान में पिछले साल अक्टूबर में तेजगाम रेल हादसा हुआ था। इसमें 89 लोगों की मौत हो गई थी। तब इमरान खान का एक पुराना वीडियो काफी वायरल हुआ था। यह वीडियो नवाज शरीफ के दौर का था। तब इमरान ने रेल हादसे पर रेलमंत्री के इस्तीफे की मांग की थी। हालांकि, तेजगाम हादसे के बाद उन्होंने बड़बोले रेल मंत्री शेख रशीद का बचाव किया था। इसके अलावा 1 जुलाई 2019 को सादिकाबाद में मालगाड़ी और एक्सप्रेस ट्रेन की टक्कर में 11 लोग मारे गए थे।

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पाकिस्तान में शुक्रवार को ट्रेन और बस की टक्कर का यह फोटो वहां के अखबार द डॉन ने जारी किया है। घटना में 19 सिख श्रद्धालुओं की मौत हो गई है।

Refrain from any action to escalate situation at LAC: China on PM Modi's Ladakh visit July 03, 2020 at 12:01AM

"India and China are in communication and negotiations on lowering the temperatures through military and diplomatic channels. No party should engage in any action that may escalate the situation at this point," Chinese Foreign Ministry spokesperson Zhao Lijian said during a briefing when asked about the Prime Minister's visit.

मोदी ने चीन और दुनिया को बताया- लद्दाख का ये पूरा इलाका भारत का है, जहां न सिर्फ सेना खड़ी है, बल्कि देश के प्रधानमंत्री भी मौजूद हैं July 02, 2020 at 09:24PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार सुबह अचानक लेह पहुंचकर हर किसी को चौंका दिया है। उनकेइस दौरे को चीन और दुनिया को मैसेज देने के तौर पर देखा जा रहा है। इस दौरेके कूटनीतिक और राजनीतिक मायने क्या हैं? इससे क्या चीन सीमा पर तनाव और बढ़ेगा? चीन और दुनिया को इससे क्या संदेश जाएगा? इस पूरे मसले परहमने विदेश मामलों के जानकार हर्ष वी पंत से बातचीत की।


कूटनीतिक मायने-

यह साफ है कि भारत सरकार इस पूरे मामले में चीन को अंडर स्कोर कर रही है। सरकार यह बताना चाह रही है कि यह विवाद एकतरफा चीन ने पैदा किया है। वह जमीन कल भी हिंदुस्तान के पास थी, आज भी है। हमारेप्रधानमंत्री वहां जा सकतेहैं।

  • प्रधानमंत्री मोदी खुदवहां जाकर यह बता रहे हैं कि भारत अपनी संप्रभुता के साथ कोई समझौता नहीं करेगा। वोचीन को संदेश दे रहे हैं कि भारत अपनी एक इंच जमीन नहीं छोड़ेगा, पूरा लद्दाख भारत का है।
  • प्रधानमंत्री का वहां जाना, इस बात को भीबताता है कि टॉप लेवल लीडरशिप इस मामले को कितनी गंभीरता से ले रही है। सरकार यह भी बता रही है कि दोनों देशों के बीच भले हीबातचीतचलरही है, लेकिन यह विवाद चीन की वजह से है।

दुनिया को संदेश-

  • प्रधानमंत्री यह भी बता रहे हैं कि भारत पूरी तरह से उस जमीन पर कब्जा बनाए रखने में सक्षम है। यह मैसेज सिर्फ चीन के लिए ही नहीं, उन देशों के लिए भी है, जो इस कन्फ्यूजन में हों कि आखिर यह मुद्दा क्या है। भारत का स्टैंड क्या है।
  • इस दौरे से दुनिया को यह पूरी तरह से पता चल गयाकि यह भारत का इलाका है, जहां न सिर्फ सेना खड़ी है, बल्कि भारत के प्रधानमंत्री भी मौजूद हैं।

आगे चीन का रवैया क्या हो सकता है-

  • चीन बार-बार यही करता रहाहै कि जब भी अरुणाचल प्रदेश में चुनाव होते हैं या प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री वहां जाते हैं, तो वो एक बयान जारी कर देता है कि यह ठीक नहीं है। लेकिन यहां चीन यह भी नहीं बोल सकता है कि प्रधानमंत्री लेह क्यों आए हैं।
  • चीन अपने माउथपीस मीडिया के जरिए यही कहेगा कि इस मुद्दे पर भारत में कितनी घबराहट है। भारत बौखला गया है। प्रधानमंत्री को खुदजाना पड़ रहा है। चीन किसी डिप्लोमैटिक स्टैंड की स्थिति में नहीं है।

गलवान के बाद भारत की डिप्लोमेसी-

  • भारत ने चीन को यह साफ बता दिया है कि तुम हमारी सीमा को क्रास नहीं कर सकते हो। तुम हमारी जमीन की ओर देख भी नहीं सकते हो। वहीं, चीन पर बहुत प्रेशर में है। उस पर तमाम आर्थिक प्रतिबंध हैं। कोरोना को लेकर दुनिया उसे घेर रही है। वहां इंटरनल पॉलिटिक्स भी चल रही है।
  • भारत अपनी डिप्लोमेटिक रणनीति को साधने में सफल हुआ है। भारत ने हाल ही में यूनाइटेड नेशंस में हांगकांग का मुद्दा उठाया है। भारत की रूस के साथ कल वार्ता हुई, इसमें रक्षा डील भी हुई है। अमेरिका खुलकर भारत के पक्ष में बोल रहा है।
  • चीन को मैसेज जा रहा है कि भारत न सिर्फ खुद खड़े होने सक्षम है, बल्कि दूसरे देश भी उसके साथ खड़े हैं।चीन से जो खफा देश हैं, वह भारत के साथ आ रहेहैं। बीच वाले देश जैसे रूस भी भारत के साथ आया है। चीन के पास कोई ऐसा देश नहीं है, जो उसके साथ खड़ा हो।

प्रधानमंत्री मोदी की स्ट्रैजी-

  • भारत चीन को डिप्लोमेटिक तौर से अलग-थलग करने में सफल रहा है। पिछले कुछ दिनों से यह चर्चा है कि प्रधानमंत्री ने चीन का एक बार भी नाम नहीं लिया है। लेकिन उन्होंने चीन का नाम न लेकर सबकुछ किया है।
  • इस मुद्दे को मीडिया और विपक्ष भी लगातार उठा रहा है। अभी भारत की तरफ से वो सबकुछ हो रहा है, जो चीन को टारगेट करके किया जा रहा है। चीन भी समझ गया है कि भारत की ओर सेक्या किया जा रहा है। यह सब एक अच्छी रणनीति के तहत हो रहा है।
  • यह समझी हुई पहल है,क्योंकि डिप्लोमेसी में सिम्बोलिजम बहुत अहम होता है। प्रधानमंत्री का यह दौरा सुरक्षा बलों को मनोबल बढ़ाने के लिए है। हमारे दूसरे सहयोगी देशों को भी मैसेज जाएगा कि भारतीय प्रधानमंत्री यह बता दे रहे हैं कि कौन सा इलाका भारत का है और भारत उसके लिए कैसेखड़ा होगा।

प्रधानमंत्री के दौरे केराजनीतिक मायने-

  • यह प्रधानमंत्री का स्टाइल है। वह चौंकाते रहते हैं, रक्षामंत्री तो बाकी डिप्लोमेटिक इंगेजमेंट कर ही रहे हैं। यहां प्रधानमंत्री का जाना ज्यादा जरूरी था। चीन के साथ उन्होंने विपक्ष को भी जवाब दिया है। वोविपक्ष को भी बता रहे हैं कि सबकुछ सोची समझी रणनीति के तहत हो रहा है।
  • प्रधानमंत्री यदि वहां जाते हैं, तो दो चीजें बता रहे हैं कि इस मुद्दे पर देश कितना गंभीर है। दूसरा यह है कि भारत अपने हितों के लिए खड़ा होगा। यदि चीन को यह लग रहा होगा कि भारत पीछे हट जाएगा, तो यह नहीं होगा।

दोनों देशों के बीच अब आगे का रास्ता-

  • भारत और चीन के पास लड़ाई की वजह नहीं है। लेकिन चीन और भारत ने जिस तरह से वहां मिलेट्री बिल्टअप किया है। इसका कोई शॉर्टकट नहीं है। दोनों साइट्स वहां लंबे समय के लिए हैं। दोनों साइट्स नेवहां इंफ्रास्ट्रक्चर बना लिया है। यह विवाद तो ठंडियों तक चल सकता है।
  • अभी तक दोनों पक्षों ने ऐसा कोई कदम भी नहीं उठाया है। चीन ने भी कोई कदम नहीं उठाया है। जिससे लगे कि तनाव कम होगा। चीन, भारत की एलएसी की बात भी नहीं मान रहा है। हां, भारत और चीन लड़ाई भी नहीं चाहते हैं।
  • भारत, चीन को ट्रेड मुद्दे पर दिखा रहा है कि यह बहुत गंभीर मामला है। भारत नेपूरी तरह से ट्रेड न बंद करते हुए भी साफ मैसेज दिया है कि हम आर्थिक नुकसान को भीअफोर्ड करने की स्थिति में हैं।
  • भारत ने चीन के सामनेयह बात रखी है कि सीमा विवाद का कोई हल निकलना चाहिए, नहीं तो क्राइसिस बढ़ सकती है। पहले यह होता था कि सीमा विवाद चलता रहे, लेकिन बाकी काम न रुके। लेकिन अब ऐसा नहीं है।
  • भारत ने इस बार सारी जिम्मेदारी चीन पर डाल दी है। यदि चीन हमारे साथसंबंध सुधारना चाहता है तो उसे कदम उठाना होगा। नहीं तोइससे दरार और ही बढ़ेगी।

गलवान के बाद दुनिया में भारत कीस्थिति-

  • दुनिया में चीन बहुत हीअलग-थलग पड़ा हुआ है। हिंदुस्तान की यह समस्या ऐसे वक्त में आई है, जब चीन अन्य मुद्दों पर घिरा हुआ है।ऑस्ट्रेलिया से लेकरजापान, वियतनाम, यूरोप, अमेरिका तक हर कोई चीन को समस्या बता रहा है। हांककांग, ताइवान, दक्षिण चीन सागर की भी समस्या बनी हुई है।
  • रूस को चीन की बहुत जरूरत है, इसके बावजूद रूस ने भारत के साथ स्पेशल रिलेशनशिप बढ़ाने की बात कहीहै। हमारे साथ वोमिलेट्री स्ट्रेंथन की भी बात कर रहा है। चीन के मुकाबलेग्लोबली भारत की डिप्लोमेटिक पोजिशन बहुत मजबूत है। इस मुद्दे पर भारत के नजरिए पर दुनिया चीन की तुलना में ज्यादा यकीन कर रही है।


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लेह पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सेना के अधिकारियों के साथ सीमा विवाद पर मौजूदा स्थिति की जानकारी ली।

वियतनाम और फिलीपींस ने कहा- इससे पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते खराब होंगे, अमेरिका ने कहा- क्षेत्र में तनाव बढ़ने का खतरा July 02, 2020 at 08:52PM

कोरोनावायरस और हॉन्गकॉन्ग में सुरक्षा कानून लाए जाने के बादचीन का अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई यूरोपीय देशों के साथ तनाव बढ़ता जा रहा है। इस बीच चीन ने दक्षिण चीन सागर में मिलिट्री ड्रील का फैसला किया। फिलीपींस और वियतनाम ने इसका विरोध किया। उनका कहना है कि इससे चीन कापड़ोसी देशों के साथ भीरिश्ते खराब होंगे।

उधर, अमेरिका ने चिंता जताते हुए कहा कि इस हरकत से क्षेत्र में तनाव और बढ़ेगा। चीन यहां 1-5 जुलाई तक सैन्य अभ्यास कर रहा है।अमेरिका के रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा कि इससे दक्षिण चीन सागर में स्थिति बिगड़ेगी। इस क्षेत्र में विवादित गतिविधियों को रोकने के लिए हुए अंतरराष्ट्रीय समझौते का उल्लंघन होगा।

मिलिट्री डील उकसाने वाला

फिलीपींस के रक्षा सचिव डेलफिन लोरेंजाना ने कहा कि इस क्षेत्र में चीन का मिलिट्री ड्रील उकसाने वाला है। वहीं, वियतनाम के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उन्होंने ऐसा कर संप्रभुता का उल्लंघन किया है। इससे चीन का दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के साथ रिश्ते खराब होंगे।

चीन इस क्षेत्र को कब्जे में करना चाहता है

वियतनाम और फिलीपींस इस क्षेत्र में चीन के सबसे बड़े विरोधी रहे हैं। उनका मानना है कि चीन इस क्षेत्र को अपने कब्जे में करना चाहता है। साथ ही वह इंटरनेशनल मैरिटाइम लॉ का उल्लंघन करता है। चीन इस क्षेत्र के लगभग 80% से ज्यादा क्षेत्रों पर अपना दावा करता है।

दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में एशिया-प्रशांत क्षेत्र के कई देशों के बीच विवाद है। इनमें ब्रुनेई, चीन, जापान, मलेशिया, फिलिपींस, ताइवान और वियतनाम जैसे देश शामिल हैं।

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फिलीपींस के रक्षा सचिव डेलफिन लोरेंजाना ने कहा कि इस क्षेत्र में चीन का मिलिट्री ड्रील उकसाने वाला है। (फाइल फोटो)

Activist leaves Hong Kong after new law to advocate abroad July 02, 2020 at 09:02PM

Prominent Hong Kong democracy activist Nathan Law has left the city for an undisclosed location, he revealed on his Facebook page shortly after testifying at a US congressional hearing about the tough national security law China had imposed on the semi-autonomous territory.